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हाईकोर्ट ने धोनी के मानहानि मुकदमे में IPS की अर्जी खारिज की, पूछा- आपको क्या आपत्ति है?
मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को रिटायर आईपीएस अधिकारी जी. संपत कुमार की अपील खारिज की, जिसमें उन्होंने क्रिकेटर एमएस धोनी के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे में साक्ष्य दर्ज करने के लिए वकील आयुक्त (Advocate Commissioner) की नियुक्ति को चुनौती दी थी।जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम और जस्टिस मोहम्मद शफीक की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि धोनी राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेटर हैं। सुनवाई के दौरान उनकी अदालत में उपस्थिति से सुरक्षा संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। साथ ही अदालत की कार्यवाही में भी असुविधा हो सकती है। कोर्ट ने...
आपसी विश्वास सुनहरा धागा: एमपी हाईकोर्ट ने झूठे आरोपों को क्रूरता मानते हुए पति को दी तलाक की अनुमति
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने वैवाहिक संबंध में आपसी विश्वास (Mutual Trust) को सुनहरा धागा (Golden Thread) बताते हुए टिप्पणी की कि जब एक जीवनसाथी दूसरे पर बेबुनियाद और मानहानिकारक आरोप लगाता है तो यह विश्वास टूट जाता है। कोर्ट ने पत्नी द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों को क्रूरता मानते हुए और लंबे समय तक परित्याग (Desertion) के आधार पर पति को तलाक की मंजूरी दी।कोर्ट ने कहा,"वैवाहिक संबंध में आपसी विश्वास वह सुनहरा धागा है, जो विवाहित जोड़ों के जीवन में स्नेह और प्रशंसा बुनता है। जब एक पक्ष दूसरे पर बेबुनियाद...
मजिस्ट्रेट सुरक्षित संपत्ति पर कब्ज़ा करते समय पुलिस खर्च वहन करने का निर्देश सुरक्षित ऋणदाता को नहीं दे सकते: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि कोई मजिस्ट्रेट वित्तीय आस्तियों के प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (SARFAESI Act) की धारा 14 के तहत सुरक्षित संपत्ति पर कब्ज़ा करते समय किसी सुरक्षित ऋणदाता को पुलिस सहायता के लिए खर्च जमा करने का निर्देश नहीं दे सकता।जस्टिस आशुतोष कुमार की पीठ ने यह फैसला अलवर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) द्वारा एक वित्तीय कंपनी और उसके ऋणदाताओं के बीच विवाद में लगाई गई शर्त को खारिज करते हुए सुनाया।न्यायालय ने...
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियम के तहत PMLA के आरोपियों को ED जांच में प्रत्यक्ष उपस्थिति से बचने का कोई विकल्प नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियम, प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में प्रत्यक्ष और अनिवार्य उपस्थिति से बचने के लिए धन शोधन के आरोपियों के लिए एक आश्रय के रूप में काम नहीं करते हैं।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा साक्ष्य रिकॉर्डिंग की सुविधा के लिए है, न कि किसी फरार आरोपी को अनिवार्य जांच का सामना करने से बचाने के लिए।यह देखते हुए कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की शुरुआत मुकदमे की प्रगति को सुगम बनाने और उन गवाहों को कम से कम असुविधा...
देश का सबसे अमीर नगर निगम नागरिकों की सुरक्षा करने में विफल: राज्य मानवाधिकार आयोग ने BMC पर लगाया ₹12 लाख का जुर्मान
महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग (MSHRC) ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) पर 12 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना तब लगाया गया, जब उसे पता चला कि नगर निगम ने अपने एक अस्पताल में मरीजों का इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम करने के लिए 'प्रशिक्षित' चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं की थी।ऐसा करके मानवाधिकार आयोग ने कहा कि किसी वार्ड बॉय या सफाईकर्मी को मरीज का इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) करने की अनुमति देना बुनियादी मानवाधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।MSHRC के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर) अनंत बदर की...
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुग्राम में अनधिकृत निर्माण हटाने का आदेश रद्द किया, मालिकों की सुनवाई के बाद नए सिरे से फैसला सुनाने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें गुरुग्राम के डीएलएफ सिटी में अनधिकृत और अवैध निर्माणों को हटाने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि मुकदमों में पक्षकार न बनाए गए मालिकों को सुनवाई का अवसर दिए बिना ऐसा व्यापक निर्देश जारी नहीं किया जा सकता।इसके बजाय कोर्ट ने हाईकोर्ट के समक्ष दायर रिट याचिका को बहाल कर दिया और सभी प्रभावित मालिकों को निर्देश दिया कि वे आदेश अपलोड होने की तारीख से दो सप्ताह के भीतर, यानी 11 नवंबर तक कार्यवाही में शामिल होने का...
'बैंकों को पहले ही वसूल की जा चुकी राशि पर ब्याज लेना बंद करना चाहिए': किंगफिशर के बकाया कर्ज पर विजय माल्या ने कर्नाटक हाईकोर्ट में कहा
भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या कर्नाटक हाईकोर्ट में दलील दी है कि बैंकों को पहले ही वसूल की जा चुकी राशि पर ब्याज लेना बंद करना चाहिए। माल्या ने अपने और अपनी पूर्ववर्ती एयरलाइन किंगफिशर (यूनाइटेड ब्रुअरीज होल्डिंग्स लिमिटेड) पर बकाया कर्ज की जानकारी मांगने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।जस्टिस ललिता कन्नेगंती के समक्ष माल्या की ओर से सीनियर वकील साजन पोवैया ने दलील दी कि बैंकों को बकाया राशि पहले ही मिल चुकी है और वे यह रुख नहीं अपना सकते कि कार्यवाही लंबित रहने के कारण की गई वसूली को...
2011 के मुंबई ट्रिपल ब्लास्ट मामले के मुख्य आरोपी कफील अहमद को मिली ज़मानत
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को 2011 के ट्रिपल बम ब्लास्ट मामले के मुख्य आरोपियों में से एक कफील अहमद मोहम्मद अय्यूब को ज़मानत दी। इस मामले में मुंबई में कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे।जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस रंजीतसिंह भोंसले की खंडपीठ ने इस तथ्य पर विचार किया कि मामले की सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई और कफील पहले ही लगभग 13 साल विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में बिता चुके हैं।कफील के वकील मोबिन सोलकर ने विवरण की पुष्टि करते हुए कहा,"खंडपीठ ने ओपन कोर्ट में फैसला सुनाया...
नियोक्ता वर्षों तक अभ्यावेदन का जवाब न देने पर कर्मचारी के दावे को अस्वीकार करने में देरी का हवाला नहीं दे सकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली द्वारा दायर अपील खारिज की, जिसमें सिंगल जज के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें रिटायर कर्मचारी के उच्च ग्रेड वेतन को वापस लेने को रद्द कर दिया गया था और संस्थान को वित्तीय उन्नयन के उसके दावे पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने माना कि देरी NIT द्वारा कर्मचारी के अभ्यावेदन का जवाब न देने के कारण हुई थी।चीफ जस्टिस जी.एस. संधावालिया और जस्टिस जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ ने टिप्पणी की:"इसमें कोई विवाद नहीं है कि वर्ष...
सुनवाई के दौरान 'निष्पक्ष टिप्पणियों' पर मीडिया की सनसनी फैलाने वाली रिपोर्टिंग चिंताजनक: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान की गई 'केवल सनसनी फैलाने' के लिए की गई 'निष्पक्ष टिप्पणियों' की मीडिया रिपोर्टिंग के 'चिंताजनक चलन' की ओर इशारा किया।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा,"हाल के दिनों में यह एक चिंताजनक चलन बन गया है कि किसी मामले की सुनवाई के दौरान अदालत द्वारा की गई कुछ सबसे निष्पक्ष टिप्पणियों, जो कार्यवाही से जुड़ी भी हो सकती हैं या नहीं भी, की रिपोर्टिंग केवल सनसनी फैलाने के लिए की जाती है।"जज ने आगे कहा,"अदालती कार्यवाही की ऐसी रिपोर्टिंग, जो जनता में अधिक रुचि के...
विवाह पुरुष को पत्नी पर असीमित अधिकार नहीं देता, महिलाओं की सहनशीलता को सहमति नहीं माना जा सकता: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने एक 80 वर्षीय व्यक्ति की बरी को रद्द करते हुए उसे धारा 498A (पत्नी के प्रति क्रूरता) के तहत फिर से दोषी ठहराया है। अदालत ने कहा कि विवाह पुरुष को पत्नी पर असीम अधिकार नहीं देता और पत्नी की सुरक्षा, गरिमा और सम्मान सुनिश्चित करना पति की मुख्य वैवाहिक जिम्मेदारी है।जस्टिस एल. विक्टोरिया गौरी ने कहा कि भारतीय पुरुषों को यह पुरानी सोच छोड़नी चाहिए कि विवाह उन्हें अधिकार देता है। कोर्ट ने कहा, “पत्नी की सुविधा, सुरक्षा और गरिमा कोई द्वितीय जिम्मेदारी नहीं, बल्कि वैवाहिक बंधन का मूल...
चीनी मांझे पर प्रतिबंध मांग वाली याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने कहा- 'नियमित जांच करें, जनता को जागरूक करें'
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चीनी मांझे (पतंग उड़ाने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला सिंथेटिक धागा, जिस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने फरवरी 2017 में प्रतिबंध लगा दिया था) के निर्माण, बिक्री, भंडारण और उपयोग पर प्रतिबंध का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इस मांझे के कारण हाल ही में एक सात साल के बच्चे की जान चली गई थी।चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने कहा,"राज्य सरकार पूरे राज्य में चीनी सिंथेटिक धागे (मांझा) के निर्माण, बिक्री, भंडारण और उपयोग पर...
अयोध्या मामला: अंतिम फैसले के बाद भी बोल रहे हैं जज
श्रीनिवासन जैन के साथ एक साक्षात्कार में बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मुद्दे पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की टिप्पणियों ने राष्ट्रीय बहस को फिर से छेड़ दिया है। ध्यान आकर्षित करने वाले उनके बयानों में से एक था मस्जिद के निर्माण को "अपवित्रता का एक मौलिक कृत्य" बताना, और साथ ही उनका यह विचार कि पुरातात्विक साक्ष्य इस निष्कर्ष का समर्थन करते हैं (स्टाफ, 2025)।न्यायपालिका में कभी सर्वोच्च पद पर आसीन रहे किसी व्यक्ति के ये बयान सामान्य से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं। ये केवल टिप्पणी मात्र...
पासपोर्ट की अवधि तय नहीं होने पर केवल एक साल का पासपोर्ट जारी करना सही: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर सक्षम आपराधिक अदालत किसी व्यक्ति को विदेश यात्रा की अनुमति या नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) देती है लेकिन उसमें पासपोर्ट की अवधि का उल्लेख नहीं होता, तो पासपोर्ट प्राधिकरण द्वारा सिर्फ एक वर्ष की वैधता वाला पासपोर्ट जारी करना उचित है।जस्टिस अजीत कुमार और जस्टिस स्वरूपमा चतुर्वेदी की खंडपीठ ने यह फैसला रहीमुद्दीन की याचिका पर दिया। उन्होंने सीजेएम पीलीभीत से मिले एनओसी के आधार पर 10 साल की वैधता वाले पासपोर्ट की मांग की थी। पासपोर्ट कार्यालय ने केवल एक वर्ष...
'लव जिहाद' शब्द का असल मतलब क्या है?: फिल्म 'हाल' पर आपत्तियों की सुनवाई के दौरान केरल हाईकोर्ट का सवाल
सोमवार (3 अक्टूबर) को शेन निगम अभिनीत फिल्म 'हाल' पर दर्ज आपत्तियों की सुनवाई के दौरान केरल हाईकोर्ट ने यह सवाल उठाया कि “लव जिहाद” शब्द का वास्तव में अर्थ क्या है?जस्टिस वी.जी. अरुण ने मौखिक रूप से पूछा, “लव जिहाद' शब्द का असल मतलब क्या है? जब यह एक विशेष धर्म से जुड़ा होता है, तो इसे 'जिहाद' क्यों कहा जाता है?” यह शब्द केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) द्वारा दायर काउंटर एफिडेविट में इस्तेमाल किया गया था। इसमें कहा गया था कि रीवाइजिंग कमेटी, जिसमें दो विषय विशेषज्ञ शामिल थे, ने यह पाया कि...
झूठे आरोपों से टूटता है वैवाहिक विश्वास: एमपी हाईकोर्ट ने दिया पति को तलाक की मंजूरी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पति को क्रूरता और परित्याग (Cruelty and Desertion) के आधार पर तलाक देने की अनुमति दी है। अदालत ने यह टिप्पणी की कि वैवाहिक संबंधों में पारस्परिक विश्वास एक “स्वर्ण सूत्र” (golden thread) की तरह होता है, जो तब कमजोर पड़ जाता है जब एक जीवनसाथी दूसरे पर झूठे और मानहानिकारक आरोप लगाता है।जस्टिस विशाल धगत और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने कहा— “वैवाहिक संबंधों में पारस्परिक विश्वास वह स्वर्ण सूत्र है जो पति-पत्नी के जीवन में स्नेह और सम्मान को बुनता है, और जब एक पक्ष...
अर्नब गोस्वामी के खिलाफ मानहानि मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द किया समन और शिकायत
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (4 नवंबर) को पत्रकार अर्नब गोस्वामी के खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मानहानि मामले में जारी समन को रद्द कर दिया।यह मामला वकील विक्रम सिंह चौहान द्वारा दायर किया गया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि 2016 में टाइम्स नाउ चैनल पर प्रसारित गोस्वामी के कार्यक्रम “द न्यूज़ आवर” में उनके खिलाफ मानहानिकारक टिप्पणियाँ की गई थीं। यह प्रसारण उस घटना से संबंधित था जिसमें पूर्व जेएनयू छात्र कन्हैया कुमार और कुछ पत्रकारों पर पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में चौहान द्वारा कथित हमले का आरोप लगाया...
सरकारी सहायता प्राप्त करने वाले संगठनों में आरक्षण के लिए याचिका: सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सरकार से अनुरोध करने की अनुमति दी
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से अनुदान प्राप्त करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं संगठनों और स्वायत्त निकायों में आरक्षण की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार किया।जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को सरकार के समक्ष एक व्यापक अनुरोध प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता दी।पीठ ने कहा,"हमें इस बात पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है कि संबंधित अधिकारी सरकारी नीति यदि कोई हो के अनुसार अनुरोध पर विचार करेंगे।"संक्षेप में मामलायह जनहित याचिका सरकार से...
क्या यह बेंच से बचने की रणनीति है?: ट्रिब्यूनल एक्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र से सुप्रीम कोर्ट नाराज़
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल सुधार अधिनियम 2021 (Tribunals Reforms Act, 2021) की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को पाँच-जजों की संविधान पीठ के पास भेजने की केंद्र सरकार की अर्जी पर सोमवार को कड़ी नाराज़गी व्यक्त की।कोर्ट ने इस अर्जी की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या यह वर्तमान दो जजों की पीठ से बचने की एक रणनीति है, क्योंकि पीठ पहले ही याचिकाकर्ताओं की दलीलें विस्तार से सुन चुकी थी।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ मद्रास बार एसोसिएशन मामले की...
न्यायिक अनुशासनहीनता का आरोप: मद्रास हाईकोर्ट के वकीलों ने जस्टिस निशा बानू के तबादले पर CJI को लिखा पत्र
मद्रास हाईकोर्ट की जस्टिस निशा बानू के तबादले पर विवाद ने एक बार फिर हाईकोर्ट जजों के ट्रांसफर से जुड़े संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों पर ध्यान केंद्रित किया है।भारतीय न्यायपालिका में जजों का तबादला एक संवेदनशील प्रक्रिया है, जो न्यायिक स्वतंत्रता और न्यायिक प्रशासन की आवश्यकता के बीच संतुलन साधती है।भारतीय संविधान का अनुच्छेद 222 हाईकोर्ट के जजों के तबादले से संबंधित है। यह प्रावधान कहता है कि राष्ट्रपति चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) से परामर्श करने के बाद एक हाईकोर्ट के जज को दूसरे हाईकोर्ट में...



















