उन लोगों के लिए एक नीति तैयार करें जिनके पास पीने योग्य और आर्सेनिक मुक्त पीने के लिए पानी तक आसान पहुंच नहीं है: मेघालय हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया

Sparsh Upadhyay

2 March 2021 4:33 PM GMT

  • Formulate A Policy For Those Who Dont Have Easy Access To Potable & Arsenic Free Drinking-Water: Meghalaya High Court To Govt.

    मेघालय उच्च न्यायालय ने हाल ही में मेघालय राज्य को यह निर्देश दिया कि राज्य में रहने वाले उन लोगों के लिए एक रोडमैप और नीति तैयार की जाए, जिनके पास आज तक पीने योग्य और आर्सेनिक मुक्त पीने के पानी तक आसान पहुँच नहीं है।

    न्यायमूर्ति एचएस थंगख्वी और न्यायमूर्ति बिश्वनाथ सोमदर की खंडपीठ ने यह आदेश तब दिया जब अदालत ने यह पाया कि मेघालय राज्य की अपनी कोई योजना/नीति नहीं है, जो यह सुनिश्चित कर सके कि मेघालय राज्य के प्रत्येक गाँव तक पीने योग्य और आर्सेनिक मुक्त पीने के पानी तक आसान पहुँच हो।

    यह ध्यान दिया जा सकता है कि 16 फरवरी, 2021 को कोर्ट ने मेघालय राज्य को यह निर्देश दिया था कि वह एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करे - जिसमें मेघालय राज्य के उन गाँवों की सही संख्या और नाम हों, जिन तक आज तक पीने योग्य और आर्सेनिक मुक्त पीने के पानी तक पहुंच नहीं हो।

    हालाँकि, जब मेघालय राज्य ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, तो इसने जल शक्ति मंत्रालय (भारत सरकार का एक कार्यक्रम) के जल जीवन मिशन कार्यक्रम का उल्लेख करने के अलावा राज्य सरकार की कोई नीति नहीं बताई।

    अदालत ने इसपर राज्य सरकार को निर्देश दिया,

    "एक नीति तैयार की जाए जो इस राज्य में रहने वाले उन लोगों के लिए एक रोडमैप तैयार करे जिनके पास आज तक पीने योग्य और आर्सेनिक मुक्त पीने के पानी की कोई आसान पहुंच नहीं है।"

    इसके साथ ही अदालत द्वारा राज्य की नीति को राज्य सरकार की ओर से न्यायालय के समक्ष रखने का निर्देश दिया गया।

    संबंधित समाचार में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में माना कि पीने के पानी तक पहुंच का अधिकार, जीवन के लिए मौलिक है और अपने नागरिकों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना राज्य का कर्तव्य है।

    केस का शीर्षक – डॉ. तिलोक दासगुप्ता बनाम मेघालय राज्य और अन्य [जनहित याचिका संख्या 12/2017]

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    आदेश पढ़ें


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