सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : जानिए सुप्रीम कोर्ट में कैसा रहा पिछला सप्ताह
LiveLaw News Network
1 Feb 2021 9:45 AM IST
25 जनवरी 2021 से 29 जनवरी 2021 तक सुप्रीम कोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि उस लॉ स्टूडेंट के 5 वें सेमेस्टर का परिणाम घोषित करे, जिसकी अटेंडेंस प्रेग्नेंसी के कारण कम थी
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि वह उस विधि छात्रा के 5 वें सेमेस्टर का परिणाम घोषित करे, जो अपनी गर्भावस्था के कारण अपेक्षित 70% उपस्थिति मानदंडों को पूरा नहीं कर सकी। अंकिता मीणा अपनी गर्भावस्था के कारण 4 वें सेमेस्टर के दौरान कई कक्षाएं छूटने के के कारण अपेक्षित उपस्थिति नहीं प्राप्त कर सकीं। उसने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और विश्वविद्यालय को निर्देश देने का आग्रह किया कि वह चौथे सेमेस्टर एलएलबी परीक्षा में बैठने की अनुमति दे। उच्च न्यायालय ने उसे राहत देने से इनकार कर दिया था। अपील में, सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न अंतरिम आदेश पारित किए, जिससे वह 4 , 5 वें और 6 वें सेमेस्टर की परीक्षाओं में शामिल हो सके।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
प्रोग्राम कोड का उल्लंघन करने के खिलाफ 'मीडिया ट्रिब्यूनल' की स्थापना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सोमवार को फिल्म निर्माता नीलेश नवलखा द्वारा दायर उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें दर्शकों / नागरिकों द्वारा दायर मीडिया-व्यवसायों के खिलाफ शिकायतों की सुनवाई और शीघ्रता से निपटाने के लिए एक स्वतंत्र, नियामक 'मीडिया ट्रिब्यूनल' की स्थापना की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि मीडिया-व्यवसायों के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार और नागरिकों के सूचना के अधिकार व अनुच्छेद 21 के तहत गरिमा का अधिकार व प्रतिष्ठा के अधिकार के बीच संतुलन लाने के लिए और साथ ही साथ राष्ट्र में शांति और सद्भाव के संरक्षण के हितों में ये जरूरी है।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
विधि आयोग को वैधानिक निकाय घोषित करने और अध्यक्ष और सदस्यों की शीघ्र नियुक्ति की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें केंद्र सरकार को एक महीने के भीतर भारतीय विधि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को नियुक्त करने और इसे एक वैधानिक निकाय बनाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका पर भारत संघ को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम लाल दास उपस्थित हुए।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
सुप्रीम कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई की नई प्रणाली जल्द, पूरे देश की न्यायपालिका के लिए यही करेंगे : न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई की नई, बेहतर प्रणाली जल्द ही लागू हो सकती है। यह टिप्पणी तब आई जब न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष बहस कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार को अचानक से हटा दिया गया। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, जो इस मामले में उपस्थित थे, ने वीडियो और वीडियोकनेक्ट प्लेटफार्मों के माध्यम से सुनवाई की " हानिकारक" प्रकृति के बारे में शिकायत की।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
'हम हाईकोर्ट को नहीं रोकेंगे': सुप्रीम कोर्ट ने लव जिहाद अध्यादेश मामले को ट्रांसफर करने की यूपी सरकार की याचिका पर सुनवाई से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा धर्म परिवर्तन के खिलाफ लाए गए उस अध्यादेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं कोअपने पास ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया, जिसमें अन्य बातों के अलावा, शादी के लिए धार्मिक रूपांतरणों का अपराधीकरण किया गया है।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
"जब तक सुनवाई ना हो जाए, 2021 के लिए नई अधिसूचना जारी ना करें"; सुप्रीम कोर्ट ने UPSC परीक्षा में अतिरिक्त मौके की याचिका पर केंद्र सरकार को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र को निर्देश दिया कि वह 2021 के लिए कोई नई अधिसूचना प्रकाशित नहीं करे, जब तक कि COVID-19 महामारी के कारण उत्पन्न कठिनाइयों के चलते यूपीएससी परीक्षाओं में सिविल सेवा के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक अतिरिक्त अवसर की मांग वाली याचिका पर सुनवाई ना हो जाए। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने पिछली सुनवाई में एएसजी एसवी राजू को निर्देश दिया था कि शपथ पत्र दाखिल करके यह बताएं कि एक अतिरिक्त मौका देने के लिए केंद्र सहमत नहीं है।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
LIFE मिशन केस : सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली केरल सरकार के LIFE मिशन प्रोजेक्ट के सीईओ द्वारा दायर उस याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें राज्य में बाढ़ पीड़ितों के लिए मकानों के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोपों और विदेशों से मिले चंदे में एफसीआरए उल्लंघन की सीबीआई जांच को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने केंद्र सरकार और केंद्रीय जांच ब्यूरो को नोटिस जारी किया, जो चार सप्ताह के भीतर वापस करने योग्य है।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
"दो प्राधिकरणों के बीच अहंकार ही अराजकता का कारण": सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव टालने की आंध्र सरकार की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आंध्र प्रदेश राज्य सरकार की उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ चुनौती को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 08.01.2021 को जारी किए स्थानीय निकायों के लिए चुनाव कार्यक्रम को अधिसूचित करने के आदेश में हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ उच्च न्यायालय की पीठ के फैसले के खिलाफ राज्य की एसएलपी पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि मामले के तथ्य और परिस्थितियां एसईसी आदेश को निलंबित ना करने की आवश्यकता बताती हैं। एपी हाईकोर्ट APSEC द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रहा था, जिसने ग्राम पंचायत चुनावों के लिए APSEC द्वारा जारी चुनाव अधिसूचना को निलंबित करने के एकल न्यायाधीश द्वारा दिए गए अंतरिम आदेश को 11.01.2021 को चुनौती दी थी।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका : सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के लिए अंतिम मौके के तौर पर दो सप्ताह और दिए
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मौत की सजा के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका पर फैसला लेने के लिए केंद्र सरकार को दो सप्ताह का और समय दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह केंद्र के लिए इस मामले में फैसला करने का "अंतिम मौका" होगा। पीठ बलवंत सिंह द्वारा दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि उसकी मौत की सजा को इस आधार पर रोका जाए क्योंकि उसकी दया याचिका भारत के राष्ट्रपति के समक्ष आठ साल से लंबित है।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में "स्वतंत्र और निष्पक्ष" चुनाव के आयोजन के साथ-साथ विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को संरक्षण प्रदान करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में इस साल होने वाले चुनावों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्र, पश्चिम बंगाल सरकार और चुनाव आयोग के निर्देशों की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी की खंडपीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को "कानून के तहत उपलब्ध अन्य उपचार" लेने का निर्देश दिया।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
PWD एक्ट के तहत आरक्षण, विशिष्ट व्यक्तियों के लिए विशिष्ट लाभ है: केंद्र ने बेंचमार्क दिव्यांगता की दहलीज को कम करने पर सुप्रीम कोर्ट में कहा
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रखा कि क्या अखिल भारतीय सेवाओं में परीक्षा में लेखक की सुविधा का विस्तार उन व्यक्तियों के लिए किया जा सकता है, जो हालांकि दिव्यांग हैं, लेकिन 'बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्ति' नहीं हैं। दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 2 (आर) "बेंचमार्क दिव्यांग वाले व्यक्ति" को एक निर्दिष्ट दिव्यांगता के चालीस प्रतिशत से कम ना होने वाले व्यक्ति के रूप में परिभाषित करती है। अधिनियम की धारा 34 में प्रावधान है कि प्रत्येक उपयुक्त सरकार हर सरकारी प्रतिष्ठान में प्रत्येक समूह के पदों में संवर्ग की कुल रिक्तियों की संख्या के चार प्रतिशत से कम ना हो, कॉडर कीनियुक्ति करेगी, जिसका अर्थ है कि उन्हें बेंचमार्क दिव्यांग व्यक्तियों से भरा जाना है।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल के सदस्यों की नियुक्ति के लिए खोज-सह-चयन समिति के गठन के निर्देश में संशोधन किया
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल के सदस्यों की नियुक्ति के लिए खोज-सह-चयन समिति के गठन के मामले में इसके द्वारा जारी एक निर्देश को संशोधित किया है। जिसमें जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट ने मद्रास बार एसोसिएशन बनाम भारत संघ [दिनांक 27 नवंबर 2020] में खोज-सह-चयन समिति के सदस्य के तौर पर कानून और न्याय मंत्रालय सचिव को सचिव, भारत सरकार, जिसे मूल विभाग या प्रायोजक विभाग के अलावा किसी अन्य विभाग के कैबिनेट सचिव द्वारा नामित किया गया हो, प्रतिस्थापित करने के केंद्र के अनुरोध को संशोधित करने की अनुमति दी।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ दिल्ली के डिप्टी-सीएम मनीष सिसोदिया की मानहानि कार्यवाही पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और AAP नेता मनीष सिसोदिया द्वारा भाजपा सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी। भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने तिवारी द्वारा दायर विशेष अवकाश याचिका, जिसमे दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी, पर नोटिस जारी करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया। दरअसल दिल्ली उच्च न्यायालय ने सिसोदिया की मानहानि शिकायत में मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किए गए समन आदेश को खारिज करने से इनकार कर दिया था।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
'आप इस तरह धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं कर सकते ': सुप्रीम कोर्ट ने कई FIR पर तांडव के निर्माताओं को अंतरिम संरक्षण देने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वेब श्रृंखला तांडव के निदेशक, निर्माता, लेखक और अभिनेता द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए विभिन्न शहरों में उनके खिलाफ कार्रवाई को एक साथ जोड़ने और आपराधिक कार्यवाही को स्थानांतरित करने की मांग की थी। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने छह राज्यों के पुलिस विभागों से गिरफ्तारी से आरोपी व्यक्तियों को कोई भी अंतरिम संरक्षण देने से इनकार कर दिया।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के ' त्वचा से त्वचा संपर्क" फैसले पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले के तहत आरोपी को बरी करने पर रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया था कि बिना कपड़े उतारे बच्चे के स्तन दबाने से पोक्सो एक्ट की धारा 8 के अर्थ में "यौन उत्पीड़न" नहीं होता है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि निर्णय 'अभूतपूर्व' है और 'एक खतरनाक मिसाल कायम करने की संभावना है।' सीजेआई बोबडे ने एजी को निर्णय को चुनौती देने के लिए उचित याचिका दायर करने का निर्देश दिया। अदालत ने आरोपी को बरी करने पर रोक लगा दी है और 2 सप्ताह के भीतर उसे जवाब दाखिल करने का नोटिस जारी किया है।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
म्यूटेशन प्रविष्टियां खुद को टाइटल प्रदान नहीं करती : सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया
सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया है कि म्यूटेशन प्रविष्टियां खुद को टाइटल प्रदान नहीं करती हैं। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ बृहत बंगलौर महानगर पालिके द्वारा दायर अपील का निस्तारण करते हुए ये कहा है जिसमें कुछ पक्षों के नाम पर एक संपत्ति को म्यूटेट करने का निर्देश दिया गया था। विवाद यह था कि, विषय संपत्ति के संबंध में एक टाइटल वाद लंबित है और इसलिए उच्च न्यायालय को म्यूटेशन के लिए एक निर्देश जारी नहीं करना चाहिए।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
संजीव भट्ट के खिलाफ हिरासत में मौत का मामला : सिब्बल ने पहले पुनर्विचार याचिका पर विचार की मांग की, सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 6 हफ्ते टाला
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वकील वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के अनुरोध पर पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट द्वारा 1990 के हिरासत में हुई मौत के केस में उनकी सजा निलंबित करने के लिए दायर याचिका की सुनवाई स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने कपिल सिब्बल के उस सुझाव के बाद छह सप्ताह के लिए स्थगन दिया कि जून 2019 के आदेश के खिलाफ लंबित पुनर्विचार याचिका पर विचार करना बेहतर है, जिसमें ट्रायल में अतिरिक्त गवाह बुलाने की पूर्व आईपीएस अधिकारी की याचिका को खारिज करने पर दाखिल की गई है।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा की स्वतंत्र जांच और न्यायिक जांच के लिए वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की
26 जनवरी 2021 को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं की जांच के लिए एक वकील ने न्यायिक जांच आयोग के गठन की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में भारत दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने और हिंसा और राष्ट्रीय ध्वज के कथित अपमान के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों / संगठन या व्यक्ति के खिलाफ अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्यवाही के लिए निर्देश मांगा गया है।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड राज्य सूचना आयोग के रिक्त पदों को भरने के लिए दायर याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को झारखंड राज्य सूचना आयोग में रिक्तियों को भरने के लिए नोटिस जारी किया। दरअसल, कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस जनहित याचिका में झारखंड राज्य सूचना आयोग में रिक्त पदों को भरने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई थी। जस्टिस एस अब्दुल नाज़ेर और सूर्या कांत की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता तिश्मपति सेन की दलीलें सुनीं और नोटिस जारी की।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने सेबी जुर्माने के लिए NDTV शेयरों की सिक्योरिटी देने की पेशकश की, सुप्रीम कोर्ट ने शेयर मूल्यों का स्टेटमेंट मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एनडीटीवी के प्रमोटरों प्रणय रॉय और राधिका रॉय द्वारा प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण के एक आदेश के खिलाफ दायर की गई अपील पर विचार किया, जिसमें उन्हें इंसाइडर ट्रेडिंग के माध्यम से किए गए "गलत लाभ" का 50% भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।
आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
'हम उस प्रसारण से चिंतित हैं, जो हिंसा भड़काते हैं ' : सुप्रीम कोर्ट ने केबल टीवी एक्ट के तहत शक्तियों पर केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से केबल टीवी नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1994 के तहत उस सामग्री के प्रसारण (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा) को नियंत्रित करने के लिए कहा, जिसमें हिंसा भड़काने की प्रवृत्ति है। सीजेआई के नेतृत्व वाली बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा, "हम लोगों के बारे में इतना चिंतित नहीं हैं, लोग इन दिनों कुछ भी कह रहे हैं। हम उन स्थितियों से चिंतित हैं जो हिंसा पैदा कर सकती हैं और संपत्ति और जीवन को नुकसान पहुंचा सकती हैं।"