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जब समझौते में कोई महत्वपूर्ण विपरीत संकेत मौजूद न हो तो स्थल मध्यस्थता की सीट होगी: कलकत्ता हाईकोर्ट
जब समझौते में कोई महत्वपूर्ण विपरीत संकेत मौजूद न हो तो स्थल मध्यस्थता की 'सीट' होगी: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना कि स्थल मध्यस्थता की सीट होगी, जब पार्टियों के बीच समझौते में कोई महत्वपूर्ण विपरीत संकेत नहीं होगा। जस्टिस कृष्ण राव की पीठ ने यह भी माना कि केवल इसलिए कि मध्यस्थता समझौता स्पष्ट रूप से मध्यस्थता को नियंत्रित करने वाले कानून के लिए प्रावधान नहीं करता है, यह समझौते को अस्पष्ट या अनिश्चित नहीं बनाएगा, इसलिए अधिनियम की धारा 45 के तहत मध्यस्थता के संदर्भ से इनकार करने की अनुमति दी जाएगी।न्यायालय ने माना कि समझौते के शून्य होने, निष्क्रिय होने या लागू होने वाले कानून के...

धारा 375 आईपीसी| 2013 के संशोधन द्वारा सहमति की आयु बढ़ाकर 18 वर्ष करने से समाज का ढांचा बिगड़ गया है: एमपी हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से इसे घटाकर 16 वर्ष करने पर विचार करने को कहा
धारा 375 आईपीसी| '2013 के संशोधन द्वारा सहमति की आयु बढ़ाकर 18 वर्ष करने से समाज का ढांचा बिगड़ गया है': एमपी हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से इसे घटाकर 16 वर्ष करने पर विचार करने को कहा

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार को भारत सरकार से किशोरों के साथ हो रहे अन्याय के निवारण के लिए बलात्कार के मामलों में सहमति की उम्र 18 वर्ष (भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के अनुसार) से घटाकर 16 वर्ष करने पर विचार करने का अनुरोध किया। जस्टिस दीपक कुमार अग्रवाल की पीठ ने केंद्र सरकार से यह अपील की क्योंकि उनकी राय थी कि सोशल मीडिया जागरूकता और इंटरनेट कनेक्टिविटी की आसान पहुंच के कारण, 14 वर्ष की आयु के करीब यौवन आ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप युवा लड़के और लड़कियों के बीच सहमति से शारीरिक संबंध...

सीबीडीटी सर्कुलर केवल उन मामलों में लाभ की अनुमति देता है जहां अपील परिसीमा में खारिज कर दी जाती है, यह मनमाना है: बॉम्बे हाईकोर्ट
सीबीडीटी सर्कुलर केवल उन मामलों में लाभ की अनुमति देता है जहां अपील 'परिसीमा में खारिज' कर दी जाती है, यह मनमाना है: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीडीटी द्वारा जारी 4 दिसंबर, 2020 के सर्कुलर 21/2020 के एफएक्यू 61 को इस हद तक रद्द कर दिया कि यह इस आधार पर खारिज किए गए लोगों की अपील को प्रतिबंधित करता है कि यह न केवल निर्धारिती के हितों के प्रतिकूल है, साथ ही प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020 (DTVSV-A) के उद्देश्य और कारणों के विपरीत भी है।जस्टिस धीरज सिंह ठाकुर और जस्टिस कमल खट्टा की खंडपीठ ने कहा कि अतिरिक्त योग्यता, अर्थात अपील शब्द में जोड़ा गया "इन लिमिन" निर्धारिती के प्रतिकूल है, DTVSV-A के आदेश के...

रिश्वत देने वाला भी रिश्वत लेने वाले की तरह अभियोजन के लिए अतिसंवेदनशील: कर्नाटक हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक के बेटे को कथित रिश्वत देने के मामला रद्द करने से इनकार किया
रिश्वत देने वाला भी रिश्वत लेने वाले की तरह अभियोजन के लिए अतिसंवेदनशील: कर्नाटक हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक के बेटे को कथित रिश्वत देने के मामला रद्द करने से इनकार किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कथित निविदा के संबंध में पूर्व विधायक मदल विरुपाक्षप्पा के बेटे प्रशांत को रिश्वत देने की पेशकश के आरोप में लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर रद्द करने के लिए कर्नाटक अरोमास कंपनी के मालिकों और दो कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा,"अब समय आ गया है कि रिश्वत लेने वाले की तरह ही रिश्वत देने वाले को भी अभियोजन के लिए संवेदनशील बनाकर भ्रष्टाचार के खतरे को जड़ से खत्म किया जाए।"कैलाश एस. राज, विनय एस. राज और चेतन...

क्रेता द्वारा समय पर भुगतान नहीं करने से अनुबंध‌ ‌विफल: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सांताक्रूज़ फ्लैट के 2005 के बिक्री समझौते के विशिष्ट प्रदर्शन आदेश को रद्द किया
क्रेता द्वारा समय पर भुगतान नहीं करने से अनुबंध‌ ‌विफल: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सांताक्रूज़ फ्लैट के 2005 के बिक्री समझौते के विशिष्ट प्रदर्शन आदेश को रद्द किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई के सांताक्रूज़ में एक फ्लैट की बिक्री के लिए 2005 के अनुबंध के विशिष्ट पालन के लिए ट्रायल कोर्ट के फैसले को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि इस तरह के फैसले से फ्लैट में रहने वाले विक्रेता के परिवार के कई सदस्य विस्थापित हो जाएंगे।जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई ने विशिष्ट निष्पादन के आदेश के खिलाफ मालिक की अपील को स्वीकार करते हुए कहा कि 2005 के बाद से फ्लैट की कीमत में भारी वृद्धि हुई है, और खरीदारों, जिन्हें 31 अक्टूबर, 2005 तक भुगतान करना था, उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए बिक्री...

केरल हाईकोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट के तहत विधायक की शिकायत में अग्रिम जमानत की अस्वीकृति के खिलाफ शाजन स्करिया की अपील खारिज की
केरल हाईकोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट के तहत विधायक की शिकायत में अग्रिम जमानत की अस्वीकृति के खिलाफ शाजन स्करिया की अपील खारिज की

केरल हाईकोर्ट ने विधायक श्रीनिजिन के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक समाचार प्रसारित करने के मामले में विशेष अदालत द्वारा अग्रिम जमानत की अस्वीकृति के खिलाफ यूट्यूब चैनल मारुनादान मलयाली के संपादक और प्रकाशक शाजन स्करियाह द्वारा दायर अपील को शुक्रवार को खारिज कर दिया।जस्टिस वी.जी. अरुण ने आदेश पारित किया।अपीलकर्ता-अभियुक्त स्कारिया ने जिला खेल परिषद के अध्यक्ष के रूप में शिकायतकर्ता के कहने पर खेल छात्रावास के कथित कुप्रबंधन के संबंध में समाचार प्रसारित किया।अपीलकर्ता के खिलाफ अभियोजन का मामला यह है...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने लाइब्रेरियन को राहत दी, कहा- पेंशन की पात्रता की गणना में उसके पार्ट-टाइम रोजगार का 50% शामिल किया जाना चाहिए
बॉम्बे हाईकोर्ट ने लाइब्रेरियन को राहत दी, कहा- पेंशन की पात्रता की गणना में उसके पार्ट-टाइम रोजगार का 50% शामिल किया जाना चाहिए

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) की नागपुर पीठ ने एक लाइब्रेरियन को पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ की अनुमति इस आधार पर दी है कि उसके पद की पुष्टि होने से पहले पार्ट-टाइम कर्मचारी के रूप में की गई सेवा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1982 के तहत पेंशन के लिए उसकी पात्रता का आकलन करते समय पार्ट टाइम कर्मचारी के रूप में उसके कार्यकाल का 50 प्रतिशत शामिल किया जाना चाहिए।जस्टिस रोहित देव और जस्टिस एमडब्ल्यू चंदवानी की खंडपीठ ने लेखा अधिकारी,...

मद्रास हाईकोर्ट ने वेतन जारी करने के लिए इंस्पेक्टर के प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने में विफल रहने पर डीजीपी को फटकार लगाई
मद्रास हाईकोर्ट ने वेतन जारी करने के लिए इंस्पेक्टर के प्रतिनिधित्व पर निर्णय लेने में विफल रहने पर डीजीपी को फटकार लगाई

मद्रास हाईकोर्ट ने पुलिस इंस्पेक्टर को उसके लंबित वेतन के संबंध में राहत प्रदान करते हुए 2019 में उनके द्वारा दिए गए प्रतिनिधित्व पर विचार नहीं करने के लिए पुलिस डायरेक्टर जनरल की आलोचना की।अदालत ने कहा,“यह हमारे देश में नौकरशाहों के सुस्त रवैये के क्लासिक मामलों में से एक है। प्रत्येक कर्मचारी, जो अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करता है, वह नियोक्ता से बिना किसी अनुचित देरी के नियमित रूप से अपने वेतन के भुगतान की अपेक्षा करेगा। कर्मचारी को खुद जीवित रहना है और उसे अपने परिवार का भरण-पोषण...

पुलिस अधिकारी गिरफ्तारी के कारणों को लिखित में दर्ज करने के लिए बाध्य: इलाहाबाद हाईकोर्ट
पुलिस अधिकारी गिरफ्तारी के कारणों को लिखित में दर्ज करने के लिए बाध्य: इलाहाबाद हाईकोर्ट

'पुलिस अधिकारी या जांच अधिकारी को किसी की गिरफ्तारी करते समय लिखित में उसके कारणों को दर्ज करना आवश्यक है, बाध्यकारी है।'ये टिप्पणी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की। हाईकोर्ट ने आगे कहा कि जांच एंजेंसियां और उनके अधिकारी सीआरपीसी की धारा 41 और 41 ए की प्रक्रिया का भी पालन करना होगा, जिसमें संज्ञेय या असंज्ञेय अपराधों के मामले में गिरफ्तारी का उल्लेख किया गया है। साथ ही अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य (2014) मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य हैं।जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी...

लोक अभियोजक को कम से कम गंभीर अपराधों से जुड़े मामलों में अंतिम रिपोर्ट की जांच करनी चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट ने निदेशक अभियोजन को परिपत्र जारी करने को कहा
'लोक अभियोजक को कम से कम गंभीर अपराधों से जुड़े मामलों में अंतिम रिपोर्ट की जांच करनी चाहिए': मद्रास हाईकोर्ट ने निदेशक अभियोजन को परिपत्र जारी करने को कहा

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि भले ही कानून में ऐसा नहीं कहा गया है कि जांच अधिकारियों को अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने से पहले लोक अभियोजकों की राय लेने की आवश्यकता है, लेकिन यह कभी-कभी प्रतिकूल साबित हो सकता है। इस प्रकार, अदालत ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ पद्धति तैयार की जा सकती है कि कम से कम गंभीर अपराधों से जुड़े मामलों में अंतिम रिपोर्ट को अदालतों में दाखिल करने से पहले कानूनी रूप से प्रशिक्षित मस्तिष्कों द्वारा उनकी जांच की जाए। “प्रशिक्षित कानूनी मस्तिष्कों की जांच के बिना...

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों की रिटायरमेंट की आयु 60 से बढ़ाकर 65 न करने के असम सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कीं
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों की रिटायरमेंट की आयु 60 से बढ़ाकर 65 न करने के असम सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कीं

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों की रिटायरमेंट की आयु 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष न करने के असम सरकार के 2016 के फैसले को चुनौती देने वाली कई रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत कार्यरत एलोपैथिक डॉक्टरों और डेंटल सर्जनों की सेवानिवृत्ति की आयु 2016 में बढ़ा दी गई थी।जस्टिस सुमन श्याम ने कहा कि सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने जैसे प्रश्न पूरी तरह से राज्य के नीतिगत निर्णय के दायरे में आने वाले मामले हैं और एक बार इस मामले में कैबिनेट का निर्णय हो जाता है और ऐसा...

लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट- बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैब्रिक पैकेज पर उचित डिक्लेरेशन न होने के मामले में रेमंड के सीएमडी के खिलाफ केस रद्द किया
लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट- बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैब्रिक पैकेज पर उचित डिक्लेरेशन न होने के मामले में रेमंड के सीएमडी के खिलाफ केस रद्द किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में रेमंड समूह के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गौतम सिंघानिया के खिलाफ एक आपराधिक मामले को रद्द कर दिया, जो नागपुर में रिलायंस ट्रेंड्स स्टोर में रेमंड फैब्रिक के एक कार्डबोर्ड पैकेज में अपेक्षित डिक्लेरेशन नहीं होने से जुड़ा था।जस्टिस जीए सनप ने कहा कि अपराध में सिंघानिया की भूमिका के बारे में शिकायत में विशिष्ट बयानों के बिना, मजिस्ट्रेट लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट, 2009 के तहत प्रबंध निदेशक पर पारस्परिक दायित्व तय करने की प्रक्रिया जारी नहीं कर सकते थे।अदालत ने कहा,"जब तक...

कट्टक्कडा क्रिश्चियन कॉलेज चुनाव विवाद: केरल हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल, एसएफआई नेता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की
कट्टक्कडा क्रिश्चियन कॉलेज चुनाव विवाद: केरल हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल, एसएफआई नेता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की

केरल हाईकोर्ट ने मई 2023 में हुए कॉलेज चुनावों के दौरान कथित प्रतिरूपण, दस्तावेजों में हेराफेरी और गलतबयानी से संबंधित मामले में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के नेता विशाख ए और क्रिश्चियन कॉलेज, कट्टकडा के पूर्व प्रिंसिपल जी.जे. शायजू की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस को ये सूचित किए जाने पर कि आरोपी 4 जुलाई, 2023 को जांच अधिकारी के सामने आत्मसमर्पण करने के इच्छुक थे, ने निर्देश दिया कि,"04.07.2023 को या उससे पहले जांच अधिकारी के सामने आत्मसमर्पण करने वाले दो...

महाराष्ट्र पुलिस एक्ट | बाहरी प्राधिकरण अच्छे व्यवहार बांड के लिए सीआरपीसी की धारा 110 के तहत कार्यवाही शुरू करने का निर्देश नहीं दे सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
महाराष्ट्र पुलिस एक्ट | बाहरी प्राधिकरण अच्छे व्यवहार बांड के लिए सीआरपीसी की धारा 110 के तहत कार्यवाही शुरू करने का निर्देश नहीं दे सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना कि महाराष्ट्र पुलिस एक्ट के तहत बाहरी प्राधिकारी के पास सीआरपीसी की धारा 110 के तहत कारण बताओ नोटिस के लिए कार्यकारी मजिस्ट्रेट से संपर्क करने के लिए पुलिस को निर्देश देने की कोई शक्ति नहीं है।जस्टिस सारंग वी. कोटवाल ने कहा कि एक बार जब किसी व्यक्ति के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस एक्ट की धारा 59 के तहत प्रक्रिया जारी हो जाती है तो बाहरी प्राधिकारी द्वारा निर्वासन आदेश या निर्वासन कार्यवाही को छोड़ने के आदेश के अलावा कोई अन्य आदेश पारित नहीं किया जा सकता।अदालत ने कहा,“एक बार जब...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र के अकाउंट ब्लॉकिंग आदेश के खिलाफ ट्विटर की याचिका खारिज की, ट्विटर पर 50 लाख का जुर्माना लगाया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र के अकाउंट ब्लॉकिंग आदेश के खिलाफ ट्विटर की याचिका खारिज की, ट्विटर पर 50 लाख का जुर्माना लगाया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के अकाउंट ब्लॉकिंग आदेशों के खिलाफ ट्विटर की याचिका खारिज की।जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की एकल न्यायाधीश पीठ ने इसके आचरण का हवाला देते हुए माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इसने आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाने के ट्विटर के अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया।बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा,"आपके क्लाइंट (ट्विटर) को नोटिस दिया गया था और आपके क्लाइंट ने...

हाईकोर्ट अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग नहीं कर सकता, सीआरपीसी की धारा 362 के तहत प्रतिबंधितः राजस्थान हाईकोर्ट
हाईकोर्ट अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग नहीं कर सकता, सीआरपीसी की धारा 362 के तहत प्रतिबंधितः राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने दोहराया कि आईपीसी की धारा 482 के तहत हाईकोर्ट की अंतर्निहित शक्तियों का उपयोग किसी आपराधिक अदालत के अंतिम आदेश को बदलने या पुनर्विचार करने के लिए नहीं किया जा सकता।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा,“सीआरपीसी की धारा 362 का उद्देश्य यह है कि एक बार जब कोई न्यायालय किसी मामले का निपटारा करने के लिए कोई निर्णय या अंतिम आदेश देता है तो वह निर्णय कार्यात्मक बन जाता है। उस पर पुनर्विचार या संशोधन नहीं किया जा सकता है। न्यायालय की अंतर्निहित शक्ति का प्रयोग ऐसा कुछ...

ट्रेन की आग की चपेट में आया व्यक्ति बगल के ट्रैक पर गिरा: बॉम्बे हाईकोर्ट ने परिजनों को 8 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया
ट्रेन की आग की चपेट में आया व्यक्ति बगल के ट्रैक पर गिरा: बॉम्बे हाईकोर्ट ने परिजनों को 8 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में ट्रेन दुर्घटना पीड़ित के माता-पिता को मुआवजा दिया, जो बोगी में आग लगने के कारण ट्रेन से बाहर निकल गया था और बगल के ट्रैक पर दूसरी ट्रेन की चपेट में आने से उनकी मृत्यु हो गई थी।जस्टिस एमएस जावलकर ने कहा कि यदि बोगी में आग और धुआं न होता तो मृतक और अन्य यात्रियों को ट्रेन से नीचे नहीं उतरना पड़ता।अदालत ने कहा,“…यह नहीं कहा जा सकता कि मृतक की ओर से कोई लापरवाही हुई। यदि बोगी में गर्म एक्सेल और धुएं की कोई घटना नहीं होती तो यात्रियों को यात्रा के बीच में ट्रेन से उतरने...

पॉक्सो मामलों के प्रति न्यायाधीशों को संवेदनशील बनाना, लंबित मामलों को कम करना समय की मांग: कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने कहा
पॉक्सो मामलों के प्रति न्यायाधीशों को संवेदनशील बनाना, लंबित मामलों को कम करना समय की मांग: कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने कहा

कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने बुधवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, द्वितीय न्यायालय, बारुईपुर, दक्षिण 24 परगना के एक नए न्यायालय परिसर के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की। कार्यक्रम में कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस सुब्रत तालुकदार भी मौजूद थे। सभा को संबोधित करते हुए, चीफ जस्टिस शिवगणनम ने लंबित मामलों के आंकड़ों पर गौर किया, जिसके कारण तेजी से निपटान के लिए नए अदालत परिसर के निर्माण की आवश्यकता हुई।उन्होंने कहा,"समिति के समक्ष मुझे दिए गए आंकड़ों के अनुसार, [जब] जोनल जज ने...

30 मिनट नमाज पढ़ने में कोई नुकसान नहीं: मद्रास हाईकोर्ट ने थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी के मंदिर में नमाज पर रोक लगाने से इनकार किया
30 मिनट नमाज पढ़ने में कोई नुकसान नहीं: मद्रास हाईकोर्ट ने थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी के मंदिर में नमाज पर रोक लगाने से इनकार किया

मद्रास हाईकोर्ट ने मदुरै जिले के थिरुप्पारनकुंद्रम में स्थित काशी विश्वंथर मंदिर की ओर जाने वाले नेलिथोपु (रास्ते) में नमाज अदा करने पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया है। जस्टिस आर सुब्रमण्यम और जस्टिस एल विक्टोरिया गौरी की पीठ ने नेलिथोपु में प्रार्थनाओं की पेशकश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया और हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती को चार सप्ताह तक याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि 30 मिनट तक नमाज पढ़ने से कोई नुकसान नहीं है और इसका किसी व्यक्ति पर कोई...

आवास से चलने वाला एडवोकेट ऑफिस व्यावसायिक भवन के रूप में संपत्ति कर के अधीन नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
आवास से चलने वाला एडवोकेट ऑफिस व्यावसायिक भवन के रूप में संपत्ति कर के अधीन नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने यह मानते हुए कि वकीलों की "पेशेवर गतिविधि" को "व्यावसायिक गतिविधि" के रूप में नहीं देखा जा सकता है, कहा कि आवासीय भवन में चलने वाला एक वकील का कार्यालय दिल्ली नगर निगम अधिनियम के तहत "व्यावसायिक भवन" के रूप में संपत्ति कर के अधीन नहीं है। जस्टिस नजमी वजीरी और जस्टिस सुधीर कुमार जैन की खंडपीठ ने कहा कि दिल्ली के लिए मास्टर प्लान (एमपीडी), 2021 कुछ शर्तों के अधीन आवासीय भवनों में व्यावसायिक गतिविधि की अनुमति देता है। हालांकि, एमपीडी का उक्त प्रावधान, निगम को आवासीय भवनों से की...