वरवर राव को वापस तलोजा जेल न भेजा जाए: वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने बॉम्बे हाईकोर्ट से आग्रह किया
LiveLaw News Network
20 Jan 2021 11:46 AM IST
वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से आग्रह किया कि वरवर राव को इस आधार पर जमानत दे दी जानी चाहिए कि तलोजा जेल के अस्पताल के पास वरवर राव की स्वास्थ्य की स्थिति की निगरानी के लिए बुनियादी ढांचा नहीं है। इसके साथ ही नानावती सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने भी आखिरकार कहा है कि बीमार 81 वर्षीय तेलुगु कवि वरवर राव डिस्चार्ज के लिए फिट हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ अस्पताल (नानावती) ने राय दी है कि राव डिस्चार्ज के लिए फिट हैं।
न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पूछा कि,
"क्या इसे प्रतिस्थापित किया जा सकता है?"
एडवोकट ग्रोवर ने तर्क दिया कि,
"अस्पताल का कहना है कि वह हेमोडायनामिक रूप से स्थिर है और उन्हें डिस्चार्ज करने योग्य हैं। लेकिन एक बार डिस्चार्ज हो जाने और तलोजा अस्पताल में स्थानांतरित होने के बाद उनके स्वास्थ्य पर करीबी निगरानी और चिकित्सा पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी। लेकिन तलोजा जेल (नवी मुंबई में) के पास इसके लिए बुनियादी ढांचा नहीं है।"
आगे कहा कि,
"राव की हालत जेल के अस्पताल में उत्तरोत्तर खराब हो जाती है और वे उच्च रक्तचाप, पुरानी किडनी की बीमारियों और एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर सहित कई तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं। उन्होंने बताया कि कैसे राव जेल के अस्पताल से छुट्टी के ठीक 48 दिन बाद ब्रश करने में असमर्थ थे। इसके साथ ही पिछले महीने नानावती अस्पताल में भर्ती होने तक उनके सोडियम के स्तर की निगरानी के लिए आवश्यक परीक्षण नहीं किए गए थे।"
जेजे अस्पताल की राव की चिकित्सा रिपोर्टों का उल्लेख करते हुए वकील ग्रोवर ने कहा कि,
"राव के सोडियम स्तर को सही (उचित मात्रा) रूप में दिखाया गया है। हालांकि सेंट जॉर्ज अस्पताल और नानावती अस्पताल द्वारा अभी कुछ दिनों बाद की रिपोर्ट में काफी कम सोडियम स्तर दिखाया गया है।"
वकील ग्रोवर ने कहा कि,
"राव को वर्तमान में नानावती सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में गंभीर बीमारियों के चलते कम से कम 20 दवाएं दी जा रही हैं।"
डिवीजन बेंच ने तब निर्धारित दवाओं की सूची मांगी और मामले को आगे के तर्क के लिए बुधवार को स्थगित कर दिया।
ग्रोवर, राव के मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर जमानत की याचिका पर बहस कर रहे हैं। पूर्व एएसजी और वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंग ने कहा कि वह बुधवार को राव की पत्नी की याचिका पर पीठ को संबोधित करेंगी। पी. हेमलता ने एक अलग याचिका के माध्यम से एक घोषणा की है कि राव के स्वास्थ्य, गरिमा और जीवन के मौलिक अधिकार और इस तरह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्राप्त अधिकारों का जेल अधिकारियों द्वारा उल्लंघन किया गया है।
वरवर राव को अगस्त 2019 में भीमा कोरेगांव-एल्गर परिषद मामले में कई अन्य वामपंथी झुकाव वाले नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसमें उन पर माओवादी से लिंक रखने का भी आरोप लगाया गया है। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज किया गया है। इस दौरान यानी गिरफ्तारी के बाद से ही राव अस्पताल से बाहर हैं।