हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह के महत्वपूर्ण ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

Update: 2021-03-20 13:25 GMT

15 मार्च 2021 से 20 मार्च 2021 तक हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।

कथित नक्सली महिला की हिरासत में मौत: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा; पुलिस से माता-पिता को पोस्टमार्टम रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 27 वर्षीय एक संदिग्ध नक्सली महिला की पुलिस हिरासत में मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है। इस कथित नक्सली महिला ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल की एकल पीठ ने एडवोकेट किशोर नारायण की सुनवाई के बाद राज्य सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें महिला के शोक संतप्त माता-पिता की ओर से अपील की गई थी। पीठ ने संबंधित पुलिस अधीक्षक से कहा कि वह अपने माता-पिता को महिला की पोस्टमार्टम रिपोर्ट उपलब्ध कराए।

केस का शीर्षक: सोमदी कोवासी और अन्य बनाम छत्तीसगढ़ राज्य और अन्य।

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रयागराज और लखनऊ की पीठों के बीच प्रादेशिक क्षेत्राधिकार के पुन: आवंटन की याचिका पर नोटिस जारी किया

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने प्रयागराज और लखनऊ की उच्च न्यायालय की दो पीठों के बीच क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार को दोबारा आवंटित करने संबंधी एक जनहित याचिका पर अवध बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किया है। जस्टिस रितु राज अवस्थी और जस्टिस मनीष माथुर की डिवीजन बेंच ने कहा कि एसोसिएशन इस सबंध में अपने विचार से कोर्ट को अवगत कराए। यह मामला ऐसे समय सामने आया है, जब राज्य में ट्रिब्यूनलों की स्थापना के मुद्दे पर दोनों पीठों के बार एसोसिएशन पहले से ही एक दूसरे खिलाफ हैं।

केस टाइटिल: अशोक पांडे और अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य।

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कर्नाटक हाईकोर्ट ने किसानों के प्रदर्शन पर किए गए ट्वीट को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की अभिनेत्री कंगना रनौत की याचिका पर नोटिस जारी किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किए गए ट्वीट को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली अभिनेत्री कंगना रनौत की याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। अपने इस ट्वीट में कंगना रनौत ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की तुलना आतंकवादियों से की थी। सुनवाई के दौरान मामले में प्रतिवादी नंबर 2 शिकायतकर्ता एडवोकेट रमेश नाइक एल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश होते हुए प्रस्तुत किया कि उन्हें याचिका की प्रति नहीं दी गई है। उन्होंने अदालत से यह मांग की कि वह याचिकाकर्ताओं को यह निर्देश दे कि वह याचिका की प्रति ईमेल के माध्यम से दी जाए।

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'फिज़िकल रूप में सुनवाई को नियम और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई को अपवाद बनाना आर्टिकल 21 का उल्लंघन' : दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका

दिल्ली हाईकोर्ट में 9 मार्च, 2021 के आदेश के अनुसार सुनवाई के फिजिकल मोड को बहाल करने के लिए दायर पीआईएल में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया गया है, ताकि राष्ट्रीय राजधानी की सार्वजनिक, यातायात भीड़, कठिन पार्किंग और वायु वातावरण को देखते हुए सभी अदालतों, ट्रिब्यूनलों और अन्य सहायक अदालतों में फिज़िकल रूप में सुनवाई का समर्थन किया जा सके। दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 मार्च, 2021 को आदेश दिया कि सभी दिल्ली की अदालतें 15 मार्च से पूर्ण रूप से फिजिकल रूप से कामकाज शुरू कर देंगी। हालांकि वर्चुअल सुनवाई की सुविधा उपलब्ध होगी। मगर इसकी अनुमति केवल असाधारण मामलों में ही दी जाएगी।

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बेटी के पास पिता की दूसरी शादी की वैधता के खिलाफ सवाल उठाने का प्रत्येक आधारः बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को आधिकारिक रूप से कहा कि एक बेटी अपने माता-पिता की दूसरी शादी की वैधता के खिलाफ याचिका पेश कर सकती है। जस्टिस वीजी बिष्ट और ज‌स्ट‌िस आरडी धानुका की खंडपीठ ने धारा 7 से संलग्न व्याख्या के खंड (b) की व्याख्या की और कहा कि एक बेटी के पास अपने पिता की शादी की वैधता पर सवाल उठाने का प्रत्येक आधार है। पीठ ने कहा, "अधिनियम की उद्देश्यों और तर्कों के संबंध में, स्पष्टीकरण के तहत क्लॉज (b) के शाब्दिक निर्माण के समक्ष, हमारे विचार में, अपीलकर्ता के पास प्रतिवादी के साथ अपने पिता की शादी की वैधता पर और प्रतिवादी की स्थिति पर सवाल उठाने का प्रत्येक स्थिति है। "

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तेलंगाना के वकील दंपत्ति की हत्या का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार किया कहा, मामला हाईकोर्ट में लंबित

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस साल तेलंगाना में एक वकील दंपति की हत्या में एक स्वतंत्र जांच एजेंसी द्वारा जांच की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। सीजेआई बोबडे, जस्टिस बोपन्ना और जस्टिस रामासुब्रमण्यन की तीन जजों वाली बेंच ने याचिकाकर्ता से याचिका वापस लेने और अपनी इस याचिका को लेकर हाईकोर्ट जाने के लिए कहा। सुनवाई के दौरान, सीजेआई बोबडे की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने माना कि यह मामला अभी भी तेलंगाना हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है।

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ज़मानत आवेदन पर विचार करते हुए अदालत आरोपी के खिलाफ सबूतों की सराहना नहीं कर सकती : जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट ने कहा कि एक अदालत जमानत के लिए आवेदन पर सुनवाई करते हुए उन साक्ष्यों की सराहना नहीं कर सकती है, जो अभियुक्त के खिलाफ अभियोजन द्वारा एकत्र किए गए हैं। न्यायमूर्ति पुनीत गुप्ता की एकल पीठ ने देखा, "अदालत ने अलग-अलग दृष्टिकोण से अभियोजन द्वारा आरोपी के खिलाफ एकत्रित किए गए साक्ष्यों की सराहना करने पर विचार किया, जबकि बचाव पक्ष के वकील ने उक्त सवाल उठाया। यह अदालत इस तरह की कोई सामग्री को रिकॉर्ड पर नहीं ले रही है, जो बचाव के वकील के द्वारा उठाया गया है।"

केस का शीर्षक: अमृत पाल सिंह बनाम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और अन्य।

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"एनआईसीयू में इंजेक्शन प्रक्रिया के समय बिना इरादे या ज्ञान के डॉक्टर की अनुपस्थिति 'सदोष मानव वध' का मामला नहीं है": बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने उस जूनियर डॉक्टर के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द किया, जिस पर कथित तौर पर लापरवाही बरतने के चलते हत्या की कोटि में न आने वाले सदोष मानव वध (Culpable Homicide) का आरोप था, क्योंकि इस डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक अस्पताल में चार शिशुओं की मौत हो गई थी। शिशुओं के लिए निर्धारित इंजेक्शन "कैल्शियम ग्लूकोनेट" के बजाय लापरवाही के चलते "पोटेशियम क्लोराइड" दिया गया था। न्यायमूर्ति अविनाश जी. गरोठ और सुनील बी. शुक्रे की खंडपीठ ने पाया कि तथ्यों के आधार पर जूनियर डॉक्टर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 के तहत दंडनीय सदोष मानव वध का चार्ज नहीं लगाया गया है। बेंच ने आईपीसी की धारा 299 के तहत परिभाषित सदोष मानव वध (Culpable Homicide) पर कहा कि सदोष मानव वध का मामला बनाने के लिए इरादा या ज्ञान का उपस्थित होना अनिवार्य है।

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एनआई एक्ट 138 : मांग नोटिस में लेन-देन की प्रकृति का खुलासा करने की जरूरत नहीं जिसके चलते चेक जारी किया गया : केरल हाईकोर्ट

एक संदर्भ का जवाब देते हुए, केरल उच्च न्यायालय ने कहा कि निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत एक मांग नोटिस में लेन-देन की प्रकृति का खुलासा करने की आवश्यकता नहीं है जिसके चलते चेक जारी किया गया। डिवीजन बेंच इस संदर्भ में जवाब दे रही थी कि क्या लेन-देन के विवरण के पूर्ण प्रकटीकरण के बिना एक मांग नोटिस अवैध रूप माना जाएगा। जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एमआर अनीता की पीठ ने फैसला सुनाया कि निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (एक्ट) में डिमांड नोटिस के लिए कोई फॉर्मेट नहीं है।

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दिल्ली हाईकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भेजे गए ईडी के समन पर रोक लगाने से इनकार किया

दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने आज यानी शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 50 के तहत जारी किए गए समन पर स्थगन देने से इनकार कर दिया। महबूबा मुफ्ती को ईडी के सामने अब 22 मार्च को उपस्थित होना है। महबूब मुफ्ती की ओर से एडवोकेट नित्या रामकृष्णन पेश हुए, वहीं केंद्र और ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता अन्य लोगों के साथ पेश हुए।

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"वह एक पुलिस अधिकारी है, अपने अधिकार के बारे में अच्छे से जानता है": स्पेशल एनआईए कोर्ट ने सचिन वाजे की गिरफ्तारी के मामले में गाइडलाइन्स का पालन नहीं करने के आरोप पर कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट में असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा की गई उनकी गिरफ्तारी को "गैरकानूनी' करार देने के लिए गुहार लगाई है, लेकिन स्पेशल एनआईए कोर्ट ने गिरफ्तारी में अनियमितता के आधार उसके आवेदन को खारिज कर दिया। स्पेशल एनआईए के जस्टिस प्रशांत सितरे ने कहा कि, "अभियुक्त एक पुलिस अधिकारी है और इसलिए वह अपने अधिकार के बारे में अच्छे से जानता है।" अम्बानी हाउस विस्फोटक मामले में मुख्य संदिग्ध होने के कारण सचिन वाजे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और अगले दिन 25 मार्च तक के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया था।

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"भारतीय दूतावास को न तो सूचित किया और न ही पूछा": विदेश मंत्रालय ने सऊदी अरब में भारतीय प्रवासी को दफनाने पर कहा

दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह की एकल पीठ के समक्ष सऊदी अरब में एक भारतीय प्रवासी को कथित रूप से मुस्लिम संस्कार से दफनाने के मामले में पेश होने के निर्देशों का पालन करते हुए विदेश मामलों के (काउंसलेट, पासपोर्ट, वीज़ा) निदेशक ने गुरुवार को अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि भारतीय काउंसलेट से मृतक व्यक्ति संजीव कुमार को दफन से पहले न तो पूछा गया था और न ही इस बारे में सूचित किया गया था। यह नियमित प्रोटोकॉल के खिलाफ है। सऊदी अरब में भारतीय दूतावास द्वारा संजीव कुमार को उसकी मौत के बाद दफन के बारे में कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया था।

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कलकत्ता हाईकोर्ट ने 41 साल से जेल में बंद नेपाली नागरिक को रिहा करने का आदेश दिया, कोर्ट ने आरोपी को ट्रायल का सामना करने में अक्षम पाया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार (17 मार्च) को एक नेपाली व्यक्ति को रिहा करने का आदेश दिया, जिसे लगभग 41 साल पहले गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में था। मुख्य न्यायाधीश थोथाथिल बी राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध रॉय की पीठ ने इस बात को ध्यान देने के बाद आदेश दिया कि आरोपी की मानसिक रूप से वर्तमान आयु लगभग 9 वर्ष और 9 महीने है। पीठ एक दीपक जोशी के मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसे 12 मई 1980 को गिरफ्तार किया गया था और वह पहले ही 40 से अधिक वर्ष हिरासत से बिता चुका है।

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कर्नाटक हाईकोर्ट ने वेतन के लिए एप्पल आईफोन यूनिट में तोड़फोड़ करने के दो आरोपियों को जमानत दी

कर्नाटक हाईकोर्ट ने दो आरोपियों को जमानत दी, जिन पर 12 दिसंबर, 2020 को कोलार तालुक में विस्ट्रॉन इन्फोकॉम कंपनी द्वारा संचालित एप्पल की आईफोन निर्माण यूनिट में तोड़फोड़ करने का आरोप लगा था। न्यायमूर्ति के. नटराजन की एकल पीठ ने आरोपी उदय बानू सिंह (23) और आरोपी विनोद कुमार (23) को जमानत दी, जो लगभग तीन महीने से हिरासत में थे। पीठ ने कहा कि, "रिकॉर्ड पर रखे गए सबूतों से पता चलता है कि यह मामला प्रर्दशन करने वाले लेबर, कॉन्ट्रैक्ट लेबर जैसे 7000 अज्ञात लोगों के खिलाफ है। रिकॉर्ड के आधार देखा गया कि उन्होंने बकाया वेतन की मांग की और प्रदर्शन किया, जिसकी वजह से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और वे लगभग तीन महीने से हिरासत में हैं। इसी तरह के आरोप में सह-अभियुक्त को भी इस अदालत ने जमानत दी।"

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'अगर महिला कहती है कि उसने सहमति नहीं दी, तो कोर्ट मान लेता है कि उसने सहमति नहीं दी'': दिल्ली कोर्ट ने रेप के आरोपी ईटी नाउ के एंकर की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की

दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में 22 वर्षीय एक महिला के साथ बलात्कार करने के मामले में आरोपी मुंबई स्थित ईटी नाउ के एंकर वरुण हिरेमथ की तरफ से दायर अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इस मामले के संबंध में चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय खानगवाल ने जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि, ''जहां तक सहमति या सहमति न देने के बारे में सवाल है, अगर महिला अदालत के समक्ष अपने साक्ष्य में बताती है कि उसने सहमति नहीं दी, तो अदालत यह मान लेगी कि उसने सहमति नहीं दी।''

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एनआई एक्ट 138 : आरोपी समरी ट्रायल को समन ट्रायल में बदलने की मांग कर सकता है, लेकिन अपने बचाव की याचिका का खुलासा करने के बाद : दिल्ली हाईकोर्ट

निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत चेक बाउंस के अपराध के लिए एक ट्रायल में, अभियुक्त समरी ट्रायल को समन ट्रायल में बदलने की मांग कर सकता है, लेकिन केवल अपने बचाव की याचिका का खुलासा करने के बाद, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा।

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