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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों का सख्ती से पालन करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने का निर्देश दिया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों का सख्ती से पालन करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने का निर्देश दिया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने यह देखते हुए राज्य सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियमों के प्रावधानों का सख्ती से पालन करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने का निर्देश दिया कि कई मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने में प्रक्रियात्मक खामियों के कारण प्रतिबंधक रूप से निरूद्ध करने (preventive detention) (उचित आधारों पर पारित) के आदेशों को रद्द कर दिया जाता है।न्यायमूर्ति शेल नागू और न्यायमूर्ति आनंद पाठक की खंडपीठ याचिकाकर्ता को तीन महीने की अवधि के लिए...

God Does Not Recognize Any Community, Temple Shall Not Be A Place For Perpetuating Communal Separation Leading To Discrimination
वर्तमान में विवाह की अवधारणा को हल्के में लिया जाता है और अकल्पनीय तुच्छ मुद्दों पर तलाक के लिए आवेदन कर दिया जाता है: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि वर्तमान पीढ़ी में शादी की अवधारणा को बहुत हल्के ढंग से लिया जाता है और यहां तक ​​कि तुच्छ मुद्दों के लिए वे तलाक दाखिल करते हैं और शादी टूट जाती है।न्यायमूर्ति वी. भवानी सुब्बारोयन की खंडपीठ ने विशेष रूप से टिप्पणी की,"असहिष्णु तुच्छ कारणों से रिश्ते को तोड़ने वाले असहिष्णु दंपत्ति की मांग को पूरा करने के लिए पारिवारिक न्यायालय में मामलों की संख्या में वृद्धि होती हैं।"न्यायालय के समक्ष मामलाप्रतिवादी/पति ने याचिकाकर्ता/पत्नी के खिलाफ फैमिली कोर्ट के समक्ष एक...

जबरदस्ती यौन उत्पीड़न का मामला नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट ने शादी के झूठे वादे के बहाने महिला से बलात्कार के आरोपी डॉक्टर को जमानत दी
"जबरदस्ती यौन उत्पीड़न का मामला नहीं": दिल्ली हाईकोर्ट ने शादी के झूठे वादे के बहाने महिला से बलात्कार के आरोपी डॉक्टर को जमानत दी

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में शादी के झूठे वादे के बहाने एक महिला के साथ बलात्कार करने के आरोपी दिल्ली के एक डॉक्टर को अग्रिम जमानत दे दी। कोर्ट ने माना कि मामले में "जबरदस्ती यौन हमला नहीं" किया गया था।अदालत ने आगे कहा कि यह बताने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है कि आरोपी ने शादी का वादा किया था और इसलिए यह सवाल कि क्या अभियोजक की शारीरिक संबंध बनाने की सहमति, स्वतंत्र सहमति थी या नहीं, ट्रायल में तय करने की आवश्यकता है।जस्ट‌िस सुब्रमणियम प्रसाद की एकल पीठ ने कहा, "याचिकाकर्ता सफदरजंग अस्पताल...

पेरेंट्स को स्कूल फीस का भुगतान करने के लिए एसएमएस करके प्रताड़ित किया जा रहा है, यहां तक कि लॉकडाउन की अवधि  में भी : इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर
पेरेंट्स को स्कूल फीस का भुगतान करने के लिए एसएमएस करके प्रताड़ित किया जा रहा है, यहां तक कि लॉकडाउन की अवधि में भी : इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर

इलाहाबाद हाईकोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने फिजिकल कक्षाओं के निलंबन के दौरान स्कूल की फीस के नियमन के बारे में द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में एक और जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में राज्य में निजी स्कूलों द्वारा फीस के लिए अतिरिक्त और मनमानी शुल्क को चुनौती दी गई है।माता-पिता एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा मुरादाबाद में यह याचिका दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि माता-पिता और बच्चों को निजी स्कूलों द्वारा एसएमएस और व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से 2020-2021 के सत्र के लिए...

विकृति को सुधार की आवश्यकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने  बेवफाई के आरोप पर मां को बच्चों की कस्टडी न देने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द किया
''विकृति को सुधार की आवश्यकता'': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बेवफाई के आरोप पर मां को बच्चों की कस्टडी न देने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द किया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया,जिसमें मां के खिलाफ लगाए गए बेवफाई के आरोपों पर भरोसा करते हुए उसे बच्चों की कस्टडी देने से इनकार कर दिया गया था। न्यायमूर्ति सुधीर मित्तल की खंडपीठ ने कहा कि अभिभावक अधिनियम की धारा 17 के साथ-साथ माइनाॅरटी एक्ट की धारा 13 के मद्देनजर अभिभावक नियुक्त करते समय नाबालिग का कल्याण न्यायालय द्वारा ध्यान में रखा जाने वाला सर्वोपरि विचार है। बेंच ने यह भी कहा कि, ''बच्चे मासूम होते हैं। उनके आदर्श विकास के लिए, यह...

शिवसेना विधायक रवींद्र वायकर और उनकी पत्नी मनीषा वायकार ने पूर्व बीजेपी सांसद कीर्ति सोमैया के खिलाफ 100 करोड़ की मानहानि का मुकदमा दायर किया
शिवसेना विधायक रवींद्र वायकर और उनकी पत्नी मनीषा वायकार ने पूर्व बीजेपी सांसद कीर्ति सोमैया के खिलाफ 100 करोड़ की मानहानि का मुकदमा दायर किया

शिवसेना विधायक रवींद्र वायकर और उनकी पत्नी मनीषा वायकर ने पूर्व भाजपा सांसद किरीट सोमैया द्वारा उनके खिलाफ दिए गए कथित अपमानजनक बयानों के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।विधायक वायकर ने सोमैया के खिलाफ उनके खिलाफ कथित अपमानजनक बयानों द्वारा उनकी प्रतिष्ठा को खराब करने, मानहानि करने और अपूरणीय क्षति पहुंचाने के कारण 100 करोड़ का हर्जाना की मांग करते हुए मुकदमा दायर किया गया है।इसके अलावा, वर्तमान सूट की पेंडेंसी के दौरान किसी भी तरीके से उनकी छवि को खराब करने से सोमैया को प्रतिबंधित...

स्वेच्छा से प्रेमी के साथ जाने वाली वयस्क लड़की को हिरासत में रखने का कोई कारण नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बेटी और उसके प्रेमी को परेशान करने पर पिता के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी
''स्वेच्छा से प्रेमी के साथ जाने वाली वयस्क लड़की को हिरासत में रखने का कोई कारण नहीं'': बॉम्बे हाईकोर्ट ने बेटी और उसके प्रेमी को परेशान करने पर पिता के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी

बॉम्बे हाईकोर्ट (औरंगाबाद बेंच) ने बुधवार (31 मार्च) को उस वयस्क लड़की को हिरासत करने से इनकार कर दिया (जो 20 वर्षीय व्यक्ति के साथ चली गई थी), जो उसके पिता द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के बाद अदालत में पेश हो गई थी।न्यायमूर्ति रवींद्र वी घुगे और न्यायमूर्ति भालचंद्र यू देबदवार की पीठ एक सी डी चव्हाण (लड़की के पिता) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि उनकी बेटी दिसंबर 2020 में एक व्यक्ति के साथ चली गई थी और तब से लापता है। हाईकोर्ट के समक्ष लड़की का...

टेलीफोन टैपिंग संविधान के अनुच्छेद 21 को तब तक बाधित करेगा, जब तक कि कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के तहत अनुमति ना होः छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
टेलीफोन टैपिंग संविधान के अनुच्छेद 21 को तब तक बाधित करेगा, जब तक कि कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के तहत अनुमति ना होः छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

एक कांस्टेबल और एक हेड कांस्टेबल के बर्खास्तगी के आदेश को रद्द करते हुए, जो कथित रूप से अपराधी का पक्ष लेना चाहते थे और इस आशय की फोन पर बातचीत रिकॉर्ड की गई थी, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह कहा कि टेलीफोन टैपिंग संविधान के अनुच्छेद 21 को तब तक बाधित करेगा, जब तक कि कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के तहत इसकी अनुमति नहीं है।जस्टिस गौतम भादुड़ी की खंडपीठ उन याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें बिना किसी विभागीय जांच के सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, वह भी बातचीत की...

केवल विशेष बेंचें ही 9 अप्रैल तक अदालत में बैठेंगी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने COVID-19 के दौरान अदालत में कामकाज के लिए व्यवस्था और तौर-तरीको को लेकर गाइडलाइन जारी की
केवल विशेष बेंचें ही 9 अप्रैल तक अदालत में बैठेंगी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने COVID-19 के दौरान अदालत में कामकाज के लिए 'व्यवस्था और तौर-तरीको' को लेकर गाइडलाइन जारी की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार (02 अप्रैल) को COVID-19 मामलों में हालिया वृद्धि के मद्देनजर, (COVID-19 के दौरान हाईकोर्ट के कामकाज से संबंधित) व्यवस्था और तौर-तरीकों को लेकर एक गाइडलाइन जारी की है, जो 03 अप्रैल 2021 से लेकर 09 अप्रैल 2021 तक प्रभावी रहेगी। हाईकोर्ट ने अधिसूचित किया है कि यह न्यूनतम शक्ति के साथ कार्य करेगा और अगले आदेशों तक गठित केवल विशेष पीठों (लखनऊ और प्रयागराज दोनों) में ही कार्यरत रहेगा और नियमित न्यायालयों में 5 अप्रैल से 9 अप्रैल तक कामकाज नहीं होगा।सामान्य...

दो वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट को वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष रूप से विकलांग और चिकित्सकीय रूप से विकलांग लोगों को डोर टू डोर जाकर टीकाकरण करने की एक नीति बनाने के लिए निर्देश देने की मांग की
दो वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट को वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष रूप से विकलांग और चिकित्सकीय रूप से विकलांग लोगों को डोर टू डोर जाकर टीकाकरण करने की एक नीति बनाने के लिए निर्देश देने की मांग की

बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई जिसमें केंद्र सरकार को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि केंद्र सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष रूप से विकलांग और चिकित्सकीय रूप से विकलांग लोगों को जल्द से जल्द कोविड टीकाकरण सेवाएं प्रदान करने के लिए डोर टू डोर जाकर वैक्सीन लगाने की एक नीति बनाएं।महाराष्ट्र के दो वकील ध्रुत कपाड़िया और कुणाल तिवारी ने चिकित्सा सुविधा के साथ डॉक्टर को घर पर बुलाकर कोविड वैक्सीन लगवाने के लिए अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक को अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए एक हेल्पलाइन...

दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित तौर पर वैवाहिक विवाद में एक आदमी को हिरासत में लेकर पिटाई करने के आरोप में दिल्ली पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित तौर पर वैवाहिक विवाद में एक आदमी को हिरासत में लेकर पिटाई करने के आरोप में दिल्ली पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ​​की एकल न्यायाधीश पीठ ने दिल्ली पुलिस द्वारा एक वैवाहिक विवाद में शामिल एक व्यक्ति की अवैध हिरासत और पिटाई का आरोप लगाते हुए एक याचिका पर नोटिस जारी किया है और पुलिस को घटना पर स्थिति रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया है। कथित घटना नई दिल्ली के तुर्कमान गेट पुलिस पोस्ट में हुई। याचिकाकर्ता उमैर सिद्दीकी ने कहा है कि पूरी घटना रिकॉर्ड की गई होगी और तुर्कमान गेट पुलिस पोस्ट में स्थापित दो सीसीटीवी कैमरों में संग्रहीत होगी।उन्होंने कहा कि, पुलिस ने...

विवाह के झूठे वादे के बहाने यौन संबंध क्या है, यह परिभाषित करने के लिए संशोधन की आवश्यकताः उड़ीसा उच्‍च न्यायालय
विवाह के झूठे वादे के बहाने यौन संबंध क्या है, यह परिभाषित करने के लिए संशोधन की आवश्यकताः उड़ीसा उच्‍च न्यायालय

उड़ीसा उच्च न्यायालय ने बुधवार को माना कि बलात्कार के लिए शादी के झूठे वादे पर संभोग रेप के बराबर है, का कानून "गलत प्रतीत होता है"। हालांकि, अदालत कहा कि पीड़ित की हालत और उसकी छवि धूमिल करने में आरोपी की संलिप्तता का आकलन किया जाना जाना चाहिए, जिस पर जमानत के सवाल का फैसला हो रहा है।कोर्ट ने यह भी कहा कि विवाह के झूठे वादे के बहाने अभियोजन पक्ष के साथ संभोग करना क्या है, इसे परिभाषित करना वाले कानून में संशोधन की आवश्यकता है।यह अवलोकन जस्टिस एसके पाणिग्रही की एकल पीठ ने किया। मामले में एक...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शीला बरसे केस मामले में मानसिक रूप से बीमार कैदियों की निगरानी के लिए मामले पर स्वतः संज्ञान लिया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने शीला बरसे केस मामले में मानसिक रूप से बीमार कैदियों की निगरानी के लिए मामले पर स्वतः संज्ञान लिया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के विभिन्न सुधारगृहों में बंद विभिन्न दोषियों और अंडरट्रायल कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य और अन्य संबद्ध मामलों की निगरानी के लिए मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है।मुख्य न्यायाधीश थोट्टाथिल बी. राधाकृष्णन द्वारा शीला बार बनाम भारत संघ और अन्य, (1995) 5 SCC 654 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के संदर्भ में जारी प्रशासनिक निर्देशों के आधार पर मामला दर्ज किया गया है।इस मामले में, सर्वोच्च न्यायालय एक पत्र याचिका के...

किशोरियों के लिए अलग शौचालय और सेनेटरी नैपकिन के प्रावधान बालिकाओं के सशक्तीकरण के उदाहरण : कर्नाटक हाईकोर्ट
किशोरियों के लिए अलग शौचालय और सेनेटरी नैपकिन के प्रावधान बालिकाओं के सशक्तीकरण के उदाहरण : कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार को कहा है कि 16 अप्रैल तक शुचि योजना के कार्यान्वयन के संबंध में एक स्टे्टस रिपोर्ट दायर करें और साथ ही यह भी बताया जाए कि वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तावित सैनिटरी नैपकिन/पैड की खरीद के लिए प्रशासनिक मंजूरी कब तक मिल जाएगी। इस योजना के तहत 10 से 19 वर्ष की आयु के बीच की स्कूलों में पढ़ने वाली किशोरियों और छात्रावासों में रहने वाली लड़कियों को सेनेटरी नैपकिन वितरित किए जाते हैं। राज्य में कुल 17,06,933 किशोरियाँ इस योजना की लाभार्थी हैं। हालांकि, वर्ष...

पटना हाईकोर्ट ने 5 अप्रैल तक राज्य में एचआईवी मरीजों की कल्याणकारी योजना को लागू करने को कहा
पटना हाईकोर्ट ने 5 अप्रैल तक राज्य में एचआईवी मरीजों की कल्याणकारी योजना को लागू करने को कहा

पटना उच्च न्यायालय ने हाल ही में एचआईवी/एड्स पीड़ितों के कल्याण के लिए सरकारी योजनाओं को लागू नहीं करने पर चिंता जताते हुए बिहार राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी (बीएसएसीएस) से जवाब मांगा। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने 23 मार्च को दिए गए आदेश में कहा कि ये परियोजनाएं अगली तारीख 5 अप्रैल तक लागू होनी चाहिए।इस संबंध में खंडपीठ ने परियोजना निदेशक, बीएसएसीएस को आदेश दिया कि वह अपने व्यक्तिगत हलफनामे को दायर करें, जिसमें एड्स पीड़ितों के लाभ के लिए अधिसूचित विभिन्न...