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सीआरपीसी की धारा 125 के तहत बेटी को दिखाना होगा कि वह खुद का भरण-पोषण करने में असमर्थ है या बालिग नहीं हुई है: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
सीआरपीसी की धारा 125 के तहत बेटी को दिखाना होगा कि वह खुद का भरण-पोषण करने में असमर्थ है या बालिग नहीं हुई है: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने कहा है कि सीआरपीसी की धारा 125 के अनुसार गुजारा भत्ता पाने के लिए एक बेटी को यह मामला बनाना होगा कि वह खुद का भरण-पोषण करने में असमर्थ है या बालिग नहीं हुई है।इसके साथ ही जस्टिस दीपक कुमार तिवारी की पीठ ने हाल ही में एक फैमिली कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली एक व्यक्ति की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें उसे उसकी 24 वर्षीय बेटी (प्रतिवादी) को प्रति माह अंतरिम भरण-पोषण के रूप में 5 हजार रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया...

दैनिक जीवन के खर्च में बढ़ोतरी और समय बीतने के आधार पर विशेष विवाह अधिनियम के तहत भरण-पोषण बढ़ाया जा सकता है : कर्नाटक हाईकोर्ट
दैनिक जीवन के खर्च में बढ़ोतरी और समय बीतने के आधार पर विशेष विवाह अधिनियम के तहत भरण-पोषण बढ़ाया जा सकता है : कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत पत्नी को दी जाने वाली भरण-पोषण राशि को बढ़ाने के लिए बदली हुई परिस्थितियों के रूप में 'समय बीतना' और 'दैनिक जीवन के खर्च में बढ़ोतरी' वैध आधार हैं।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने विनीता थॉमस द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और वर्ष 2016 में उसे भरण-पोषण के तौर पर दी गई 10,000 रुपये की राशि को बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दिया है। पीठ ने कहा,''बदली हुई परिस्थिति यह नहीं होनी चाहिए कि पत्नी अपने रहन-सहन की हर परिस्थिति, रहन-सहन के तौर-तरीके...

जमानत पर लंबी सुनवाई समय की बर्बादी, बहस 10 मिनट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए : जस्टिस एसके कौल
जमानत पर लंबी सुनवाई समय की बर्बादी, बहस 10 मिनट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए : जस्टिस एसके कौल

मुख्य न्यायाधीश के बाद सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज जस्टिस संजय किशन कौल ने शुक्रवार को लंबी जमानत याचिका दायर करने और लंबे तर्क देने की प्रथा पर टिप्पणी करते हुए इसे समय की बर्बादी कहा। जस्टिस कौल ने टिप्पणी की, "खुद के लिए बोलते हुए मुझे यह इस अदालत या किसी भी अदालत में ज़मानत पर होने वाली लंबी सुनवाई समय की पूरी बर्बादी लगती है, जो कई पन्नों में चलती है ... पूरी बहस की जाती है जैसे कि अंतिम सजा हो गई है।" .दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम द्वारा दायर एक अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम...

सुप्रीम कोर्ट ने महंत नरेंद्र गिरी आत्महत्या मामले में आरोपी आनंद गिरि की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने महंत नरेंद्र गिरी आत्महत्या मामले में आरोपी आनंद गिरि की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या से जुड़े मामले में आरोपी आनंद गिरि की जमानत याचिका पर शुक्रवार को नोटिस जारी किया। जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की खंडपीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली आनंद गिरी की याचिका पर उत्तर प्रदेश राज्य और केंद्रीय जांच ब्यूरो से जवाब मांगा। हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था।श्री मठ "बाघंबरी गद्दी", प्रयागराज के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर, 2021 को मठ के अंदर मृत पाए गए थे। एक कथित सुसाइड नोट बरामद...

दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
'पूर्वाग्रह का क्लासिक और टेक्‍स्टबुक उदाहरण': मोजाम्बिक में प्रतिनियुक्ति के लिए कर्मचारी को राहत देने से मना करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू को फटकार लगाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को निर्देश दिया है कि वह एक कर्मचारी को रीलिविंग ऑर्डर जारी करे ताकि वह मोज़ाम्बिक में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद में अल्पकालिक प्रतिनियुक्ति पर आगे बढ़ सके।याचिकाकर्ता उमेश बाबू ने आईसीसीआर के सांस्कृतिक केंद्र में शिक्षक भारतीय संस्कृति के रूप में 11 महीने की प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन किया था और नवंबर 2021 में इंटरव्यू सफलतापूर्वक पास कर लिया था। उन्हें अप्रैल 2022 में नियुक्ति का प्रस्ताव जारी किया गया। हालांकि, उनके नियोक्ता जेएनयू ने...

दिल्ली हाईकोर्ट, दिल्ली
'सड़क दुर्घटना के मामलों में एसओपी का पालन करें': हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर को यह बताने का निर्देश दिया कि क्या कोई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) है, जिसका सड़क दुर्घटना के मामलों के संबंध में पालन किया जाता है।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह एक 26 वर्षीय युवक के माता-पिता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थीं, जिसकी जूमकार से किराए की कार में यात्रा करते समय सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप है कि किराए के वाहन का चालक कार चलाते समय शराब पीकर नशे में था।अदालत ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण मामला...

दिल्ली हाईकोर्ट
यूजर्स के फोन नंबर उपलब्ध करवाए बिना न्यायिक अधिकारी के अश्लील वीडियो के प्रसार को नहीं रोक सकते: दिल्ली हाईकोर्ट में व्हाट्सऐप ने कहा

दिल्ली हाईकोर्ट में व्हाट्सएप द्वारा को शुक्रवार को बताया गया कि वह यूजर्स के फोन नंबर दिए बिना मैसेजिंग ऐप पर न्यायिक अधिकारी को आपत्तिजनक स्थिति में दिखाने वाले वीडियो के प्रसार को नहीं रोक सकता।व्हाट्सएप के लिए उपस्थित सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा,"वे हमसे कुछ ऐसा करने की उम्मीद कर रहे हैं जो हम करने की स्थिति में नहीं हैं। MeitY का यह भी कहना कि हम ऐसा तब तक नहीं कर सकते जब तक वे हमें फोन नंबर नहीं देते।"यह सबमिशन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग ऐप पर चल रहे वीडियो को...

मार्कशीट में मां का नाम गलत लिखा, पीड़िता की उम्र संदिग्ध: एमपी हाईकोर्ट ने पॉक्सो मामले में जमानत दी
मार्कशीट में मां का नाम गलत लिखा, पीड़िता की उम्र संदिग्ध: एमपी हाईकोर्ट ने पॉक्सो मामले में जमानत दी

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने हाल ही में पॉक्सो मामले में अभियुक्त को यह देखने के बाद जमानत का लाभ दिया कि अभियोक्ता की उम्र उसकी मार्कशीट में उसकी मां के गलत नाम के कारण संदिग्ध है।जस्टिस प्रणय वर्मा की खंडपीठ ने आगे कहा कि अभियोजन पक्ष ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि वह स्वेच्छा से आवेदक/आरोपी के साथ चली गई-एफआईआर दर्ज करने के समय और सीआरपीसी की धारा 164 में पीड़िता को नाबालिग और उसके माता-पिता होने का आरोप लगाया गया। बयानों में कहा गया कि पीड़िता की...

सीआरपीसी की धारा 125-दावेदार के लिए भरण-पोषण की कार्यवाही में सभी पात्र व्यक्तियों पर मुकदमा चलाना अनिवार्य नहींः उत्तराखंड हाईकोर्ट
सीआरपीसी की धारा 125-दावेदार के लिए भरण-पोषण की कार्यवाही में 'सभी पात्र व्यक्तियों' पर मुकदमा चलाना अनिवार्य नहींः उत्तराखंड हाईकोर्ट

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण का दावा करने वाले व्यक्ति के लिए यह अनिवार्य नहीं है कि उसके भरण-पोषण के लिए जिम्मेदार सभी व्यक्तियों (जिनके पास पर्याप्त साधन हैं) को प्रतिवादी बनाए। यह दावेदार पर निर्भर है कि उसे किससे भरण-पोषण लेने आवश्यकता है और वह किसी एक या सभी व्यक्तियों को पक्षकार बनाने के लिए स्वतंत्र है। इस तरह मामले में पक्षकार न बनाने (non-impleadment) के खिलाफ दायर एक रिवीजन याचिका को खारिज करते हुए, जस्टिस मनोज कुमार तिवारी की पीठ ने...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गर्भवती पत्नी की देखभाल के एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपी को अंतरिम जमानत दी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गर्भवती पत्नी की देखभाल के एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपी को अंतरिम जमानत दी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ्तार आरोपी को उसकी गर्भवती पत्नी की डिलीवरी की तारीख देखते हुए अंतरिम जमानत दे दी।जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान की खंडपीठ ने उसे रिहा होने की पूर्व शर्त के रूप में जमानत बांड के साथ सिक्योरिटी अमाउंट के रूप में 10 लाख रुपये जमा करने का आदेश दिया।न्यायालय राजन सोंधी (एनडीपीएस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज) की याचिका पर विचार कर रहा था, जिसे इस तथ्य के कारण 30 दिनों के लिए अंतरिम जमानत दी गई कि उसकी पत्नी दिसंबर, 2022 के...

पुलिस सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार का हवाला देते हुए एफआईआर ट्रांसफर नहीं कर सकती: दिल्ली हाईकोर्ट
पुलिस सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार का हवाला देते हुए एफआईआर ट्रांसफर नहीं कर सकती: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि एक बार मजिस्ट्रेट सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश पारित कर देता है तो पुलिस के लिए क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के संबंध में आपत्ति उठाने का अधिकार नहीं है।जस्टिस जसमीत सिंह ने अतिरिक्त पुलिस आयुक्त द्वारा दिए गए उस आदेश को खारिज करते हुए कहा, जिसमें अपहरण के आरोप वाली एफआईआर की जांच दिल्ली के मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन से उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा ट्रांसफर कर दी गई।कोर्ट ने कहा,"मजिस्ट्रेट द्वारा एक बार जांच का निर्देश देने के...

शादीशुदा महिला को शादी के झूठे वादे पर सहमति देने के लिए फुसलाया नहीं जा सकता: झारखंड हाईकोर्ट
शादीशुदा महिला को शादी के झूठे वादे पर सहमति देने के लिए फुसलाया नहीं जा सकता: झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट ने माना कि जो विवाहित महिला अपने पति के अलावा किसी अन्य पुरुष के साथ सहमति से यौन संबंध बनाती है, बाद में शादी के झूठे बहाने से बलात्कार के लिए उस पर मुकदमा नहीं चला सकती। दूसरे शब्दों में न्यायालय का विचार है कि विवाहित महिला को शादी के झूठे वादे पर सेक्स के लिए सहमति देने के लिए फुसलाया नहीं जा सकता, क्योंकि ऐसा वादा अवैध है।जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की एकल न्यायाधीश पीठ ने आरोपी-याचिकाकर्ता पर लगाए गए बलात्कार के आरोप का संज्ञान लेने के आदेश को रद्द करते हुए कहा,"मामले में...

वेश्यालय के ग्राहक पर अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956 की धारा 7 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है: केरल हाईकोर्ट
वेश्यालय के ग्राहक पर अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956 की धारा 7 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि वेश्यालय में 'ग्राहक' पर अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 की धारा 7 के तहत आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है, यदि प्रावधान में निर्दिष्ट शर्तें पूरी होती हैं।अधिनियम की धारा 7 कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में वेश्यावृत्ति को दंडनीय बनाती है और न्यायालय ने इस मामले में पाया कि अधिनियम की धारा 7(1) में वर्णित शब्द 'व्यक्ति जिसके साथ वेश्यावृत्ति की जाती है' में 'ग्राहक' शामिल होगा।जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस ने कहा,क़ानून की दंडात्मक सीमा में आने वाले ग्राहक की अनुपस्थिति...

साकेत गोखले
[पीएम मोदी पर फेक ट्वीट] साकेत गोखले को गुजरात कोर्ट से मिली जमानत, एक नए मामले में फिर से गिरफ्तार

गुजरात के अहमदाबाद जिले की एक अदालत ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रवक्ता साकेत गोखले (Saket Gokhale) को उनके खिलाफ एक प्राथमिकी के संबंध में जमानत दे दी थी, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की पिछले महीने मोरबी की यात्रा के स्थान पर ट्विटर पर एक फेक न्यूज रिपोर्ट ट्वीट करने का आरोप लगाया गया था।हालांकि, उसके बाद जल्द ही मोरबी में उसके खिलाफ दर्ज एक नई प्राथमिकी में, इसी तरह के आरोपों पर आईपीसी की धारा 125 [चुनाव के दौरान वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना] के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।उनके खिलाफ यह...

अगर समाज तरक्की कर रहा है तो कानून क्यों नहीं तरक्की कर सकते? बॉम्बे हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन नहीं पर सरकार की खिंचाई की
अगर समाज तरक्की कर रहा है तो कानून क्यों नहीं तरक्की कर सकते? बॉम्बे हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन नहीं पर सरकार की खिंचाई की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को पुलिस विभाग में भर्ती के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए प्रावधान नहीं करने और 'नींद' में रहने के लिए राज्य सरकार की खिंचाई की।पीठ ने कहा,''सुप्रीम कोर्ट का आदेश होने के बावजूद आपकी सरकार ने सात साल तक कुछ नहीं किया। हमें ऐसा क्यों करना पड़ रहा है?चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस अभय आहूजा की खंडपीठ गृह विभाग के सभी भर्ती आवेदनों में 'अन्य लिंग' विकल्प जोड़ने के लिए महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण द्वारा जारी निर्देशों के खिलाफ राज्य की अपील पर सुनवाई कर रही...

अपनी गलती सुधारने के लिए अदालत के लिए कोई देरी बहुत लंबी नहीं: जेकेएल हाईकोर्ट ने मृत व्यक्ति के खिलाफ असावधानीपूर्ण कार्यवाही और फैसले पर कहा
'अपनी गलती सुधारने के लिए अदालत के लिए कोई देरी बहुत लंबी नहीं': जेकेएल हाईकोर्ट ने मृत व्यक्ति के खिलाफ असावधानीपूर्ण कार्यवाही और फैसले पर कहा

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने मृत व्यक्ति के खिलाफ अनजाने में दिए गए आदेशों और निर्णयों की श्रृंखला को अलग करते हुए कहा कि उसे अपनी गलतियों को सुधारने का अधिकार है, चाहे देरी कितनी भी हो।जस्टिस रजनेश ओसवाल और जस्टिस राहुल भारती की खंडपीठ ने कहा,"न्यायालय के लिए अपनी गलती/त्रुटि में सुधार करने के लिए कोई देरी बहुत लंबी/देरी नहीं है ताकि प्रभावों को पूर्ववत किया जा सके और न्याय को बहाल किया जा सके... अदालत केवल अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ाती है जब वह किसी गलती/त्रुटि को स्वीकार करती है और...

अगर प्रीमियम चेक डिसऑनर होने पर पॉलिसी रद्द करने की सूचना दुर्घटना से पहले बीमित व्यक्ति को नहीं दी गई है तो बीमाकर्ता थर्ड पार्टी को मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार : कर्नाटक हाईकोर्ट
अगर प्रीमियम चेक डिसऑनर होने पर पॉलिसी रद्द करने की सूचना दुर्घटना से पहले बीमित व्यक्ति को नहीं दी गई है तो बीमाकर्ता थर्ड पार्टी को मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार : कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि बीमा कंपनी थर्ड पार्टी को मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है, भले ही बीमाधारक द्वारा प्रीमियम के लिए जारी किया गया चेक डिसऑनर हो गया हो, अगर इस तरह के तथ्य को मोटर दुर्घटना होने से पहले पॉलिसी धारक को सूचित नहीं किया गया।जस्टिस एचपी संदेश की एकल न्यायाधीश पीठ ने क्लेम ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ दावेदार द्वारा दायर की गई अपील स्वीकार करते हुई उक्त टिप्पणी की।दावेदार के बीमा कंपनी को दायित्व से मुक्त करने पर कोर्ट ने कहा,"अधिकरण ने देयता के मुद्दे पर विचार करते...

स्वाति मालीवाल
दिल्ली कोर्ट ने डीसीडब्ल्यू में अवैध नियुक्तियों को लेकर स्वाति मालीवाल, 3 अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप तय किए

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) और तीन अन्य के खिलाफ एक मामले में भ्रष्टाचार के आरोप तय किए। इसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने महिला अधिकार निकाय में 6 अगस्त, 2015 से 1 अगस्त, 2016 के बीच आम आदमी पार्टी (आप) सहित विभिन्न परिचितों को अवैध रूप से नियुक्त करके अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और आर्थिक लाभ प्राप्त किया।राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज डीआईजी विनय सिंह ने कहा कि मालीवाल, प्रोमिला गुप्ता, सारिका चौधरी और फरहीन मलिक के...

भाजपा विधायक दिनेश प्रताप सिंह
"राजनीतिक कार्यकर्ताओं को प्रशासन के खिलाफ विरोध करने का अधिकार है": इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के मंत्री के खिलाफ मामला खारिज किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने उत्तर प्रदेश सरकार में मौजूदा मंत्री और भाजपा विधायक दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ दर्ज 2013 के एक आपराधिक मामले को खारिज कर दिया।कोर्ट ने कहा,"वयस्क मताधिकार पर आधारित लोकतंत्र में, राजनीतिक कार्यकर्ता और अन्य जन-उत्साही व्यक्तियों को कथित भेदभाव/अत्याचार, निष्क्रियता, चूक या राज्य प्राधिकरणों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करके प्रशासन के खिलाफ विरोध का अधिकार है।"जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने इस तथ्य को भी ध्यान में रखा कि राज्य सरकार ने पहले ही अभियोजन...

धारा 99 सीपीसी | आवश्यक पक्ष को न जोड़ना अपील में डिक्री को उलटने या मूलतः तब्दील करने या मुकदमे को वापस भेजने का आधारः कोलकाता हाईकोर्ट
धारा 99 सीपीसी | 'आवश्यक पक्ष' को न जोड़ना अपील में डिक्री को उलटने या मूलतः तब्दील करने या मुकदमे को वापस भेजने का आधारः कोलकाता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक फैसले में कहा कि एक 'आवश्यक पक्ष' को न जोड़ना अपील में डिक्री को उलटने या मूलतः तब्दील करने का आधार है। एक उपयुक्त मामले में इस प्रकार के मुकदमे में पारित डिक्री को रद्द करने के बाद खुद मुकदमे को रिमांड करने का आधार हो सकता है।फैसले का आधार यह तर्क था कि सीपीसी की धारा 99 की स्पष्ट वैधानिक भाषा किसी भी पक्ष को गलती से ना जोड़ पाने या ना जोड़ पाने के आधार पर, या कार्रवाई के कारण या मुकदमे की किसी भी कार्यवाही में किसी त्रुटि, दोष या अनियमितता के आधार पर, अपील में...