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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए आवेदन के निस्तारण की मांग वाली याचिका खारिज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए आवेदन के निस्तारण की मांग वाली याचिका खारिज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को रिट याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग करने वाले एक आवेदन (श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट द्वारा दायर) पर निर्णय लेने के लिए मथुरा के सिविल जज को निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता का तर्क था कि सिविल जज को भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और अन्य द्वारा दायर मुकदमे पर आपत्ति जताते हुए मस्जिद समिति और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के आदेश 7 नियम 11 सीपीसी आवेदन पर निर्णय लेने से पहले...

कृष्ण जन्मभूमि विवाद: शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट ने मथुरा कोर्ट में मुकदमों को अपने पास स्थानांतरित करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की
कृष्ण जन्मभूमि विवाद: शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट ने मथुरा कोर्ट में मुकदमों को अपने पास स्थानांतरित करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की

कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित सभी लंबित मुकदमों को मथुरा न्यायालय से अपने यहां स्थानांतरित करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की गई है। याचिका एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड आरएचए सिकंदर के माध्यम से प्रबंधन समिति, ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह द्वारा दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि, "स्थानांतरण आवेदन को हाईकोर्ट द्वारा इस तथ्य के बावजूद अनुमति दी गई थी कि सूट नंबर 353/2022 में कार्यवाही, जिसमें से स्थानांतरण आवेदन निकला था,...

स्थायी न्यायाधीशों और अतिरिक्त न्यायाधीशों की न्यायिक शक्तियां और कर्तव्य समान हैं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
स्थायी न्यायाधीशों और अतिरिक्त न्यायाधीशों की न्यायिक शक्तियां और कर्तव्य समान हैं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि जहां तक न्यायिक शक्तियों और कर्तव्यों का सवाल है, भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 के तहत नियुक्त न्यायाधीशों और अनुच्छेद 224 के तहत नियुक्त अतिरिक्त न्यायाधीशों के बीच कोई अंतर नहीं है।कोर्ट ने कहा कि दोनों के बीच एकमात्र अंतर उनके कार्यकाल को लेकर है।जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने कहा,“माननीय चीफ जस्टिस रोस्टर के मास्टर हैं और उनके पास अकेले ही अलग-अलग न्यायाधीशों को अलग-अलग मामले या मामलों की श्रेणी सौंपने का अधिकार है। सभी...

पुरुष को महिला की स्पष्ट सहमति और नहीं के बीच अंतर जानना चाहिए: दिल्ली ट्रिब्यूनल ने यौन उत्पीड़न मामले में आरके पचौरी की अपील खारिज की
पुरुष को महिला की 'स्पष्ट सहमति' और 'नहीं' के बीच अंतर जानना चाहिए: दिल्ली ट्रिब्यूनल ने यौन उत्पीड़न मामले में आरके पचौरी की अपील खारिज की

यौन उत्पीड़न मामले में टेरी के पूर्व कार्यकारी उपाध्यक्ष आर.के. पचौरी की अपील खारिज करते हुए दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट के एक औद्योगिक न्यायाधिकरण ने कहा है कि एक पुरुष को एक महिला की स्पष्ट सहमति और स्पष्ट "नहीं" या निहित सहमति के बीच का अंतर पता होना चाहिए।पीठासीन अधिकारी अजय गोयल ने पचौरी द्वारा की गई अपील को खारिज कर दिया, जिसकी अवधि मामले के लंबित रहने के दौरान वर्ष 2020 में समाप्त हो गई। उनके कानूनी प्रतिनिधियों को 20 अप्रैल को रिकॉर्ड पर लाया गया।ट्रिब्यूनल ने आंतरिक शिकायत समिति...

नीट पीजी उम्मीदवारों के लिए इन-सर्विस स्टेटस के लिए न्यूनतम 3 वर्ष की नियमित सेवा अनिवार्य: बॉम्बे हाईकोर्ट
नीट पीजी उम्मीदवारों के लिए इन-सर्विस स्टेटस के लिए न्यूनतम 3 वर्ष की 'नियमित सेवा' अनिवार्य: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि नीट पीजी में सेवारत उम्मीदवार के रूप में उपस्थित होने के लिए एक चिकित्सा अधिकारी की पात्रता निर्धारित करते समय अस्थायी सेवा को नहीं गिना जा सकता है। अदालत ने स्पष्ट किया कि जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात चिकित्सा अधिकारी को अनुग्रह अंक देने के लिए अस्थायी सेवा को गिना जा सकता है, नीट पीजी में सेवारत उम्मीदवार की स्थिति के लिए न्यूनतम तीन साल की स्थायी सेवा अनिवार्य है।औरंगाबाद स्थित हाईकोर्ट की खंडपीठ, जिसमें जस्टिस मंगेश एस पाटिल और जस्टिस एसजी चपलगांवकर...

सीनियर एडवोकेट ने सिटिंग जज के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया, गुजरात हाईकोर्ट ने अवमानना कार्यवाही शुरू की
सीनियर एडवोकेट ने सिटिंग जज के खिलाफ 'असंसदीय' भाषा का इस्तेमाल किया, गुजरात हाईकोर्ट ने अवमानना कार्यवाही शुरू की

गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एक वकील ने सिटिंग जज के खिलाफ 'असंसदीय' भाषा का इस्तेमाल किया। हाईकोर्ट ने सीनियर पर्सी कविना के खिलाफ स्वत: संज्ञान अवमानना कार्यवाही शुरू की। और कहा कि वकील ने अंससदीय और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर संस्था की गरिमा को कम किया है।जस्टिस एएस सुपेहिया और जस्टिस एमआर मेंगेडे की डिवीजन बेंच ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 215 और अदालत की अवमानना अधिनियम के तहत कविना के खिलाफ स्वत: संज्ञान अवमानना कार्यवाही शुरू की। साथ ही हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सभी...

दिल्ली हाईकोर्ट ने रंगदारी मामले में कॉनमैन सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी लीना पॉलोज को जमानत देने से इनकार किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने रंगदारी मामले में 'कॉनमैन' सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी लीना पॉलोज को जमानत देने से इनकार किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने 200 करोड़ रुपये की जबरन वसूली मामले में कथित ठग सुकेश चन्द्रशेखर की पत्नी लीना पॉलोज को मंगलवार को जमानत देने से इनकार कर दिया।जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने सह-आरोपी कमलेश कोठारी और बी. मोहन राज द्वारा दायर जमानत याचिका भी खारिज कर दी।पॉलोज़ वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। उसने जुलाई 2014 में चंद्रशेखर से शादी की थी। वह 05 सितंबर, 2021 से जेल में है।मामले में जमानत की मांग करते हुए उसके वकील ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि मामले में अधिकांश अपराध जमानती हैं और पॉलोज़ का...

नाबालिगों के आपसी सहमति से संबंध बनाने वाले मामलों की पहचान करें, अगर यह उनके हित, भविष्य के खिलाफ है तो उन्हें रद्द करने पर विचार करें: मद्रास हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा
नाबालिगों के आपसी सहमति से संबंध बनाने वाले मामलों की पहचान करें, अगर यह उनके हित, भविष्य के खिलाफ है तो उन्हें रद्द करने पर विचार करें: मद्रास हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा

मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने राज्य पुलिस को निर्देश दिया है कि वो अदालतों/किशोर न्याय बोर्डों के समक्ष नाबालिग बच्चों के सहमति से बनाए गए संबंधों से जुड़े लंबित मामलों की संख्या का पता लगाए।अदालत ने कहा कि अगर यह बच्चों के भविष्य और हित के खिलाफ पाया जाता है या कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग पाया जाता है, तो उचित मामलों में उसे मामलों से निपटने और कार्यवाही को रद्द करने की अनुमति दी जाएगी।जस्टिस आनंद वेंकटेश और जस्टिस सुंदर मोहन की खंडपीठ - जिसका गठन न्यायिक पक्ष में यौन अपराधों से...

पत्रकार का मोबाइल फोन प्रक्रिया का पालन किए बिना सिर्फ इसलिए जब्त नहीं किया जा सकता क्योंकि उसमें किसी अपराध के बारे में कुछ जानकारी है: केरल हाईकोर्ट
पत्रकार का मोबाइल फोन प्रक्रिया का पालन किए बिना सिर्फ इसलिए जब्त नहीं किया जा सकता क्योंकि उसमें किसी अपराध के बारे में कुछ जानकारी है: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने कानून के मुताबिक उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना पत्रकार का मोबाइल फोन जब्त करने के लिए सोमवार को राज्य पुलिस को कड़ी फटकार लगाई।जस्टिस पी.वी. कुन्हिकृष्णन ने कहा कि यदि किसी आपराधिक मामले के संबंध में किसी पत्रकार का मोबाइल फोन जब्त करना आवश्यक है तो इसके लिए प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए।याचिकाकर्ता 'मंगलम डेली' के सीनियर जर्नालिस्ट जी. विशाखान ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने उनके घर की तलाशी ली और उनसे यूट्यूब चैनल मारुनादान मलयाली के संपादक और प्रकाशक शाजन स्कारिया के...

नीलगिरी कोर्ट में महिला वकीलों के लिए शौचालय सुविधाओं की कमी के बारे में मीडिया रिपोर्ट गलत,  इससे न्यायपालिका का नकारात्मक चित्रण हुआ : सुप्रीम कोर्ट
नीलगिरी कोर्ट में महिला वकीलों के लिए शौचालय सुविधाओं की कमी के बारे में मीडिया रिपोर्ट गलत, इससे न्यायपालिका का नकारात्मक चित्रण हुआ : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि तमिलनाडु जिले के नीलगिरी जिला न्यायालय परिसर में महिला वकीलों के लिए शौचालय सुविधाओं की कमी के बारे में मीडिया रिपोर्ट गलत थी। मद्रास हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा महिला वकीलों के लिए दी गई सुविधाओं का संकेत देने वाली एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट के बारे में नाराजगी व्यक्त की, जिसमें कहा गया कि इसके परिणामस्वरूप न्यायपालिका और विशेष रूप से मद्रास हाईकोर्ट का "नकारात्मक चित्रण" हुआ। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की...

कर्नाटक हाईकोर्ट में मेडिकल इंश्योरेंस में वकीलों के माता-पिता को आश्रित के रूप में शामिल करने के लिए याचिका
कर्नाटक हाईकोर्ट में मेडिकल इंश्योरेंस में वकीलों के माता-पिता को आश्रित के रूप में शामिल करने के लिए याचिका

कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें कर्नाटक राज्य बार काउंसिल (केएसबीसी) और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को राज्य द्वारा दिये गए मॉडल फॉर्म में वकील के माता-पिता को आश्रितों के रूप में शामिल करने के लिए उचित कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई है। बार काउंसिल वकीलों के लिए मेडिकल बीमा, टर्म बीमा देगी। एडवोकेट रमेश नाइक एल द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि वकीलों सहित किसी भी व्यक्ति के माता-पिता को उनकी उम्र के कारण बीमारी होने का अधिक खतरा होता है; उन्हें नियमित...

यह हाईकोर्ट पर एक तमाचा है: केरल हाईकोर्ट ने आदेश के बावजूद बस मालिक की सुरक्षा में विफलता पर पुलिस को फटकार लगाई, स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना की कार्रवाई शुरू की
'यह हाईकोर्ट पर एक तमाचा है': केरल हाईकोर्ट ने आदेश के बावजूद बस मालिक की सुरक्षा में विफलता पर पुलिस को फटकार लगाई, स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना की कार्रवाई शुरू की

केरल हाईकोर्ट ने वेतन वृद्धि के लिए सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) के विरोध प्रदर्शन के बीच ने आज एक बस मालिक के पक्ष में पारित सुरक्षा आदेश को ठीक से लागू करने में विफलता के लिए कोट्टायम पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई। राज मोहन की बस सेवा के श्रमिकों ने दावा किया कि आखिरी वेतन वृद्धि 5 साल पहले हुई थी, और कथित तौर पर सहमति के बावजूद मोहन द्वारा बढ़ोतरी को लागू करने में विफल रहने के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। सीटू ने मोहन की बसों के सामने विरोध झंडे लगा दिए थे, जिसके बाद मोहन ने...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मेडिकल प्रैक्टिशनर्स के लिए सभी मुकदमे संभालने का कथित वादा करने वाली बीमा कंपनी से जवाब मांगा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मेडिकल प्रैक्टिशनर्स के लिए सभी मुकदमे संभालने का कथित वादा करने वाली बीमा कंपनी से जवाब मांगा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एक बीमा प्रदाता एपेक्स इंश्योरेंस कंसल्टेंट लिमिटेड को एक जनहित याचिका में नोटिस जारी किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कंपनी इसकी सदस्यता लेने वाले डॉक्टरों के लिए सभी मुकदमेबाजी को संभालने का वादा करके कानून की अनधिकृत प्रैक्टिस में संलग्न है। याचिका में कहा गया है कि एपेक्स इंश्योरेंस बार काउंसिल ऑफ इंडिया या किसी राज्य बार काउंसिल के साथ पंजीकरण के बिना एक कानूनी फर्म की तरह काम कर रहा है।कार्यवाहक चीफ जस्टिस नितिन जामदार और जस्टिस आरिफ एस डॉक्टर की खंडपीठ...

पत्नी की पहचान पति की पहचान के साथ नहीं मिलती, उसे आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के अपने सपने पूरे करने का स्वाभाविक अधिकार: दिल्ली हाईकोर्ट
पत्नी की पहचान पति की पहचान के साथ नहीं मिलती, उसे आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के अपने सपने पूरे करने का स्वाभाविक अधिकार: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक हालिया फैसले में एक किरायेदार को बेटियों द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रस्तावित दुकान को खाली करने का निर्देश देते हुए कहा कि एक पत्नी न तो अपने पति की उपांग है और न ही सहायक है और उसकी पहचान उसके पति की पहचान में विलय या शामिल नहीं होती है। जस्टिस नजमी वजीरी ने कहा कि कानून में एक पत्नी अपनी व्यक्तिगत इकाई को बरकरार रखती है, जिसमें उसके सपनों, आकांक्षाओं, इच्छा और आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने या अन्यथा कुछ सार्थक सामाजिक कार्य करने की आवश्यकता को पूरा करने का प्राकृतिक...

धारा 12ए वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम| मुकदमा दायर करने में देरी का मतलब हमेशा यह नहीं होता कि तत्काल अंतरिम राहत की आवश्यकता नहीं है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
धारा 12ए वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम| मुकदमा दायर करने में देरी का मतलब हमेशा यह नहीं होता कि 'तत्काल अंतरिम राहत' की आवश्यकता नहीं है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ में एक वाणिज्यिक न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम 2015 की धारा 12 ए में विचार के अनुसार पूर्व-संस्था मध्यस्थता का लाभ उठाए बिना एक वाणिज्यिक मुकदमे के सुनवाई योग्य होने के खिलाफ एक याचिकाकर्ता के आवेदन को खारिज कर दिया गया है। जस्टिस मनीष माथुर की पीठ ने याचिकाकर्ता के इस तर्क को खारिज कर दिया कि 2 महीने के बाद अनुबंध समाप्ति को चुनौती देने वाले मुकदमे की स्‍थापना ने संकेत दिया कि पूर्व-स्‍थापना मध्यस्थता को माफ करने की कोई...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पाक से संबंधों रखने वाले सह-आरोपियों को सैन्य ठिकानों के बारे में जानकारी भेजने के आरोपी सैन्यकर्मी को जमानत देने से इनकार किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पाक से संबंधों रखने वाले सह-आरोपियों को सैन्य ठिकानों के बारे में जानकारी भेजने के आरोपी सैन्यकर्मी को जमानत देने से इनकार किया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सेना के जवान हरप्रीत सिंह को नियमित जमानत देने से इनकार कर दिया, जिस पर सह-आरोपियों को गुप्त जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध कराने का आरोप है, जिसे 2021 में कथित तौर पर 70 ग्राम हेरोइन के साथ पकड़ा गया था।जस्टिस मंजरी नेहरू कौल की पीठ ने कहा,“प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता के खिलाफ बहुत गंभीर और विशिष्ट आरोप हैं कि उसने सह-आरोपियों को विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी और तस्वीरें दीं, जिन्होंने इसे पाकिस्तान को सप्लाई किया और इसके लिए सभी को पैसे...

भले ही विवाह वैध न हो फिर भी पत्नी सीआरपीसी की धारा 125 के तहत गुजारा भत्ता पाने की हकदार: मद्रास हाईकोर्ट
भले ही विवाह वैध न हो फिर भी पत्नी सीआरपीसी की धारा 125 के तहत गुजारा भत्ता पाने की हकदार: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट में पत्नी को गुजारा भत्ता दिए जाने से जुड़ा एक मामला आय़ा। हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही शादी वैध नहीं है, फिर भी दूसरी पत्नी और दूसरी शादी से पैदा हुए बच्चे CrPC की धारा 125 के तहत मेंटेनेंस यानी गुजारा भत्ता पाने के हकदार हैं।हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा- सीआरपीसी की धारा 125 के मुताबिक पहले याचिकाकर्ता को पत्नी और दूसरे याचिकाकर्ता को प्रतिवादी का बेटा माना जा सकता है। ट्रायल कोर्ट का ये फैसला सही है कि याचिकाकर्ता गुजारा भत्ता पाने के हाकदार हैं।मदुरै...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राम सिया के लव कुश में वाल्मिकी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कलर्स टीवी, अन्य के खिलाफ दर्ज FIR रद्द किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 'राम सिया के लव कुश' में वाल्मिकी समुदाय की 'भावनाओं को ठेस पहुंचाने' के लिए कलर्स टीवी, अन्य के खिलाफ दर्ज FIR रद्द किया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कलर्स टीवी और शो 'राम सिया के लव कुश' के अभिनेताओं और निर्माताओं के खिलाफ कथित तौर पर भगवान वाल्मिकी की गलत छवि पेश करने और समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में 2019 में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है।अदालत ने अक्टूबर 2019 में पारित आदेश पर ध्यान दिया, जिसमें निर्माताओं द्वारा सुधार करने के लिए आवश्यक अंडरटेकिंग देने के बाद शो पर प्रतिबंध हटा दिया गया था।जस्टिस दीपक चोपड़ा ने कहा,“हालांकि, इस अदालत के समक्ष प्रतिवादी नंबर 2 (शिकायतकर्ता) के वकील...

जम्मू-कश्मीर हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम| वसीयत असंबंधित व्यक्ति के पक्ष में निष्पादित की जा सकती है: हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम| वसीयत असंबंधित व्यक्ति के पक्ष में निष्पादित की जा सकती है: हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जम्मू और कश्मीर हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 27 के तहत एक वसीयत ऐसे व्यक्ति के पक्ष में निष्पादित की जा सकती है जो निष्पादक से संबंधित भी नहीं है।जस्टिस विनोद चटर्जी कौल की एकल पीठ ने कहा कि वसीयत हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम द्वारा बिना किसी निषेध, प्रतिबंध, राइडर आदि के चित्रित "उत्तराधिकार की प्राकृतिक रेखा में परिवर्तन" का वैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त तरीका है।इसलिए इसने याचिकाकर्ता की इस दलील को खारिज कर दिया कि उसकी सौतेली मां द्वारा कथित तौर...

राजस्थान हाईकोर्ट ने गैर-जमानती वारंट को जमानती वारंट में बदलने के बावजूद आरोपी को हिरासत में भेजने पर सीजेएम से स्पष्टीकरण मांगा
राजस्थान हाईकोर्ट ने गैर-जमानती वारंट को जमानती वारंट में बदलने के बावजूद आरोपी को हिरासत में भेजने पर सीजेएम से स्पष्टीकरण मांगा

राज‌स्‍थान हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि इस तरह की घोर न्यायिक अनुशासनहीनता के लिए कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है, एक आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए बांसवाड़ा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से स्पष्टीकरण मांगा है, जबकि हाईकोर्ट ने पहले ही उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को जमानती वारंट में बदल दिया था। जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने कहा कि आम तौर पर, अदालत किसी न्यायिक अधिकारी के खिलाफ उसकी न्यायिक कार्यवाही के लिए कोई भी कार्रवाई शुरू करने में बेहद झिझकती है, क्योंकि उसके द्वारा लिए गए किसी भी...