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सिद्दीकी कप्पन
"वह अस्पताल में एक जानवर की तरह जंजीर से बंधा है", पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की पत्नी ने सीजेआई रमना से उसकी तत्काल रिहाई की मांग की

केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की पत्नी, रिहाथ कप्पन ने एक पत्र लिखा है, जिसे एडवोकेट विल्स मैथ्यूज के माध्यम से भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को संबोधित किया गया है और कप्पन की अस्पताल से रिहाई की मांग की गई यही। पत्र में कहा गया है कि कप्पन (जो हाल ही में कोविड पाज़िटिव पाए गए हैं), बिना किसी गतिशीलता के मेडिकल कॉलेज अस्पताल, मथुरा की एक खाट में एक जानवर की तरह जंजीर में बंधे हुए हैं, और वह भोजन लेने, शौचालय जाने में पिछले 4 दिनों से अधिक से सक्षम नहीं है। पत्र में आगे कहा...

यदि महाराष्ट्र की ओर से उचित औचित्य के साथ विशिष्ट अनुरोध किया जाता है तो रेमडेसिवीर का आवंटन बढ़ाया जा सकता हैः डीसीजीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बताया
यदि महाराष्ट्र की ओर से उचित औचित्य के साथ विशिष्ट अनुरोध किया जाता है तो रेमडेसिवीर का आवंटन बढ़ाया जा सकता हैः डीसीजीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बताया

बॉम्बे हाईकोर्ट (नागपुर पीठ) ने शुक्रवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महाराष्ट्र राज्य के लिए रेमडेसिवीर दवा की आपूर्ति से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।जस्टिस शुक्रे और एसएम मोदक की एक खंडपीठ ने पहले ड्रग कंट्रोलर वीजी सोमानी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समन जारी किया था, क्योंकि राज्य पहली बार नागपुर जिले में रेमडेसिवीर के 10,000 शीशियों को प्रदान करने के अपने आदेशों का पालन करने में असमर्थ हो गया था।पीठ महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में COVID-19...

COVID19-उठाए गए कदम, टेस्टिंग सुविधा, ऑक्सीजन सिलिंडरों एवं रेमेडिसविर इंजेक्शन की उपलब्धता आदि के बारे में सूचित करें: आंध्रप्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य से कहा
COVID19-उठाए गए कदम, टेस्टिंग सुविधा, ऑक्सीजन सिलिंडरों एवं रेमेडिसविर इंजेक्शन की उपलब्धता आदि के बारे में सूचित करें: आंध्रप्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य से कहा

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने गुरुवार (22 अप्रैल) को राज्य सरकार को वर्तमान COVID-19 महामारी से निपटने के लिए राज्य द्वारा उठाए गए कदमों के संबंध में एक व्यापक हलफनामा दायर करने को कहा। मुख्य न्यायाधीश अरुप कुमार गोस्वामी और न्यायमूर्ति सी. प्रवीण कुमार की खंडपीठ ने यह भी निर्देश दिया है कि हलफनामे में विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए जैसे: - 1.रिपोर्ट देने के लिए कितना समय लिया जा रहा है,2.अस्पतालों जिन्हे इलाज करने के लिए नोटफाइ किया गया है,3.ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता...

आपको लगता है कि सबकुछ आपके दरवाजे पर मिल जाएगा: दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन लाने के लिए टैंकरों की व्यवस्था न करने पर दिल्ली सरकार को फटकारा
''आपको लगता है कि सबकुछ आपके दरवाजे पर मिल जाएगा'': दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन लाने के लिए टैंकरों की व्यवस्था न करने पर दिल्ली सरकार को फटकारा

दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को दिल्ली सरकार से कहा कि वह ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए क्रायोजेनिक टैंकों की खरीद के लिए व्यवस्थित कदम उठाए और शहर के विभिन्न COVID19 अस्पतालों में उनके आवागमन की पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करे।यह निर्देश न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की खंडपीठ ने दिया है। पीठ ऑक्सीजन की कमी का हवाला देते हुए महाराजा अग्रसेन अस्पताल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह देखते हुए कि दिल्ली सरकार द्वारा क्रायोजेनिक टैंकों की व्यवस्था नहीं होने के कारण मुख्य रूप...

[COVID-19] रोगी और उनके परिवार वालों को रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए एक कोने से दूसरे कोने भटकना न पड़े: बॉम्बे हाईकोर्ट का निर्देश
[COVID-19] 'रोगी और उनके परिवार वालों को रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए एक कोने से दूसरे कोने भटकना न पड़े': बॉम्बे हाईकोर्ट का निर्देश

बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि COVID-19 रोगियों के लिए एंटी-वायरल दवा रेमडेसिविर अस्पतालों / कोविड केंद्रों में उपलब्ध कराया जाए, जिससे रोगियों और उनके परिवार वालों को दवाई के लिए एक कोने से दूसरे कोने न भटकना पड़े और इसके साथ ही हेल्पलाइन नंबर के 24/7 चालू रहना चाहिए।मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने आदेश दिया कि,"दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक अस्पताल / कोविड केंद्र में दवा की आपूर्ति करने के लिए पर्याप्त...

COVID-19: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसके और अधीनस्थ न्यायलयों द्वारा पारित अंतरिम आदेशों की अवधि को 31 मई तक बढ़ाया
COVID-19: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसके और अधीनस्थ न्यायलयों द्वारा पारित अंतरिम आदेशों की अवधि को 31 मई तक बढ़ाया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले साल दर्ज किए गए एक स्वतः संज्ञान मामले को फिर से उठाते हुए शनिवार को राज्य के विभिन्न न्यायालयों और न्यायाधिकरणों द्वारा 15 मार्च, 2021 तक पारित सभी अंतरिम आदेशों की अवधि को 31 मई, 2021 तक बढ़ा दिया है।हाल ही में उत्तर प्रदेश राज्य में COVID-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर आदेश पारित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप सभी स्तरों पर अदालतें कम क्षमता के साथ काम कर रही हैं।मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ द्वारा यह आदेश पारित किया है।आदेश में कहा...

COVID केयर सेंटर स्थापित करने के लिए HC ऑडिटोरियम का उपयोग करें: गुजरात उच्च न्यायालय ने गुजरात HC अधिवक्ता संघ को अनुमति दी
COVID केयर सेंटर स्थापित करने के लिए HC ऑडिटोरियम का उपयोग करें: गुजरात उच्च न्यायालय ने गुजरात HC अधिवक्ता संघ को अनुमति दी

गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ ने गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ को कोविड देखभाल केंद्र की स्थापना के लिए उच्च न्यायालय के सभागार का उपयोग करने की अनुमति दे दी है। एसोसिएशन के अध्यक्ष, यतिन ओझा द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित पत्र के जवाब में, एचसी के रजिस्ट्रार जनरल ने यह सूचित किया है कि उक्त अनुमति निम्नलिखित शर्तों के अधीन दी गई है: - सभागार के चार कमरे [पहली मंजिल पर एक, दूसरे तल पर एक और तीसरी मंजिल पर दो कमरे] अधिवक्ता और उनके...

COVID-19: कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसके और अधीनस्थों न्यायालयों द्वारा पारित अंतरिम आदेशों की अवधि 30 जून तक बढ़ाई
COVID-19: कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसके और अधीनस्थों न्यायालयों द्वारा पारित अंतरिम आदेशों की अवधि 30 जून तक बढ़ाई

कलकल्तात हाईकोर्ट ने पिछले साल दर्ज किए गए एक स्वतः संज्ञान मामले को फिर से उठाते हुए हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने न्यायालय द्वारा उक्त रिट याचिका में पारित अंतरिम आदेशों को 30 जून तक बढ़ा दिया है।यह आदेश हाल में COVID-19 मामलों हुई वृद्धि और हाईकोर्ट और पश्चिम बंगाल राज्य के अधीनस्थ न्यायालयों और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के संयुक्त राज्य के प्रतिबंधित कामकाज को देखते हुए पारित किया गया है।मुख्य न्यायाधीश थोथाथिल बी राधाकृष्णन, न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति आई.पी. मुकर्जी, जस्टिस हरीश टंडन...

[Covid-19]रोगी या उनके परिवार वालों को दवाई और बेड का पता लगाने के लिए एक कोने से दूसरे कोने न भटकना पड़े: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कई दिशा-निर्देश जारी किए
[Covid-19]'रोगी या उनके परिवार वालों को दवाई और बेड का पता लगाने के लिए एक कोने से दूसरे कोने न भटकना पड़े': बॉम्बे हाईकोर्ट ने कई दिशा-निर्देश जारी किए

बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि COVID-19 रोगियों के लिए एंटी-वायरल दवा रेमडेसिविर अस्पतालों / कोविड केंद्रों में उपलब्ध कराया जाए, जिससे रोगियों और उनके परिवार वालों को दवाई के लिए एक कोने से दूसरे कोने न भटकना पड़े और इसके साथ ही हेल्पलाइन नंबर के 24/7 चालू रहना चाहिए।मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने आदेश दिया कि,"दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक अस्पताल / कोविड केंद्र में दवा की आपूर्ति करने के लिए पर्याप्त...

गुजरात हाईकोर्ट ने नया रोस्टर जारी किया; केवल अतिआवश्यक मामलों की ही होगी सुनवाई
गुजरात हाईकोर्ट ने नया रोस्टर जारी किया; केवल अतिआवश्यक मामलों की ही होगी सुनवाई

गुजरात हाईकोर्ट ने बेंच की एक नए रोस्टर को जारी किया है, जिसके तहत 26 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों की सुनवाई होगी।यह भी बताया गया है कि ई-फाइलिंग मोड के साथ-साथ फिजिकल फाइलिंग मोड केवल अत्यंत जरूरी मामलों के लिए ही जारी रहेगा।रोस्टर:दो डिवीजन बेंच के अलावा, हाईकोर्ट ने आठ सिंगल बेंच और उनके संबंधित रोस्टर को अधिसूचित किया है, जो नीचे सूचीबद्ध हैं:न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय द्वारा पैरोल, फर्लो, जमानत के मामले, प्रत्याशात्मक जमानत आवेदन और अन्य सभी एकल...

एक सभ्य समाज में यह कैसे हो सकता है? बॉम्बे हाईकोर्ट ने नासिक ऑक्सीजन गैस त्रासदी पर कहा
"एक सभ्य समाज में यह कैसे हो सकता है?" बॉम्बे हाईकोर्ट ने नासिक ऑक्सीजन गैस त्रासदी पर कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के नासिक में हुई ऑक्सीजन गैस रिसाव त्रासदी के बारे में कहा कि यह चिंता का विषय है। इस त्रासदी में ऑक्सीजन रिसाव के कारण 22 लोगों की मौत हो गई थी।जस्टिस दत्ता ने की टिप्पणी,एक सभ्य समाज में ऐसा कैसे हो सकता है?जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद एजी ने बताया कि द नासिक म्युनिसिपल अथॉरिटी द्वारा मुख्य सचिव को भेजी गई प्रारंभिक रिपोर्ट में डॉ. ज़ाकिर हुसैन हॉस्पिटल में हुई घटना पर कहा गया है कि...

COVID 19: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के जज, अधिकारी, कर्मचारी और अधीनस्‍थ न्यायालयों के अ‌धिकारी, कर्मचारी मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन दान करेंगे
COVID 19: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के जज, अधिकारी, कर्मचारी और अधीनस्‍थ न्यायालयों के अ‌धिकारी, कर्मचारी मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन दान करेंगे

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालयों के सभी जज, रजिस्ट्री अफसर और कर्मचारी COVID-19 महामारी के मद्देनजर जरूरतमंदों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन दान करेंगे।उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने इस संबंध में शुक्रवार को एक आदेश जारी किया। उन्होंने बतायाकि उच्‍च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के अनुमोदन पर यह निर्देश जारी किया गया है।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकारी कर्मचारियों से स्वेच्छा से अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करने की अपील...

COVID मामलों में वृद्धि: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट अंतरिम आदेशों की अवधि 15 जून तक बढ़ाई
COVID मामलों में वृद्धि: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट अंतरिम आदेशों की अवधि 15 जून तक बढ़ाई

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने COVID-19 की दूसरी लहर की शुरुआत के बाद राज्य में कोरोनावायरस के मामलों में असाधारण वृद्धि को देखते हुए एक स्वतः संज्ञान मामले में इसके और इसके अधीनस्थ अदालतों द्वारा 10 मार्च तक पारित अंतरिम आदेशों को 15 जून तक बढ़ा दिया।मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की खंडपीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में कोरोनोवायरस पॉजीटिव मामले सामने आ रहे हैं और यह देखते हुए कि राज्य भर में न्यायालय नियमित रूप से प्रभावी ढंग से...

COVID-19 संकट में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए स्टील प्लांट्स की सेवाओं पर विचार करें: बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा
'COVID-19 संकट में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए स्टील प्लांट्स की सेवाओं पर विचार करें': बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में COVID-19 संकट से निपटने के लिए प्रभागीय आयुक्त (नागपुर) को निर्देश दिया कि वे क्षेत्र में लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए स्टील प्लांट्स और उद्योगों की सेवाओं पर विचार करें।पीठ ने कहा कि इस तरह के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत शक्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। कोर्ट ने भंडारा, ठाणे, पुणे और डोलवी में स्थित स्टील प्लांट्स का जिक्र किया।आवेदक आदित्य गोयल (जिन्होंने कहा कि उनके पास स्टील...

दिल्ली की जेलों में खौफनाक स्थिति, पीयूडीआर ने राज्य सरकार, जेल अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश जारी करने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा
"दिल्ली की जेलों में खौफनाक स्थिति", पीयूडीआर ने राज्य सरकार, जेल अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश जारी करने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा

पीपुल्स ऑफ यूनियन फॉर डेमोक्रैटिक राइट्स (पीयूडीआर) ने COVID की नयी संक्रामक लहर के मद्देनजर दिल्ली की जेलों के भीतर खौफनाक स्थिति के संदर्भ में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल को एक पत्र लिखा है।'इंडियन एक्सप्रेस' में प्रकाशित एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए पत्र में कहा गया है कि फिलहाल जेल के कैदियों में संक्रमण के 67 सक्रिय मामले सामने आये हैं और एक जेल अधीक्षक एवं दो जेल चिकित्सकों सहित 11 जेल कर्मी संक्रमित हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि कुल मिलाकर दिल्ली की जेलों में करीब...

[COVID-19] अगर कोई व्यक्ति सामान्य रूप से मुंह और नाक को बिना ढके मास्क पहनता है तो इसे मास्क न पहनने वालों के समान माना जाएगा, दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
[COVID-19] 'अगर कोई व्यक्ति सामान्य रूप से मुंह और नाक को बिना ढके मास्क पहनता है तो इसे मास्क न पहनने वालों के समान माना जाएगा, दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार COVID-19 महामारी की गंभीर स्थिति को उजागर करने वाली याचिका का निपटारा करते हुए आदेश दिया कि पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के नगर निकाय के अधिकारी या स्वास्थ्य अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सभी आम लोग द्वारा मास्क पहनने के प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है और इसके साथ ही राज्य नामित हेल्पलाइन नंबरों पर शिकायतों का तुरंत निवारण किया जाएगा।न्यायमूर्ति राजन गुप्ता और न्यायमूर्ति करमजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश दिया कि अगर कोई व्यक्ति सामान्य रूप...

कोई भी टीकाकरण, जब तक स्व-प्रशासित ना हो, किसी भी शैक्षणिक संस्थान की वाणिज्यिक मानसिकता के वायरस को ठीक नहीं कर सकताः गुजरात हाईकोर्ट
कोई भी टीकाकरण, जब तक स्व-प्रशासित ना हो, किसी भी शैक्षणिक संस्थान की वाणिज्यिक मानसिकता के वायरस को ठीक नहीं कर सकताः गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट ने एक मामले को, जिसमें पेनाल्टी और लेट पेमेंट के चार्ज न देने पर एक मे‌ड‌िकल संस्‍थान ने एक छात्र की मार्कशीट और अन्य दस्तावेजों को रोक ‌लिया था, निस्तारित करते हुए कहा, "कोई टीकाकरण, जब तक स्व-प्रशासित ना हो, किसी भी शैक्षणिक संस्थान द्वारा, एक या दूसरे मद में, या एक या किसी अन्य बहाने से, छात्रों पर अत्यधिक मात्रा में चार्ज लगाने की वाणिज्यिक मानसिकता के वायरस की बुराई को, जिससे शिक्षा की अवधारणा की पवित्रता कमतर होती है, को रोक नहीं सकता है।"जस्टिस एनवी अंजारिया की खंडपीठ एक...

COVID Management Amid WB Polls
COVID प्रबंधन- "शासन की कोई संस्था चुनाव आयोग के आदेशों का पालन करने से इनकार नहीं कर सकती": कलकत्ता उच्च न्यायालय

COVID संकट के बीच पश्चिम बंगाल में चुनावों को संभालने पर कलकत्ता हाईकोर्ट से सेंसर का सामना करने के बाद, हाईकोर्ट ने आज यह टिप्पणी की कि कोई भी विभाग या शासन संस्थान, भारतीय चुनाव आयोग के आदेशों का पालन करने से मना नहीं कर सकता है। मुख्य न्यायाधीश थोथाथिल बी. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने यह टिप्पणी की। "भारतीय चुनाव आयोग द्वारा कोविड प्रबंधन के संबंध लगाए गए किसी भी प्रतिबंधात्मक शासन के रूप में सुरक्षात्मक प्रोटोकॉल का लोगों द्वारा सख्ती से पालन किया जाना...

विधानसभा चुनाव भी राज्य में आयोजित किए गए थे: कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्थानीय निकाय चुनावों पर रोक लगाने से इनकार किया
'विधानसभा चुनाव भी राज्य में आयोजित किए गए थे': कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्थानीय निकाय चुनावों पर रोक लगाने से इनकार किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के राज्य संयोजक (AAP, कर्नाटक) पुरथ्वी चिंतपल्ली द्वारा दायर किए गए दो हस्तक्षेप के आवेदनों को खारिज कर दिया, जिनमें विभिन्न नगरपालिकाओं के लिए 27 अप्रैल को होने वाले चुनावों को रोकने की मांग की गई थी।हस्तक्षेपकर्ता ने दावा किया कि कर्नाटक में स्थिति गंभीर है और महामारी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट को गंभीर बना दिया है। आज तक COVID-19 के 1.4 लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं। COVID-19 मामलों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए नाइट कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ्यू...