सुप्रीम कोर्ट

भुगतान के लिए तय समय सीमा का पालन न करने वाले खरीदार बिक्री अनुबंध के विशिष्ट प्रदर्शन की मांग नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट
भुगतान के लिए तय समय सीमा का पालन न करने वाले खरीदार बिक्री अनुबंध के विशिष्ट प्रदर्शन की मांग नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल के एक फैसले में कहा कि जब कोई अनुबंध एक विशिष्ट समय सीमा निर्धारित करता है जिसके भीतर 'विक्रेता' द्वारा 'बिक्री के समझौते' को निष्पादित करने के लिए 'खरीदार' द्वारा प्रतिफल का भुगतान करने की आवश्यकता होती है, तो खरीदार को इसका सख्ती से पालन करना होगा। ऐसी स्थिति में, अन्यथा, 'खरीदार' सेल डीड के विशिष्ट प्रदर्शन के उपाय का लाभ नहीं उठा सकता है।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने हाईकोर्ट और प्रथम अपीलीय न्यायालय द्वारा पारित समवर्ती निर्णयों को...

अनुच्छेद 30 के तहत संरक्षण के दावे के लिए प्रशासन में किस हद तक अल्पसंख्यकों की उपस्थिति हो? सुप्रीम कोर्ट ने AMU केस में चर्चा की [दिन- 2]
अनुच्छेद 30 के तहत संरक्षण के दावे के लिए प्रशासन में किस हद तक अल्पसंख्यकों की उपस्थिति हो? सुप्रीम कोर्ट ने AMU केस में चर्चा की [दिन- 2]

सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की अल्पसंख्यक स्थिति के मुद्दे पर संविधान पीठ मामले की सुनवाई जारी रखते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत 'प्रशासन' की आवश्यकता किसी शिक्षा संस्थान के अल्पसंख्यक चरित्र को अर्हता प्राप्त करने के लिए पूर्ण नहीं हो सकती है ।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) ने याचिकाकर्ताओं के तर्कों का विश्लेषण करते हुए मौखिक रूप से टिप्पणी की, "अनुच्छेद 30 को आस्था का अनुच्छेद कहा गया है", उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य देश के धार्मिक और भाषाई...

सुप्रीम कोर्ट के SNJPCसिफारिशें स्वीकार करते ही न्यायिक अधिकारियों को भत्ते बढ़े : मुख्य बिंदू जानिए
सुप्रीम कोर्ट के SNJPCसिफारिशें स्वीकार करते ही न्यायिक अधिकारियों को भत्ते बढ़े : मुख्य बिंदू जानिए

हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (SNJPC) की सिफारिशों के अनुसार बढ़े हुए वेतनमान के अनुसार न्यायाधीशों को बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया है। इनमें से अधिकांश सिफ़ारिशों को शीर्ष न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है। इन भत्तों का भुगतान 29 फरवरी 2024 को या उससे पहले करना होगा।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने आदेश दिया, “सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अब उपरोक्त निर्देशों के अनुसार...

आवारा कुत्तों का मुद्दा | सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अंतिम सुनवाई के लिए 28 फरवरी को सूचीबद्ध किया
आवारा कुत्तों का मुद्दा | सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अंतिम सुनवाई के लिए 28 फरवरी को सूचीबद्ध किया

सुप्रीम कोर्ट ने देश में आवारा कुत्तों के हमलों को रोकने से संबंधित मामले को 28 फरवरी, 2024 को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।जस्टिस जे के माहेश्वरी और जस्टिस सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने यह भी दर्ज किया कि दलीलों का आदान-प्रदान, यदि कोई हो, उपर्युक्त तिथि से एक सप्ताह पहले किया जा सकता है। इस बीच पक्षकारों को अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने की अनुमति दी गई।सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने पक्षों से संबंधित मुद्दों, संबंधित कानूनों और नियमों, विभिन्न हाईकोर्ट द्वारा लिए गए विचारों और एसओपी को तैयार...

सेशन जज ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ निर्देशों पर हाईकोर्ट की प्रतिकूल टिप्पणियों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
सेशन जज ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ निर्देशों पर हाईकोर्ट की प्रतिकूल टिप्पणियों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश द्वारा उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों को हटाने की मांग करने वाली न्यायिक अधिकारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से हाईकोर्ट से जवाब मांगा।जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस अरविंद कुमार ने आदेश दिया,"रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से दिल्ली हाईकोर्ट को इस अपील में प्रतिवादी पक्ष के रूप में शामिल किया जाए। इस उद्देश्य के लिए कारण शीर्षक में संशोधन किया जा सकता है और दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस दिया जा सकता है।"हाईकोर्ट...

एकनाथ शिंदे गुट ही असली शिवसेना, उद्धव ठाकरे के पास उन्हें हटाने की कोई शक्ति नहीं थी: महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर
एकनाथ शिंदे गुट ही असली शिवसेना, उद्धव ठाकरे के पास उन्हें हटाने की कोई शक्ति नहीं थी: महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर

महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि 22 जून, 2022 को जब पार्टी के भीतर प्रतिद्वंद्वी गुट उभरा तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला गुट ही असली शिवसेना था। उन्होंने शिंदे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दोनों गुटों के किसी भी सदस्य को अयोग्य ठहराने से इनकार कर दिया है।दोनों गुटों ने 2022 में स्पीकर के समक्ष एक-दूसरे के खिलाफ 34 याचिकाएं दायर की थीं, जिसमें कुल 54 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई।यूबीटी गुट ने प्रस्तुत किया कि पक्षप्रमुख का निर्णय पार्टी की इच्छा का पर्याय है,...

आईओ ने पुलिस रिमांड मांगने की हिम्मत कैसे की?: आदेश का उल्लंघन करने पर व्यक्ति को पुलिस हिरासत में भेजने पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा
आईओ ने पुलिस रिमांड मांगने की हिम्मत कैसे की?: आदेश का उल्लंघन करने पर व्यक्ति को पुलिस हिरासत में भेजने पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (10 जनवरी) को गुजरात पुलिस के उन अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम अग्रिम जमानत की अनदेखी करते हुए व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। कोर्ट ने मजिस्ट्रेट को भी नहीं बख्शा, जिन्होंने याचिकाकर्ता को रिमांड पर लिया।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने पुलिस और मजिस्ट्रेट के आचरण पर बहुत असंतोष व्यक्त करते हुए गुजरात सरकार के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त और पुलिस उपायुक्त, सूरत, वेसू पुलिस स्टेशन के...

ज्यूडिशियल सर्विस अन्य सरकारी सर्विस के बराबर नहीं; न्यायिक अधिकारियों की सर्विस शर्तें पूरे देश में समान होनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
ज्यूडिशियल सर्विस अन्य सरकारी सर्विस के बराबर नहीं; न्यायिक अधिकारियों की सर्विस शर्तें पूरे देश में समान होनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज्यूडिशियल सर्विस (Judicial Service) को सरकार के अन्य अधिकारियों की सर्विस के साथ बराबर नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने इसके साथ ही इस तर्क को खारिज कर दिया कि न्यायिक अधिकारियों और अन्य सरकारी अधिकारियों के वेतन और भत्ते बराबर होने चाहिए।कोर्ट ने ऑल इंडिया जजेज एसोसिएशन मामले में पारित फैसले में यह टिप्पणी की, जिसमें राज्यों को न्यायिक अधिकारियों के वेतन और भत्ते के संबंध में दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का निर्देश दिया गया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया...

सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित
सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (10 जनवरी) को दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में पूर्व जेएनयू स्कॉलर उमर खालिद की जमानत की मांग वाली याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर 24 जनवरी को सुनवाई करेगा।खालिद के वकील सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने स्थगन का अनुरोध किया, क्योंकि वह संविधान पीठ की सुनवाई में व्यस्त हैं।दिल्ली पुलिस ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की अनुपलब्धता का हवाला देते हुए समय भी मांगा।जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ, हालांकि शुरू में मामले को...

Aligarh Muslim University Case| अल्पसंख्यक दर्जे की प्राप्ति के लिए ऐतिहासिक पूर्ववृत को देखा जाना चाहिए, एएमयू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया [दिन-1]
Aligarh Muslim University Case| अल्पसंख्यक दर्जे की प्राप्ति के लिए ऐतिहासिक पूर्ववृत को देखा जाना चाहिए, एएमयू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया [दिन-1]

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की 7 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने मंगलवार (9 जनवरी) को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की अल्पसंख्यक स्थिति के मुद्दे पर जुड़े मामलों की सुनवाई शुरू की।सीजेआई, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जेबी पारदीवाला,जस्टिस दीपांकर दत्ता, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद शर्मा की पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2006 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कहा गया था कि हालांकि एएमयू की...

ज्यूडिशियल सर्विस में प्रतिभा को आकर्षित करने के लिए कामकाजी परिस्थितियों को सुरक्षा और सम्मान देना होगा: सुप्रीम कोर्ट
ज्यूडिशियल सर्विस में प्रतिभा को आकर्षित करने के लिए कामकाजी परिस्थितियों को सुरक्षा और सम्मान देना होगा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के लिए निर्देश जारी करते हुए न्यायिक अधिकारियों के लिए सम्मानजनक कामकाजी परिस्थितियां उपलब्ध कराने के राज्य के दायित्व पर जोर दिया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने ऑल इंडिया जजेज एसोसिएशन मामले में पारित फैसले में इस बात पर प्रकाश डाला कि न्यायिक अधिकारियों के लिए सम्मानजनक कामकाजी परिस्थितियों का न्यायिक स्वतंत्रता के साथ संबंध है।फैसले में न्यायिक...

Medical Education : सुप्रीम कोर्ट ने 50% प्राइवेट मेडिकल सीटों में सरकारी फीस के लिए NMC शासनादेश को चुनौती देने वाली याचिकाएं अपने पास ट्रांसफर की
Medical Education : सुप्रीम कोर्ट ने 50% प्राइवेट मेडिकल सीटों में सरकारी फीस के लिए NMC शासनादेश को चुनौती देने वाली याचिकाएं अपने पास ट्रांसफर की

सुप्रीम कोर्ट नेशनल मेडिकल कमिशनल (NMC) द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन की वैधता की जांच करने के लिए तैयार है। इसमें कहा गया कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में किसी विशेष राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 50% सीटें "फीस के बराबर होनी चाहिए।"एएचएसआई एसोसिएशन ऑफ हेल्थ साइंसेज इंस्टीट्यूट्स ने एनएमसी के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की। हालांकि, कई हाईकोर्ट भी इसी तरह के मामले से घिरे हुए हैं। उसी पर विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने (05 जनवरी को) NMC द्वारा दायर सभी समान मामलों...

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट में बोले सिंघवी: सत्येंद्र जैन के खिलाफ अप्रत्यक्ष सबूत भी नहीं
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट में बोले सिंघवी: सत्येंद्र जैन के खिलाफ अप्रत्यक्ष सबूत भी नहीं

आम आदमी पार्टी (AAP) नेता सत्येन्द्र जैन की जमानत मामले में गुण-दोष पर बहस के दूसरे दिन सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह दावा किया गया कि नेता के खिलाफ कोई अप्रत्यक्ष सबूत भी नहीं है।जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ के समक्ष पेश हुए सीनियर एडवोकेट डॉ. एएम सिंघवी और एन हरिहरन ने दलील दी कि ईडी ने जैन के खिलाफ मामले को कंपनियों (पर्यास इंफोसोल्यूशन, अकिंचन डेवलपर्स और मंगलायतन) में प्रोजेक्टस् को 'नियंत्रित' करने के लिए 'शेयरधारिता' से बदल दिया। हालांकि, सबूतों के आधार पर जैन...

अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने में महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उद्धव सेना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने में महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उद्धव सेना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

एकनाथ शिंदे गुट के सदस्यों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने में महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की ओर से आवेदन दायर किया गया।आवेदन में आरोप लगाया गया कि स्पीकर ने 7 जनवरी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की, जब अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला सुनाए जाने में सिर्फ तीन दिन बचे हैं।शिवसेना (उद्धव) के सदस्य सुनील प्रभु द्वारा दायर आवेदन में कहा गया,"अयोग्यता याचिका पर निर्णय लेने से तीन दिन...

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की जेलों में विचाराधीन कैदियों से मुलाकात की समय-सीमा बढ़ाने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की जेलों में विचाराधीन कैदियों से मुलाकात की समय-सीमा बढ़ाने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने (09 जनवरी को) दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर आपत्ति जताने वाली एसएलपी खारिज कर दी। इसके साथ ही कोर्ट ने जेल में कैदियों से परिवार, दोस्तों और कानूनी सलाहकारों को सप्ताह में केवल दो बार मुलाकात की अनुमति देने के सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार किया।हाईकोर्ट ने 16 फरवरी, 2023 के अपने फैसले में कहा कि मुलाकातों की सीमा निर्धारित करने का यह निर्णय जेलों में उपलब्ध सुविधाओं, कर्मचारियों की उपलब्धता और विचाराधीन कैदियों की संख्या पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद लिया गया।इस...

सुप्रीम कोर्ट ने JJ Act, 2015 की धारा 15 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने JJ Act, 2015 की धारा 15 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सोमवार (8 जनवरी) को किशोर न्याय अधिनियम, 2015 (JJ Act) की धारा 15 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी, जिसमें जघन्य अपराधों के आरोप वाले 16 वर्ष से अधिक उम्र के किशोरों के प्रारंभिक मूल्यांकन का प्रावधान है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए हालांकि याचिकाकर्ताओं को दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष अनुच्छेद 226 के तहत अपना उपाय अपनाने की स्वतंत्रता दी।वकील...

क्या हाईकोर्ट अनुच्छेद 226 के तहत राज्य को यांत्रिक तरीके से बोली लगाने वाले के पक्ष में अनुबंध देने का निर्देश दे सकता है? सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा
क्या हाईकोर्ट अनुच्छेद 226 के तहत राज्य को यांत्रिक तरीके से बोली लगाने वाले के पक्ष में अनुबंध देने का निर्देश दे सकता है? सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा

सुप्रीम कोर्ट ने हाल के एक फैसले में राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा जारी उस निर्देश को अस्वीकार कर दिया, जिसमें जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को पक्षकार के साथ बिजली खरीद समझौता करने का निर्देश दिया गया था।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने कहा,"किसी भी मामले में हाईकोर्ट अपने फैसले और आदेश के अनुसार, राज्य की संस्थाओं को अनुबंध में शामिल होने के लिए परमादेश जारी नहीं कर सकता, जो पूरी तरह से सार्वजनिक हित के लिए हानिकारक है।"सुप्रीम कोर्ट ने माना कि हाईकोर्ट को अनुच्छेद 226...

राज्य विद्युत नियामक आयोग टैरिफ अपनाने से इनकार कर सकता है यदि यह बाजार कीमतों के अनुरूप नहीं है : सुप्रीम कोर्ट
राज्य विद्युत नियामक आयोग टैरिफ अपनाने से इनकार कर सकता है यदि यह बाजार कीमतों के अनुरूप नहीं है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि राज्य विद्युत नियामक आयोग के पास टैरिफ को अपनाने से इनकार करने की शक्ति है यदि यह बाजार कीमतों के अनुरूप नहीं है। टैरिफ अपनाते समय आयोग उपभोक्ता हितों की सुरक्षा को ध्यान में रखने के लिए बाध्य है।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने हाईकोर्ट और विद्युत अपीलीय ट्रिब्यूनल (एपीटीईएल) के आदेश को पलटते हुए राज्य आयोग द्वारा पारित आदेश को यह कहते हुए बहाल कर दिया कि राज्य आयोग के पास 'अपनाने' की शक्ति है। टैरिफ का निर्धारण केवल तभी किया जाएगा जब ऐसा...