मुख्य सुर्खियां

जेलों में COVID-19 मामले: अंडरट्रायल कैदियों को कम भीड़ वाले सुधार गृह में स्थानांतरित करने पर विचार करें, बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य से कहा
जेलों में COVID-19 मामले: 'अंडरट्रायल कैदियों को कम भीड़ वाले सुधार गृह में स्थानांतरित करने पर विचार करें', बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य से कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य के जेलों में भीड़ कम करने और जेलों में कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी न्यायिक मजिस्ट्रेटों को कैदी को स्थानांतरण करने की मांग वाले आवेदन पर 48 घंटे के भीतर आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने मीडिया रिपोर्टों के आधार पर इस मुद्दे पर संज्ञान लिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जेल के 200 कैदी और विभिन्न...

पूरी तरह समझ से परे: दिल्ली कोर्ट ने अथॉरिटी की उमर खालिद, खालिद सैफी को हाथों में हथकड़ी लगाकर पेश करने की मांग वाली याचिका पर कहा
'पूरी तरह समझ से परे': दिल्ली कोर्ट ने अथॉरिटी की उमर खालिद, खालिद सैफी को हाथों में हथकड़ी लगाकर पेश करने की मांग वाली याचिका पर कहा

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को उमर खालिद और खालिद सैफी को "उच्च जोखिम वाले कैदी" होने के आधार पर "दोनों के हाथों में पीछे की ओर से हथकड़ी" पहनाने के लिए दिल्ली पुलिस की विशेष सेल और जेल अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी। खालिद और सैफी पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी में हुए दिल्ली दंगों के सिलसिले में आरोपी हैं।101/2020 एफआईआर से संबंधित दोनों आवेदन लॉक-अप कड़कड़डूमा जिला न्यायालयों, दिल्ली द्वारा दायर किए गए है, जिसमें खालिद और सैफी दोनों कैदियों को उच्च जोखिम वाला बताते हुए हथकड़ी में पेश करने की मांग की...

COVID-19 मानदंड उल्लंघन की शिकायत करने के लिए 3 दिनों में शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करें: कर्नाटक हाईकोर्ट
COVID-19 मानदंड उल्लंघन की शिकायत करने के लिए 3 दिनों में शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करें: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने तीन दिनों के भीतर राज्य सरकार को एक शिकायत निवारण तंत्र (Grievance Redressal Mechanism) स्थापित करने का निर्देश दिया है, जिसके माध्यम से नागरिक COVID-19 नियमों के उल्लंघन, मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के बारे में शिकायत कर सकते हैं।मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की खंडपीठ ने लेट्ज़िटक फाउंडेशन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा,"हम राज्य सरकार को निर्देश देते हैं कि नियमों के उल्लंघन की शिकायतों को दूर करने के लिए नागरिकों को...

दिल्ली हाईकोर्ट, जिला न्यायालय 15 मई तक वर्चुअल मोड के माध्यम से अतिआवश्यक मामलों पर सुनवाई जारी रखेंगे
दिल्ली हाईकोर्ट, जिला न्यायालय 15 मई तक वर्चुअल मोड के माध्यम से अतिआवश्यक मामलों पर सुनवाई जारी रखेंगे

दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में COVID-19 मामलों में खतरनाक वृद्धि के मद्देनजर यह निर्णय लिया है कि वह और सभी जिला अदालतें वर्ष 2021 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मोड के माध्यम से 15 मई तक दायर किए गए केवल अत्यंत जरूरी मामले पर सुनवाई जारी रखेंगे।दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी कार्यालय आदेश में कहा गया है:"राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में COVID-19 मामलों में खतरनाक वृद्धि के मद्देनजर, इस न्यायालय के कार्यालय आदेश संख्या 190 / आरजी / डीएचसी / 2021 दिनांक 20.03.2021, नंबर...

ऑक्सीजन की कमीः पटना हाईकोर्ट ने सरकार को एक्शन प्लान प्रस्तुत करने का निर्देश दिया; आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की उपलब्धता पर रिपोर्ट मांगी
ऑक्सीजन की कमीः पटना हाईकोर्ट ने सरकार को एक्शन प्लान प्रस्तुत करने का निर्देश दिया; आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की उपलब्धता पर रिपोर्ट मांगी

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में ऑक्सीजन की कमी के बारे में गंभीरता से विचार किया, जो COVID-19 रोगियों के उपचार के लिए एक आवश्यक चिकित्सा सुविधा है।जस्टिस सीएस सिंह और जस्टिस मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने राज्य के अधिकारियों को ऑक्सीजन की कमी को लेकर एक्शन प्लान प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया हैं। इस पर राज्य के जवाबदाताओं ने विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के तरीके को कोर्ट के समक्ष पेश किया है।कथित तौर पर COVID-19 अस्पतालों में ऑक्सीजन की अनुपलब्धता के कारण न्यायालय के एक अधिकारी के...

कैदियों के जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा करें : उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने राज्य की जेलों में भीड़ को कम करने का आदेश जारी करने की इलाहाबाद हाईकोर्ट से अपील की
'कैदियों के जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा करें' : उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने राज्य की जेलों में भीड़ को कम करने का आदेश जारी करने की इलाहाबाद हाईकोर्ट से अपील की

उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने COVID-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण मच रही तबाही का जिक्र करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के नवनियुक्त कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश संजय यादव को एक पत्र लिखा है और विचाराधीन कैदियों / दोषियों को अंतरिम जमानत / पैरोल पर रिहा किये जाने की मांग की है।बार काउंसिल के अध्यक्ष आर के अग्रवाल ने लिखा है, "प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में तमाम खबरें आ रही हैं, जिसमें बताया गया है कि उत्तर प्रदेश की जेलों में अत्यधिक भीड़ भाड़ के कारण पिछले दो सप्ताह के दौरान कोरोना संक्रमण के...

मनमाना और अनुचित: बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र को बुजुर्गों को डोर-टू-डोर COVID-19 वैक्सीनेशन नहीं करने की नीति पर पुनर्विचार करने को कहा
'मनमाना और अनुचित': बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र को बुजुर्गों को डोर-टू-डोर COVID-19 वैक्सीनेशन नहीं करने की नीति पर पुनर्विचार करने को कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को डोर-टू-डोर टीकाकरण क्यों संभव नहीं, इस पर केंद्र के पांचों बिंदुओं की आलोचना करते हुए केंद्र सरकार को COVID19 महामारी में बुजुर्गों, बेड पर पड़े और विकलांग व्यक्तियों के लिए अपनी टीकाकरण नीति पर फिर विचार करने के लिए कहा है।मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि यदि कोई नीति किसी बुजुर्ग व्यक्ति को उनकी नाजुक चिकित्सीय स्थिति के कारण टीकाकरण से वंचित करती है तो इसे मनमाना और अनुचित माना जाना चाहिए।बेंच ने कहा कि,"जितना देश...

COVID-19 : एक दर्जन डायग्नोस्टिक सेंटर ने आरटी - पीसीआर टेस्ट की अधिकतम दर 350 रुपये निर्धारित करने के राजस्थान सरकार के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी
COVID-19 : एक दर्जन डायग्नोस्टिक सेंटर ने आरटी - पीसीआर टेस्ट की अधिकतम दर 350 रुपये निर्धारित करने के राजस्थान सरकार के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी

जयपुर के एक दर्जन डायग्नोस्टिक सेंटर ने COVID-19 से संबंधित पीसीआर टेस्ट के लिए अधिकतम दर 350 रुपये निर्धारित करने के राज्य सरकार के आदेश को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी है।इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती की अध्यक्षता वाली डिविजन बेंच द्वारा आज किये जाने की संभावना है।याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की गयी जांच दर डायग्नोस्टिक लेबोरेट्रीज की जांच पर आने वाली वास्तविक लागत से भी कम है और ऐसी स्थिति में वे उक्त दर पर टेस्ट करने में सक्षम नहीं हो...

ऑक्सीजन की कमी: राजस्थान HC बार एसोसिएशन ने राजस्थान उच्च न्यायालय को पत्र लिखा, मामला जनहित याचिका के तौर पर लिया गया
ऑक्सीजन की कमी: राजस्थान HC बार एसोसिएशन ने राजस्थान उच्च न्यायालय को पत्र लिखा, मामला जनहित याचिका के तौर पर लिया गया

राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के पत्र को एक पीआईएल मामले के रूप में मानते हुए, राजस्थान उच्च न्यायालय आज कोविड अस्पतालों द्वारा झेली जा रही ऑक्सीजन की कमी के संबंध में पत्र-याचिका पर सुनवाई करेगा। एसोसिएशन के अनुरोध को स्वीकार करते हुए, मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती ने कोविड रोगियों की दुर्दशा और अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण उत्पन्न स्थिति पर प्रकाश डालते हुए पत्र पर सुनवाई करने का निर्णय किया है। पत्र में, एसोसिएशन के अध्यक्ष, भुवनेश शर्मा ने यह कहा है कि राज्य और...

24 घंटे के भीतर RT-PCR टेस्ट रिजल्ट देने में विफल लैब के खिलाफ कार्रवाई करें: कर्नाटक हाईकोर्ट
'24 घंटे के भीतर RT-PCR टेस्ट रिजल्ट देने में विफल लैब के खिलाफ कार्रवाई करें': कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को खराब होती स्थिति को देखते हुए COVID-19 का उचित प्रबंधन और अस्पताल में भर्ती होने वाले रोगियों को दवा और ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए कई दिशा-निर्देश दिए।मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की खंडपीठ ने याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई करते हुए निम्नलिखित निर्देश पारित किए।अंतरिम आदेश बढ़ाए गएयदि राज्य में आपराधिक न्यायालयों ने सीमित अवधि के लिए अंतरिम जमानत आदेश या अग्रिम जमानत दी है जो 23 अप्रैल से 29 मई के बीच समाप्त होने की संभावना है तो वह 29 मई तक...

वचन दें तब हटेगा अवमानना का आरोप: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अदालत का बहिष्कार करने वाले बार एसोसिएशनों के पदाधिकारियों से कहा
वचन दें तब हटेगा अवमानना का आरोप: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अदालत का बहिष्कार करने वाले बार एसोसिएशनों के पदाधिकारियों से कहा

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राज्य के बार संघों के पदाधिकारियों को निर्देश दिया, जिन्होंने अपने सदस्यों को अदालत के काम से अलग रहने का आह्वान किया था, को ताजा अंडरटेकिंग दायर करने को कहा था।अंडरटेकिंग में स्पष्ट रूप से कहा जाए कि वे सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून का पालन करेंगे, जो अधिवक्ताओं द्वारा अदालत का बहिष्कार करने के कार्य को अवैध मानता है। तब तक इसने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेकर शुरू की गई अवमानना ​​कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।कथित...

COVID-19: आम आदमी को भूल जाओ, अगर मैं अपने लिए कहूं तो मेरे लिए भी बेड उपलब्ध नहीं होगा: दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस विपिन सांघी ने कहा
COVID-19: 'आम आदमी को भूल जाओ, अगर मैं अपने लिए कहूं तो मेरे लिए भी बेड उपलब्ध नहीं होगा': दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस विपिन सांघी ने कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी दिल्ली में COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए अस्पतालों में बेड की कमी को लेकर चिंता व्यक्त की।न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने दिल्ली के COVID-19 अस्पतालों में बेड की कमी को लेकर कहा कि, "आम आदमी को भूल जाओ, अगर मैं अपने लिए बेड के लिए कहूं तो मेरे लिए भी बेड उपलब्ध नहीं होगा।"न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने जोर देकर कहा कि लोगों की जरूरतों को तत्काल पूरा किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र COVID बेड की आवश्यकताओं पर ध्यान देगा और बेड की...

पश्चिम बंगाल चुनावः सिर्फ सर्कुलर जारी करने और बैठकें आयोजित करने से आपकी जिम्मेदारियां पूरी नहीं होती: कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा
पश्चिम बंगाल चुनावः सिर्फ सर्कुलर जारी करने और बैठकें आयोजित करने से आपकी जिम्मेदारियां पूरी नहीं होती: कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा

COVID संकट के बीच पश्चिम बंगाल में चुनाव कराने की तरीके को लेकर गुरुवार (22 अप्रैल) को चुनाव आयोग को कलकत्ता हाईकोर्ट की सख़्ती का सामना करना पड़ा।मुख्य न्यायाधीश थोथाथिल बी. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने चुनाव आयोग के तरीके पर टिप्पणी की,"हम इस तथ्य को स्वीकार में असमर्थ हैं कि भारतीय निर्वाचन आयोग हमें अपडेट नहीं कर पा रहा है कि सर्कुलरों के प्रवर्तन के माध्यम से क्या कार्रवाई की गई है।"इसके अलावा, न्यायालय ने रेखांकित किया कि सर्कुलर जारी करना और स्वयं बैठकें आयोजित...

COVID के मद्देनजर बिना राशन कार्ड वाले लोगों को तत्काल राशन और खाद्य आपूर्ति करने की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका
COVID के मद्देनजर बिना राशन कार्ड वाले लोगों को तत्काल राशन और खाद्य आपूर्ति करने की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका

दिल्ली रोजी-रोटी अधिकार अभियान ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गुहार लगाई है कि दिल्ली सरकार को निर्देश दिया जाए कि सरकार मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना (एमएमसीएसवाई) या गरीब और जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए बनाई किसी अन्य योजना के तहत सूखा राशन प्रदान करने की अपनी योजना को फिर से शुरू कर दे ताकि गरीब लोग राष्ट्रीय राजधानी में जारी किए गए ताजा प्रतिबंधों और कोरोना महामारी के कारण भूखे न रहे और उनको राशन मिल पाए। दिल्ली सरकार ने सोमवार (19 अप्रैल, 10 बजे) रात से सोमवार (26 अप्रैल, सुबह...

घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत रिकवरी की कार्यवाही केवल सहायक कार्यवाही, यह फैमिली कोर्ट को बाद में निर्णय लेने से रोकती नहीं: केरल उच्च न्यायालय
घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत रिकवरी की कार्यवाही केवल सहायक कार्यवाही, यह फैमिली कोर्ट को बाद में निर्णय लेने से रोकती नहीं: केरल उच्च न्यायालय

केरल उच्च न्यायालय ने माना है कि घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 20 के तहत गठित की गई रिकवरी की कार्यवाही इस मामले में फैमिली कोर्ट के लिए रोक के रूप में संचालित नहीं होगी। अदालत ने माना कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत कार्यवाही मुख्य जांच के लिए सहायक थी कि क्या महिला को घर में घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ा था।इसलिए, जस्टिस ए मुहम्मद मुस्तकी और डॉ कौसर एडप्पागथ की पीठ ने कहा, "धारा 20 के तहत कार्यवाही में पर्याप्त मुद्दा घरेलू हिंसा का होना चाहिए। धारा 20 के तहत मौद्रिक दावों की राहत एक सहायक राहत...

यह सुनिश्चित करें कि दिल्ली के लिए आक्सीजन टैंकरों के परिवहन में कोई बाधा नहीं आए: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा, स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की चेतावनी दी
'यह सुनिश्चित करें कि दिल्ली के लिए आक्सीजन टैंकरों के परिवहन में कोई बाधा नहीं आए': दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा, स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की चेतावनी दी

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि यदि दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति अवरुद्ध है तो इसके लिए जिम्मेदार स्थानीय अधिकारियों को आपराधिक रूप से उत्तरदायी माना जाएगा।कोर्ट ने कहा कि,"हम निर्देश देते हैं कि गैर-अनुपालन पर आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।"जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की खंडपीठ रोहिणी के सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में ऑक्सीजन की तत्काल आपूर्ति की मांग की गई। सुनवाई के दौरान एक अन्य अस्पताल खंडपीठ के सामने पेश हुआ और...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने के बावजूद COVID-19 मुद्दों से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई बंद करने से इनकार किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने के बावजूद COVID-19 मुद्दों से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई बंद करने से इनकार किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह COVID-19 मुद्दों पर जनहित याचिका पर सुनवाई जारी रखेगा, जब केंद्र के लिए सहायक सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को सूचित किया कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़े मुद्दों पर स्वत: संज्ञान लेने का फैसला किया है।एएसजी अनिल सिंह द्वारा COVID-19 मुद्दों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी खबरों का हवाला देकर मामले को सुनने से रोकने की कोशिश के बाद कहा।एएसजी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि वह हाईकोर्ट में लंबित मामलों को स्वयं में स्थानांतरित कर...

दिल्ली हाईकोर्ट में COVID-19 अस्पतालों के बाहर बेड की स्थिति को दिखाए जाने के लिए डिस्प्ले लगाए जाने की मांग करने वाली याचिका दायर, कहा- सरकारी एप गलत जानकारी देता है
दिल्ली हाईकोर्ट में COVID-19 अस्पतालों के बाहर बेड की स्थिति को दिखाए जाने के लिए डिस्प्ले लगाए जाने की मांग करने वाली याचिका दायर, कहा- सरकारी एप गलत जानकारी देता है

दिल्ली हाईकोर्ट में ऑर्थोडोक्स क्रिश्चियन मेडिकल फैलोशिप की ओर से एक नर्सिंग अधिकारी ने एक याचिका दायर कर दिल्ली सरकार को निर्देश दिए जाने की मांग की है कि दिल्ली में सभी अस्पतालों को एक परिपत्र जारी करने के लिए निर्देश दिया जाए ताकि वे अपने परिसर के बाहर "बेड डिस्प्ले बोर्ड" लगाएं, जो COVID-19 माहमारी के इस भयावह दौर में अस्पताल में उपलब्ध बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि की जानकारी देते हो।याचिकाकर्ता का कहना है कि एक नर्सिंग अधिकारी के रूप में वह फ्रंट लाइन वर्कर के रूप से काम करता है...

केवल यह कथन कि शिकायतकर्ता के राजनीतिक समर्थन ने एक व्यक्ति को अनैतिक गतिविधि में शामिल होने के लिए प्रेरित किया, मानहानि का मामला नहीं: त्रिपुरा हाईकोर्ट
केवल यह कथन कि शिकायतकर्ता के राजनीतिक समर्थन ने एक व्यक्ति को अनैतिक गतिविधि में शामिल होने के लिए प्रेरित किया, मानहानि का मामला नहीं: त्रिपुरा हाईकोर्ट

त्रिपुरा हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि केवल यह कथन कि एक व्यक्ति के किसी दूसरे व्यक्ति को राजनीतिक समर्थन ने उस व्यक्ति को अनैतिक गतिविधि में शामिल होने के लिए प्रेरित किया, यह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 (मानहानि) के दायरे में नहीं आता है।न्यायमूर्ति अरिंदम लोध की खंडपीठ ने आगे कहा कि इस तरह के बयान को आईपीसी की धारा 499 के तहत मानहानि नहीं माना जा सकता है।कोर्ट के समक्ष मामलायाचिकाकर्ता सुबल कुमार डे स्यंदन पत्रिका का पब्लिशर और संपादक है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के...

वर्तमान महामारी में वरिष्ठ नागरिकों को समय पर सहायता और राहत सुनिश्चित करें: कर्नाटक हाईकोर्ट
वर्तमान महामारी में वरिष्ठ नागरिकों को समय पर सहायता और राहत सुनिश्चित करें: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को वर्तमान महामारी में जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिकों को समय पर सहायता और राहत सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की खंडपीठ ने कहा,"हम राज्य सरकार को सभी जिला मजिस्ट्रेटों को परिपत्र जारी करने का निर्देश देते हैं, जो कर्नाटक राज्य रखरखाव और कल्याण अधिनियम, 2009 की धारा 20 के उप खंड 2 के vi के तहत माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करते हैं। वर्तमान महामारी में वरिष्ठ नागरिकों को समय पर सहायता...