'यह हाईकोर्ट पर एक तमाचा है': केरल हाईकोर्ट ने आदेश के बावजूद बस मालिक की सुरक्षा में विफलता पर पुलिस को फटकार लगाई, स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना की कार्रवाई शुरू की
Avanish Pathak
10 July 2023 5:36 PM IST
केरल हाईकोर्ट ने वेतन वृद्धि के लिए सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) के विरोध प्रदर्शन के बीच ने आज एक बस मालिक के पक्ष में पारित सुरक्षा आदेश को ठीक से लागू करने में विफलता के लिए कोट्टायम पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई।
राज मोहन की बस सेवा के श्रमिकों ने दावा किया कि आखिरी वेतन वृद्धि 5 साल पहले हुई थी, और कथित तौर पर सहमति के बावजूद मोहन द्वारा बढ़ोतरी को लागू करने में विफल रहने के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। सीटू ने मोहन की बसों के सामने विरोध झंडे लगा दिए थे, जिसके बाद मोहन ने अदालत से सुरक्षा आदेश प्राप्त किया, जिससे उसे संचालन फिर से शुरू करने की अनुमति मिल गई।
हालांकि, यह आरोप लगाया गया है कि सुरक्षा आदेश के बावजूद, सीटू कर्मियों ने मोहन पर हमला किया और पुलिस ने इसमें हस्तक्षेप नहीं किया, जिसके बाद अदालत ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना की कार्रवाई शुरू की।
इन घटनाओं पर आपत्ति जताते हुए जस्टिस एन नागरेश की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा,
"...जनता में जा रहे संदेश को देखें कि हाईकोर्ट के संरक्षण आदेश के बावजूद, ऐसे शक्तिशाली स्रोत हैं जो आपके साथ मारपीट कर सकते हैं और कुछ नहीं होगा।"
कोर्ट ने आगे कहा कि, "थप्पड़ याचिकाकर्ता के गाल पर नहीं था, वह थप्पड़ हाईकोर्ट पर था।"
कोर्ट ने 6 कर्मियों की मौजूदगी में एक व्यक्ति की सुरक्षा करने में विफलता के लिए पुलिस को फटकार लगाई।
कोट्टायम के जिला पुलिस प्रमुख और स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) आज व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हुए और मामले में स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने बताया कि आरोपी अजय केआर पर आईपीसी की धारा 294 (अश्लील हरकतें) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि अदालत ने कहा कि उन्हें उसी दिन जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
कोर्ट ने अब संबंधित एसएचओ और पुलिस उपाधीक्षक को घटना की जांच और अपराध के अनुसार उठाए गए कदमों के संबंध में अपने हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया है।
मामले को आगे विचार के लिए 18 जुलाई, 2023 को पोस्ट किया गया है।
केस टाइटल: सुओ मोटो बनाम कार्तिक आईपीसी और अन्य जुड़े मामले