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सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक आश्रयों में मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों की सुरक्षा हेतु याचिकाएं निगरानी हेतु NHRC को हस्तांतरित कीं
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक वकील द्वारा दायर तीन याचिकाओं को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को हस्तांतरित कर दिया, जिनमें धार्मिक आश्रयों में मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों की सुरक्षा और कल्याण तथा मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के कार्यान्वयन हेतु निर्देश देने का अनुरोध किया गया।जस्टिस पमिदिघंतम श्री नरसिम्हा और जस्टिस आर. महादेवन की खंडपीठ ने यह आदेश इस बात पर गौर करने के बाद पारित किया कि केंद्र और केंद्र शासित प्रदेशों के मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण कार्यरत हैं।कोर्ट ने कहा,"इस...
भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत अधिग्रहित भूमि के बदले नौकरी का अधिकार नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने लगभग तीन दशक पहले अधिग्रहित भूमि के बदले रोजगार की मांग करने वाली याचिका खारिज की। कोर्ट ने कहा है कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 में ऐसा कोई अधिकार प्रदान नहीं किया गया और मुआवजे का भुगतान राज्य के दायित्व को पूरी तरह से पूरा करता है।जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले की खंडपीठ एक व्यक्ति द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसकी पारिवारिक भूमि 1998 में भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत अधिग्रहित की गई। याचिकाकर्ता, जिसका अधिग्रहण के समय जन्म भी नहीं...
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के फलौदी में हुए राजमार्ग हादसे का स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई थी
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के फलौदी में हुए दुखद राजमार्ग हादसे का स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें 2 नवंबर को एक टेंपो ट्रैवलर के एक खड़े ट्रक से टकरा जाने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई थी।यह मामला 10 नवंबर को जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। इसे एक जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया गया।कथित तौर पर दुर्घटना के समय टेंपो जोधपुर से महिलाओं और बच्चों को लेकर जा रहा था, जो बीकानेर तीर्थयात्रा पर गए थे। शाम को जोधपुर लौटते समय, टेंपो भारतमाला...
RTE Act के तहत निर्धारित समय-सीमा के भीतर TET उत्तीर्ण करने वाले शिक्षकों को नियुक्ति के समय योग्यता न होने के कारण बर्खास्त नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन शिक्षकों ने बच्चों के निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE Act) के तहत निर्धारित समय-सीमा के भीतर शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) उत्तीर्ण की है, उन्हें केवल इसलिए बर्खास्त नहीं किया जा सकता, क्योंकि उनकी प्रारंभिक नियुक्ति के समय उनके पास यह योग्यता नहीं थी।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने दो सहायक अध्यापकों, उमा कांत और एक अन्य की अपील स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया। इन सहायक अध्यापकों को 2012 में...
NALSA कार्यक्रम में बोले PM Modi- 'तकनीक बदल सकती है व्यवस्था, अगर उसका फोकस जनता पर हो'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज “कानूनी सहायता सेवाओं को सशक्त बनाने” पर राष्ट्रीय सम्मेलन (National Conference on Strengthening Legal Aid Delivery Mechanisms) को संबोधित किया। यह दो दिवसीय कार्यक्रम राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा 8 और 9 नवंबर को लीगल सर्विसेज डे के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है।कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, चीफ़ जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस सूर्यकांत (कार्यकारी अध्यक्ष, NALSA) और जस्टिस विक्रम नाथ भी उपस्थित थे।...
सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा हाईकोर्ट का आदेश रद्द किया, कहा — ऊंची बोली खारिज करना अनुचित
सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें राज्य सरकार द्वारा महानदी सैंड क्वारी की पांच साल की रेत खनन लीज़ को कम बोली लगाने वाले को देने के फैसले को सही ठहराया गया था। अदालत ने कहा कि सबसे ऊंची बोली लगाने वाले की अयोग्यता टेंडर की शर्तों की गलत व्याख्या पर आधारित थी, जिससे राज्य को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आलोक अराधे की खंडपीठ ने कहा कि सरकारी निविदा कोई निजी सौदा नहीं होती, बल्कि यह शासन का एक साधन है जिसके माध्यम से राज्य जनता की संपत्ति का...
बिहार विधानसभा चुनाव: सुप्रीम कोर्ट ने RJD उम्मीदवार श्वेता सुमन की नामांकन रद्द होने के खिलाफ याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने राजद उम्मीदवार श्वेता सुमन की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में अपना नामांकन रद्द किए जाने को चुनौती दी थी।श्वेता सुमन का नामांकन इसलिए रद्द किया गया क्योंकि उनका अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र अमान्य माना गया। वे कैमूर जिले की मोहानिया (आरक्षित) सीट से चुनाव लड़ रही थीं। पटना हाईकोर्ट ने पहले ही उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि संविधान का अनुच्छेद 329(बी) किसी चुनाव को अदालत में चुनौती देने से रोकता है — ऐसे मामलों में केवल चुनाव याचिका (Election...
पीड़ित मुआवज़ा मामलों में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्देश, सभी ट्रायल कोर्ट को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने पर जोर
अपराध पीड़ितों के अधिकारों को मज़बूती देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के सभी विशेष और सत्र न्यायालयों को निर्देश दिया है कि वे प्रत्येक पात्र मामले में पीड़ित मुआवज़ा के भुगतान के संबंध में स्पष्ट आदेश पारित करें।अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट्स द्वारा ऐसे निर्देश न दिए जाने के कारण पीड़ितों को मुआवज़ा प्राप्त करने में गंभीर बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस आर. महादेवन की खंडपीठ ने यह आदेश ज्योति प्रवीन खंडपासोले द्वारा दायर जनहित याचिका पर...
सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा के 20 साल पुराने हाउसिंग प्रोजेक्ट के समाधान के लिए पूर्व हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में समिति गठित की
सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा स्थित शिव कला चार्म्स प्रोजेक्ट से जुड़े लंबे समय से लंबित आवासीय विवाद की स्वतंत्र जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस पंकज नकवी (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक एक-सदस्यीय समिति (One-Member Committee) गठित करने का निर्देश दिया है। यह मामला लगभग दो दशकों से लंबित है और इसमें सैकड़ों ऐसे घर खरीदार शामिल हैं जिन्हें गोल्फ कोर्स सहकारी आवास समिति (GCSAS) और शिव कला डेवलपर्स प्रा. लि. द्वारा विकसित इस प्रोजेक्ट में निवेश के बाद ठगा गया था।जस्टिस विक्रम...
बिना रजिस्ट्री वाला पारिवारिक समझौता बंटवारा साबित करने के लिए मान्य: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (6 नवंबर) को यह स्पष्ट किया कि संयुक्त परिवार की संपत्ति में किसी सहभाजनकर्ता (coparcener) द्वारा किए गए पंजीकृत परित्याग विलेख (registered relinquishment deed), जिसके तहत वह अपना हिस्सा छोड़ देता है, तुरंत प्रभाव से लागू होता है, भले ही उसे आगे लागू करने की कोई प्रक्रिया न की गई हो।अदालत ने कहा, “यदि किसी सहभाजनकर्ता ने किसी प्रतिफल (consideration) के बदले में अपने अधिकारों का परित्याग किया है, तो वह विलेख तुरंत प्रभाव से उसके अधिकार समाप्त कर देता है। इसकी वैधता किसी...
संपत्ति खरीदना कठिन: सुप्रीम कोर्ट ने भूमि रजिस्ट्रेशन में ब्लॉकचेन तकनीक अपनाने का सुझाव दिया
सुप्रीम कोर्ट ने भारत की भूमि पंजीकरण और स्वामित्व प्रणाली में व्यापक सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा है कि देश का मौजूदा ढांचा अब भी औपनिवेशिक कानूनों — ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1882, इंडियन स्टैम्प एक्ट, 1899 और रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 — पर आधारित है, जिसने भ्रम, भ्रष्टाचार, देरी और मुकदमों की भरमार पैदा की है।जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने यह स्पष्ट किया कि रजिस्ट्रेशन एक्ट केवल दस्तावेज़ का पंजीकरण करता है, स्वामित्व की गारंटी नहीं देता, जिसके कारण...
सुप्रीम कोर्ट मंथली राउंड अप : अक्टूबर, 2025
सुप्रीम कोर्ट में अक्टूबर, 2025 में क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट मंथली राउंड अप। अक्टूबर महीने के सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।ट्रायल कोर्ट केवल निजी गवाह के हलफनामे के आधार पर चार्जशीट में न उल्लिखित अपराध का संज्ञान नहीं ले सकता: सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि किसी ट्रायल कोर्ट को केवल निजी गवाहों द्वारा दाखिल किए गए हलफनामों (अफिडेविट्स) के आधार पर चार्जशीट में न उल्लिखित अतिरिक्त अपराधों का संज्ञान नहीं लेना चाहिए, बिना जांच रिकॉर्ड...
'आवारा कुत्तों की लगातार मौजूदगी जन सुरक्षा के लिए ख़तरा': सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक जगहों से कुत्तों को हटाने के लिए जारी किए दिशा-निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने भारत भर में आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी जन सुरक्षा के लिए ख़तरा बनी हुई है। कोर्ट ने कहा कि कुत्तों के काटने की बार-बार होने वाली घटनाएं, खासकर शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, परिवहन केंद्रों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर, गंभीर प्रशासनिक खामियों और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों के सुरक्षा के अधिकार को सुरक्षित रखने में व्यवस्थागत विफलता को उजागर करती हैं।कई मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए, बेंच ने...
राज्य बार काउंसिलों में महिलाओं के लिए एक-तिहाई आरक्षण की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एडवोकेट शेहला चौधरी द्वारा दायर एक याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें भारत भर की सभी राज्य बार काउंसिलों में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित करने की मांग की गई। इसमें रोटेशन के आधार पर कम से कम एक पदाधिकारी का पद भी शामिल है।याचिका में कहा गया,"भारतीय संविधान में लैंगिक समानता का सिद्धांत इसकी प्रस्तावना, मौलिक अधिकारों, मौलिक कर्तव्यों और राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों में निहित है। राज्य बार काउंसिलों की सदस्य न होने वाली महिला वकीलों की अनुपस्थिति में...
BREAKING | सुप्रीम कोर्ट ने मोटर दुर्घटना दावों में 'विभाजन गुणक' के इस्तेमाल पर रोक लगाई, मृत्यु के समय की आय को ध्यान में रखना अनिवार्य
सुप्रीम कोर्ट ने मोटर दुर्घटना दावों के मामलों में मुआवज़े की गणना पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि 'विभाजन गुणक' पद्धति लागू नहीं की जानी चाहिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मुआवज़े की गणना केवल मृतक की मृत्यु के समय की आय के आधार पर की जानी चाहिए।कोर्ट ने कहा,"हमारा मानना है कि मुआवज़े की गणना के लिए मृत्यु की तिथि तक की आय को आधार बनाया जाना चाहिए... दूसरे शब्दों में, विभाजन गुणक मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के लिए एक विदेशी अवधारणा है। इसका उपयोग न्यायाधिकरण और/या न्यायालयों द्वारा...
"मीडिया की चर्चा के दीवाने हो गए हो": संविधान (अनुसूचित जातियाँ) आदेश 1950 को चुनौती देने वाले लॉ स्टूडेंट को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने आज एक तीसरे वर्ष के क़ानून के छात्र की याचिका को खारिज करते हुए उसे कड़ी फटकार लगाई। छात्र ने 1950 के संविधान (अनुसूचित जातियाँ) आदेश — जो राष्ट्रपति द्वारा पारित आदेश है और जिसमें अनुसूचित जातियों की सूची निर्धारित की गई है — को चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की थी।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्य बागची की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता (जो स्वयं पेश हुए थे) से कहा कि पढ़ाई पर ध्यान देने के बजाय वे “फिजूल की याचिका” दाखिल...
क्रिकेटर मोहम्मद शमी को पत्नी की मासिक गुजारा भत्ता बढ़ाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी को उनकी पत्नी द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने और अपनी बेटी के लिए गुजारा भत्ता बढ़ाने की मांग की।पत्नी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के 1 जुलाई, 2025 और 25 अगस्त, 2025 के आदेशों को चुनौती दी, जिसमें उनके अंतरिम गुजारा भत्ता को बढ़ाकर ₹1.5 लाख प्रति माह और उनकी नाबालिग बेटी के लिए ₹2.5 लाख प्रति माह कर दिया गया था। शमी की आर्थिक स्थिति और जीवनशैली को देखते हुए यह राशि बेहद अपर्याप्त बताते हुए, जहां ने अपने लिए गुजारा भत्ता...
BREAKING| अकोला दंगों की जांच के लिए हिंदू-मुस्लिम अधिकारियों वाली SIT के गठन के आदेश के पुनर्विचार पर सुप्रीम कोर्ट का खंडित फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका पर विभाजित फैसला सुनाया, जिसमें 2023 के अकोला दंगों के दौरान हुए एक हमले की जांच में राज्य सरकार की विफलता से संबंधित आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन के निर्देश देने वाले आदेश की पुनर्विचार की मांग की गई थी।जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार की उस याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें 11 सितंबर के अपने आदेश की पुनर्विचार की मांग की गई थी। इस आदेश में हमले की जांच में विफल रहने के लिए महाराष्ट्र...
“हम बार पर भरोसा करते हैं, उसे तोड़ें नहीं” — सुप्रीम कोर्ट ने तथ्य छिपाने पर वकीलों को डांटा
सुप्रीम कोर्ट ने आज एक मामले में तथ्यों को छिपाने (suppression of facts) के लिए प्रत्येक अपीलकर्ता पर ₹10,000 का उदाहरणीय जुर्माना लगाते हुए कहा कि “अदालत का भरोसा बार (वकीलों) द्वारा कभी टूटना नहीं चाहिए।”यह टिप्पणी जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस विपुल एम. पांचोली की खंडपीठ ने तब की, जब एक वकील ने interlocutory application (IA) सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया था। अदालत ने उस समय इसे सूचीबद्ध करने की अनुमति दी, लेकिन बाद में पता चला कि उसी मामले में एक review petition (पुनर्विचार याचिका) लंबित...
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व CM अजीत जोगी के बेटे की बरी होने के खिलाफ CBI की अपील पर फिर से विचार करने का आदेश दिया
एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की उस अपील को बहाल कर दिया है, जिसे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राजनीतिक नेता रामअवतार जग्गी की हत्या मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी की बरी होने के खिलाफ खारिज कर दिया था।अमित जोगी की बरी होने के खिलाफ तीन अपीलें दायर की गई थीं — एक सीबीआई द्वारा, और बाकी दो राज्य सरकार व शिकायतकर्ता द्वारा। हाईकोर्ट ने सीबीआई की अपील देरी के आधार पर खारिज कर दी थी, जबकि अन्य दो अपीलों को अवैध (non-maintainable) मानते हुए खारिज किया था। जस्टिस...




















