ऑक्सीजन की कमी से जान गंवाने वाले COVID रोगियों को राज्य सरकार को मुआवजा देना चाहिएः कर्नाटक हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

14 May 2021 3:33 PM IST

  • ऑक्सीजन की कमी से जान गंवाने वाले COVID रोगियों को राज्य सरकार को मुआवजा देना चाहिएः कर्नाटक हाईकोर्ट

    कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार को नोटिस दिया कि अगली तारीख को वह ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण चामराजनगर के COVID अस्पताल में मारे गए 24 लोगों के परिवार के सदस्यों को मुआवजा देने के मुद्दे पर विचार करेगा।

    चीफ जस्टिस अभय ओका और ज‌स्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ ने कहा, "राज्य सरकार को पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने के मुद्दे पर स्टैंड लेना होगा....। रिट कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों को दिए गए मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के लिए मुआवजा दे सकती है। हमने राज्य को नोट‌िस पर रखा है कि मुआवजा देने के सवाल पर अगली तारीख पर विचार किया जाएगा।"

    एडवोकेट जनलर प्रभुलिंग के नवदगी ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें अपना जवाब दाखिल करने के लिए 24 मई के बाद का समय दिया जाए। हालांकि, अदालत ने मौखिक रूप से कहा "विभिन्न अन्य श्रेण‌ियों की त्रासदियों में राज्य मुआवजा देने में बहुत शीघ्रता करता है।"

    जस्टिस कुमार ने कहा, "अगर जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो जाती है तो आप कुछ घंटों में मुआवजा देते हैं।"

    अदालत ने आदेश में कहा कि COVID-19 मुद्दों की निगरानी के लिए गठित कर्नाटक राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (केएसएलएसए) की समिति की एक विस्तृत रिपोर्ट को रिकॉर्ड में रखा गया है।

    "मोटे तौर पर रिपोर्ट के आधार पर दो मुद्दे सामने आएंगे। पहला, यह कि राज्य सरकार किस प्रकार चामराजनगर में मरने वालों कें परिवारों को मुआवजा देने जा रही है।

    दूसरा मुद्दा, जो चूक के लिए जिम्मेदारी पर विचार करने के लिए उठता है। राज्य सरकार को इस पहलू पर फैसला करना होगा, क्योंकि समिति ने एक राय बनाई है कि संबंधित रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ की गई थी।"

    अदालत ने निर्देश दिया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति के संबंध में अस्पताल और चामराजनगर और मैसूर के उपायुक्त का रिकॉर्ड मुख्य सचिव की हिरासत में रहेगा।

    हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एएन वेणुगोपाल गौड़ा की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा है, "समिति का विचार है कि अस्पताल में 2 और 3 मई को हुई सभी 24 मौतें अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई हैं।"

    आगे रिपोर्ट में कहा गया है कि "डीन, मेडिकल कॉलेज, चामराजनगर के अनुरोध पर जिला सर्जन, मैसूर ने 2/3 मई 2021 की मध्यरात्रि को 40 सिलेंडर उपलब्ध कराए थे, जबकि साउदर्न गैस एजेंसी ने 30 और सिलेंडर उपलब्ध कराए । ये 70 सिलेंडर 3-5-2021 को सुबह 6.00 बजे चामराजनगर पहुंचे।

    चामराजनगर पहुंचने में कम से कम 4 घंटे की देरी इस कारण से हुई कि ट्रक जिला सर्जन, मैसूर के 40 सिलेंडरों को इकट्ठा करने के बाद

    साउदर्न गैस एजेंसियों से 30 सिलेंडर लेने गया। इस प्रकार 02-05-2021 को रात 10.30 बजे से 03-05-2021 को लगभग 2.30 बजे तक जिला 15 अस्पताल, चामराजनगर में बिल्कुल भी ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं थी, जिसके कारण ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहने वाले मरीज ऑक्सीजन से वंचित रहे।"

    रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि "ऑक्सीजन की अनुपलब्धता के कारण, इस अवधि में कई रोगियों की मृत्यु हो गई और कई अन्य रोगियों के महत्वपूर्ण अंग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई। अस्पताल में 02-05-2021 को 11 बजे से 03-05-2021 की शाम तक 37 रोगियों की मौत हुई थी, जैसा कि 33 केस शीट जब्त किए गए और 4 केस शीट बाद में डॉ. मुरुगेश, प्रभारी जिला सर्जन, चामराजनगर ने उपलब्ध कराए।"

    आगे कहा गया है कि 02-05-2021 की रात और 03-05-2021 की भोर तक मरने वाले 24 व्यक्तियों की 3-5-2021 को की गई डेथ ऑडिट जिला सर्जन और चार अन्य की एक समिति ने की थी।

    डेथ ऑडिट रिपोर्ट में समिति ने निष्कर्ष निकाला कि 3 व्यक्तियों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई थी, 7 व्यक्तियों की मौत हाइपोक्सिक ब्रेन इंजरी के कारण हुई और 14 व्यक्तियों की मौत COVID-19 के कारण हुई। शेष 13 व्यक्तियों का डेथ ऑडिट रिकॉर्ड में नहीं मिला है।

    साथ ही रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि अधिकारियों ने 4-5-2021 से 10-5-202 को सुबह 6-15 बजे तक 62 मौतों की घोषणा की है। उनमें से, कम से कम 36 व्यक्तियों को 2-5-2021 तक रोगियों में दिखाया गया ‌था। इन 36 रोगियों की मृत्यु के लिए 2-05-2021 की रात और 03-05-2021 के शुरुआती घंटों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की अनुपलब्धता को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

    रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि CIMS के डीन और I/c जिला सर्जन, एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट, ने नेतृत्व की गुणवत्ता का प्रदर्शन नहीं किया है और मानव जीवन को बचाने के लिए उपलब्ध संसाधनों को कुशलता से उपयोग करने में विफल रहे।

    उपायुक्त, चामराजनगर ने गंभीर संकट की स्थिति में जिला प्रमुख से अपेक्षित गतिशीलता और नेतृत्व का प्रदर्शन नहीं किया है जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है। जिला आपदा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के रूप में, वे ऑक्सीजन की अत्यधिक मांग से उत्पन्न संकट की स्थिति का मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण करने में बुरी तरह विफल रहे हैं। इसके विपरीत, वह डीसी मैसूर पर बिना किसी आधार के ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा पैदा करने का आरोप लगाने के भद्दे दोषपूर्ण खेल में लिप्त हो गए।

    रिपोर्ट में कहा गया है, "कुल मिलाकर, सामान्य रूप से जिला प्रशासन और CIMS के डीन सहित अस्पताल के अधिकारियों की विफलता स्पष्ट है। केवल एक विस्तृत जांच ही जिम्मेदारी तय करने के लिए संबंधित व्यक्तियों के चूकों का पता लगा सकती है। "

    Next Story