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'बिजली जीवन के अधिकार का अभिन्न अंग': पीएंडएच हाईकोर्ट ने किरायेदार के बिजली कनेक्शन को बहाल करने का आदेश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि बिजली जीवन के अधिकार का अभिन्न अंग है, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित है।जस्टिस मंजरी नेहरू कौल की एकल पीठ एक किरायेदार-दुकानदार ओम प्रकाश द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसकी बिजली उसके मकान मालिक बलकार सिंह ने काट दी थी। प्रतिवादी-मकान मालिक ने यह आरोप लगाते हुए आपूर्ति काट दी थी कि दोनों के बीच पट्टा समझौता पहले ही समाप्त हो गया था और याचिकाकर्ता एक अवैध कब्जाधारी था।पूर्वोक्त परिसर का कब्जा भी एक लंबित मुकदमे का विषय था,...
यूपी शहरी निकाय चुनाव | राज्य सरकार 'ट्रिपल टेस्ट' की औपचारिकताओं को पूरा करेगी, ओबीसी सर्वेक्षण के लिए कमेटी के गठन का फैसला किया
उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी निकाय चुनावों में पिछड़ी जाति के लिए पर्याप्त आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य "ट्रिपल टेस्ट" औपचारिकता को पूरा करने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने सर्वेक्षण के लिए 5 सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति को 6 महीने की अवधि के लिए गठित किया गया है।उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य चुनाव आयोग को ओबीसी आरक्षण के बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनावों को तुरंत अधिसूचित करने का निर्देश दिया था। फैसले के बाद राज्य सरकार को पिछड़ा आरक्षण के मुद्दे पर भारी...
हाईकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को सार्वजनिक सड़कों से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया; किसी भी उल्लंघन के लिए डीसी और एसपी जिम्मेदार होंगे
हाईकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक सड़कों और गलियों के बढ़ते अतिक्रमण को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को जम्मू-कश्मीर सरकार और जम्मू नगर निगम को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सार्वजनिक सड़क, मार्ग और लेन पर किसी भी प्रकार की संरचना की अनुमति नहीं दी जाए।एक्टिंग चीफ जस्टिस ताशी रब्स्तान और जस्टिस राजेश सेखरी की खंडपीठ ने कहा कि यदि पिछले पांच वर्षों की अवधि के भीतर ऐसी कोई संरचना बनाई या फिर से बनाई गई है तो उसे तुरंत हटा दिया जाएगा। किसी भी नए अतिक्रमण के मामले में उपायुक्त और उस...
MSMED एक्ट के तहत नियुक्त मध्यस्थ द्वारा निष्पक्षता का खुलासा अधिनियम की धारा 24 की भावना के खिलाफ नहीं, ए एंड सी अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे: कलकत्ता हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006 (MSMED एक्ट) की धारा 24 का अधिभावी प्रभाव विशेष क़ानून के तहत नियुक्त मध्यस्थ पर मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 के अनुसार, अपनी स्वतंत्रता और निष्पक्षता का खुलासा करने के लिए पूर्ण रोक के रूप में काम नहीं करेगा।जस्टिस सुभाशीष दासगुप्ता ने यह भी कहा कि MSMED एक्ट की धारा 18(3) के तहत नियुक्त मध्यस्थ के पास उसे संदर्भित सभी विवादों को तय करने की शक्ति है, जैसे कि मध्यस्थता अधिनियम की की धारा 7 उप-धारा...
[बीआरएस विधायक खरीद-फरोख्त का मामला] सीएम ने स्वंय आरोपी को साजिशकर्ता के रूप में ब्रांडेड किया, यह नहीं कह सकते कि एसआईटी निष्पक्ष रूप से मामले की जांच कर रही है: तेलंगाना हाईकोर्ट
तेलंगाना हाईकोर्ट ने विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी। कोर्ट ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने स्वयं बीआरएस विधायक अवैध खरीद-फरोख्त मामले में अभियुक्तों को साजिशकर्ता के रूप में ब्रांडेड किया है और इसलिए, यह नहीं कहा जा सकता है कि एसआईटी जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है।अहम बात यह है कि अपने 98 पेज के आदेश में कोर्ट ने स्पष्ट बयान दिया कि बीजेपी और टीआरएस पार्टी के बीच राजनीतिक खींचतान में अभियुक्तों के संवैधानिक और वैधानिक...
मद्रास हाईकोर्ट ने चेन्नई, कोयम्बटूर नगरपालिका क्षेत्रों में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने के राज्य के फैसले को सही ठहराया
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में तमिलनाडु के नगरपालिका प्रशासन और जल आपूर्ति विभाग द्वारा जारी सरकारी आदेश और ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन और कोयम्बटूर कॉर्पोरेशन के परिणामी प्रस्तावों की वैधता को बरकरार रखा, जिसके द्वारा चेन्नई और कोयम्बटूर में प्रॉपर्टी टैक्स को संशोधित और बढ़ाया गया है।अदालत ने हालांकि जोर दिया कि टैक्स दरों में यह संशोधन पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं किया जा सकता और इस हद तक संशोधन नोटिस खारिज कर दिया।जस्टिस अनीता सुमंत ने चेन्नई और कोयम्बटूर में प्रॉपर्टी टैक्स को संशोधित करने के...
वाहन मालिक भी ट्रक से बरामद पशुओं के रखरखाव, उपचार के लिए भुगतान करने के लिए उत्तरदायी: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने हाल ही में एक वाहन के मालिक को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत बरामद किए गए जानवरों के रखरखाव और स्वास्थ्य निरीक्षण के लिए भुगतान करने के निर्देश को बरकरार रखा।जस्टिस प्रकाश नाइक ने फैसले में कहा कि सत्र न्यायाधीश ने मजिस्ट्रेट के आदेश को बरकरार रखते हुए पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम (जानवरों की देखभाल और रखरखाव) नियम, 2017 के नियम 5 का संदर्भ दिया है, जिसमें वाहन मालिक, कंसाइनर, कंसाइनी, ट्रांसपोर्टर, एजेंट और अन्य शामिल पार्टियों द्वारा जानवरों के...
घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत उस महिला को व्यथित और भरण पोषण की हकदार माना जाएगा, जिसका विवाह समलैंगिक पुरुष से हुआ : मुंबई कोर्ट
मुंबई के एक ट्रायल कोर्ट ने यह देखते हुए कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत 'पीड़ित व्यक्ति' शब्द में केवल ऐसी महिला शामिल नहीं होगी, जो शारीरिक शोषण का शिकार होती है, बल्कि इसमें ऐसी महिला भी होगी, जो यौन, मौखिक और भावनात्मक शोषण सहती है। इसके साथ ही कोर्ट ने 'समलैंगिक' पुरुष को स्त्री को भरण-पोषण भत्ता का भुगतान करने के निर्देश के आदेश को बरकरार रखा।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. ए.ए. जोगलेकर ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ पति की अपील खारिज कर दिया, जिसमें पत्नी को भरष-पोषण के लिए 15,000 रुपये...
'एफआईआर दर्ज करने में अनुचित देरी': मुंबई कोर्ट ने टीवीएफ के फाउंडर अरुणाभ कुमार को यौन उत्पीड़न मामले में बरी किया
मुंबई के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म 'द वायरल फीवर' के संस्थापक अरुणाभ नथुनी कुमार को आईपीसी की धारा 354A के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी कर दिया।मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एआई शेख ने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष ने कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया और मामले में सबूत में विसंगति और विरोधाभास है।कोर्ट ने कहा,"एफआईआर दर्ज करने में अनुचित और अस्पष्ट देरी हुई है, जिसने अभियोजन पक्ष के मामले पर संदेह पैदा किया। ऐसा लगता है कि शिकायत अभियुक्त और शिकायतकर्ता के बीच व्यापार में...
ए एंड सी अधिनियम की धारा 9 आवेदन से हटाए गए पक्षकार के खिलाफ आर्बिट्रेशन का आह्वान किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि एक बार मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 (ए एंड सी अधिनियम) की धारा 9 के तहत आवेदन दायर किया जाता है और केवल इसलिए कि आवेदक बाद में अधिनियम की धारा 9 के तहत कार्यवाही से पक्षकार को हटाने का विकल्प चुनता है, तो यह नहीं माना जा सकता है कि ऐसे पक्षकार के खिलाफ कभी भी आर्बिट्रेशन की कार्यवाही का आह्वान नहीं किया जा सकता।जस्टिस मनीष पिटाले की पीठ ने कहा कि अधिनिमय की धारा 9 के तहत अंतरिम उपायों के लिए आवेदन करने वाला पक्षकार कुछ पक्षकारों को हटाने की इच्छा कर सकता है,...
NCLAT दिल्ली ने डीएलएफ को क्लीन चिट देने वाला CCI का आदेश रद्द किया, मामले को नए सिरे से विचार के लिए CCI को भेजा
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) की जस्टिस राकेश कुमार (न्यायिक सदस्य) और डॉ. अशोक कुमार मिश्रा (तकनीकी सदस्य) की प्रिंसिपल बेंच ने अमित मित्तल बनाम डीएलएफ लिमिटेड और अन्य में दायर अपील पर फैसला करते हुए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के 31.08.2018 के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें डीएलएफ और उसकी अनुषंगी को प्रभावी स्थिति के दुरुपयोग के आरोप में क्लीन चिट दी गई थी।CCI का उक्त आदेश डायरेक्टर जनरल द्वारा प्रस्तुत पूरक रिपोर्ट पर आधारित था। खंडपीठ ने कहा कि CCI केवल बंद होने के मामले में...
कर्नाटक हाईकोर्ट ने वाहनों के लिए बीएच-सीरीज रजिस्ट्रेशन से प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को बाहर करने का राज्य का फैसले खारिज किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य परिवहन और सड़क सुरक्षा आयुक्त को प्राइवेट सेक्टर की कंपनी के दो कर्मचारियों के मोटर वाहनों को बीएच-सीरीज़ रजिस्ट्रेशन के तहत रजिस्टर्ड करने का निर्देश दिया।जस्टिस सी एम पूनाचा की एकल पीठ ने फोर्टिनेट टेक्नोलॉजीज इंडिया में काम करने वाले रंजीथ के पी और एक्सेंचर सॉल्यूशंस में काम करने वाली शालिनी टी की याचिका स्वीकार कर ली।अदालत ने राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 20.12.2021 रद्द कर दी, जिसके द्वारा प्राइवेट सेक्टर की कंपनी के कर्मचारी, जिनके भारत में चार या अधिक...
मर्डर सीन से डेड बॉडी को दूसरी जगह ले जाना आईपीसी की धारा 201 के दायरे में नहीं आता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हाल ही में कहा कि मर्डर सीन से डेड बॉडी को दूसरी जगह ले जाना आईपीसी की धारा 201 के दायरे में नहीं आता है क्योंकि बॉडी हटाने से मर्डर के सबूत गायब नहीं होते हैं।जस्टिस सुनीत कुमार और जस्टिस सैयद वाइज़ मियां की पीठ ने कहा कि आईपीसी की धारा 201 के तहत एक अपराध गठित करने के लिए कुछ सबूत गायब होने चाहिए।आगे कहा,"धारा 201 एक ऐसे व्यक्ति पर नज़र रखती है जो तथ्य के बाद एक सहायक के रूप में एक अपराधी को स्क्रीन करने के इरादे से झूठी सूचना देता है और उसे...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मुकदमा दायर करने के 7 साल बाद मुकदमे को वापस लेने और नए सिरे से दायर करने की अनुमति दी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने हाल ही में सीपीसी के आदेश 23 नियम 1 और 3 के तहत एक याचिकाकर्ता द्वारा अपने मुकदमे को नए सिरे से दायर करने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस लेने की अनुमति दी। सात साल से अधिक समय बाद एक सिविल न्यायाधीश के समक्ष मामला दायर किया गया था।आवेदन की अनुमति देते हुए जस्टिस प्रणय वर्मा ने कहा कि वादी के आचरण और मुकदमे की कार्यवाही के चरण को देखते हुए, उसे वापस लेने और नए सिरे से मुकदमा चलाने की अनुमति देना ही उचित होगा।कोर्ट ने कहा,"मामले में किसी भी तरीके से मैरिट...
जमानत| भाग एकः नियमित जमानत| सवाल और जस्टिस वी रामकुमार के जवाब
ए. नियमित जमानतप्रश्नः क्या "जमानत" शब्द को क्रिया और संज्ञा के रूप में प्रयोग किया जा सकता है और इसका अर्थ क्या है ?उत्तर. "जमानत" शब्द का प्रयोग क्रिया और संज्ञा दोनों के रूप में किया जाता है। एक क्रिया के रूप में, "जमानत देना" शब्द का अर्थ है -"गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को उसके जमानतदार को देना, जब वह न्यायालय के अधिकार क्षेत्र और जजमेंट के समक्ष निर्दिष्ट समय और स्थान पर उसकी उपस्थिति तय करने की जमानत दे"।एक "संज्ञा" के रूप में "जमानत" शब्द का अर्थ है - "जमानतदार, जिनकी कस्टडी में गिरफ्तार...
2022: सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच को भेजे गए महत्वपूर्ण संदर्भ
सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में कई महत्वपूर्ण संदर्भ दिए। मौजूदा आलेख में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2022 में दिए गए महत्वपूर्ण संदर्भों का विववरण दिया गया है। यह वर्षांत की विशेष प्रस्तुति है।1.हिजाब प्रतिबंध मामला: क्या कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध संवैधानिक है?केस टाइटल: ऐशत शिफ़ा बनाम कर्नाटक राज्य और अन्य | 2022 लाइवलॉ (एससी) 842कोरम : जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलियासुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम लड़कियों के...
संदर्भ मुआवजे की मात्रा तक सीमित; यदि बीमाकर्ता देयता पर विवाद करता है तो यह मध्यस्थता-योग्य नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि जहां केवल बीमा पॉलिसी के तहत देय मुआवजे की मात्रा से संबंधित विवाद के संदर्भ में ही मध्यस्थत खंड का प्रावधान किया गया है, बीमा कंपनी द्वारा दायर याचिका में पॉलिसी के तहत अपनी देनदारी पर किया गया विवाद, विवाद को नॉन-अर्बिट्रेबल बना देता है।जस्टिस भारती डांगरे की पीठ ने दोहराया कि मध्यस्थता खंड की सख्ती से व्याख्या की जानी चाहिए। न्यायालय ने पाया कि पॉलिसी के तहत बीमाकर्ता की स्पष्ट देयता की स्वीकृति मध्यस्थता खंड को लागू करने के लिए अनिवार्य है, जिसके अभाव...
मोटर वाहन अधिनियम | चश्मदीद के बयान दर्ज करने में देरी उसके बयान पर अविश्वास करने के लिए पर्याप्त नहीं: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि मोटर दुर्घटना के मामलों में चश्मदीद के बयान पर विश्वास न करने के लिए उसके बयान दर्ज करने में देरी महत्वपूर्ण नहीं है। जस्टिस सैम कोशी ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 173 के तहत बीमा कंपनी द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की। "केवल इसलिए कि चश्मदीद गवाह का बयान देर से दर्ज किया गया था या चश्मदीद गवाह ने पुलिस अधिकारियों के सामने बयान दर्ज किए जाने तक किसी अन्य व्यक्ति को इस तथ्य का खुलासा नहीं किया था, उसके बयान पर अविश्वास करने का...
लोक सेवक द्वारा जारी दस्तावेज सार्वजनिक माने जाते हैं, जेएंडके एंड एल हाईकोर्ट ने डिटेंशन ऑर्डर के स्रोत पर पूछताछ के लिए दिए निर्देशों को रद्द किया
जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने बुधवार को एक आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें एंटी करप्शन ब्यूरो को यह जांच करने का निर्देश दिया गया था कि याचिकाकर्ता ने आदेश के निष्पादन से पहले डिटेंशन ऑर्डर और कुछ आधिकारिक पत्राचार कैसे हासिल किया। हाईकोर्ट ने कहा, लोक सेवक द्वारा जारी ऐसे दस्तावेज सार्वजनिक डोमेन में होने चाहिए और वे न तो वर्गीकृत थे और न ही आधिकारिक गोपनीयता से संबंधित थे।कोर्ट ने कहा, "माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के मद्देनजर, कि अदालत को प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की...
सेवा में कमी के लिए डेवलपर के साथ-साथ भूस्वामी संयुक्त रूप से उत्तरदायी: एनसीडीआरसी
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष बिनॉय कुमार और सदस्य सुदीप अहलूवालिया की पीठ ने कहा कि सेवा में कमी के लिए डेवलपर के साथ-साथ किसी भी मुआवजे के लिए एक भूस्वामी संयुक्त रूप से उत्तरदायी है। आयोग फ्लैटों के कब्जे में देरी के बारे में एक शिकायत पर सुनवाई कर रहा था।शिकायतकर्ताओं ने कर्नाटक में स्थित "एनडी लॉरेल" परियोजना में एक इकाई बुक की। यह प्रस्तुत किया गया कि खरीदार फ्लैटों के निर्माण और उनके विकास के लिए विपरीत पक्ष नंबर 1 (एनडी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड) के साथ समझौते में...