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भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को चुनौती देने वाली पार्टी को लोकस स्टैंडी स्थापित करना चाहिए: कलकत्ता हाईकोर्ट
भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को चुनौती देने वाली पार्टी को लोकस स्टैंडी स्थापित करना चाहिए: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक फैसले में स्पष्ट किया कि भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही के खिलाफ या अवार्ड/मुआवजे के संबंध में किसी राहत का दावा करने से पहले दावेदार को अपना अधिकार स्थापित करना होगा।जस्टिस मौसमी भट्टाचार्य ने कहा,"चूंकि याचिकाकर्ता उस जमीन का मूल मालिक नहीं था, जिससे 1972 में राज्य ने भूमि का अधिग्रहण किया था, याचिकाकर्ता राज्य से अवार्ड/मुआवजे का सबूत पेश करने के लिए निर्देश की मांग नहीं कर सकता। ऐसे निर्देश या अवार्ड संबंधी किसी राहत /मुआवजे का दावा केवल तत्कालीन मालिक कर सकता है, जिससे...

जब देश के सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित किया है तो कलेक्टर इसे लागू करने की अनुमति का इंतजार नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट
जब देश के सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित किया है तो कलेक्टर इसे लागू करने की अनुमति का इंतजार नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लेकर निर्देशों के कार्यान्वयन में देरी करने वाले अधिकारियों के रवैये को अस्वीकार कर दिया है। कोर्ट ने हाल ही में कहा कि जब देश के सर्वोच्च न्यायालय ने कोई निर्देश पारित किया है तो इसे लागू करने के लिए सीनियर अधिकारियों से अनुमति मांगने का कोई आधार नहीं है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की खंडपीठ ने जिला कलेक्टर के आचरण को अवमानना ​​​​मानते हुए 6 फरवरी को पारित आदेश में यह अवलोकन किया।पीठ ने कहा,"जब देश के सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक आदेश...

क्रूर, निर्दयी और असभ्य कृत्य: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 7 साल की लड़की के साथ गैंगरेप के मामले में 2 दोषियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी
'क्रूर, निर्दयी और असभ्य कृत्य': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 7 साल की लड़की के साथ गैंगरेप के मामले में 2 दोषियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने 7 साल की लड़की के साथ गैंगरेप के मामले में 2 दोषियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी।दरअसल, सेशन कोर्ट ने साल 2010 में एक 7 वर्षीय बच्ची के साथ गैंगरेप के मामले में 2 व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।दोषियों को दी गई सजा को कम करने से इनकार करते हुए जस्टिस सुनीत कुमार और जस्टिस उमेश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा,"यह जुवेनाइल द्वारा बलात्कार का मामला नहीं है। पीड़िता अपराध की प्रकृति को भी नहीं जानती थी। इसलिए, चोटों की प्रकृति, पीड़िता की उम्र,...

ट्रिब्यूनल के पास उनके समक्ष पेश होने वाले वकीलों के ड्रेस कोड पर निर्देश जारी करने का कोई अधिकार नहीं: मद्रास हाईकोर्ट
ट्रिब्यूनल के पास उनके समक्ष पेश होने वाले वकीलों के ड्रेस कोड पर निर्देश जारी करने का कोई अधिकार नहीं: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने एनसीएलटी के रजिस्ट्रार द्वारा जारी वह अधिसूचना रद्द कर दी जिसमें एनसीएलटी की किसी भी पीठ के समक्ष पेश होने वाले वकीलों के लिए गाउन पहनना अनिवार्य किया गया था।जस्टिस के रविचंद्रबाबू (सेवानिवृत्त होने के बाद) और जस्टिस टीएस शिवगणनम की खंडपीठ ने इससे पहले आदेश के संचालन पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था, जिसमें कहा गया कि यह बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के विपरीत है, जो कि गाउन पहनना अनिवार्य है। वकील केवल तभी गाउन पहन सकते हैं, जब वह सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में पेश हो...

1 मार्च से ओपीडी, आईपीडी में ईडब्ल्यूएस मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया कराएंगे: दिल्ली हाईकोर्ट में राजीव गांधी कैंसर अस्पताल ने कहा
1 मार्च से ओपीडी, आईपीडी में ईडब्ल्यूएस मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया कराएंगे: दिल्ली हाईकोर्ट में राजीव गांधी कैंसर अस्पताल ने कहा

दिल्ली हाईकोर्ट में राजीव गांधी कैंसर अस्पताल ने बुधवार को बताया कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के रोगियों को इनपेशेंट विभाग (आईपीडी) में 10% और बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में 25% तक मुफ्त मेडिकल उपचार प्रदान करेगा। यह सुविधा 01 मार्च से प्रभावी होगी।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ अस्पताल में गरीब मरीजों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा की कमी के खिलाफ सोशल ज्यूरिस्ट नाम के एनजीओ द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।अस्पताल की ओर से प्रस्तुत...

रिश्वतखोरी के आरोपों के बीच एडवोकेट सैबी जोस किदंगूर ने केरल हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया
रिश्वतखोरी के आरोपों के बीच एडवोकेट सैबी जोस किदंगूर ने केरल हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया

जजों को रिश्वत देने के नाम पर पैसे वसूलने के आरोप में एफआईआर का सामना कर रहे केरल हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (KHCAA) के अध्यक्ष एडवोकेट सैबी जोस किडांगूर ने एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से मुक्त होने के लिए अपना इस्तीफा सौंप दिया है।KHCAA की कार्यकारी समिति ने सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद सर्वसम्मति से उनके त्याग पत्र को स्वीकार करने का निर्णय लिया।KHCAA के सचिव को सौंपे गए पत्र में उन्होंने कहा कि जिस दिन से उन्होंने KHCAA के अध्यक्ष पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है, उन्हें "कुछ वकीलों...

[पोक्सो एक्ट] कथित पीड़िता की एकमात्र गवाही अगर विश्वसनीय पाई जाती है तो इसका उपयोग ये तय करने के लिए किया जा सकता है कि सजा के लिए मामला बनता है या नहीं: मेघालय हाईकोर्ट
[पोक्सो एक्ट] कथित पीड़िता की एकमात्र गवाही अगर विश्वसनीय पाई जाती है तो इसका उपयोग ये तय करने के लिए किया जा सकता है कि सजा के लिए मामला बनता है या नहीं: मेघालय हाईकोर्ट

मेघालय हाईकोर्ट ने कहा कि पोस्को मामले में कथित पीड़ित लड़की की एकमात्र गवाही अगर विश्वसनीय पाई जाती है तो इसका उपयोग ये तय करने के लिए किया जा सकता है कि सजा के लिए मामला बनता है या नहीं।सीआरपीसी की धारा 482 के तहत एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डब्ल्यू डेंगदोह ने ये टिप्पणियां कीं।आवेदन में पॉक्सो अधिनियम, 2012 की धारा 3(ए) और 4 के साथ पठित आईपीसी की धारा 376 के तहत विशेष पॉक्सो मामले में आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई थी।याचिकाकर्ता के वकील ने प्रस्तुत किया कि अध्यक्ष, बाल...

गांवों के लोगों को भी एक्सपर्ट्स की सेवाएं चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट ने पीजी डॉक्टरों की ग्रामीण पोस्टिंग में हस्तक्षेप करने से इनकार किया
'गांवों के लोगों को भी एक्सपर्ट्स की सेवाएं चाहिए': मद्रास हाईकोर्ट ने पीजी डॉक्टरों की ग्रामीण पोस्टिंग में हस्तक्षेप करने से इनकार किया

मद्रास हाईकोर्ट ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (UPHC) और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (APHC) में नॉन-सर्विस पीजी डॉक्टरों की पोस्टिंग को चुनौती देने वाली याचिका में सार्वजनिक स्वास्थ्य और निवारक चिकित्सा निदेशालय के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। साथ ही निर्देश दिया डॉक्टरों को उन्हें आवंटित केंद्रों में ड्यूटी पर रिपोर्ट करना होगा।डॉक्टरों का मुख्य तर्क यह था कि पोस्टिंग उनके द्वारा पीजी कोर्स में प्राप्त योग्यता और विशेषज्ञता के अनुरूप नहीं है। यह भी तर्क दिया गया कि...

न्यायिक अधिकारी के यौन वीडियो वाले यूआरएल या पोस्ट को हटा दें: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कहा
न्यायिक अधिकारी के यौन वीडियो वाले यूआरएल या पोस्ट को हटा दें: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को व्हाट्सएप और गूगल समेत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कहा कि अगर पहले से पारित अंतरिम रोक आदेश के संदर्भ में न्यायिक अधिकारी को आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया है तो वीडियो से संबंधित यूआरएल या पोस्ट को हटा दें।जस्टिस यशवंत वर्मा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को विचाराधीन वीडियो प्रकाशित करने या शेयर करने से रोकने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा की मांग करने वाले मुकदमे की सुनवाई कर रहे थे। यह ज्ञात नहीं है कि मुकदमा किसने दायर किया, क्योंकि अदालत ने वादी की पहचान छिपाने की प्रार्थना...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
कर्नाटक हाईकोर्ट ने न्यायाधीशों और न्यायिक प्रणाली के खिलाफ 'बेबुनियाद आरोप' लगाने वाले वकील को एक सप्ताह के लिए जेल भेजा

कर्नाटक हाईकोर्ट ने अदालत की अवमानना के आरोप में वकील को एक सप्ताह की न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया।चीफ जस्टिस प्रसन्ना बी वराले और जस्टिस अशोक एस किनागी की खंडपीठ ने 2 फरवरी को वकील केएस अनिल के खिलाफ 2019 में शुरू की गई स्वत: अवमानना कार्यवाही में आदेश पारित किया।पीठ ने कहा,"न्यायालय की अवमानना करने के लिए आरोपी को न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश पारित करने के अलावा इस अदालत के पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है।"अदालत ने निर्देश दिया कि अनिल को एक सप्ताह की अवधि के लिए न्यायिक हिरासत...

[मोहसिन शेख लिंचिंग] चश्मदीद आरोपी की पहचान करने में विफल रहे, हिंदू राष्ट्र सेना के अध्यक्ष द्वारा घृणास्पद भाषण नहीं दिया गया: पुणे कोर्ट ने 21 को बरी किया
[मोहसिन शेख लिंचिंग] चश्मदीद आरोपी की पहचान करने में विफल रहे, हिंदू राष्ट्र सेना के अध्यक्ष द्वारा "घृणास्पद भाषण" नहीं दिया गया: पुणे कोर्ट ने 21 को बरी किया

पुणे सत्र न्यायालय ने इंजीनियर मोहसिन शेख (28) को पीट-पीट कर मार डालने के आरोपी 21 लोगों को बरी कर दिया। अदालत ने आरोपियों को बरी करने का फैसला यह देखते हुए लिया कि अदालत में एक भी चश्मदीद गवाह ने उन लोगों की पहचान नहीं की, जो घटना में शामिल थे। साथ ही, न ही हिंदू राष्ट्र सेना के अध्यक्ष धनंजय देसाई के "घृणित" भाषण को अभियोजन पक्ष द्वारा रिकॉर्ड में लाया गया। नृशंस हत्या की यह घटना 2014 में हुई थी।सत्र न्यायाधीश एसबी सालुंखे ने कहा,“यह स्पष्ट है कि हिंदू राष्ट्र सेना का अध्यक्ष और आरोपी नंबर 19...

अनुच्छेद 226 के तहत याचिका तब भी दायर की जा सकती है जब मौलिक अधिकार को खतरा हो, बशर्ते आशंका अच्छी तरह से स्थापित हो: जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट
अनुच्छेद 226 के तहत याचिका तब भी दायर की जा सकती है जब मौलिक अधिकार को खतरा हो, बशर्ते आशंका अच्छी तरह से स्थापित हो: जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने मंगलवार को दोहराया कि अनुच्छेद 226 के तहत याचिका पर तब भी विचार किया जा सकता है जब किसी नागरिक के मौलिक अधिकार को खतरा हो और किसी को इसे दायर करने के लिए वास्तविक पूर्वाग्रह या प्रतिकूल प्रभावों की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है, बशर्ते उसकी आशंका अच्छी तरह से स्थापित हो।जस्टिस राजेश सेखरी ने उस याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं, जिसके संदर्भ में याचिकाकर्ताओं ने उत्तरदाताओं को उन्हें वैध और उचित लाइसेंस के तहत आवंटित खाद्य उचित मूल्य की...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने लोकसभा चुनाव, 2019 में गुमान सिंह डामोर के खिलाफ दायर कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया की याचिका खारिज की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने लोकसभा चुनाव, 2019 में गुमान सिंह डामोर के खिलाफ दायर कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया की याचिका खारिज की

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने कांग्रेस नेता कांतिलाला भूरिया की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें रतलाम निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा, 2019 के लिए भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर के चुनाव को चुनौती दी गई थी।अदालत ने दोहराया कि चुनाव परिणाम को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता को यह साबित करने की आवश्यकता है कि परिणाम संविधान के प्रावधानों या आरपी अधिनियम, 1951 और उसके तहत बनाए गए नियमों के प्रावधानों का पालन न करने के कारण भौतिक रूप से प्रभावित हुआ है।जस्टिस विवेक रूसिया ने कहा कि केवल यह आरोप लगाना...

केरल हाईकोर्ट ने जज को लेकर यूट्यूब वीडियो बनाने वाले केएम शाजहां के खिलाफ स्वत: संज्ञान के तहत अवमानना मामला शुरू किया
केरल हाईकोर्ट ने जज को लेकर यूट्यूब वीडियो बनाने वाले केएम शाजहां के खिलाफ स्वत: संज्ञान के तहत अवमानना मामला शुरू किया

केरल हाईकोर्ट ने केएम शाहजहां के खिलाफ स्वत: संज्ञान अवमानना का मामला शुरू किया गया। यह मामला शाहजहां द्वारा केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन के यूट्यूब वीडियो में हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के खिलाफ उनके द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के लिए शुरू किया गया।जस्टिस अनिल के. नरेंद्रन और जस्टिस पी.जी. अजित कुमार की खंडपीठ के समक्ष यह मामला विचाराधीन है।शाहजहां ने अपने वीडियो में हाईकोर्ट के न्यायाधीशों पर गंभीर आरोप लगाए, जो यूट्यूब वीडियो चैनल 'प्रतिपक्षम' पर उपलब्ध है। वीडियो कथित रूप से...

हरियाणा कोर्ट ने पॉक्सो केस में दीपक चौरसिया के खिलाफ यूपी के मुख्यमंत्री के साथ इंटरव्यू के कारण हाजिर न होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया
हरियाणा कोर्ट ने पॉक्सो केस में दीपक चौरसिया के खिलाफ 'यूपी के मुख्यमंत्री के साथ इंटरव्यू' के कारण हाजिर न होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया

पत्रकार-न्यूज एंकर दीपक चौरसिया (Deepak Chaurasiya) के खिलाफ 2013 के एक मामले में एक 10 वर्षीय लड़की और उसके परिवार के कथित रूप से 'मोर्फ्ड, एडिटेड और अश्लील' वीडियो प्रसारित करने और उसे यौन उत्पीड़न मामले से जोड़ने को लेकर एक और गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, गुरुग्राम शशि चौहान ने सुनवाई के दिन (4 फरवरी) को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पूर्व निर्धारित इंटरव्यू के कारण कथित रूप से अदालत में पेश होने में विफल रहने के बाद उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट...

सबूतों की श्रृंखला निर्णायक नहीं, दोषसिद्धि प्रथम दृष्टया त्रुटिपूर्ण: गुजरात हाईकोर्ट ने आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या के मामले में पूर्व सांसद के भतीजे की उम्रकैद की सजा निलंबित की
सबूतों की श्रृंखला निर्णायक नहीं, दोषसिद्धि प्रथम दृष्टया त्रुटिपूर्ण: गुजरात हाईकोर्ट ने आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या के मामले में पूर्व सांसद के भतीजे की उम्रकैद की सजा निलंबित की

गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार को 2010 के आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा हत्या मामले में भाजपा के पूर्व सांसद दीनू सोलंकी के भतीजे प्रताप उर्फ शिवा सोलंकी पर सीबीआई अदालत द्वारा लगाई गई आजीवन कारावास की सजा को निलंबित कर दिया।हाईकोर्ट के समक्ष आपराधिक अपील के निस्तारण के लिए अदालत ने शिवा को सशर्त जमानत पर रिहा कर दिया।आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा, जिन्होंने आरटीआई आवेदनों के माध्यम से राज्य में अवैध खनन गतिविधियों को उजागर करने की कोशिश की थी, की 20 जुलाई, 2010 को गुजरात हाईकोर्ट परिसर के बाहर हत्या...

ट्विटर सक्षम कानून के अभाव में अपने उपयोगकर्ताओं के भाषण की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं कर सकता: केंद्र ने कर्नाटक हाईकोर्ट में ब्लॉकिंग आदेशों का बचाव किया
ट्विटर सक्षम कानून के अभाव में अपने उपयोगकर्ताओं के भाषण की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं कर सकता: केंद्र ने कर्नाटक हाईकोर्ट में ब्लॉकिंग आदेशों का बचाव किया

ट्व‌िटर ने केंद्र सरकार की ओर से द‌िए गए ब्लॉकिंग ऑर्डर्स के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को उक्त याचिका का विरोध किया। सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आर शंकरनारायणन ने विदेशी कंपनी की ओर से दायर याचिका के सुनवाई योग्य होने पर सवाल उठाया।उन्होंने कहा,"याचिकाकर्ता एक विदेशी कंपनी है, इसलिए संविधान के अनुच्छेद 19 (1) और अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों के किसी भी उपाय का लाभ नहीं उठा सकता है। याचिकाकर्ता कंपनी के पास ट्विटर...

वर्जिनिटी टेस्ट सेक्सिस्ट, सच जानने के नाम पर आरोपी महिला पर यह टेस्ट नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
वर्जिनिटी टेस्ट सेक्सिस्ट, सच जानने के नाम पर आरोपी महिला पर यह टेस्ट नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि एक महिला बंदी या जांच के तहत आरोपी का कौमार्य परीक्षण करना असंवैधानिक है और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत दिए गए गर‌िमा के अधिकार का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा यह "अमानवीय व्यवहार" का एक रूप है।ज‌स्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि कौमार्य परीक्षण "सेक्सिस्ट" है और एक महिला अभियुक्त के साथ यदि हिरासत में ऐसा परीक्षण किया जाता है तो यह उसके गरिमा के अधिकार का उल्लंघन करता है।यह देखते हुए कि परीक्षण न तो आधुनिक है और न ही वैज्ञानिक, बल्कि "पुरातन और तर्कहीन" है,...

Gauhati High Court
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने उस असम निवासी को राहत दी, जिसकी मृत मां को विदेशी ट्रिब्यूनल ने एकपक्षीय राय से 'विदेशी' घोषित किया गया था

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सोमवार को उस असम निवासी के बचाव में आया, जो विदेशी ट्रिब्यूनल की एक पक्षीय राय से पीड़ित था। विदेशी ट्रिब्यूनल ने याचिकाकर्ता की मृत मां को 'विदेशी' घोषित कर दिया था। याचिकाकर्ता, तारापद नामदास ने तर्क दिया कि विदेशी ट्रिब्यूनल की इस तरह की राय के कारण भारत के नागरिक के रूप में उसके कानूनी अधिकारों पर कुछ अधिकारियों द्वारा सवाल उठाया जा रहा है।जस्टिस अचिंत्य मल्ला बुजोर बरुआ और जस्टिस रॉबिन फुकन की खंडपीठ ने विदेशी ट्रिब्यूनल की राय को "क़ानून में टिकने लायक नहीं" पाते हुए...