मुख्य सुर्खियां
"मास्क सुरक्षा कवच की तरह है" : दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अकेले वाहन में भी मास्क लगाना अनिवार्य
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की एकल पीठ ने आज व्यक्तिगत वाहनों में अकेले यात्रा के दौरान मास्क नहीं पहनने वाले व्यक्तियों पर दिल्ली सरकार द्वारा जुर्माना लगाने की चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मास्क एक "सुरक्षा कवच" की तरह है जो इसे पहनने वाले और इसके आसपास रहने वाले दोनों लोगों की रक्षा करता है।अदालत ने कहा, "वैज्ञानिक और अंतर्राष्ट्रीय सरकारें मास्क पहनने की सलाह देती हैं। महामारी की चुनौती बहुत बड़ी थी और किसी व्यक्ति को टीका लगा या नहीं, मास्क अनिवार्य...
'बोलने की स्वतंत्रता का अधिकार धार्मिक भावनाओं को आहत करने का लाइसेंस नहीं': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या राम मंदिर के खिलाफ दुष्प्रचार करने के आरोपी पीएफआई सदस्य को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास समारोह के खिलाफ दुष्प्रचार करके दो धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ाने के आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया।न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह की एकल पीठ ने कहा कि,"धर्मनिरपेक्ष राज्य में लोगों को प्राप्त भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार, नागरिकों की धार्मिक भावनाओं और विश्वासों और आस्था को चोट पहुंचाने का पूर्ण लाइसेंस नहीं है।"बेंच ने देखा कि अभियुक्त मोहम्मद नदीम के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता...
दिल्ली हाईकोर्ट ने दंगों के पीड़ितों की दुकान जलाने और लूट से हुए नुकसान के लिए 5 लाख रुपये मुआवजे की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट दिल्ली दंगों, 2020 के पीड़ितों द्वारा दायर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के शिव विहार में उनकी किराए की दुकान को लूटने, जलाने और नष्ट करने से हुए नुकसान के लिए 5 लाख रूपये की मुआवजे की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने सईद अहमद खान की याचिका पर उपायुक्त (डीसी) और उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) से जवाब मांगा और अन्य समान मामलों के एक संग्रह के साथ 26 अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए मामले को निर्धारित किया।याचिका में AAP के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार द्वारा...
COVID-19: सुनवाई केवल वर्चुअल माध्यम से होगी- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने COVID के दौरान लखनऊ बेंच के कामकाज के लिए गाइडलाइन जारी की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने COVID-19 मामलों में हालिया उछाल को देखते हुए मंगलवार (06 अप्रैल) को हाईकोर्ट के कामकाज को लेकर (COVID-19 के दौरान हाईकोर्ट के कामकाज से संबंधित) गाइडलाइन जारी की है, जो 07 अप्रैल 2021 से 09 अप्रैल 2021 तक प्रभावी रहेगी।नई गाइडलाइन के अनुसार, 07 अप्रैल 2021 से 09 अप्रैल 2021 तक मामलों की सुनवाई केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही वकीलों को 7, 8 और 9 अप्रैल 2021 को कोर्ट रूम और कॉरिडोर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।कॉज लिस्ट के अनुसार,...
मामले, जहां आरोप पत्र दायर होने के बाद भी अग्रिम जमानत दी जा सकती हैः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिशा निर्देश जारी किए
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को को कहा कि एक अभियुक्त को केवल इस आधार पर अग्रिम जमानत न देना कि जांच अधिकारी ने आरोप-पत्र दायर कर दिया है या न्यायालय ने उसके खिलाफ, धारा 204 सीआरपीसी के तहत संज्ञान लिया है, बिना उसकी प्रथम दृष्टया प्रामणिकता पर विचार किए, "न्याय के बड़े हित में नहीं होगा।"जस्टिस सिद्धार्थ की एकल पीठ ने उक्त अवलोकन करते हुए विभिन्न "उपयुक्त मामलों" को प्रतिपादित किया, जहां चार्जशीट और न्यायालय के संज्ञान के बाद भी, गिरफ्तारी की आशंका के मद्देनजर अभियुक्त को अग्रिम जमानत दी जा...
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के लिए स्थायी जजों की सिफारिश की
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के लिए 10 अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति को स्थायी करने की सिफारिश की।कॉलेजियम ने जिन न्यायाधीशों को स्थायी करने की सिफारिश की उनके नाम हैं:जस्टिस अविनाश गुनवंत घरोटेजस्टिस नितिन भगवंतराव सूर्यवंशीजस्टिस अनिल सत्यविजय किलोरजस्टिस मिलिंद नरेंद्र जाधवजस्टिस एमजी सेवालीकरजस्टिस वीजी बिष्टजस्टिस देवबदल भालचंद्र उग्रसेनजस्टिस एमएस जावलकरजस्टिस एसपी तावड़ेजस्टिस एनआर बोरकरस्थायी जस्टिस गृहोट, जस्टिस सूर्यवंशी, जस्टिस किलोर और जस्टिस जाधव को 23...
हिरासत में मौत का आरोप: बॉम्बे हाई कोर्ट ने नाबालिग के शरीर का दूसरा पोस्टमार्टम करने का निर्देश दिया
बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते, जुलाई 2018 में पुलिस कस्टडी में कथित तौर पर मारे गए एक नाबालिग के शव का दूसरा पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति एस.एस. शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिटले की खंडपीठ ने सर जेजे अस्पताल के अधिकारियों को 17 वर्षीय लड़के सचिन जायसवार का दूसरा पोस्टमार्टम करने का निर्देश दिया, जिसके परिवार ने दूसरा पोस्टमार्टम होने तक शव लेने से इनकार कर दिया था। परिवार को संदेह है कि मोबाइल चोरी के मामले में हिरासत में लिए गए नाबालिग की वर्ष 2018 में पुलिस हिरासत...
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केरल हाईकोर्ट के 5 अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी करने की सिफारिश की
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को केरल हाईकोर्ट के पांच अतिरिक्त न्यायाधीशों की स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जिन नामों की स्थायी किए जाने की सिफारिश की है, वे हैं:1. जस्टिस कोनराड एस. डायस2. जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन3. जस्टिस टीआर रवि4. जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस5. न्यायमूर्ति गोपीनाथ पी.जस्टिस डायस ने 18 नवंबर, 2019 को केरल हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी।न्यायमूर्ति कुन्हिकृष्णन ने 13 फरवरी, 2020 को केरल हाईकोर्ट...
पुलिस गवाह के बयानों पर केवल इसलिए संदेह नहीं किया जा सकता क्योंकि वे पुलिस के ऑफिशियल गवाह हैं : जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस के बयान या गवाहों पर केवल इसलिए संदेह नहीं किया जा सकता क्योंकि वे पुलिस के ऑफिशियल गवाह हैं। इन गवाहों के बयानों पर संदेह पैदा करने के लिए बचाव में इससे अधिक सबूतों की आवश्यकता है।जस्टिस ताशी रैब्स्टर और जस्टिस विनोद चटर्जी कोल की डिवीजन बेंच ने यह स्पष्ट कर दिया कि सिर्फ इसलिए कि अभियोजन पक्ष ने किसी भी नागरिक या स्वतंत्र व्यक्ति को गवाह के रूप प्रस्तुत नहीं किया है तो यह निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए कि अभियोजन का मामला संदेह के घेरे में है और आरोपी...
"ट्वीट्स में प्रथम दृष्टया मुस्लिम महिलाओं और समुदाय के खिलाफ अवमानना का प्रदर्शन", अंधेरी कोर्ट ने सफ़ूरा ज़रगर पर किए ट्वीट्स के लिए अभिनेत्री पायल रोहतगी के खिलाफ जांच के आदेश दिए
मुंबई की अंधेरी स्थित मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जामिया छात्र सफू़रा ज़रगर की गिरफ्तारी के संदर्भ में जून 2020 में किए एक ट्वीट के लिए पायल रोहतगी के खिलाफ पुलिस गिरफ्तारी की 202 जांच का आदेश दिया है।कोर्ट ने कहा है कि ट्वीट्स प्रथम दृष्टया मुस्लिम महिलाओं और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अवमानना का प्रदर्शन करता है।मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट भागवत जिरापे ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म के प्रचार का अधिकार है।"प्रत्येक समुदाय को अपने धर्म के प्रचार का का अधिकार है। किसी भी व्यक्ति को...
[COVID-19 मामलों में वृद्धि]- पटना हाईकोर्ट ने 17 अप्रैल, 2021 तक संपूर्ण कामकाज वर्चुअल माध्यम से करने का निर्णय लिया
पटना हाईकोर्ट ने राज्य में हाल ही में COVID-19 मामलों वृद्धि मामलों में वृद्धि के कारण 6 अप्रैल से 17 अप्रैल, 2021 तक "विशेष रूप से वर्चुअल मोड के माध्यम से" अदालत के पूर्ण कामकाज का संचालन करने का निर्णय लिया है। यह संशोधन भारत सरकार द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के मद्देनजर हुआ है। इसके साथ ही राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 3 अप्रैल, 2021 को COVID-19 के पॉजिटिव मामलों में आए उछाल का भी हवाला दिया।हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी किए गए नोटिस में कहा गया:"जैसा कि निर्देश दिया...
मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर ने उड़ीसा हाईकोर्ट और जिला न्यायालयों में ई-सेवाओं की शुरूआत की
उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर ने सोमवार को वादकारियों और वकीलों के लाभ के लिए और राज्य की सभी अदालतों को तकनीकी रूप से अधिक उन्नत और सुलभ बनाने के लिए ई-सेवाओं की शुरूआत की।न्यायमूर्ति मुरलीधर ने कार्यक्रम के दौरान हाईकोर्ट परिसर में कोर्ट फीस का ऑनलाइन भुगतान करने के लिए सुविधा केंद्र शुरू किया। उन्होंने उच्च न्यायालय और जिला न्यायालयों में (i) न्यायालय शुल्क के ऑनलाइन भुगतान के लिए सिस्टम भी लॉन्च किए (ii) राज्य भर में 244 न्यायालय प्रतिष्ठानों में ई-फाइलिंग...
COVID-19 मामलों में वृद्धि को देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिर से वर्चुअल सुनवाई शुरू की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में COVID-19 मामलों में उछाल को देखते हुए मुंबई में अपनी प्रिंसिपल सीट पर फिजिकल सुनवाई करने और सिविल मामलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनने का फैसला किया।मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।निर्णय में यह भी तय किया या कि सीजे का न्यायालय एक हाइब्रिड प्रारूप में कार्य करेगा और दोनों प्रारूप फिजिकल और वर्चुअल माध्यम से सुनवाई करेगा।इस संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया आज यानी मंगलवार को जारी होने की...
"उच्च अधिकारियों को प्रभावित करने का प्रयास किया गया": पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने बलात्कार मामले की याचिका खारिज की, महिला पर लगाया एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक मामले में यह देखते हुए कि न केवल कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने का प्रयास किया गया, बल्कि अधिकारियों को भी प्रभावित किया गया, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक महिला पर एक लाख जुर्माना लगाया। महिला ने बलात्कार का फर्जी आरोप लगाया था और मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।मामले के तथ्यों और जुड़ी हुई परिस्थितियों का विश्लेषण करने के बाद, जस्टिस हरनरेश सिंह गिल की पीठ ने महिला की याचिका को खारिज करते हुए कहा, "यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता ने प्रतिवादी...
"वास्तव में यह सराहनीय है:" बॉम्बे हाईकोर्ट ने विशेष जज, पुलिस और वकीलों के एक साल के भीतर POCSO ट्रायल पूरा करने पर सराहना की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत एक व्यक्ति को दोषी ठहराए जाने की पुष्टि करते हुए POCSO द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर मुकदमे को पूरा करने के लिए संबंधित पुलिस दल और विशेष न्यायाधीश की सराहना की।न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे की खंडपीठ ने विशेष जांच के लिए विशेष न्यायाधीश वीवी वीरकर और सिंधुदुर्गनगरी पुलिस स्टेशन की कुशल जांच के लिए सराहना की।विशेष न्यायाधीश की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति ने टिप्पणी की,POCSO अधिनियम का जनादेश, 1...
मुंबई सेशंस कोर्ट ने जावेद अख्तर की मानहानि मामले में समन के खिलाफ कंगना रनौत की पुनर्विचार याचिका खारिज की
दिंडोशी, मुंबई की एक सत्र अदालत ने अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा दायर उस के आवेदन को अस्वीकार कर दिया है, जिसमें गीतकार जावेद अख्तर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में उनके खिलाफ कार्यवाही को "निलंबित" करने की मांग की गई थी।19 जुलाई, 2020 को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के तुरंत बाद रिपब्लिक टीवी के एंकर अरनब गोस्वामी के साथ अपने एक साक्षात्कार में अख्तर ने कंगना पर उनकी "बेदाग प्रतिष्ठा को गलत तरीके से बयान देकर" से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।इसके बाद जावेद अख़्तर ने कंगना रनौत के...
"हैरानी की बात है कि जिस लड़की के साथ दुष्कर्म किया गया था, उसे रेलवे प्लेटफॉर्म पर छोड़ दिया गया": बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुधारात्मक उपायों का निर्देश दिया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बलात्कार की एक वारदात, जिसमें दुष्कर्म के बाद लड़की को रेलवे प्लेटफॉर्म पर छोड़ दिया गया था, पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए जांच अधिकारी को सुधारात्मक उपाय करने और पीड़ित लड़की का पता लगाने का निर्देश दिया है।शोषण को रोकने के लिए निवारक उपाय करने के कर्तव्य की की याद दिलाते हुए, जस्टिस भारती डांगरे की खंडपीठ ने कहा, "ऐसे विधान हैं, जो राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों में निहित अनिवार्यता के अनुरूप राज्य को अनिवार्य करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि युवाओं का शोषण न...
एसोसिएशन ऑफ जज ने सुप्रीम कोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट को पत्र लिखकर ज्यूडिशिल ऑफिसर्स को डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियरी काडर पर पद्दोन्नत करने के लिए 'सूटेबिलिटी टेस्ट' को टालने के लिए कहा
एसोसिएशन ऑफ जज ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय और गुजरात हाईकोर्ट को एक पत्र लिखा कर COVID-19 महामारी को देखते हुए जिला न्यायाधीश कैडर में पदोन्नति के लिए राज्य में न्यायिक अधिकारियों के लिए राज्य में होने वाली 'सूटेबिलिटी टेस्ट'को स्थगित करने की मांग की गई है।गौरतलब है कि यह टेस्ट कल यानी 4 अप्रैल को अहमदाबाद में आयोजित होने वाली थी। 66 अधीनस्थ न्यायिक अधिकारियों को इस उद्देश्य के लिए बुलाया गया था।एसोसिएशन ने प्रस्तुत किया है कि अहमदाबाद COVID-19 के सबसे बुरे दौर का सामना कर रहा है और मामले तेजी...
''परिवार में होने वाले सामान्य झगड़े ऐसी प्रताड़ना के समान नहीं कि एक दुल्हन को आत्महत्या के लिए उकसाएंः दिल्ली कोर्ट ने पति और परिवार के सदस्यों को बरी किया
दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में उस मृत महिला के पति व ससुराल वालों को बरी कर दिया है, जिसने शादी के एक महीने के भीतर ही आत्महत्या कर ली थी और उन सभी पर दहेज प्रताड़ना,दहेज हत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए गए थे। कोर्ट ने कहा कि शादी होने के बाद शुरूआती दिनों में परिवार में होने वाले छोटे-मोट झगड़े या कहासुनी ऐसे नहीं होते हैं कि उन्होंने महिला को इस हद तक प्रताड़ित कर दिया था कि वह आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गई थी।" अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चारू अग्रवाल ने यह भी कहा कि,''अगर एक...
"देश में कोई भी सत्तावादी शासन संभव नहीं हो सकता" : मद्रास हाईकोर्ट ने पुदुचेरी में धारा 144 के तहत निषेधात्मक आदेश पर अस्वीकृति जताई
रविवार (4 अप्रैल) को हुई एक विशेष सुनवाई में मद्रास उच्च न्यायालय ने पुदुचेरी प्रशासन / कलेक्टर द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए पारित निषेधात्मक आदेश पर अस्वीकृति जताई है।प्रथम डिवीजन बेंच, जिसमें मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति शामिल हैं, ने चुनाव आयोग से एक स्पष्टीकरण जारी करने के लिए कहा कि "गैरकानूनी जमावड़े और आवागमन को प्रतिबंधित करना" नागरिकों के सामान्य व्यवसाय और काम के रास्ते में नहीं...

















