क्या दिल्ली सरकार की तरह वकीलों के लिए बीमा योजना बनाई जा सकती है? कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा
LiveLaw News Network
3 March 2021 10:54 AM IST
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को सुझाव दिया कि वह न्यू इंडियन इंश्योरेंस कंपनी सहित बार एसोसिएशन, राज्य सरकार के अधिकारियों, एलआईसी और चार सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के अधिकारियों की एक बैठक बुलाए ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या दिल्ली सरकार की तरह राज्य में भी वकीलों के लिए बीमा योजना बनाई जा सकती है।
मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की खंडपीठ ने राज्य सरकार से मौखिक रूप से पूछा,
"क्या दिल्ली सरकार की तर्ज पर भारतीय जीवन बीमा निगम या किसी अन्य बीमा कंपनी के साथ मिलकर काम किया जा सकता है।"
अपने आदेश में कोर्ट नोट किया गया कि,
"राज्य सरकार को राज्य भर में बार के सदस्यों के लिए उक्त योजनाओं को बनाने पर विचार करना होगा।"
7 अक्टूबर, 2020 को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश को अदालत के ध्यान में लाते हुए एडवोकेट्स एसोसिएशन ऑफ बेंगलुरु द्वारा ज्ञापन प्रस्तुत किए जाने के बाद हाईकोर्ट ने यह दिशा-निर्देश जारी किया है।
अपने आदेश से दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना को लागू करने के लिए दिल्ली सरकार और दिल्ली बार काउंसिल की सहायता से तय की गई बीमा पॉलिसी को मंजूरी दे दी थी।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की एकल पीठ ने उस नीति को मंजूरी दी है, जो दिल्ली में रहने वाले 29077 वकीलों को चिकित्सा और जीवन बीमा प्रदान करेगी।
वहीं कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ओका ने कहा,
"हम राज्य सरकार को जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय देते हैं। इसके साथ ही केंद्र सरकार को भी यह निर्देश दिया कि वह यह बताए कि क्या कानूनी मामलों के विभाग द्वारा कोई समिति गठित की गई है और क्या उक्त समिति द्वारा कोई सिफारिश की गई है? ताकि वकीलों को बीमा प्रदान करने के लिए एक संरचित योजना तैयार की जा सके।"
हाईकोर्ट ने यह निर्देश उस याचिका पर स्वतः संज्ञान लेते हुए जारी किया है, जिसमें वकीलों के कोरोना टेस्ट के दौरान होने वाली कठिनाइयों को उजागर किया था। याचिका में मांग की गई थी कि अगर टेस्ट के बाद किसी स्थिति बिगड़ती है तो वह आसानी से अपनी इलाज करा सके।