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केंद्र सरकार को बेनामी अधिनियम के मामलों की समीक्षा की अनुमति देने वाला 2024 का आदेश 'गणपति डीलकॉम' के आधार पर लिया गया निर्णय गलत: सुप्रीम कोर्ट
यह देखते हुए कि किसी पूर्व उदाहरण को बाद में खारिज करना समीक्षा का आधार नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा दायर याचिका खारिज की, जिसमें गणपति डीलकॉम मामले में 2022 के फैसले के आधार पर पारित आदेश की समीक्षा की मांग की गई थी, जिसमें बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम 1988 के कुछ प्रावधानों को रद्द कर दिया गया था।2022 के फैसले को बाद में अक्टूबर, 2024 में भारत संघ बनाम मेसर्स गणपति डीलकॉम प्राइवेट लिमिटेड (आर.पी.(सी) संख्या 359/2023) मामले में तीन जजों की पीठ द्वारा समीक्षा के लिए...
अन्य पुष्ट साक्ष्यों के अभाव में केवल हथियार की बरामदगी और FSL रिपोर्ट पर्याप्त नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के दोषी को बरी किया
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (14 नवंबर) को कहा कि केवल हथियार की बरामदगी, चाहे उसके पास FSL रिपोर्ट भी क्यों न हो, हत्या के लिए दोषसिद्धि को बनाए रखने के लिए पर्याप्त नहीं है, क्योंकि अपराध से जुड़े अन्य पुष्ट साक्ष्यों के अभाव में ऐसा नहीं है।जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की खंडपीठ ने हत्या के दोषी एक व्यक्ति की आजीवन कारावास की सजा यह कहते हुए रद्द की कि हाईकोर्ट ने केवल अपराध में कथित रूप से इस्तेमाल की गई पिस्तौल की बरामदगी और मृतक के शरीर से ली गई गोलियों से बरामद कारतूसों को...
बर्खास्तगी केवल लंबित आपराधिक मामले के आधार पर हुई हो तो कर्मचारी को बरी होने के बाद बहाल किया जाना चाहिए: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि यदि किसी कर्मचारी की बर्खास्तगी का मूल आधार उसके विरुद्ध लंबित आपराधिक मामला है। उस आपराधिक मामले के परिणामस्वरूप सक्षम आपराधिक न्यायालय द्वारा कर्मचारी को बरी कर दिया जाता है तो ऐसी बर्खास्तगी का आधार समाप्त हो जाता है और नियोक्ता को कर्मचारी को बहाल करना होगा।जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस अनुरूप सिंघी की खंडपीठ ने श्रम न्यायालय और सिंगल जज की पीठ के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें उस कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाया गया था, जिसे एक लंबित आपराधिक मामले के...
पति और बेटे ने मिलकर महिला को लगाई आग, दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषी करार देते हुए भक्ति गीता का दिया उद्धरण
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक महिला को आग लगाकर उसकी हत्या करने के मामले में पति और बेटे की दोषसिद्धि बरकरार रखी और कहा कि महिला के मृत्यु पूर्व दिए गए बयान सुसंगत, स्वैच्छिक और संदेह से मुक्त हैं।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस विमल कुमार यादव की खंडपीठ ने कहा कि महिला के पास अपने वयस्क बेटे या पति का नाम लेकर उन्हें झूठा फंसाने का कोई कारण नहीं था और उसे इससे कोई लाभ नहीं होने वाला था।कोर्ट ने 2002 में पति और बेटे द्वारा दायर अपीलों को खारिज कर दिया और मामले में उनकी दोषसिद्धि और सजा...
Customs Act | दिल्ली हाईकोर्ट ने BSNL को माल की गलत घोषणा के लिए ₹12.63 करोड़ के जुर्माने को चुनौती देने की अनुमति दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड) को आयातित माल की गलत घोषणा के लिए सीमा शुल्क विभाग (Customs) द्वारा उस पर लगाए गए ₹12,63,01,812/- के जुर्माने को चुनौती देने की अनुमति दी।जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस शैल जैन की खंडपीठ ने कहा कि सार्वजनिक स्वायत्त सेवा प्रदाता ने CESTAT से संपर्क करने में देरी का कोई वैध औचित्य नहीं दिखाया। हालांकि, "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि BSNL ने स्वैच्छिक घोषणा की थी, प्रथम दृष्टया BSNL के इस तर्क में कुछ दम प्रतीत होता है कि वह गुण-दोष के आधार...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नाबालिग की हिरासत के गलत प्रबंधन के लिए बाल कल्याण अधिकारियों की खिंचाई की, संरक्षण का आदेश दिया और विस्तृत रिपोर्ट मांगी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने किशोर न्याय (बालकों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 (JJ Act) के "उद्देश्यों से पूरी तरह विमुख" होकर कार्य करने के लिए हरियाणा के बाल कल्याण अधिकारियों की खिंचाई की। उनकी कार्रवाई ने एक 17 वर्षीय लड़की को संभावित खतरे में डाल दिया, जबकि उसे देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाली बच्ची घोषित किया गया।उसी महीने की शुरुआत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई, जिसके बाद उसे सुरक्षात्मक हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि, बाद में अधिकारियों ने उसे "उसकी सहमति के बिना"...
NDPS Act की धारा 27ए | केवल नकदी रखने का मतलब ड्रग मनी नहीं हो सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा, कानून के तहत विशिष्ट संबंध साबित करना होगा
यह दोहराते हुए कि संप्रभु द्वारा जारी की गई मुद्रा को ठोस सबूत के बिना "ड्रग मनी" नहीं कहा जा सकता, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27ए या ज़ब्ती प्रावधानों को लागू करने से पहले ज़ब्त की गई नकदी और अवैध ड्रग तस्करी के बीच एक विशिष्ट और स्पष्ट संबंध स्थापित करने की ज़िम्मेदारी पूरी तरह से जांच एजेंसी की है।एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27ए एक ऐसा प्रावधान है जो अवैध ड्रग तस्करी के वित्तपोषण या अपराधियों को शरण देने में शामिल व्यक्तियों को दंडित करता है।न्यायाधीश ने...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तालाबों की नीलामी के बिना कब्जे के पैटर्न की ओर इशारा किया, मत्स्य पालन विभाग से राज्यव्यापी रिपोर्ट मांगी
इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ पीठ) ने उत्तर प्रदेश मत्स्य पालन विभाग के कामकाज में "काफी कुटिल" पैटर्न का संज्ञान लिया और पाया कि राज्य भर में तालाबों की नियमित रूप से नीलामी की जाती है, लेकिन सफल बोलीदाताओं को न तो कब्जा दिया जाता है और न ही पट्टा-पत्र सौंपे जाते हैं, जिससे "सरकारी खजाने को भारी नुकसान" होता है।जस्टिस शेखर बी. सराफ और जस्टिस प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने सीतापुर में तालाब के लिए पट्टा-पत्र निष्पादित करने का निर्देश देने के लिए अधिकारियों को आदेश देने की मांग वाली एक रिट याचिका पर सुनवाई...
पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल ने हाईकोर्ट में 'बेंच हंटिंग' के आरोपों में आरोपी वकीलों को बरी किया
पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल की विशेषाधिकार समिति ने उन सभी वकीलों और अन्य व्यक्तियों को बरी कर दिया, जिन्हें उसने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में बेंच हंटिंग के आरोपों के संबंध में पहले नोटिस जारी किए।राज्य बार काउंसिल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में वकीलों द्वारा बेंच हंटिंग के गंभीर आरोपों की जांच शुरू की थी।एक कार्यालय आदेश में राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष ने कहा कि बार काउंसिल के सदस्यों ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के कुछ वकील किसी विशेष बेंच से अनुकूल आदेश प्राप्त करने या उस...
अधिग्रहण अधिसूचना के बाद निष्पादित विक्रय-पत्रों का उपयोग भूमि मूल्य बढ़ाने के लिए नहीं किया जा सकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि अधिग्रहण अधिसूचना जारी होने के बाद निष्पादित विक्रय-पत्रों का उपयोग बाजार मूल्य निर्धारित करने के लिए नहीं किया जा सकता।कोर्ट ने टिप्पणी की कि उचित बाजार मूल्य के आकलन के लिए केवल अधिग्रहण अधिसूचना से पहले निष्पादित विक्रय-पत्रों पर ही भरोसा किया जा सकता है। बाद में निष्पादित विक्रय-पत्र अक्सर भूमि की बढ़ी हुई कीमतों को दर्शाने के उद्देश्य से होते हैं।जस्टिस रोमेश वर्मा ने टिप्पणी की:"दस्तावेज और प्रदर्शित विक्रय-पत्र... अधिसूचना जारी होने के बाद के हैं... इन...
दिल्ली हाईकोर्ट ने 'गुप्त' आदेश जारी करके महिला के बैंक अकाउंट फ्रीज करने पर ED की आलोचना की, कहा- 'संदेह' 'विश्वास करने का कारण' नहीं
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक महिला के बैंक अकाउंट महज संदेह के आधार पर फ्रीज करने पर कड़ी आलोचना की। साथ ही एजेंसी के आदेशों को 'गुप्त' प्रकृति का बताते हुए खारिज कर दिया।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा कि 'संदेह' को 'विश्वास करने के कारण' के बराबर नहीं माना जा सकता और न ही इसे 'प्रथम दृष्टया' राय के बराबर माना जा सकता है।कोर्ट ने कहा,"दिनांक 05.09.2018 के ज़ब्ती आदेश स्वयं ऐसा कोई कारण नहीं बताते, न ही वे किसी ऐसे अभिलेख का...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फतेहपुर स्थित नूरी जामा मस्जिद को और ध्वस्त करने पर रोक लगाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फतेहपुर स्थित नूरी जामा मस्जिद में आगे कोई भी विध्वंस कार्रवाई करने से रोक दिया।जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अरुण कुमार की खंडपीठ ने मस्जिद की प्रबंध समिति द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए कहा कि अधिकारियों द्वारा जारी नोटिस के बाद संरचना का एक हिस्सा पहले ही ध्वस्त कर दिया गया।सुनवाई के दौरान, राज्य के वकील ने दलील दी कि यह विध्वंस निकटवर्ती सड़क को चौड़ा करने के उद्देश्य से...
दिल्ली हाईकोर्ट ने टीम इंडिया के आगामी क्रिकेट दौरों की अवैध स्ट्रीमिंग पर लगाई रोक
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कई अवैध मोबाइल ऐप्स और वेबसाइटों को भारत के आगामी दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड क्रिकेट दौरों की अवैध स्ट्रीमिंग रोकने का आदेश दिया, जिससे जियोस्टार इंडिया के विशेष प्रसारण अधिकारों की रक्षा होगी। यह आदेश 3 मार्च, 2026 तक लागू रहेगा।जस्टिस तेजस करिया की सिंगल बेंच ने 11 नवंबर, 2025 को यह आदेश पारित किया, जब जियोस्टार ने इन क्रिकेट आयोजनों पर अपने विशेष प्रसारण अधिकारों की सुरक्षा के लिए तत्काल याचिका दायर की थी। इन दौरों में कुल मिलाकर 18 मैच शामिल हैं।जियोस्टार...
समय सीमा बढ़ाने के लिए ट्रायल जज सीधे सुप्रीम कोर्ट को न लिखें: सुप्रीम कोर्ट ने फिर दोहराया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बार फिर उस प्रथा पर असंतोष जताया, जिसमें ट्रायल कोर्ट के जज सीधे सुप्रीम कोर्ट को पत्र भेजकर ट्रायल पूरी करने के लिए निर्धारित समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध करते हैं। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि ऐसी सभी संचार प्रक्रियाएँ हाईकोर्ट के माध्यम से ही भेजी जानी चाहिए।जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ को बताया गया कि ट्रायल कोर्ट के जज ने समय विस्तार मांगते हुए एक आवेदन दाखिल किया है, लेकिन उसमें आवश्यक विवरण नहीं दिए गए थे। इस पर जस्टिस महेश्वरी ने...
यूपी की ट्रायल अदालतें फैसले हिंदी या अंग्रेजी में लिख सकती हैं, लेकिन दोनों भाषाओं का मिश्रित जजमेंट नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की ट्रायल अदालतें अपने फैसले या तो पूरी तरह हिंदी में लिखें या पूरी तरह अंग्रेजी में, लेकिन दोनों भाषाओं को मिलाकर लिखा गया जजमेंट स्वीकार्य नहीं है। अदालत ने आगरा की सत्र अदालत द्वारा दिए गए एक बरी करने के फैसले को “क्लासिक उदाहरण” बताते हुए इसकी प्रति मुख्य न्यायाधीश और पूरे राज्य के न्यायिक अधिकारियों को भेजने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने पाया कि विवादित फैसला 54 पन्नों का था, जिसमें 63 पैराग्राफ अंग्रेजी में, 125 हिंदी में और 11 पैराग्राफ दोनों...
“आंखों देखा साफ़ सबूत ज्यादा मजबूत”: सुप्रीम कोर्ट ने POCSO दोषसिद्धि बरकरार रखी
सुप्रीम कोर्ट ने 4 साल की बच्ची पर यौन उत्पीड़न के दोषी पाए गए एक व्यक्ति की सजा को बरकरार रखा, चिकित्सा साक्ष्य और प्रत्यक्षदर्शी गवाही की अनुपस्थिति के आधार पर बरी करने की उसकी याचिका को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि बच्चे के माता-पिता के सुसंगत और विश्वसनीय सबूत सजा को बनाए रखने के लिए पर्याप्त थे।पीठ ने कहा, 'यह सच हो सकता है कि डॉ. प्रियंका टोप्पो (पीडब्लू-6) को पीड़िता के शरीर पर बाहरी चोट के निशान नहीं मिले और उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का खून नहीं बह रहा था। यह अच्छी तरह से तय है कि...
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: विज्ञापन टैक्स लगाने के लिए एडेन गार्डन्स 'सार्वजनिक स्थान' नहीं
सुप्रीम कोर्ट में आज एडेन गार्डन्स को लेकर एक दिलचस्प बहस हुई—क्या यह मशहूर क्रिकेट स्टेडियम “सार्वजनिक स्थान” माना जा सकता है? और क्या कोलकाता नगर निगम (KMC) यहां लगे विज्ञापनों पर टैक्स वसूल सकता है?KMC की ओर से सीनियर एडवोकेट जयदीप गुप्ता ने जोर देकर कहा कि एडेन गार्डन्स तो पूरी तरह “पब्लिक व्यू” में रहता है। “स्टेडियम का हर हिस्सा बाहर से दिखता है, मैच टीवी पर आते हैं, विज्ञापन लाखों लोग देखते हैं… तो यह सार्वजनिक स्थान ही हुआ,” उन्होंने कहा। लेकिन जजों को यह तर्क जम नहीं पाया। जस्टिस...
“राज्य के वकील कोर्ट में उपस्थित हों”: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड की गृह सचिव को निर्देश दिया
झारखंड की गृह सचिव वंदना डाडेल गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुईं। कोर्ट ने उनकी मौजूदगी इसलिए तलब की थी क्योंकि नोटिस की सेवा पूरी होने के बावजूद झारखंड सरकार कई मामलों में लगातार गैर-हाज़िर रही। कोर्ट ने उनसे कहा कि राज्य के वकील सभी ऐसे मामलों में अनिवार्य रूप से उपस्थित हों।मुख्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार से कहा कि वह हाईकोर्ट द्वारा दो हत्या आरोपियों—अर्शद और शमशेर—को दिए गए anticipatory bail को चुनौती दे, क्योंकि हाईकोर्ट ने बिना मेरिट देखे यह...
कोविड वैक्सीन से मौतों पर क्षतिपूर्ति वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 वैक्सीन के कारण कथित मौतों पर क्षतिपूर्ति और स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उनकी बेटियों की मौत वैक्सीन से हुई और सरकार प्रतिकूल प्रभावों का डेटा सार्वजनिक नहीं कर रही।रचना गंगू और वेणुगोपालन गोविंदन की याचिका के साथ केंद्र सरकार की वह अपील भी सुनी गई जिसमें केरल हाईकोर्ट के क्षतिपूर्ति नीति बनाने संबंधी अंतरिम आदेश को चुनौती दी गई थी। सुनवाई में सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंसाल्विस ने बताया कि चार...
बाल विवाह के प्रति संरचनात्मक प्रतिक्रिया
बाल विवाह और जबरन विवाह (सीईएफएम) की लगभग 86% पीड़ित लड़कियां हैं। दुनिया में हर तीसरी बाल वधू भारतीय है। बाल विवाह वह विवाह है जिसमें कम से कम एक पक्ष विवाह की कानूनी उम्र से कम हो। यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है और भारत के लिए एक सतत चुनौती है। अधिकांश बाल विवाहों में लड़कियों का विवाह अधिक उम्र के पुरुषों से होता है, जिससे पितृसत्तात्मक मानदंडों और लैंगिक असमानता को बल मिलता है। कम उम्र में विवाह का अर्थ है शिक्षा का अंत, अवसरों का नुकसान, और गरीबी, हिंसा और कम उम्र में मां बनने का जोखिम,...




















