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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एनआई एक्ट की धारा 143-A की शक्तियों के खिलाफ दायर याचिका खारिज की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 143-ए की संवैधानिक वैधता के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। उक्त धारा में शिकायतकर्ता के लिए अंतरिम मुआवजे का प्रावधान किया गया है।संशोधन के जरिए प्रावधान को शामिल करने की विधायी मंशा पर चीफ रवि मलीमथ और जसिटस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने कहा कि इसका उद्देश्य शिकायतकर्ता को प्राप्तियों के नुकसान की दोधारी तलवार से बचाना है।मामलामामले के तथ्य यह थे कि याचिकाकर्ता के खिलाफ अधिनियम की धारा 138 के तहत शिकायत दर्ज की गई...
यदि पीड़िता बालिग थी तो आरोपी को POCSO ट्रायल का सामना करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिएः दिल्ली हाईकोर्ट ने यूआईडीएआई को पीड़िता के डीओबी रिकॉर्ड प्रस्तुत करने के लिए कहा
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत आरोपों का सामना कर रहे एक बलात्कार आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को निर्देश दिया है कि वह पीड़िता के आधार कार्ड से संबंधित रिकॉर्ड के अनुसार उसकी जन्म की तारीख का विवरण प्रस्तुत करे। अदालत ने यह आदेश तब पारित किया जब आरोपी ने दावा किया कि आधार कार्ड की प्रति के अनुसार पीड़िता घटना की कथित तारीख पर बालिग थी। इस दावे का राज्य ने विरोध किया था। जस्टिस अनूप कुमार...
बैंकों की तरफ से पेंशनभोगियों से अतिरिक्त राशि की वसूली एकमुश्त नहीं की जा सकती: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि बैंकों द्वारा पेंशनभोगियों को भुगतान की गई अतिरिक्त राशि की वसूली की अनुमति है, इसका मतलब यह नहीं है कि अतिरिक्त राशि एक मुश्त वसूल की जानी है। ऐसी राशि मासिक किश्तों में वसूल की जा सकती है।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश पीठ केनरा बैंक की कार्रवाई से व्यथित 73 वर्षीय विधवा के मामले की सुनवाई कर रही थी। उसके परिवार पेंशन खाते से 6,40,000 रुपए बिना किसी संचार के काट लिए गए।पीठ ने पाया कि बैंक ने उनके पति को लगभग दो वर्षों के लिए 38,604 रुपये के बजाय 96,998...
कर्नाटक हाईकोर्ट ने लॉ इंटर्न पर पानी की बोतल फेंकने के आरोपी वकील के खिलाफ एफआईआर रद्द की
कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक लॉ इंटर्न की शिकायत पर एक वकील के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की विभिन्न धाराओं के तहत पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले को खारिज कर दिया। जस्टिस के नटराजन की एकल पीठ ने एडवोकेट वसंत आदित्य जे द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और आईपीसी की धारा 324, 341, 354, 506 और 509 और आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दर्ज मामले को रद्द कर दिया। इससे पहले, अप्रैल में पीठ ने यह कहते हुए आरोपी के खिलाफ मामला रद्द करने से इनकार कर दिया था...
''मोटापा सभी बीमारियों का मूल कारण'': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के 153 किलोग्राम वजन के आरोपी को जमानत दी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले के एक आरोपी को यह कहते हुए जमानत दे दी है कि वह एक 'मोटे' व्यक्ति है, जिसका वजन 153 किलोग्राम है और इसलिए, उसकी सह-रुग्णताओं को देखते हुए उनका मामला धन शोधन निवारण अधिनियम(पीएमएल एक्ट), 2002 की धारा 45(1) के प्रथम परंतुक के अनुसार ''बीमार'' होने के अपवाद के अंतर्गत आता है। संदर्भ के लिए, पीएमएल एक्ट की धारा 45 (1) कहती है कि किसी व्यक्ति को अधिनियम के तहत किसी अपराध के लिए जमानत या बांड पर रिहा करने से पहले, लोक अभियोजक को शुरू में जमानत आवेदन...
गिरफ्तारी वारंट व्हाट्सएप मैसेज के जरिए नहीं दिया जा सकता: मध्य प्रदेश राज्य पुलिस ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को बताया
मध्य प्रदेश राज्य पुलिस ने हाल ही में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को बताया कि सीआरपीसी की धारा 71 के तहत संबंधित व्यक्ति को व्हाट्सएप मैसेज के जरिए गिरफ्तारी वारंट जारी करने की कोई प्रक्रिया नहीं है। जमानत की अर्जी पर सुनवाई कर रही जस्टिस जीएस अहलूवालिया की पीठ के समक्ष यह दलील दी गई।मामले के तथ्य यह थे कि आवेदक पर आईपीसी की धारा 302, 34 के तहत दंडनीय अपराध का मुकदमा चल रहा था। उन्होंने जमानत के लिए अपना पांचवां आवेदन इस आधार पर दायर किया था कि उनके मुकदमे में देरी हो रही है।रिकॉर्ड पर मौजूद...
'अभियुक्तों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता के साथ अनजाने में खिलवाड़ हो रहा': मद्रास हाईकोर्ट ने कार्यकारी मजिस्ट्रेटों के लिए आपराधिक कानून प्रशिक्षण की सिफारिश की
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में "आपराधिक कानून की बुनियादी अवधारणाओं को जाने या समझे बिना" आदेश पारित करने पर कार्यकारी मजिस्ट्रेटों को कड़ी फटकार लगाई। सीआरपीसी की धारा 122 (1) (बी) के तहत उप-मंडल मजिस्ट्रेट सह राजस्व मंडल मजिस्ट्रेट द्वारा पारित एक आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दरमियान हाईकोर्ट ने उक्त प्रतिक्रिया दी।जस्टिस के मुरली शंकर ने खेद व्यक्त किया कि कार्यकारी मजिस्ट्रेट किसी भी प्रकार की जांच किए बिना यांत्रिक रूप से आदेश पारित कर रहे हैं।उन्होंने कहा,"..यह न्यायालय यह कहने...
[चेक बाउंस] निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 139 के तहत अनुमान के खंडन और आनुपातिकता के परीक्षण' के लिए आरोपी को "संभावित बचाव" उठाना चाहिए : कलकत्ता हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को माना कि निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 139 के तहत चेक धारक के पक्ष में अनुमान का खंडन 'आनुपातिकता के परीक्षण' द्वारा निर्देशित है।जस्टिस तीर्थंकर घोष की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि अनुमान का खंडन करने के लिए आरोपी व्यक्ति को शिकायतकर्ता पर बोझ डालने के लिए न्यायालय के समक्ष "संभावित बचाव" उठाना चाहिए। इसने स्पष्ट किया कि केवल इनकार ही पर्याप्त नहीं है और आरोपी को जवाबी नोटिस द्वारा या अपने गवाहों की जांच करके एक प्रारंभिक बचाव स्थापित करना चाहिए।एक आपराधिक...
निवारक निरोध| हिरासतकर्ता प्राधिकरण की संतुष्टि पुलिस डोजियर और जुड़े दस्तावेज़ों की सामूहिक जांच पर आधारित होनी चाहिए: जेएंडकेएंड एल हाईकोर्ट
जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि आरोपों के समर्थन में सामग्री या ऐसी घटना के विशिष्ठ विवरणों के अभाव में, यह नहीं माना जा सकता कि कुछ गतिविधियां शांति और सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव के लिए प्रतिकूल हैं, और वह भी तब जब इन अस्पष्ट आरोपों की पुष्टि के लिए दिए गए रिकॉर्ड में कोई संकेत न हो।जस्टिस वसीम सादिक नरगल ने याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की। पति के माध्यम से दायर याचिका में बंदी ने जम्मू-कश्मीर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम, 1978 की धारा 8 के तहत...
'मोटापा सभी बीमारियों का मूल कारण': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी को जमानत दी, आरोपी का वजन 153 किलोग्राम
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक आरोपी को यह कहते हुए जमानत दे दी है कि वह एक 'मोटापा' व्यक्ति है, जिसका वजन 153 किलोग्राम है और इसलिए, उसके स्वास्थ्य को देखते हुए उसका मामला धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 45(1) के पहले परंतुक में "बीमार (Sick)" होने के अपवाद के साथ आता है।पीएमएल अधिनियम की धारा 45 (1) कहती है कि किसी व्यक्ति को अधिनियम के तहत किसी अपराध के लिए जमानत या बांड पर रिहा करने से पहले, लोक अभियोजक को शुरू में जमानत आवेदन का विरोध करने का अवसर दिया जाना चाहिए और...
दिल्ली हाईकोर्ट ने आगामी नगर निगम चुनावों पर रोक लगाने से इनकार किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनावों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जो 4 दिसंबर को होने वाले हैं।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि यह कानून की स्थापित स्थिति है कि एक बार चुनाव अधिसूचना प्रकाशित होने के बाद अदालत उस पर रोक नहीं लगा सकती।अदालत ने नेशनल यूथ पार्टी के सदस्य संजय गुप्ता और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा नागरिक निकाय के वार्डों के परिसीमन को चुनौती देने वाली तीन याचिकाओं में नोटिस जारी करते हुए यह टिप्पणी...
बाबरी विध्वंस मामला : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लालकृष्ण आडवाणी और अन्य को बरी करने के लखनऊ कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील खारिज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ में विशेष सीबीआई अदालत के आदेश के खिलाफ दायर एक आपराधिक अपील को खारिज कर दिया, जिसमें सभी 32 व्यक्तियों (प्रमुख भाजपा नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, आदि सहित) को 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के पीछे की साजिश के आरोपों में बरी कर दिया था। जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सरोज यादव की पीठ ने 31 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रखने के बाद अपील खारिज कर दी। अदालत के विस्तृत फैसले का इंतजार है।विशेष सीबीआई न्यायाधीश एस के यादव (30 सितंबर,...
पात्रा चॉल घोटाला मामले में विशेष पीएमएलए कोर्ट ने संजय राउत को जमानत दी
विशेष पीएमएलए अदालत ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की जा रही पात्रा चॉल पुनर्विकास मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत को जमानत दे दी।विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने राउत के सहयोगी प्रवीण राउत की जमानत याचिका को भी मंजूर कर लिया।संजय राउत को 31 जुलाई, 2022 को गिरफ्तार किया गया था और उन पर धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (पीएमएलए) की धारा 3 के सपठित धारा 2(1)(यू) के तहत अपराध करने का आरोप है। इससे पहले, चार अन्य के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की...
मद्रास हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री एसपी वेलुमणि की भ्रष्टाचार मामले में एफआईआर रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा
मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्री एसपी वेलुमणि द्वारा उनके कार्यकाल के दौरान ठेके देने में अनियमितता का आरोप लगाते हुए एफआईआर रद्द करने के लिए दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।जस्टिस पीएन प्रकाश और जस्टिस आरएमटी टीका रमन की पीठ ने पूर्व मंत्री और अभियोजन पक्ष सहित विभिन्न पक्षों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। उक्त पीठ सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों से संबंधित है।पूर्व नगर प्रशासन मंत्री पर निगम ठेके देने में...
जमानत रद्द करने के लिए उसी तरह की या अन्य आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होना जमानत में दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग : केरल हाईकोर्ट ने दोहराया
केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को कानून की स्थापित स्थिति को दोहराया कि आरोपी व्यक्ति को समान/अन्य आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने के कारण दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग, जिससे जमानत आदेश में लगाई गई शर्तों का उल्लंघन होता है, उसकी जमानत रद्द करने की 'पर्यवेक्षण परिस्थिति' होगी।जस्टिस ए. बदरूद्दीन ने शिकायतकर्ता/याचिकाकर्ता द्वारा दायर जमानत रद्द करने की याचिका पर विचार करते हुए आदेश पारित किया, क्योंकि आरोपी ने जमानत पर रिहा होने के बाद उसकी शील भंग करने के प्रयास में उसे परेशान करने का प्रयास किया...
'संपत्ति की रक्षा के लिए आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग': कर्नाटक हाईकोर्ट ने चचेरे भाई को सिकल से घायल करने के आरोप में तीन लोगों को बरी किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में तीन लोगों को बरी कर दिया, जिन्होंने 2008 में संपत्ति से संबंधित झगड़े के दौरान अपने चचेरे भाइयों पर हमला करके उन्हें घायल कर दिया था।जस्टिस एस. रचैया की एकल पीठ ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 96 में प्रावधान है कि ऐसा कुछ भी अपराध नहीं है, जो निजी बचाव के अधिकार का प्रयोग करते हुए किया जाता है।अदालत ने कहा,"यह कानून का स्थापित सिद्धांत है कि भले ही आरोपी आत्मरक्षा का अनुरोध नहीं करता, यह अदालत के लिए खुला है कि वह इस तरह की याचिका पर विचार करे, यदि यह...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने व्यवसाय चलाने में कथित रूप से शामिल वकील के खिलाफ राज्य बार काउंसिल को जांच का आदेश दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को कथित रूप से व्यवसाय चलाने के लिए वकील के खिलाफ कानून के अनुसार जांच करने और उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। नियम के अनुसार, वकील व्यक्तिगत रूप से कोई व्यवसाय नहीं चला सकता है और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियम 47 के अनुसार, लाभ नहीं कमा सकता।जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करने के दौरान उक्त मामला प्रकाश में आया। उक्त आरोपी पर वकील प्रदीप कुमार शर्मा के स्वामित्व वाली व्यावसायिक फर्म के खाते से बेईमानी से...
भौतिक तथ्यों को छुपाना अस्थायी निषेधाज्ञा से इनकार करने का आधार: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा कि अस्थायी निषेधाज्ञा तभी दी जा सकती है जब आवेदक भौतिक तथ्यों को छुपाए बिना अदालत का दरवाजा खटखटाए और दोहराया कि ऐसा निषेधाज्ञा तभी दी जा सकती है जब प्रथम दृष्टया मामला, सुविधा का संतुलन, और अपूरणीय क्षति हो।औरंगाबाद पीठ के जस्टिस संदीप कुमार सी. मोरे ने वह अस्थायी निषेधाज्ञा खारिज कर दी, जिसमें अपीलकर्ताओं को संपत्ति विवाद में वाद भूमि को अलग करने से रोक दिया गया, क्योंकि प्रतिवादियों ने अदालत से विवाद से संबंधित पूर्व मुकदमे को दबा दिया।अदालत ने विभिन्न...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने साइकिल से टक्कर मारने के मामले में 9 साल के बच्चे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पर हैरत जताई, मुआवजे का आदेश दिया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में 'हैरान' और 'आश्चर्य' व्यक्त किया कि पुलिस ने 9 साल के बच्चे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 83 में साइकिल चलाते समय गलती से महिला को टक्कर मारने का मामला दर्ज किया।जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस एस एम मोदक की पीठ ने अपने आदेश में कहा,"कार्रवाई अपराध दर्ज करते समय संबंधित अधिकारी द्वारा पूरी तरह से दिमाग का इस्तेमाल न करने को दर्शाती है।"आईपीसी की धारा 83 में प्रावधान है कि 7 से 12 वर्ष की आयु के बच्चे द्वारा किया गया कुछ भी अपराध नहीं है, जिसने उस...
क्या सीपीसी के आदेश VII नियम 10, 10ए का पालन किए बिना आर्थिक क्षेत्राधिकार के अभाव में वाद वापस किया जा सकता है? कर्नाटक हाईकोर्ट ने दिया जवाब
कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि कोई भी दीवानी अदालत नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के आदेश VII के नियम 10 की आवश्यकताओं का पालन किए बिना आर्थिक क्षेत्राधिकार की कमी के आधार पर कोई वाद वापस नहीं कर सकती है।धारवाड़ स्थित न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की एकल पीठ ने एक दिवंगत सैन्य अधिकारी आनंद की मां येलव्वा द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और ट्रायल कोर्ट अदालत द्वारा पारित उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें बैंक सहित अधिकारियों को उनके बैंक खातों और मृतक के खाते में उपलब्ध राशि में से कोई भी राशि...