राज�थान हाईकोट
मात्र स्कूल सर्टिफिकेट से ही तय नहीं हो सकती अपहरण पीड़िता की आयु: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को नाबालिग लड़की के अपहरण के आरोप से बरी करने के निचली अदालत का फैसला बरकरार रखते हुए कहा कि मात्र स्कूल द्वारा जारी सर्टिफिकेट यदि उसके पीछे कोई ठोस दस्तावेज या साक्ष्य न हो, तो वह किसी पीड़िता की आयु निर्धारित करने के लिए पर्याप्त नहीं है।कोर्ट ने कहा कि स्कूल सर्टिफिकेट केवल उस स्थिति में स्वीकार्य हो सकता है, जब वह स्कॉलरशिप रजिस्ट्रेशन में दर्ज प्रविष्टियों पर आधारित हो और वह प्रविष्टियां एडमिशन फॉर्म में माता-पिता द्वारा दर्ज जानकारी पर आधारित हों। लेकिन इस...
धारा 17-A का संरक्षण भ्रष्ट अधिकारियों के लिए ढाल नहीं बन सकता यदि ऑडियो/वीडियो में प्रथम दृष्टया साक्ष्य मौजूद हो: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि यदि किसी आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोप में ऑडियो या वीडियो जैसे प्रथम दृष्टया इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य मौजूद हैं तो केवल धारा 17-A, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत पूर्वानुमति न मिलने के आधार पर उसके विरुद्ध अभियोजन न चलाना न्याय का उपहास होगा।धारा 17-A के अनुसार यदि कोई अपराध किसी सरकारी अधिकारी द्वारा अपने पद का दायित्व निभाते हुए किसी निर्णय या सिफारिश से संबंधित हो तो उस पर जांच या पूछताछ से पहले सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति आवश्यक है। हालांकि यदि व्यक्ति को...
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 2(2) आदिवासी महिलाओं के लिए पिता की संपत्ति पर दावा करने में बाधा: राजस्थान हाईकोर्ट ने संशोधन का सुझाव दिया
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि जब गैर-अनुसूचित जनजाति (ST) समुदायों की बेटियां पिता की संपत्ति में समान हिस्से की हकदार हैं तो ST समुदाय की बेटियों को समान अधिकार से वंचित करने का कोई कारण नहीं है।हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 2 अधिनियम के लागू होने का दायरा निर्धारित करती है। उक्त धारा 2(2) यह प्रावधान करती है कि अधिनियम में निहित कोई भी बात संविधान के अनुच्छेद 366 के खंड (25) के अर्थ में किसी भी अनुसूचित जनजाति के सदस्यों पर लागू नहीं होगी, जब तक कि केंद्र सरकार आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना...
राजस्थान हाईकोर्ट ने कुत्तों के काटने और सार्वजनिक सड़कों पर आवारा पशुओं के 'खतरे' का स्वतः संज्ञान लिया
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य में कुत्तों के काटने की घटनाओं और सार्वजनिक सड़कों व राजमार्गों पर आवारा पशुओं के आतंक के कारण राज्य में कई मौतों का स्वतः संज्ञान लिया है। न्यायालय ने राजस्थान में कुत्तों के काटने की घटनाओं से संबंधित विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों पर ध्यान दिया, जिनमें से एक में प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला दिया गया था, जो मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा लोकसभा में दी गई जानकारी पर आधारित है, जिसमें "भारत में कुत्तों के काटने के...
कृषि भूमि से संबंधित रद्द योग्य सेल डीड के विवाद सिविल कोर्ट ही सुलझा सकते हैं: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि वादपत्र में लगाए गए आरोप यह संकेत देते हैं कि संपत्ति का हस्तांतरण रद्द योग्य है तो ऐसे मामलों में केवल सिविल कोर्ट को ही अधिकार होगा राजस्व कोर्ट को नहीं। चाहे विवादित संपत्ति कृषि भूमि ही क्यों न हो और भले ही राजस्थान भू-स्वामी अधिनियम 1955 की धारा 207 में इसके लिए राजस्व न्यायालय का उल्लेख हो।जस्टिस चंद्रशेखर शर्मा की पीठ ने यह टिप्पणी पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के दौरान की, जिसमें याचिकाकर्ता ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी। इस आदेश में CPC की...
Illegal Title-Deeds | नगर परिषद प्रमुख की वह याचिका खारिज, जिसमें इस आधार पर सुरक्षा की मांग की गई कि प्रति-हस्ताक्षरकर्ता पर कोई कार्रवाई नहीं हुई
राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक नगर परिषद की अध्यक्ष की याचिका को खारिज कर दिया, जिन्हें अपने पद का दुरुपयोग कर अपने परिचित व्यक्तियों के पक्ष में "अवैध" तरीके से स्वामित्व-पत्र जारी करने के आरोप में निलंबित किया गया था। न्यायालय ने कहा कि अधिकारी इस आधार पर छूट का दावा नहीं कर सकती कि स्वामित्व-पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले किसी अन्य अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।राजस्थान हाईकोर्ट की पीठ ने नगर परिषद, करौली की अध्यक्ष द्वारा अपने निलंबन के विरुद्ध दायर याचिका को खारिज कर दिया। यह याचिका...
S. 498A IPC के तहत लंबित आपराधिक मामला हज के लिए विदेश यात्रा की अनुमति देने से इनकार करने का आधार नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत आरोपित एक अभियुक्त द्वारा हज के धार्मिक अनुष्ठानों के लिए दो महीने की अवधि के लिए मक्का-मदीना की यात्रा करने के लिए दायर आवेदन को स्वीकार कर लिया। न्यायालय ने कहा कि इस प्रावधान के तहत आपराधिक मामला लंबित होने के कारण धार्मिक उद्देश्यों के लिए विदेश यात्रा की अनुमति न देना अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त अधिकारों का उल्लंघन है।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने सभी अधीनस्थ न्यायालयों को न्यायिक निर्देश जारी करते हुए कहा कि जब भी किसी अभियुक्त...
मोटर वाहन अधिनियम के तहत बालिग आश्रित बच्चे मुआवजे के हकदार, विवाहित बच्चों की निर्भरता पर ध्यान दिया जाए: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक बीमा कंपनी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें मोटर वाहन दावा न्यायाधिकरण द्वारा 58 वर्षीय मृतक सरकारी कर्मचारी के परिजन को 66 लाख रुपये से अधिक का मुआवज़ा देने के फैसले को चुनौती दी गई थी। न्यायालय ने दोहराया कि मुआवज़े की गणना के लिए विभाजित गुणक पद्धति को अपनाना कानूनन अनुचित है। न्यायालय ने आगे दोहराया कि बालिग आश्रित बच्चे मुआवज़े के हकदार हैं, जबकि विवाहित बच्चों की निर्भरता का मूल्यांकन सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए।कंपनी ने दावा किया था कि वर्तमान मामले में मृतक...
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स, जिसे डिग्री कोर्स के समकक्ष नहीं माना गया, के कारण पदावनत किए गए शिक्षकों को राहत दी
राजस्थान हाईकोर्ट ने उन सरकारी शिक्षकों को राहत प्रदान की, जिनकी वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदोन्नति इस आधार पर रद्द कर दी गई थी कि पद के लिए पात्रता हेतु उनके द्वारा किया गया बी.ए. अतिरिक्त पाठ्यक्रम केवल एक प्रमाणपत्र/अवकाश मूल्यांकन पाठ्यक्रम था और डिग्री पाठ्यक्रम के समकक्ष नहीं था। जस्टिस विनीत कुमार माथुर की पीठ ने उस विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तुत उत्तर के आलोक में राज्य के निर्णय को "गलत" पाया, जहां से यह पाठ्यक्रम किया गया था। मेवाड़ विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तुत उत्तर के अनुसार, बी.ए....
राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूलों में बुनियादी ढांचे की समस्याओं पर स्वतः संज्ञान लिया, स्कूल की छत गिरने से हुई थी 7 बच्चों की मौत
राजस्थान के सरकारी स्कूल में कक्षा की छत और दीवार गिरने से 7 बच्चों की दर्दनाक मौत और कई अन्य बच्चों के घायल होने की खबर पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया।जस्टिस अनुप कुमार ढांड की पीठ ने इस घटना को “तंत्र को झकझोरने वाली, दिल दहला देने वाली और समाज को झकझोरने वाली” करार दिया। कोर्ट ने कहा कि प्रभावी शिक्षण और अधिगम के लिए एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण अनिवार्य है।कोर्ट ने कहा,“राज्य के कई गांवों में स्कूलों की अनुपलब्धता मौन संकट है, जो सैकड़ों या हजारों बच्चों के शिक्षा के...
धारियावाड़ के सरकारी स्कूलों में 50% शिक्षक पद रिक्त, बुनियादी ढांचे की कमी: राजस्थान हाईकोर्ट ने कलेक्टर और प्रधान सचिव से जवाब मांगा
धारियावाड़ के 11 स्कूलों में बुनियादी ढांचे और शिक्षण कर्मचारियों की कमियों के संबंध में जनहित याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर और प्रधान सचिव को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें इन स्कूलों में रिक्त पदों की स्थिति और बुनियादी ढांचे विशेष रूप से शौचालयों की कमी को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण दिया गया हो।जस्टिस मुन्नुरी लक्ष्मण और जस्टिस रवि चिरानिया की खंडपीठ ने वित्त विभाग को कार्य में आगे प्रगति के लिए धनराशि जारी करने के जिला कलेक्टर के अनुरोध पर विचार करने का...
जिला न्यायपालिका को 'पंगु' बनाने का कोई अधिकार नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट ने कर्मचारियों की सामूहिक छुट्टी को अवैध बताया, निर्देश जारी किए
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य की अधीनस्थ अदालतों में कार्यरत कर्मचारियों की हड़ताल पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसे अवैध और अनुचित बताते हुए उन्हें 25 जुलाई तक काम पर लौटने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि न्यायालय कर्मचारियों की कैडर संख्या में बदलाव के मुद्दे पर सरकार पहले से ही विचार कर रही है, लेकिन राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ ने उच्च न्यायालय के महापंजीयक के माध्यम से नहीं, बल्कि सीधे मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसे अनुशासनहीनता का गंभीर मामला बताया है।जस्टिस अशोक कुमार जैन ने...
हाईकोर्ट के सहायक रजिस्ट्रार पद पर पदोन्नति योग्यता के आधार पर उम्मीदवारों की वरिष्ठता ही एकमात्र मानदंड नहीं हो सकती: राजस्थान हाईकोर्ट
चार कोर्ट मास्टरों द्वारा सहायक रजिस्ट्रारों की वरिष्ठता सूची को चुनौती देते हुए दायर याचिका में राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि इस पद पर पदोन्नति का मानदंड योग्यता पर आधारित है। इस याचिका में दावा किया गया था कि सीनियर होने के बावजूद उन्हें वरिष्ठता सूची में प्रशासनिक अधिकारी (न्यायिक) से नीचे रखा गया और उन्हें पदोन्नति से वंचित कर दिया गया।याचिकाकर्ताओं को 2013-14 की रिक्तियों के संबंध में 26.09.2015 को कोर्ट मास्टर के रूप में पदोन्नत किया गया। प्रतिवादियों को 2014-15 की रिक्तियों के विरुद्ध...
"जनता की आवाज़ है चुना हुआ प्रतिनिधि": बिना प्रक्रिया अपनाए पंचायत सदस्यों को हटाने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने जताई सख्त आपत्ति
राजस्थान हाईकोर्ट ने पंचायत सदस्यों को हटाने से जुड़े कई मामलों पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि वर्ष 1996 के राजस्थान पंचायती राज नियमों के नियम 22 में निर्धारित अनिवार्य प्रक्रिया का पालन किए बिना हटाने के आदेश पारित किए जा रहे हैं। जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने पाया कि जांच अधिकारी इन नियमों से भलीभांति अवगत नहीं हैं, जिससे आदेशों में गंभीर त्रुटियां हो रही हैं।कोर्ट ने पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव, संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया कि वे सभी पंचायत समितियों के मुख्य कार्यकारी...
राजस्थान हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में किशोर को जमानत देने से इनकार किया; कहा- 'बेरहमी से हत्या' के आरोप पर सावधानी बरतने की जरूरत
राजस्थान हाईकोर्ट ने सह-अभियुक्त के साथ मिलकर एक व्यक्ति की "क्रूरतापूर्वक" हत्या करने के आरोप में आरोपित एक किशोर को अपराध की गंभीरता, उसकी प्रत्यक्ष संलिप्तता और ज़मानत देने के लिए ठोस कारणों के अभाव के आधार पर ज़मानत देने से इनकार कर दिया। किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 12 के प्रति जागरूकता को रेखांकित करते हुए जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की पीठ ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के प्रावधानों के तहत, अपराध की गंभीरता ज़मानत देने या न देने के न्यायालय के निर्णय को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित...
कर्मचारी की 'ईमानदारी' पर सवाल उठाने वाला बर्खास्तगी आदेश, जिसमें कलंक शामिल हो, उसकी जांच की आवश्यकता: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि राजस्थान राज्य सड़क परिवहन श्रमिक एवं कर्मशाला कर्मचारी स्थायी आदेश, 1965 के खंड 8(iii) और (iv) के तहत संदिग्ध निष्ठा के आधार पर बर्खास्तगी का कोई भी आदेश बिना किसी जांच के पारित नहीं किया जा सकता। आदेशों के खंड 8(iii) में यह प्रावधान था कि किसी परिवीक्षाधीन व्यक्ति को तभी स्थायी किया जा सकता है जब वह निर्धारित परीक्षा उत्तीर्ण कर ले और नियुक्ति प्राधिकारी उसकी निर्विवाद निष्ठा से संतुष्ट हो।आदेशों के खंड 8(iv) में यह प्रावधान था कि ऐसे परिवीक्षाधीन व्यक्ति को कोई...
प्रवेश प्रक्रिया में बाधा नहीं डाल सकते: राजस्थान हाईकोर्ट ने IIT काउंसलिंग से पहले 12वीं कक्षा के अंक सुधारने के लिए समय मांगने वाली छात्र की याचिका खारिज की
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक छात्रा की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को निर्देश देने की मांग की थी कि उसे पूरक परीक्षाओं के माध्यम से 12वीं कक्षा में अपने अंकों में सुधार करने और आईआईटी में प्रवेश के लिए पात्र बनने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए। उसने अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की थी कि उसे जेईई मेन्स परीक्षा के अनुसार चयन के बाद आईआईटी में प्रवेश पाने के लिए अनंतिम आवंटन सुनिश्चित करने हेतु अपनी प्रगति रिपोर्ट कार्ड जमा करने के लिए पर्याप्त अवसर और समय...
संपत्ति विवाद के बीच राजस्थान हाईकोर्ट ने 'श्री द्वारकाधीश प्रभु' दर्शन के लिए अस्थायी अनुमति दी
नाथद्वारा ("संपत्ति") में द्वारकाधीश हवेली में "श्री द्वारकाधीश प्रभु" की मूर्ति की स्थापना के संबंध में एक विवाद में, राजस्थान हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में जनता को केवल उस संपत्ति के भूतल पर देवता को पूजा करने के लिए अस्थायी पहुंच की अनुमति दी है जहां मूर्ति स्थापित की गई है।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने अपने आदेश में कहा, ''यह स्पष्ट किया जाता है कि भूतल पर स्थापित देवता के दर्शन के लिए कोई भी सार्वजनिक पहुंच सख्ती से केवल उसी मंजिल तक सीमित रहेगी। इस अंतरिम आदेश की एक प्रति भूतल के...
राजस्व न्यायालय बिना किसी न्यायिक प्रशिक्षण के भूमि स्वामित्व और काश्तकारी अधिकारों का फैसला कर रहे हैं: राजस्थान हाईकोर्ट ने संरचनात्मक सुधारों का आह्वान किया
राजस्व न्यायालयों और राजस्व अपीलीय न्यायालयों (जिन्हें सामूहिक रूप से "राजस्व न्यायालय" कहा जाता है) में तैनात अधिकारियों को कानूनी शिक्षा और प्रशिक्षण की कमी, और इन न्यायालयों में लंबित मामलों की भारी संख्या को देखते हुए, राजस्थान उच्च न्यायालय ने आवश्यक सक्रिय और सुधारात्मक उपाय सुझाए। जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने कहा कि राजस्व न्यायालयों द्वारा पारित आदेश भूमि स्वामित्व, काश्तकारी अधिकार, दाखिल-खारिज, बंटवारा, खातेदारी अधिकारों की घोषणा आदि का निर्धारण करते हैं, जिससे न केवल उनके जीवन...
दादा-दादी द्वारा दायर मामले पोते-पोतियों द्वारा सुनी गई सुनवाई: राजस्व न्यायालयों में देरी पर राजस्थान हाईकोर्ट की नाराजगी
राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्व बोर्ड के आदेश को चुनौती देने से जुड़े मामले में राजस्व न्यायालयों द्वारा मामलों के निस्तारण में हो रही देरी पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। न्यायालय ने कहा कि अक्सर दादा-दादी द्वारा दायर किए गए मामलों का निर्णय इतने लंबे समय बाद होता है कि उनके पोते-पोती ही उस फैसले को सुन पाते हैं।न्यायालय ने इस संदर्भ में राजस्व मामलों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि राजस्व न्यायालयों का यह लापरवाह रवैया अब तुरंत बदले जाने की ज़रूरत है।यह टिप्पणी राजस्व बोर्ड के एक...

















