ताज़ा खबरें

ऋणमुक्ति के लिए बंधक द्वारा दूसरा वाद केवल इसलिए वर्जित नहीं क्योंकि पहला वाद डिफ़ॉल्ट रूप से खारिज किया गया था: सुप्रीम कोर्ट
ऋणमुक्ति के लिए बंधक द्वारा दूसरा वाद केवल इसलिए वर्जित नहीं क्योंकि पहला वाद डिफ़ॉल्ट रूप से खारिज किया गया था: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि ऋणमुक्ति के लिए एक बंधक द्वारा दूसरा वाद केवल इसलिए वर्जित नहीं है क्योंकि पहला वाद डिफ़ॉल्ट रूप से खारिज कर दिया गया था, जब तक कि बंधक का ऋणमुक्ति का अधिकार समाप्त नहीं हो जाता।जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश IX नियम 9 (जो कार्रवाई के समान कारण पर दूसरे वाद को रोकता है यदि पहला वाद डिफ़ॉल्ट रूप से खारिज कर दिया जाता है) दूसरा वाद दायर करने से गिरवी रखने वाले को रोक नहीं सकता है जब तक बंधक के लिए...

वसीयत को सिर्फ इसलिए वास्तविक नहीं माना जा सकता क्योंकि ये 30 साल से ज्यादा पुरानी है : सुप्रीम कोर्ट
वसीयत को सिर्फ इसलिए वास्तविक नहीं माना जा सकता क्योंकि ये 30 साल से ज्यादा पुरानी है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 90 के तहत 30 वर्ष से अधिक पुराने दस्तावेजों की वास्तविकता के बारे में अनुमान वसीयत पर लागू नहीं होता है।अदालत ने 03.05.2013 को सुनाए गए पूर्ववर्ती कानूनी वारिसों द्वारा एम बी रमेश (डी) बनाम कानूनी वारिसों द्वारा के एम वीराजे उर्स (डी) और अन्य [सिविल अपील संख्या 1071/2006 के फैसले के आधार पर कहा, "वसीयत को केवल उसकी आयु के आधार पर साबित नहीं किया जा सकता है - धारा 90 के तहत 30 साल से अधिक आयु के दस्तावेजों की नियमितता के रूप में अनुमान...

एससीबीए सीनियर एडवोकट कपिल सिब्बल और एनके कौल के खिलाफ प्रस्ताव पारित नहीं करेगी, आम सभा की बैठक रद्द
एससीबीए सीनियर एडवोकट कपिल सिब्बल और एनके कौल के खिलाफ प्रस्ताव पारित नहीं करेगी, आम सभा की बैठक रद्द

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की एक्सक्यूटिव कमेटी ने कई सीनियर एडवोकेट्स सहित कई वकीलों के विरोध के बाद सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और सीनियर एडवोकेट एनके कौल के खिलाफ प्रस्तावित संकल्पों पर चर्चा के लिए कल बुलाई गई आम बैठक को रद्द करने का फैसला किया है।प्रस्तावित संकल्पों में सिब्बल और कौल को चीफ ज‌‌स्टिस ऑफ इंडिया से माफी मांगने के कारण फटकार लगाने की मांग की गई थी।उल्लेखनीय है कि एससीबीए ने वकीलों के ‌लिए चैंबर्स के संबंध में एक मामला दायर किया गया था, जिसे एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह ने तत्काल...

मर्डर ट्रायलः सुप्रीम कोर्ट ने माना, जब सबूत में इच्छुक गवाह शामिल हों तब अभियुक्त के शरीर पर लगी चोटों की व्याख्या में अभियोजन पक्ष की ओर से हुई चूक अधिक महत्वपूर्ण
मर्डर ट्रायलः सुप्रीम कोर्ट ने माना, जब सबूत में इच्छुक गवाह शामिल हों तब अभियुक्त के शरीर पर लगी चोटों की व्याख्या में अभियोजन पक्ष की ओर से हुई चूक अधिक महत्वपूर्ण

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में दोहराया कि अभियुक्त के शरीर पर चोटों की व्याख्या करने में अभियोजन पक्ष की ओर से हुई चूक अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है, जहां सबूत में इच्छुक गवाह शामिल होता है या जहां बचाव पक्ष एक बयान देता है, जो अभियोग पक्ष की ओर से दिए गए बयान की संभाव्यता के साथ प्रतिस्पर्धा करता है।जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने ट्रायल कोर्ट की ओर से दिए गए और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की ओर से मुख्य रूप से इस आधार पर पुष्ट किए गए दोषसिद्धि के फैसले को पलट...

शिवसेना मामला: एकनाथ शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, दलबदल की बुराई से अधिक महत्वपूर्ण बहुमत शासन का सिद्धांत
शिवसेना मामला: एकनाथ शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, 'दलबदल की बुराई से अधिक महत्वपूर्ण बहुमत शासन का सिद्धांत'

पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने मंगलवार को शिवसेना मामले की सुनवाई की। पीठ में चीफ ज‌‌स्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हेमा कोहली और जस्टिस नरसिम्हा शामिल हैं।एकनाथ शिंदे गुट की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी ने दलील दी कि दल-बदल की बुराई से अधिक महत्वपूर्ण बहुमत शासन का सिद्धांत है।जेठमलानी ने कहा,"मेरे विद्वान मित्रों ने आला संवैधानिक सिद्धांत की बात की है। उन्होंने दल-बदल की बुराई पर मामले को केंद्र‌ित कर दिया है। हालांकि स्पीकर के गलत काम और...

बिना गंदी नीयत नाबालिग के सिर और पीठ पर हाथ फेरना सेक्सुअल हैरेसमेंट नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट (वीडियो)
बिना गंदी नीयत नाबालिग के सिर और पीठ पर हाथ फेरना 'सेक्सुअल हैरेसमेंट' नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट (वीडियो)

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने सेक्सुअल हैरेसमेंट यानी यौन शोषण के मामले में 28 साल के एक शख्स की सजा रद्द की और कहा कि बिना किसी गंदी नीयत के नाबालिग लड़की की पीठ और सिर पर केवल हाथ फेरना यौन शोषण नहीं माना जा सकता है। जस्टिस भारती डांगरे की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। जस्टिस भारती ने शख्स को आरोपों से रिहा करते हुए कहा कि दोषी का कोई सेक्सुअल इंटेंशन नहीं था और उसके कथन से पता चलता है कि उसने लड़की को एक बच्चे के रूप में देखा था।पूरी वीडियो यहां देखें:

सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में जम्मू-कश्मीर में माकपा नेता एमवाई तारिगामी की कथित अवैध हिरासत पर केंद्र से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में जम्मू-कश्मीर में माकपा नेता एमवाई तारिगामी की कथित अवैध हिरासत पर केंद्र से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को केंद्र सरकार से इस आरोप का जवाब मांगा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPI(M)) के नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी को 2019 में जम्मू और कश्मीर में बिना किसी औपचारिक आदेश के हिरासत में रखा गया था।जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुलगाम से चार बार के विधायक तारिगामी की नजरबंदी के खिलाफ 2019 में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी द्वारा दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी।कोर्ट ने आदेश में...

सुप्रीम कोर्ट ने रिटेल पेट्रोलियम आउटलेट्स में वेपर रिकवरी सिस्टम लगाने के निर्देश जारी किए
सुप्रीम कोर्ट ने रिटेल पेट्रोलियम आउटलेट्स में वेपर रिकवरी सिस्टम लगाने के निर्देश जारी किए

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि 10 लाख से अधिक आबादी वाले और 300 केएल/माह से अधिक टर्नओवर वाले शहरों में स्थित सभी खुदरा पेट्रोलियम आउटलेट वेपर रिकवरी सिस्टम (वीआरएस) सिस्टम लगाएंगे। यह 4 जून, 2021 को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी परिपत्र में निर्धारित नई समय सीमा के भीतर किया जाना चाहिए।जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने देश भर में खुदरा पेट्रोलियम आउटलेट्स में वीआरएस लगाने के संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, चेन्नई बेंच द्वारा जारी निर्देशों की पुष्टि...

आयोगों के सदस्यों की नियुक्तियों के लिए को तीन महीने में उपभोक्ता संरक्षण नियमों में संशोधन करें : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को कहा
आयोगों के सदस्यों की नियुक्तियों के लिए को तीन महीने में उपभोक्ता संरक्षण नियमों में संशोधन करें : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि सचिव, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय बनाम डॉ महिंद्रा भास्कर लिमये और अन्य के मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को दिए गए निर्देश कि, उपभोक्ता विवाद मंचों में नियुक्ति प्रक्रिया से संबंधित उपभोक्ता संरक्षण नियम, 2020 में कुछ संशोधन करने की आवश्यकता है, को तत्काल आधार पर, ज्यादा से ज्यादा 3 महीने के समय के भीतर किया जाना चाहिए।जस्टिस एस के कौल, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस अरविंद कुमार ने देश भर में जिला और राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों के...

कपिल सिब्बल और एन.के. कौल के खिलाफ प्रस्तावों की अनुमति न दें : केके वेणुगोपाल ने एससीबीए प्रेसिडेंट विकास सिंह से आग्रह किया
कपिल सिब्बल और एन.के. कौल के खिलाफ प्रस्तावों की अनुमति न दें : केके वेणुगोपाल ने एससीबीए प्रेसिडेंट विकास सिंह से आग्रह किया

भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल और सीनियर एडवोकेट केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विकास सिंह को पत्र लिखकर सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और नीरज किशन कौल के खिलाफ प्रस्तावित प्रस्तावों को पारित नहीं होने देने की सलाह दी है। एससीबीए की आम सभा की बैठक गुरुवार को (16 मार्च) को सिब्बल और कौल के खिलाफ प्रस्तावित प्रस्तावों पर विचार करने के लिए निर्धारित की गई है।सिब्बल और कौल के खिलाफ प्रस्तावित प्रस्तावों पर 16 मार्च को बुलाई गई एससीबीए की वार्षिक आम सभा की बैठक में विचार किया...

अनुच्छेद 226 (2) : सुप्रीम कोर्ट ने समझाया कि कैसे तय किया जाए कि कार्रवाई का कारण हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार में हुआ
अनुच्छेद 226 (2) : सुप्रीम कोर्ट ने समझाया कि कैसे तय किया जाए कि कार्रवाई का कारण हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार में हुआ

भारत के संविधान के अनुच्छेद 226(2) के तहत 'कार्रवाई के कारण' की अवधारणा को समझाते हुए एक उल्लेखनीय फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केवल वे तथ्य, जो राहत देने के लिए प्रासंगिक हैं, 'कार्रवाई के कारण' को जन्म देंगे।इस सिद्धांत को लागू करते हुए, न्यायालय ने कहा कि एक कंपनी किसी राज्य द्वारा जारी जीएसटी अधिसूचना को दूसरे राज्य में स्थित हाईकोर्ट के समक्ष केवल इस आधार पर चुनौती नहीं दे सकती है कि उसका वहां कार्यालय है।सुप्रीम कोर्ट सिक्किम हाईकोर्ट के उस निर्णय के खिलाफ गोवा राज्य द्वारा दायर...

सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने एससीबीए से कपिल सिब्बल और एनके कौल के खिलाफ प्रस्तावित प्रस्ताव वापस लेने का आग्रह किया
सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने एससीबीए से कपिल सिब्बल और एनके कौल के खिलाफ प्रस्तावित प्रस्ताव वापस लेने का आग्रह किया

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के कई सदस्यों ने एसोसिएशन के कुछ अन्य सदस्यों द्वारा सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और नीरज किशन कौल को एससीबीए प्रेसिडेंट सीनियर एडवोकेट विकास सिंह के गुस्से के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश से माफी मांगने के लिए फटकार लगाने के प्रस्ताव पर नाराज़गी व्यक्त की है । . रिपोर्ट के प्रकाशन के समय 470 से अधिक वकीलों (53 सीनियर एडवोकेट सहित) द्वारा समर्थित एक पत्र, एससीबीए सचिव को भेजा गया है, जिसमें सिब्बल और कौल के खिलाफ प्रस्तावित प्रस्तावों को वापस लेने की मांग की गई है।पत्र...

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों से कहा, जजमेंट के काज़ टाइटल में पक्षकारों की जाति का उल्लेख न करें
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों से कहा, जजमेंट के काज़ टाइटल में पक्षकारों की जाति का उल्लेख न करें

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि निर्णयों के वाद शीर्षकों (Cause Titles) में पक्षकारों की जाति का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए। जस्टिस अभय श्रीनिवास ओक और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने निचली अदालतों को सलाह दी कि वे काज़ टाइटल में नाम के आगे जाति जोड़ने की प्रथा को जारी रखने से बचें।बेंच ने कहा,"हम यहां देख सकते हैं कि विशेष न्यायाधीश, पोक्सो एक्ट कोटा, राजस्थान राज्य में द्वारा दिए गए फैसले के काज़ टाइटल में अभियुक्त की जाति का उल्लेख किया गया है। हमारा विचार है कि इस तरह की प्रथा का कभी...

मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम - योजना सिर्फ इसलिए समाप्त नहीं होगी क्योंकि ठोस कदम उठाने के बावजूद तीन साल में पूरी नहीं की जा सकी : सुप्रीम कोर्ट
मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम - योजना सिर्फ इसलिए समाप्त नहीं होगी क्योंकि ठोस कदम उठाने के बावजूद तीन साल में पूरी नहीं की जा सकी : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उन फैसलों को रद्द कर दिया, जिसमें इंदौर विकास प्राधिकरण और मध्य प्रदेश राज्य द्वारा एक आवासीय योजना के लिए शुरू की गई अधिग्रहण कार्यवाही को समाप्त कर दिया गया था।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 50 के तहत योजना संख्या 97 को रद्द करने और बाद में भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 के तहत मध्य प्रदेश राज्य द्वारा की गई...

भोपाल गैस त्रासदी : सुप्रीम कोर्ट ने यूसीसी से अतिरिक्त मुआवजे की मांग की केंद्र की क्यूरेटिव याचिका खारिज की
भोपाल गैस त्रासदी : सुप्रीम कोर्ट ने यूसीसी से अतिरिक्त मुआवजे की मांग की केंद्र की क्यूरेटिव याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने मंगलवार को भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजे का दावा करने के लिए यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (अब डॉऊ केमिकल्स) के साथ समझौता फिर से शुरू करने की मांग वाली केंद्र द्वारा दायर क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया। अदालने नोट किया कि समझौते को केवल धोखाधड़ी के आधार पर रद्द किया जा सकता है, लेकिन भारत संघ द्वारा धोखाधड़ी का कोई आधार नहीं दिया गया है। हालांकि, न्यायालय ने निर्देश दिया कि आरबीआई के पास पड़ी 50 करोड़ रुपये की राशि का केंद्र सरकार...