ताज़ा खबरें

सीआरपीसी की धारा 311 - गवाह को वापस बुलाने की शक्ति का इस्तेमाल तब किया जाना चाहिए जब उचित फैसले के लिए आवश्यक हो : सुप्रीम कोर्ट
सीआरपीसी की धारा 311 - गवाह को वापस बुलाने की शक्ति का इस्तेमाल तब किया जाना चाहिए जब उचित फैसले के लिए आवश्यक हो : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 311 के तहत एक गवाह द्वारा दायर एक आवेदन को अनुमति दी, जिसमें उसे पूछताछ के लिए फिर से बुलाने की मांग की गई थी। अदालत ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए याचिका को स्वीकार कर लिया कि उनके प्रारंभिक बयान में, उनके पास कुछ तथ्य लाने का कोई अवसर नहीं था, जो विशेषज्ञ गवाह की जांच के बाद प्रासंगिक हो गए।कोर्ट ने एक मिसाल का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि सीआरपीसी की धारा 311 के तहत शक्ति का इस्तेमाल तब किया जाना चाहिए जब '...यह मामले के उचित...

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम - संपत्ति में उत्तराधिकारियों के हिस्से का पता लगाने के लिए, पहला कदम यह है कि सहदायिक संपत्ति में मृत्यु की तारीख पर मृतक का हिस्सा निर्धारित करे : सुप्रीम कोर्ट
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम - संपत्ति में उत्तराधिकारियों के हिस्से का पता लगाने के लिए, पहला कदम यह है कि सहदायिक संपत्ति में मृत्यु की तारीख पर मृतक का हिस्सा निर्धारित करे : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक सिविल अपील (1 सितंबर 2023) का निपटारा करते हुए टिप्पणी की कि कई बार आज़माया और परखा गया, मिताक्षरा सहदायिक संपत्ति के उत्तराधिकार का मुद्दा लर्ना झील के अमर दैत्य की तरह बार-बार अपना सिर उठाता रहता है। इस मामले में, एक विभाजन वाद वर्ष 1991 में दायर किया गया था और ट्रायल कोर्ट ने वर्ष 1996 में उस पर फैसला सुनाया था। प्रथम अपीलीय अदालत ने 1999 में अपील खारिज कर दी थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने 2009 में आंशिक रूप से दूसरी अपील की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष, मुद्दा यह था...

NEET-PG: सुप्रीम कोर्ट ने 2021 के एमईए नोटीफिकेशन के आधार पर ओसीआई कार्ड धारक के लाभ से वंचित महिला उम्मीदवार को राहत दी
NEET-PG: सुप्रीम कोर्ट ने 2021 के एमईए नोटीफिकेशन के आधार पर ओसीआई कार्ड धारक के लाभ से वंचित महिला उम्मीदवार को राहत दी

सुप्रीम कोर्ट ने 2021 के जारी किए गए एमईए के एक नोटीफिकेशन के आधार पर ओसीआई कार्ड धारक के लाभ से वंचित की गई एक महिला उम्मीदवार को राहत प्रदान की है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड धारक महिला उम्‍मीदवार की उम्‍मीदवारी खारिज कर दी थी, जिससे परेशान होकर उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज खटखटाया था।सुप्रीम कोर्ट ने ओसीआई उम्मीदवार के रूप में उसके आवेदन की अस्वीकृति को अवैध पाया और उसकी उम्‍मीदवारी पर एम्स और NEET-PG मेडिकल सीटों के लिए काउंसलिंग के अन्य...

भगोड़े अपराधी को केवल असाधारण और दुर्लभ मामलों में अग्रिम जमानत दी जा सकती है: सुप्रीम कोर्ट
भगोड़े अपराधी को केवल असाधारण और दुर्लभ मामलों में अग्रिम जमानत दी जा सकती है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भगोड़े अपराधी को अग्रिम जमानत केवल असाधारण और दुर्लभ मामले में ही दी जा सकती है। अदालत ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा प्रतिवादी को जमानत देने का आदेश रद्द करते हुए यह टिप्पणी की। उक्त प्रतिवादी को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 82 के तहत भगोड़ा अपराधी (Proclaimed Offender) घोषित किया गया है।जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस एसवीएन भट्टी (हरियाणा राज्य बनाम धर्मराज) की खंडपीठ ने कहा,“प्रतिवादी खुद को भगोड़ा अपराधी घोषित करने वाले आदेश का...

अनुच्छेद 370 - याचिकाकर्ता  डूबते ताज पर भरोसा कर रहे हैं, जेएंडके में अब अवशिष्ट शक्ति नहीं बची : उत्तरदाताओं ने दलील दी [ दिन- 14]
अनुच्छेद 370 - याचिकाकर्ता ' डूबते ताज' पर भरोसा कर रहे हैं, जेएंडके में अब अवशिष्ट शक्ति नहीं बची : उत्तरदाताओं ने दलील दी [ दिन- 14]

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष अनुच्छेद 370 याचिका के 14 वें दिन, उत्तरदाताओं द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की राष्ट्रपति की शक्तियों और जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा की सिफारिशी शक्ति से संबंधित दलीलें पेश की गईं। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना,जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी।राजशाही ख़त्म हो गई, याचिकाकर्ता 'डूबते ताज' पर भरोसा कर रहे हैं: सीनियर एडवोकेट राकेश द्विवेदीसीनियर एडवोकेट राकेश द्विवेदी ने पिछले...

सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट सीजे को कोर्ट के आदेश अपलोड करने में देरी पर ध्यान देने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट सीजे को कोर्ट के आदेश अपलोड करने में देरी पर ध्यान देने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को हाईकोर्ट के आदेश को अपलोड करने में कुछ अनियमितताओं पर ध्यान देने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह मुद्दा 'गंभीर चिंता' पैदा करता है और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ जमानत के एक आवेदन पर विचार कर रही थी। बेंच को इस दौरान हाईकोर्ट की कार्यवाही में अनियमितता दिखाई दी। हाईकोर्ट के दिनांक 20.04.2023 के आदेश को सुप्रीम कोर्ट...

अर्चकों का ट्रांसफर: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर तमिलनाडु सरकार से जवाब मांगा
अर्चकों का ट्रांसफर: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर तमिलनाडु सरकार से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से एक आगमिक मंदिर से दूसरे आगमिक मंदिर में अर्चक (मंदिर का पुजारी) का ट्रांसफर करने और निर्वाचित ट्रस्टी की अनुपस्थिति में नियुक्ति करने वाले प्राधिकारी की आवश्यक भूमिका के संबंध में जवाब मांगा है।जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने मद्रास हाईकोर्ट के एक आदेश के ‌खिलाफ दायर याचिका पर नोटिस जारी किया।हाईकोर्ट ने अपने आदेश में आगमों के अनुसार निर्मित मंदिरों को 2020 में तमिलनाडु सरकार की ओर से अर्चकों/पुजारियों की योग्यता और नियुक्तियों के संबंध...

असहिष्‍णु, सांप्रदायिक ताकतों के उभार के बीच अल्पसंख्यक डरे हुए हैं, जबकि अदालतें मूकदर्शक बनी हुई हैंः जस्टिस (रिटायर्ड) एपी शाह
असहिष्‍णु, सांप्रदायिक ताकतों के उभार के बीच अल्पसंख्यक डरे हुए हैं, जबकि अदालतें मूकदर्शक बनी हुई हैंः जस्टिस (रिटायर्ड) एपी शाह

दिल्ली हाइकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस, जस्टिस (रिटायर्ड) एपी शाह ने देश में 'असहिष्णु और सांप्रदायिक' ताकतों के उभार पर चिंता व्यक्त की है। हाल ही में उन्होंने कहा, चरमपंथी विचारधारा ऐसी ताकतों के लिए ईंधन का काम कर रही है। नफरत, ध्रुवीकरण और अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों के तिरस्‍कार की संस्कृति पूरे देश में जड़ें जमा रही है। उन्होंने भारत में अदालत जैसी औपचारिक संस्थाओं के कमजोर होने और उनमें जनता के भरोसे के कम होने की भी आशंका जताई।जस्टिस शाह ने ये बातें 25वें डीएस बोर्कर मेमोरियल...

कावेरी नदी विवाद| सुप्रीम कोर्ट में सीडब्ल्यूएमए ने कर्नाटक द्वारा तमिलनाडु को पानी छोड़े जाने के संबंध में रिपोर्ट दाखिल की
कावेरी नदी विवाद| सुप्रीम कोर्ट में सीडब्ल्यूएमए ने कर्नाटक द्वारा तमिलनाडु को पानी छोड़े जाने के संबंध में रिपोर्ट दाखिल की

सुप्रीम कोर्ट को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) ने गुरुवार (31 अगस्त) को दायर हलफनामे में बताया कि उसे कर्नाटक राज्य द्वारा सूचित किया गया है कि 12.08.2023 से 26.08.2023 तक बिलीगुंडुलु में कुल 149898 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।तमिलनाडु सरकार ने 14 अगस्त, 2023 को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और कर्नाटक को अपने जलाशयों से तुरंत 24,000 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड (क्यूसेक) पानी छोड़ने के लिए बाध्य करने में हस्तक्षेप की मांग की थी। इसका उद्देश्य महीने के शेष भाग के लिए अंतरराज्यीय सीमा पर...

एनडीपीएस मामलों में शीघ्र सुनवाई के लिए दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य से कहा
एनडीपीएस मामलों में शीघ्र सुनवाई के लिए दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य से कहा

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों के ढुलमुल रवैये और लंबी सुनवाई पर ध्यान देते हुए कहा है कि राज्य प्रशासन को मामलों विशेषकर एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए। जस्टिस अरुण मोंगा ने कहा, “हलफनामे की सामग्री के साथ-साथ राज्य द्वारा तैयार की गई मानक संचालन प्रक्रिया और कार्रवाई को देखने के बाद इस न्यायालय को पूरी उम्मीद है कि राज्य पूरी गंभीरता...

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में जबरन धर्म परिवर्तन विरोधी कानून के तहत दर्ज एफआईआर में ब्रॉडवेल क्रिश्चियन हॉस्पिटल सोसाइटी के अध्यक्ष और अन्य आरोपियों को अंतरिम संरक्षण दिया
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में जबरन धर्म परिवर्तन विरोधी कानून के तहत दर्ज एफआईआर में ब्रॉडवेल क्रिश्चियन हॉस्पिटल सोसाइटी के अध्यक्ष और अन्य आरोपियों को अंतरिम संरक्षण दिया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में जबरन धर्म परिवर्तन मामले में ब्रॉडवेल क्रिश्चियन हॉस्पिटल सोसाइटी के अध्यक्ष और अन्य आरोपियों की याचिका पर नोटिस जारी किया। अदालत ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम रूप से किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा भी प्रदान की। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ इस मामले में राज्य पुलिस द्वारा याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दायर तीन नई प्रथम सूचना रिपोर्टो (एफआईआर) में कार्यवाही को रद्द करने से इनकार करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के...

शून्य/अमान्य विवाह से पैदा हुआ बच्चा मिताक्षरा कानून द्वारा शासित हिंदू अविभाजित परिवार में जन्म से सहदायिक नहीं माना जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
शून्य/अमान्य विवाह से पैदा हुआ बच्चा मिताक्षरा कानून द्वारा शासित हिंदू अविभाजित परिवार में जन्म से सहदायिक नहीं माना जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि शून्य या अमान्य विवाह से पैदा हुआ बच्चा मिताक्षरा कानून द्वारा शासित हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) में माता-पिता के हिस्से का हकदार है। साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि ऐसे बच्चे को जन्म से एचयूएफ सहदायिक नहीं माना जा सकता है।सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, "यदि कोई व्यक्ति शून्य या अमान्य विवाह से पैदा हुआ है, जिसे हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 16 की उप-धारा (1) या (2) द्वारा वैधता प्रदान की गई है, तो उसका मिताक्षरा...

मणिपुर हिंसा- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र राज्य को सड़क मार्ग में रुकावट के बीच लोगों को आवश्यक चीज़ों की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, एयर ड्रॉपिंग का सुझाव
मणिपुर हिंसा- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र राज्य को सड़क मार्ग में रुकावट के बीच लोगों को आवश्यक चीज़ों की आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, एयर ड्रॉपिंग का सुझाव

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारत सरकार और मणिपुर राज्य सरकार को मणिपुर हिंसा से प्रभावित लोगों को भोजन, दवाएं और अन्य आवश्यक वस्तुओं जैसी बुनियादी आपूर्ति का वितरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने लोगों तक राशन न पहुंचने देने वाली नाकाबंदी से निपटाने का भी निर्देश दिया और सरकार से ऐसा करने के लिए सभी विकल्प तलाशने का आग्रह किया, जिसमें लोगों के लिए एयर ड्राप से राशन पहुंचाने का विकल्प भी शामिल है।मामले के मानवीय पहलुओं से निपटने के लिए...

गलत मिसाल कायम हो सकती है: सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव के आरोपी गौतम नवलखा को हाउस अरेस्ट करने की इजाजत देने वाले पहले के आदेश पर संदेह जताया
'गलत मिसाल कायम हो सकती है': सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव के आरोपी गौतम नवलखा को हाउस अरेस्ट करने की इजाजत देने वाले पहले के आदेश पर संदेह जताया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने नवंबर 2022 के आदेश पर संदेह जताया, जिसमें मानवाधिकार कार्यकर्ता और भीमा कोरेगांव के आरोपी गौतम नवलखा को उनके बिगड़ते स्वास्थ्य के आधार पर नजरबंदी से रिहा करने और घर में नजरबंद करने की अनुमति दी गई। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि ऐसा आदेश 'गलत मिसाल' कायम कर सकता है।जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ नवलखा के उस आवेदन पर विचार कर रही, जिसमें मुंबई में अपने अरेस्ट स्थान को स्थानांतरित करने की मांग की गई। पुणे के भीमा कोरेगांव में 2018 में हुई...

मणिपुर हिंसा | सुप्रीम कोर्ट ने आईटी मिन‌िस्ट्री को एक वेबसाइट बनाने का निर्देश दिया, ताकि जनता अदालत द्वारा नियुक्त समिति को सूचनाएं दे सके
मणिपुर हिंसा | सुप्रीम कोर्ट ने आईटी मिन‌िस्ट्री को एक वेबसाइट बनाने का निर्देश दिया, ताकि जनता अदालत द्वारा नियुक्त समिति को सूचनाएं दे सके

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर जातीय संघर्ष से संबंधित यौन हिंसा के मामलों को असम ट्रांसफर करते हुए कई दिशा निर्देश जारी किए।उल्लेखनीय है कि यौन हिंसा से जुड़े मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है, और वर्तमान में ऐसे मामलों की संख्या 27 हो चुकी है।अदालत के निर्देशों में कानूनी कार्यवाही को सुव्यवस्थित करने, न्याय तक पहुंच प्रदान करने और सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के जजों वाली एक महिला समिति द्वारा की जा रही जांच को सुविधाजनक बनाने का निर्देश दिया गया है।विशेष रूप से, केंद्र सरकार को...

हाईकोर्ट सीआरपीसी की धारा 482 के तहत एफआईआर रद्द करने की याचिका पर कार्रवाई कर सकता है, भले ही इसके लंबित रहने के दौरान आरोप पत्र दायर किया जा चुका हो : सुप्रीम कोर्ट
हाईकोर्ट सीआरपीसी की धारा 482 के तहत एफआईआर रद्द करने की याचिका पर कार्रवाई कर सकता है, भले ही इसके लंबित रहने के दौरान आरोप पत्र दायर किया जा चुका हो : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट एफआईआर रद्द कर सकते हैं, भले ही सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दायर याचिका लंबित होने के दौरान आरोप पत्र (Charge Sheet) दायर किया जा चुका हो।जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने यह टिप्पणी की,"यह अच्छी तरह से स्थापित है कि हाईकोर्ट के पास एफआईआर रद्द करने के लिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दायर याचिका पर विचार करने और कार्रवाई करने की शक्ति बनी रहेगी, भले ही ऐसी याचिका के लंबित रहने के दौरान पुलिस द्वारा आरोप...

अनुच्छेद 370 एक समझौता था, राष्ट्रपति के पास  प्लग खींचने  की विस्तृत शक्ति : उत्तरदाताओं ने सुप्रीम कोर्ट में कहा [ दिन- 13]
अनुच्छेद 370 एक समझौता था, राष्ट्रपति के पास ' प्लग खींचने ' की विस्तृत शक्ति : उत्तरदाताओं ने सुप्रीम कोर्ट में कहा [ दिन- 13]

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के संबंध में संविधान पीठ की कार्यवाही के 13 वें दिन, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने उत्तरदाताओं द्वारा दिए गए तर्कों को सुना।असंभवता राष्ट्रपति की शक्तियों को पंगु नहीं बना सकती: एजीएजी द्वारा उठाए गए तर्कों का पहला पहलू यह था कि कानून किसी को वह काम करने के लिए मजबूर नहीं करता जो वह नहीं कर सकता। इस संदर्भ में, उन्होंने कहा कि चूंकि संविधान सभा पहले ही भंग हो चुकी है, इसलिए राष्ट्रपति को अब...

पत्नी ने सास और देवरों के खिलाफ धारा 498ए आईपीसी के तहत दर्ज कराई थी एफआईआर, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करते हुए कहा-क्रूरता के आरोप दूर की कौड़ी और अस्पष्ट
पत्नी ने सास और देवरों के खिलाफ धारा 498ए आईपीसी के तहत दर्ज कराई थी एफआईआर, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करते हुए कहा-क्रूरता के आरोप दूर की कौड़ी और अस्पष्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महिला की ओर से अपने ससुराल पक्ष के खिलाफ आईपीसी की धारा 498 ए के तहत शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया। पत्नी ने ससुराल पक्ष के खिलाफ क्रूरता के अपराध का आरोप लगाया था।सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाही को रद्द करते हुए कहा कि आरोप "सामान्य और साधारण किस्म के" थे। महिला ने अपनी सास और दो देवरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिनमें से एक देवर न्यायिक अधिकारी है।हाईकोर्ट ने धारा 482 सीआरपीसी के तहत कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद आरोपी...

सुप्रीम कोर्ट ने 1995 के दोहरे हत्याकांड मामले में पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई
सुप्रीम कोर्ट ने 1995 के दोहरे हत्याकांड मामले में पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व सांसद (एमपी) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता प्रभुनाथ सिंह को 1995 के दोहरे हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। शीर्ष अदालत ने मृतकों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया। घटना में घायलों को पांच-पांच लाख रुपये देने का निर्देश दिया। ये मुआवजा बिहार सरकार और दोषी अलग-अलग देंगे। अदालत ने सिंह को आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास के अपराध में सात साल कैद की सजा भी सुनाई। दो हफ्ते पहले अदालत ने सिंह को 1995 के दोहरे हत्याकांड...