एनडीपीएस मामलों में शीघ्र सुनवाई के लिए दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य से कहा

Sharafat

2 Sep 2023 6:02 AM GMT

  • एनडीपीएस मामलों में शीघ्र सुनवाई के लिए दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य से कहा

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों के ढुलमुल रवैये और लंबी सुनवाई पर ध्यान देते हुए कहा है कि राज्य प्रशासन को मामलों विशेषकर एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।

    जस्टिस अरुण मोंगा ने कहा,

    “हलफनामे की सामग्री के साथ-साथ राज्य द्वारा तैयार की गई मानक संचालन प्रक्रिया और कार्रवाई को देखने के बाद इस न्यायालय को पूरी उम्मीद है कि राज्य पूरी गंभीरता से उपरोक्त दिशानिर्देशों को लागू करेगा।

    अनुपालन में विफलता के मामले में यह सुनिश्चित करेगा कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ तार्किक निष्कर्ष तक कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में उन लोगों के लिए निवारक के रूप में कार्य किया जा सके, जो दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं।"

    इसमें आगे कहा गया है कि एसओपी की एक प्रति जिला न्यायपालिका पंजाब, हरियाणा, साथ ही चंडीगढ़ के सभी न्यायाधीशों को परिचालित की जानी चाहिए। साथ ही सभी पीठासीन अधिकारियों से अनुरोध किया जाना चाहिए कि किसी दोषी अधिकारी के पेश न होने की स्थिति में न्यायालय उचित आदेश पारित करेंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएंगे कि मानक संचालन प्रक्रिया के संदर्भ में ऐसे अधिकारियों के खिलाफ विभाग द्वारा कार्रवाई की जाए।

    ये टिप्पणियां एनडीपीएस मामलों में तीन जमानत याचिकाओं के जवाब में आईं, जिनमें अदालत ने कहा कि विचाराधीन कैदी लंबी अवधि तक जेलों में बंद हैं।

    एएजी अमन पाल ने बताया कि आपराधिक कानून न्याय के प्रभावी प्रशासन के साथ-साथ अभियोजन पक्ष के गवाह आम तौर पर सरकारी अधिकारी होते हैं, उनके पेश न होने लिए अभियोजन पक्ष की ओर से किसी भी देरी को रोकने के लिए एक सामान्य निर्णय लिया गया और यदि अदालत के समन के बावजूद वे पेश नहीं होते हैं तो सख्त कदम उठाएं।

    फरवरी में पंजाब राज्य के विभिन्न कमिश्नरेट के सभी पुलिस आयुक्तों और अन्य जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को एक सर्कुलर जारी किया गया था, जहां उन्हें विशेष रूप से त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देशों वाले एसओपी का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था।

    पंजाब के एडवोकेट जनरल विनोद घई ने प्रस्तुत किया कि एसओपी के प्रसार के साथ हर जिले और आयुक्तालय से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी गई है। राज्य ने यह भी कहा कि मार्च से जुलाई 2023 तक 232,762 से अधिक पुलिस अधिकारी पेश नहीं हुए, जिन्हें अभियोजन गवाह के रूप में बुलाया गया था। वहीं, 6,572 पुलिस अधिकारी जमानती वारंट जारी करने के बाद भी पेश नहीं हुए और 779 अधिकारी गैर-जमानती वारंट जारी करने के बाद भी पेश नहीं हुए।

    न्यायालय ने इन प्रस्तुतियों पर ध्यान देते हुए निर्देश दिया कि एसओपी का अनुपालन न करने के मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। जमानत याचिकाओं को त्वरित सुनवाई के निर्देश के साथ भी मंजूरी दी गई थी और कहा गया था कि ट्रायल कोर्ट को मानक संचालन प्रक्रिया को ध्यान में रखना चाहिए।

    केस टाइटल : जगजीत सिंह @ जग्गी बनाम पंजाब राज्य

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