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सुप्रीम कोर्ट के लिए कोई मामला छोटा नहीं, व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामलों में दखल देना उसका कर्तव्य है: सीजेआई चंद्रचूड़ ने कानून मंत्री की टिप्पणी पर कहा
'सुप्रीम कोर्ट के लिए कोई मामला छोटा नहीं, व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामलों में दखल देना उसका कर्तव्य है': सीजेआई चंद्रचूड़ ने कानून मंत्री की टिप्पणी पर कहा

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के लिए कोई मामला बहुत छोटा नहीं है।उन्होंने आगे कहा,"अगर हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामलों में कार्रवाई नहीं करते हैं और राहत देते हैं तो हम यहां क्या कर रहे हैं?"संयोग से केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को संसद में टिप्पणी की थी कि सुप्रीम कोर्ट को जमानत याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए, बल्कि संवैधानिक मामलों की सुनवाई करनी चाहिए।सीजेआई की टिप्पणी, जो कानून मंत्री के बयान की संभावित प्रतिक्रिया के रूप...

दसवीं अनुसूची लागू होने के बाद दल-बदल के मामलों में काफी कमी आई, इसमें संशोधन की जरूरत नहीं: केंद्र सरकार
'दसवीं अनुसूची' लागू होने के बाद दल-बदल के मामलों में 'काफी' कमी आई, इसमें संशोधन की जरूरत नहीं: केंद्र सरकार

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा को सूचित किया कि संविधान में दसवीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) के शामिल होने के बाद दल-बदल के मामलों में "काफी कमी" आई है और इसमें संशोधन करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इसमें किया गया संशोधन समय की कसौटी पर खरा उतरा है।केंद्रीय कानून मंत्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राज्यसभा सांसद गणगुर चेलुवेगौड़ा चंद्रशेखर द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या सरकार दलबदल विरोधी कानून को मजबूत करने की योजना बना रही है।इसके अलावा सांसद...

पीसी एक्ट - रिश्वत की मांग को साबित किए बिना इसकी स्वीकृति या प्राप्ति दिखाने से ये अपराध नहीं होगा : सुप्रीम कोर्ट
पीसी एक्ट - रिश्वत की मांग को साबित किए बिना इसकी स्वीकृति या प्राप्ति दिखाने से ये अपराध नहीं होगा : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने गुरुवार को कहा कि रिश्वत देने वाले द्वारा किए गए प्रस्ताव या लोक सेवक द्वारा की गई मांग को स्थापित किए बिना, केवल अवैध रिश्वत की स्वीकृति या प्राप्ति, इसे धारा 7 या धारा 13 1)(डी)(i) या धारा 13(1)(डी)(ii) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत अपराध नहीं बनाएगी।जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस ए एस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ ने नोट किया कि धारा 7 और धारा 13(1)(डी)(i) और (ii) के तहत अपराध के रूप में क्या...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
GUJCOCA: 'संगठित अपराध' का कृत्य 'गैरकानूनी गतिविधि जारी रखने' के अलावा, अपराध की निरंतरता के कम से कम एक मामले द्वारा गठित किया गया हो : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गुजरात आतंकवाद और संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (GUJCOCA) 2015 के तहत 'संगठित अपराध' का कृत्य गैरकानूनी गतिविधि जारी रखने' के अलावा, अपराध की निरंतरता के कम से कम एक मामले द्वारा गठित किया गया हो।इस मामले में गुजरात राज्य ने गुजरात हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत अलग-अलग अपराधों के लिए पूर्व में दर्ज की गई पांच एफआईआर को अभियुक्त की 'निरंतर गैरकानूनी गतिविधि' के रूप में नहीं माना जा...

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की अस्थायी नियुक्तियों में SC/ST/OBC/PWD आरक्षण की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की अस्थायी नियुक्तियों में SC/ST/OBC/PWD आरक्षण की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिसंबर को रिट याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/पीडब्ल्यूडी श्रेणियों से संबंधित व्यक्तियों के लिए केंद्र सरकार के पदों और सेवाओं में अस्थायी नियुक्तियों में, जो 45 दिनों या उससे अधिक समय तक चलने वाली हैं, उनमें आरक्षण की मांग की गई है। साथ ही ऐसे स्वायत्त निकायों/संस्थानों/यूनिवर्सिटी में पदों के लिए जो भारत सरकार से सहायता अनुदान प्राप्त कर रहे हैं, उनमें भी आरक्षण की मांग की गई।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की...

NEET-UG : नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के प्राइवेट छात्रों के दाखिले में बाधा न डालें, सुप्रीम कोर्ट ने एनएमसी को निर्देश दिया
NEET-UG : नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के प्राइवेट छात्रों के दाखिले में बाधा न डालें, सुप्रीम कोर्ट ने एनएमसी को निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद को एनईईटी-यूजी उम्मीदवार के दाखिले में बाधा नहीं डालने का निर्देश दिया, जिसने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से एक निजी छात्र के रूप में 10+2 पाठ्यक्रम पास किया था।इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने की।एनईईटी-यूजी उम्मीदवार, याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे काउंसलिंग के लिए एडमिट किया गया है, मध्य प्रदेश और पंजाब राज्य इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वह अपनी कक्षा 11 की मार्कशीट जमा...

सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही रद्द की क्योंकि शिकायतकर्ता ने सिविल उपचार का लाभ उठाया, आदेश मिसाल नहीं माना जाएगा
सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही रद्द की क्योंकि शिकायतकर्ता ने सिविल उपचार का लाभ उठाया, आदेश मिसाल नहीं माना जाएगा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिए गए एक फैसले में धोखाधड़ी के एक मामले में एक आरोपी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को यह देखते हुए रद्द कर दिया कि शिकायतकर्ता ने वास्तव में सिविल उपचार का लाभ उठाया था।अदालत ने हालांकि स्पष्ट किया कि यह आदेश वर्तमान मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में है और इसे मिसाल के तौर पर उद्धृत नहीं किया जाएगा।इस मामले में, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपी द्वारा अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलीभगत से रची गई आपराधिक साजिश के तहत एक सेल डीड पर उसके हस्ताक्षर जाली किए। आरोपियों के...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
स्क्राइब्स की सुविधाएं देने के लिए बेंचमार्क डिसेबिलिटी पर जोर न दें: सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को निर्देश दिया कि वो स्क्राइब्स की सुविधाएं देने के लिए बेंचमार्क डिसेबिलिटी पर जोर न दें।इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने की।यह याचिका स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की परीक्षा में बैठने वाले एक दिव्यांग उम्मीदवार ने दायर की थी।शुरुआत में ही, सीजेआई चंद्रचूड़ ने एसबीआई को विकास कुमार बनाम यूपीएससी के फैसले की याद दिलाते हुए कहा,"क्या आप इस व्यक्ति को स्क्राइब से वंचित करने जा रहे हैं क्योंकि उसके...

यदि अन्य विश्वसनीय सबूतों द्वारा पुष्टि की जाती है तो मुकर चुके गवाह की गवाही पर आरोपी पर दोष सिद्ध किया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट
यदि अन्य विश्वसनीय सबूतों द्वारा पुष्टि की जाती है तो मुकर चुके गवाह की गवाही पर आरोपी पर दोष सिद्ध किया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि अन्य विश्वसनीय सबूतों द्वारा पुष्टि की जाती है तो " अपनी गवाही से मुकर चुके गवाह" की गवाही पर दोष सिद्ध करने के लिए कोई कानूनी रोक नहीं है।संविधान पीठ ने कहा, यह तथ्य कि एक गवाह को "मुकरा हुआ" घोषित किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप उसके साक्ष्य की स्वतः अस्वीकृति नहीं होती है।जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस ए एस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ ने इस संदर्भ कि 'क्या रिश्वत मांगने या देने के संबंध में प्रत्यक्ष...

Supreme Court
'घर में आग लगने पर कुआं न खोदें': सुप्रीम कोर्ट ने बिहार जहरीली त्रासदी पर पंजाब सरकार को फटकार लगाई

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पंजाब सरकार को राज्य में अवैध शराब के बड़े पैमाने पर निर्माण और बिक्री से निपटने के लिए तुरंत सख्त कदम उठाने की चेतावनी देते हुए कहा,"जब घर में आग लग जाए तो कुआं न खोदें।"राज्य सरकार ने जस्टिस एम.आर. शाह और जस्टिस सी.टी. रविकुमार की बेंच को बताया कि वे पहले ही कोर्ट के आदेश के अनुसार सही दिशा में कदम उठा चुके हैं।पीठ को सूचित किया गया,"हमने कोर्ट के सभी निर्देशों को लागू किया है, जिसमें अवैध भट्टी पाए जाने पर स्थानीय पुलिस को जवाबदेह ठहराने वाला एक सर्कुलर जारी...

Supreme Court
तमिलनाडु सरकार पर 38,000 मंदिरों का प्रबंधन अपने हाथ में लेने का आरोप, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक याचिका में तमिलनाडु सरकार से जवाब मांगा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सरकार ने कार्यकारी अधिकारियों की नियुक्ति करके में लगभग 38,000 मंदिरों का प्रबंधन अप्रत्यक्ष रूप से अपने हाथ में ले लिया, लेकिन उन्हें मंदिर के ट्रस्टियों को नियुक्त करने से रोक दिया। याचिका के अनुसार, इससे मंदिर के विशाल फंड का कुप्रबंधन हुआ है।इस मामले की सुनवाई सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने की।याचिकाकर्ता, "इंडिक कलेक्टिव ट्रस्ट" नाम के एक संगठन ने मद्रास...

Supreme Court
धारा 34 आईपीसी| 'सामान्य इरादा' उसी क्षण और घटना के दरमियान बनाया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आईपीसी की धारा 34 के उद्देश्य के लिए 'सामान्य इरादा' का गठन क्षण भर में और घटना के दरमियान ही किया जा सकता है।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि आईपीसी की धारा 34 लागू होने के लिए सह-अपराधियों के बीच सामान्य इरादा होना चाहिए, जिसका अर्थ समुदाय का उद्देश्य और सामान्य योजना होना चाहिए।मामले में गुरबचन सिंह और अन्य के खिलाफ अभियोजन का मामला यह था कि वे क्रमशः 'लाठी', 'टोका', कुल्हाड़ी और 'गंडासी' से लैस होकर आए थे, और तेजा सिंह नामक व्यक्ति को पीटा...

हाईकोर्ट के नाम प्रदेश के नाम पर बदलने के मुद्दे पर मुख्य न्यायाधीश से चर्चा करूंगा : कानून मंत्री किरेन रिजिजू
हाईकोर्ट के नाम प्रदेश के नाम पर बदलने के मुद्दे पर मुख्य न्यायाधीश से चर्चा करूंगा : कानून मंत्री किरेन रिजिजू

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट को केवल उन्हीं मामलों की सुनवाई करनी चाहिए जो संवैधानिक न्यायालय द्वारा उठाए जाने के लिए प्रासंगिक और उपयुक्त हों। उन्होंने कहा, "अगर सुप्रीम कोर्ट जमानत याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करता है और सभी तुच्छ जनहित याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करता है तो यह निश्चित रूप से माननीय न्यायालय पर बहुत अधिक अतिरिक्त बोझ डालेगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट को एक संवैधानिक अदालत के रूप में माना जाता है।"मंत्री हाल ही में पारित नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय...

Supreme Court
'वन बार, वन वोट का सख्ती से पालन किया जाए' सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जयपुर में राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को शुक्रवार, 16 दिसंबर को राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार और 'वन बार, वन वोट' के सिद्धांत का उल्लंघन किए बिना पदाधिकारियों के पद के लिए चुनाव कराने की अनुमति दी। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने यह फैसला लिया, जो बार एसोसिएशन के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है, क्योंकि याचिकाकर्ता बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता की कमी के बारे में शिकायत मिलने...

एमबीबीएस : सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा प्रयासों को सीमित करने के एनएमसी नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
एमबीबीएस : सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा प्रयासों को सीमित करने के एनएमसी नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (14 दिसंबर) को स्नातक मेडिकल परीक्षा 1997 के विनियमों में संशोधन के पूर्वव्यापी आवेदन को बरकरार रखने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग करने वाले पांच विशेष रूप से दिव्यांग एमबीबीएस छात्रों द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ द्वारा की गई। स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियम (संशोधन) 2019 को स्नातक चिकित्सा शिक्षा, 1997 पर विनियमों में संशोधन करने के लिए पारित किया गया था।...

यह सुनिश्चित करें कि कोई दिव्यांग उम्मीदवार CLAT में प्रवेश से वंचित नहीं रहे: सुप्रीम कोर्ट ने एनएलयू कंसोर्टियम से कहा
यह सुनिश्चित करें कि कोई दिव्यांग उम्मीदवार CLAT में प्रवेश से वंचित नहीं रहे: सुप्रीम कोर्ट ने एनएलयू कंसोर्टियम से कहा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को CLAT कंसोर्टियम द्वारा स्क्राइब्स की सेवा लेने के इच्छुक दिव्यांग उम्मीदवारों पर लगाई गई कड़ी शर्तों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। सीजेआई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की कि कंसोर्टियम केवल बेंचमार्क दिव्यांग लोगों को स्क्राइब प्रदान कर रहा है, अदालत की राय में विकास कुमार बनाम संघ लोक सेवा आयोग के फैसले के खिलाफ है। याचिकाकर्ता ने कंसोर्टियम को डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट स्वीकार करने का...

जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया बदलने तक उच्च न्यायपालिका में रिक्तियों का मुद्दा उठता रहेगा: कानून मंत्री किरेन रिजिजू
जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया बदलने तक उच्च न्यायपालिका में रिक्तियों का मुद्दा उठता रहेगा: कानून मंत्री किरेन रिजिजू

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि जब तक जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव नहीं होता, उच्च न्यायिक रिक्तियों का मुद्दा उठता रहेगा।देश भर में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या के लिए न्यायिक रिक्तियों को जिम्मेदार ठहराते हुए, केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि सरकार के पास न्यायिक रिक्तियों को भरने की सीमित शक्ति है, हालांकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और हाईाकेर्ट के जजों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि वे गुणवत्तापूर्ण जजों के नामों की सिफारिश करें।केंद्रीय...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सीआरपीसी की धारा 313 कोरी औपचारिकता नहीं, आरोपी को परिस्थितियों के बारे में बताना होगा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धारा 313 सीआरपीसी के तहत एक आरोपी से पूछताछ करते समय, उसे उसके खिलाफ सबूतों में दिखाई देने वाली परिस्थितियों को स्पष्ट किया जाना चाहिए।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओका की पीठ ने कहा, "यदि अभियुक्त को उन साक्ष्यों में उसके खिलाफ दिखाई देने वाली महत्वपूर्ण परिस्थितियों के बारे में नहीं बताया गया है, जिस पर उसकी दोषसिद्धि आधारित होने की मांग की गई है, तो अभियुक्त अपने खिलाफ रिकॉर्ड में लाई गई उक्त परिस्थितियों को स्पष्ट करने की स्थिति में नहीं होगा। वह उचित तरीके से...