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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र द्वारा CBI और ED के दुरुपयोग के खिलाफ 14 विपक्षी दलों द्वारा दायर याचिका खारिज की; कहा- सामान्य दिशानिर्देश जारी नहीं कर सकते
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र द्वारा CBI और ED के 'दुरुपयोग' के खिलाफ 14 विपक्षी दलों द्वारा दायर याचिका खारिज की; कहा- सामान्य दिशानिर्देश जारी नहीं कर सकते

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चौदह राजनीतिक दलों की ओर से दायर एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियों जैसे कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का केंद्र सरकार असहमतियों को दबाने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है।चीफ ज‌स्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने यह कहकर याचिका पर विचार करने से इनकार किया कि वह बिना तथ्यात्मक संदर्भ के सामान्य निर्देश जारी नहीं कर सकता।खंडपीठ ने कहा कि वह केवल एक...

 सील कवर प्रक्रिया खुले न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है  : सुप्रीम कोर्ट ने वैकल्पिक तौर पर  जनहित  इम्यूनिटी दावा प्रक्रिया जारी की
" सील कवर प्रक्रिया खुले न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है " : सुप्रीम कोर्ट ने वैकल्पिक तौर पर ' जनहित इम्यूनिटी दावा प्रक्रिया' जारी की

सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम समाचार चैनल मीडिया वन की केंद्र सरकार द्वारा उस पर लगाए गए प्रसारण प्रतिबंध के खिलाफ याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि सीलबंद कवर प्रक्रिया प्राकृतिक न्याय और खुले न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है। इस मामले में, सुरक्षा मंज़ूरी रोकने के कारणों के बारे में चैनल को अंधेरे में रखा गया था, जिसकी जानकारी गृह मंत्रालय द्वारा सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत दस्तावेजों के माध्यम से हाईकोर्ट को दी गई थी। हाईकोर्ट के दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीलबंद कवर...

प्रेस का कर्तव्य है कि वह सत्ता से सच बोले, सरकार की नीतियों पर आलोचनात्मक विचारों को स्थापना विरोधी नहीं कहा जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
प्रेस का कर्तव्य है कि वह सत्ता से सच बोले, सरकार की नीतियों पर आलोचनात्मक विचारों को स्थापना विरोधी नहीं कहा जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतंत्र में इसके महत्व पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की खंडपीठ ने कहा कि स्वतंत्र प्रेस नागरिकों को कठिन तथ्यों के साथ पेश करता है और राज्य के कामकाज पर प्रकाश डालता है।न्यायालय केंद्र सरकार द्वारा उस पर लगाए गए प्रसारण प्रतिबंध के खिलाफ मलयालम समाचार चैनल MediaOne की याचिका पर फैसला कर रहा था।सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी के अभाव में चैनल के प्रसारण लाइसेंस को...

सुप्रीम कोर्ट ने MediaOne के प्रसारण पर लगा प्रतिबंध हटाया, कहा- राज्य नागरिकों के अधिकारों से इनकार करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा की दलील का उपयोग कर रहा है
सुप्रीम कोर्ट ने MediaOne के प्रसारण पर लगा प्रतिबंध हटाया, कहा- राज्य नागरिकों के अधिकारों से इनकार करने के लिए 'राष्ट्रीय सुरक्षा' की दलील का उपयोग कर रहा है

सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम समाचार चैनल MediaOne पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रसारण प्रतिबंध के खिलाफ फैसला सुनाया।न्यायालय ने चैनल चलाने वाली कंपनी द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका में यह आदेश पारित किया, जिसमें सुरक्षा मंजूरी के अभाव में चैनल के प्रसारण लाइसेंस को नवीनीकृत नहीं करने के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फैसले को बरकरार रखने के केरल हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमा कोहली की खंडपीठ ने मंत्रालय को चार सप्ताह के भीतर चैनल...

मोटर दुर्घटना मामले में सजा कम करने का हाईकोर्ट का आदेश रद्द, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-आईपीसी का उद्देश्य अपराधियों को दंडित करना, इस‌लिए अनुचित सहानुभूति टिकाऊ नहीं
मोटर दुर्घटना मामले में सजा कम करने का हाईकोर्ट का आदेश रद्द, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-'आईपीसी का उद्देश्य अपराधियों को दंडित करना, इस‌लिए अनुचित सहानुभूति टिकाऊ नहीं'

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा, "भारतीय दंड संहिता दंडात्मक और निवारक है, इसका मुख्य लक्ष्य और उद्देश्य अपराधियों को अधिनियम के तहत अपराधों के लिए दंडित करना है।"कोर्ट ने यह टिप्पणी मोटर दुर्घटना मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एक फैसले को पलटते हुए की, जिसने अपने फैसले में रैश ड्राइविंग के दोषी एक व्यक्ति की सजा को कम कर दिया, जिसके कृत्य के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा, हाईकोर्ट द्वारा दिखाई गई 'अनुचित सहानुभूति', टिकाऊ नहीं थी, इसलिए उसके...

केवल नरेंद्र मोदी ही दायर कर सकते थे मानहानि का केस, शिकायत पॉलिटिकली मोटिवेटेड है: सूरत कोर्ट में राहुल गांधी ने अपनी अपील में कहा
'केवल नरेंद्र मोदी ही दायर कर सकते थे मानहानि का केस, शिकायत पॉलिटिकली मोटिवेटेड है': सूरत कोर्ट में राहुल गांधी ने अपनी अपील में कहा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सूरत सेशंस कोर्ट में 'मोदी सरनेम' टिप्पणी को लेकर दर्ज मानहानि केस में मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा दी गई सजा और दोषसिद्धि को चुनौती दी है।अपनी अपील में उन्होंने कहा कि उनका भाषण (सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों है’) नरेंद्र मोदी, नीरव मोदी और ललित मोदी के संबंध में थे, न कि पूरे मोदी समुदाय के संबंध में।ये अपील सीनियर एडवोकेट आर.एस. चीमा, एडवोकेट किरीट पानवाला और एडवोकेट तरन्नुम चीमा की एक कानूनी टीम के माध्यम से दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि मोदियों...

रेस जुडिकाटा को लागू करने के लिए पिछले वाद को गुण-दोष के आधार पर तय किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धांतों की व्याख्या की
रेस जुडिकाटा को लागू करने के लिए पिछले वाद को गुण-दोष के आधार पर तय किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धांतों की व्याख्या की

सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका के रेस जुडिकाटा सिद्धांतों की व्याख्या करने वाले एक उल्लेखनीय निर्णय में माना कि किसी मामले में कार्यवाही बंद करने के आदेश को गुण-दोष के आधार पर अंतिम निर्णय के रूप में नहीं माना जा सकता, जिससे बाद के मुकदमे पर रोक लगाई जा सके।तदनुसार, न्यायालय ने दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले और डिक्री रद्द कर दी, जिसने बेदखली याचिका की याचिका खारिज कर दी थी, क्योंकि यह न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन था।जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने कहा,"किराया नियंत्रक...

दल-बदल विरोधी कानून का उल्लंघन करने वाले विधायकों और सांसदों पर 5 साल की रोक लगाने वाली याचिका पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार उपयुक्त पक्ष: सुप्रीम कोर्ट में ईसीआई ने कहा
दल-बदल विरोधी कानून का उल्लंघन करने वाले विधायकों और सांसदों पर 5 साल की रोक लगाने वाली याचिका पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार उपयुक्त पक्ष: सुप्रीम कोर्ट में ईसीआई ने कहा

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने हाल ही में विधायकों और सदस्यों को भारत के संविधान के अनुच्छेद 191(1)(e) और दसवीं अनुसूची का उल्लंघन करने पर पांच साल के लिए चुनाव में खड़े होने से अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका पर अपना जवाब दाखिल किया।ईसीआई ने प्रस्तुत किया कि याचिका में शामिल मुद्दा संविधान के अनुच्छेद 191 (1) (ई) की व्याख्या से संबंधित है, जो सदस्यता के लिए अयोग्यता के पहलू पर विस्तृत है। प्रावधान उन परिस्थितियों की गणना करता है, जिसके तहत एक व्यक्ति को राज्य की विधान...

क्रॉस एग्जामिनेशन में बचाव पक्ष के वकील का गवाह को दिया सुझाव, यदि दोषी ठहराए जाने वाला है तो आरोपी को बाध्य करेगा : सुप्रीम कोर्ट
क्रॉस एग्जामिनेशन में बचाव पक्ष के वकील का गवाह को दिया सुझाव, यदि दोषी ठहराए जाने वाला है तो आरोपी को बाध्य करेगा : सुप्रीम कोर्ट

हाल ही में एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि क्रॉस एग्जामिनेशन में बचाव पक्ष के वकील द्वारा एक गवाह को दिया गया सुझाव, यदि दोषी ठहराए जाने वाला पाया जाता है, तो निश्चित रूप से अभियुक्त को बाध्य करेगा। और अभियुक्त यह कहकर बच नहीं सकता कि उसके वकील के पास अपने मुवक्किल के खिलाफ स्वीकारोक्ति की प्रकृति में सुझाव देने का कोई निहित अधिकार नहीं था।ट्रायल में इस प्रासंगिक पहलू को जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने समझाया।"कानून के बिंदु पर रियायत को छोड़कर, किसी बचाव पक्ष के...

Same Sex Marriage
"विपरीत लिंगों का विवाह भारतीय कानूनी व्यवस्‍था के केंद्र में है": जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने समलैंगिक विवाह की मान्यता की मांग संबंधी याचिकाओं का विरोध किया

जमीयत उलमा-ए-हिंद ने भारत में समलैंगिक विवाह (same sex marriage) को कानूनी मान्यता देने से संबंधित मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।संगठन ने तर्क दिया है कि एक कानूनी संस्था के रूप में विपरीत लिंग के बीच विवाह भारत की कानूनी व्यवस्‍था के केंद्र में रहा है। उन्होंने मौजूदा कानूनी व्यवस्‍था में समलैंगिक विवाह को फिट करने के ल‌िए दायर याचिकाओं का विरोध किया है।संगठन की ओर से दायर हस्तक्षेप आवेदन की दलील दी गई है कि विवाह की अवधारणा "किन्हीं दो व्यक्तियों" के मिलाप की सामाजिक-कानूनी मान्यता से कहीं...

घायल गवाह के सबूतों का साक्ष्य मूल्य अधिक, उनके बयानों को हल्के में खारिज नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
घायल गवाह के सबूतों का साक्ष्य मूल्य अधिक, उनके बयानों को हल्के में खारिज नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हत्या के दो दोषियों की अपील याचिकाओं को खारिज कर दिया। साथ ही अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने परीक्षण के चरण में घायल चश्मदीद गवाहों के मौखिक साक्ष्य की सराहना पर कुछ महत्वपूर्ण सिद्धांतों को दोहराया।जस्टिस सुधांशु दुलिया और जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने कहा, "घायल गवाहों के साक्ष्य का महत्वपूर्ण मूल्य है और जब तक दमदार कारण मौजूद ना हो, उनके बयानों को हल्के ढंग से खारिज नहीं किया जाना चाहिए।"इसके अलावा, घटना के समय और स्थान पर एक घायल चश्मदीद गवाह की उपस्थिति पर तब तक...

सुप्रीम कोर्ट ने फिर से निचली अदालतों द्वारा ज़मानत पर अपने फैसलों की अनदेखी कर जमानत अर्जी खारिज करने पर नाराज़गी जताई
सुप्रीम कोर्ट ने फिर से निचली अदालतों द्वारा ज़मानत पर अपने फैसलों की अनदेखी कर जमानत अर्जी खारिज करने पर नाराज़गी जताई

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर निचली अदालतों द्वारा अपने फैसलों का उल्लंघन कर जमानत अर्जी खारिज करने पर नाराजगी जताई है। इस मामले में, बिहार में एक मजिस्ट्रेट द्वारा पारित एक आदेश को रद्द करने के बाद, अदालत ने निर्देश दिया कि नियमित जमानत याचिका किसी अन्य मजिस्ट्रेट को सौंपी जाए। कोर्ट ने नियमित जमानत अर्जी पर विचार होने तक आरोपी को अंतरिम संरक्षण भी दिया।जस्टिस एसके कौल और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने गिरफ्तारी और जमानत से संबंधित अपने पहले के आदेशों के विपरीत बार-बार जमानत याचिकाओं को खारिज...

संभव है कि गिरफ्तारी की प्रक्रिया में पुलिस ने ही हत्या की हो और झूठी कहानी बनाई हो : सुप्रीम कोर्ट ने 1989 हत्या केस में चार को बरी किया
संभव है कि गिरफ्तारी की प्रक्रिया में पुलिस ने ही हत्या की हो और झूठी कहानी बनाई हो : सुप्रीम कोर्ट ने 1989 हत्या केस में चार को बरी किया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 1989 में हुई एक हत्या के लिए दोषी चार लोगों को बरी कर दिया। सबूतों की सराहना करने के बाद, अदालत ने ये राय बनाई कि गिरफ्तारी की प्रक्रिया में हो सकता है कि खुद पुलिस ने उसकी हत्या की हो और ये झूठी कहानी बनाई हो ( पुलेन फुकन और अन्य बनाम असम राज्य)।अदालत गुवाहाटी हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने हत्या के एक मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराने के निचली अदालत के फैसले की पुष्टि की थी। इसे चुनौती देते हुए 11 में से चार ने सुप्रीम...