ताज़ा खबरे
प्रोविडेंट फंड ड्यूज़, SARFAESI Act के तहत बैंक के क्लेम से ज़्यादा ज़रूरी: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (20 नवंबर) को कहा कि SARFAESI Act के तहत किसी कंपनी के एसेट्स की बिक्री में बैंकों द्वारा क्लेम किए गए 'प्रायोरिटी' राइट्स से ज़्यादा एम्प्लॉइज के प्रोविडेंट फंड ड्यूज़ को प्राथमिकता दी जाएगी।कोर्ट ने माना कि एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड्स एंड मिसलेनियस प्रोविज़न्स एक्ट (EPF & MP Act) के तहत ड्यूज़, SARFAESI Act के तहत सिक्योर्ड क्रेडिटर्स के क्लेम से ज़्यादा ज़रूरी हैं। इस बात की पुष्टि की कि EPF कानून के तहत बनाया गया स्टैच्युटरी फर्स्ट चार्ज, SARFAESI Act की धारा 26E...
क्रिमिनल लायबिलिटी 'खरीदने लायक चीज़' नहीं, लापरवाही से मौत का केस समझौते पर रद्द नहीं किया जा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने "न्यायिक ईमानदारी के संभावित नुकसान" के बारे में चेतावनी दी, जहाँ गंभीर अपराधों से जुड़े क्रिमिनल केस – खासकर IPC की धारा 304-A/BNS (लापरवाही से मौत) के तहत आने वाले – सिर्फ़ आरोपी और पीड़ित के परिवार के बीच समझौते के आधार पर रद्द करने की मांग की जाती है।जस्टिस सुमीत गोयल ने कहा कि ऐसे समझौते, जिनमें अक्सर पैसे का लेन-देन होता है, क्रिमिनल लायबिलिटी को खरीदने लायक चीज़ के तौर पर दिखाकर "सामाजिक सोच पर बुरा असर" डालते हैं।कोर्ट ने कहा,"समझौता करने की इस प्रैक्टिस में...
'गंभीर सामाजिक खतरा': दिल्ली हाईकोर्ट ने इंटर-स्टेट चाइल्ड ट्रैफिकिंग के आरोप में गिरफ्तार महिलाओं की बेल कैंसिल की
दिल्ली हाईकोर्ट ने दो महिलाओं की बेल कैंसिल की, जिन पर आरोप है कि वे बड़े पैमाने पर इंटर-स्टेट चाइल्ड ट्रैफिकिंग रैकेट में शामिल थीं, जो पैसे के फायदे के लिए नए जन्मे बच्चों की खरीद-फरोख्त में मदद करती थीं।जस्टिस अजय दिगपॉल ने कहा,“कथित अपराध गंभीर और घिनौने हैं, जिनमें नए जन्मे बच्चों की ट्रैफिकिंग शामिल है, जो न केवल बच्चों के अधिकारों और सम्मान को खतरे में डालता है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी कमजोर करता है। ऐसे अपराधों को पब्लिक ऑर्डर और समाज की नैतिक सोच के लिए गंभीर खतरा माना जाता...
अंतर-धार्मिक शादी: हाईकोर्ट ने बेटी की कस्टडी के लिए परिवार की अर्जी खारिज की, कहा- वह बालिग है
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार (18 नवंबर) को एक हिंदू महिला के मामा की हेबियस कॉर्पस पिटीशन यह कहते हुए खारिज की कि वह बालिग है, गलत तरीके से कैद में नहीं है और अपनी मर्ज़ी से रेस्पोंडेंट नंबर 4 (एक मुस्लिम आदमी) के साथ रह रही है।चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने कहा;"कॉर्पस बालिग है। उसका कहना है कि उसने अपनी मर्ज़ी से अपने माता-पिता का घर छोड़ा था। उसका यह भी कहना है कि उसके कुछ डॉक्यूमेंट्स अभी भी माता-पिता के पास हैं। चूंकि कॉर्पस बालिग है और किसी गलत तरीके से...
पार्लियामेंट के विंटर सेशन में शामिल होने की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे सांसद अमृतपाल सिंह
पंजाब के सांसद अमृतपाल सिंह ने पार्लियामेंट के आने वाले विंटर सेशन में शामिल होने के लिए पैरोल की मांग करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनका कहना है कि लगातार हिरासत में रहने की वजह से वे एक चुने हुए प्रतिनिधि के तौर पर अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।अमृतपाल सिंह अभी नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। उन्होंने NSA के सेक्शन 15 का इस्तेमाल किया, जो किसी खास हालात में किसी बंदी को पैरोल देने का अधिकार किसी सक्षम अधिकारी को...
पत्नी के देर से लगाए गए क्रिमिनल आरोप, पति के लगातार क्रूरता के सबूतों से ज़्यादा भारी नहीं हो सकते: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी के देर से लगाए गए क्रिमिनल आरोप, पति के लगातार क्रूरता के सबूतों को कम नहीं कर सकते या उनसे ज़्यादा भारी नहीं हो सकते।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस रेणु भटनागर की डिवीजन बेंच ने फैमिली कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें पत्नी की क्रूरता के आधार पर शादी तोड़ने की पति की अर्जी खारिज कर दी गई थी।उसका मामला यह था कि पत्नी ने उसके साथ क्रूरता की, यह दावा करते हुए कि— वह उसके बूढ़े माता-पिता से अलग रहने पर ज़ोर देती थी, अपने नाम पर एक नया घर मांगती थी, अपनी सास के...
BREAKING| बिलों को मंज़ूरी देने के लिए गवर्नर/राष्ट्रपति के लिए टाइमलाइन निर्धारित नहीं की जा सकती: सुप्रीम कोर्ट
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संविधान के आर्टिकल 143 के तहत दिए गए रेफरेंस का जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (20 नवंबर) को कहा कि कोर्ट संविधान के आर्टिकल 200/201 के तहत बिलों को मंज़ूरी देने के प्रेसिडेंट और गवर्नर के फैसलों के लिए कोई टाइमलाइन नहीं लगा सकता।कोर्ट ने आगे कहा कि अगर टाइमलाइन का उल्लंघन होता है तो कोर्ट का बिलों को "डीम्ड एसेंट" घोषित करने का कॉन्सेप्ट संविधान की भावना के खिलाफ है और शक्तियों के बंटवारे के सिद्धांत के खिलाफ है। कोर्ट का "डीम्ड एसेंट" घोषित करने का...
सुप्रीम कोर्ट ने वकील की गिरफ्तारी पर रोक लगाई, अंतरिम जमानत की पुष्टि
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा STF द्वारा एक वकील की गिरफ्तारी और उसके खिलाफ चल रही जांच पर रोक लगा दी है और उसकी अंतरिम जमानत को पक्का कर दिया है। वकील विक्रम सिंह ने याचिका दाखिल कर बताया था कि उन्हें अपने मुवक्किलों के बारे में जानकारी निकलवाने के लिए गिरफ्तार किया गया।सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने कोर्ट से कहा कि पुलिस वकील पर दबाव डाल रही थी और यह पूरी कार्रवाई गलत है। उन्होंने CBI जांच की भी मांग की। हरियाणा सरकार ने इन आरोपों को नकारा, पर याचिकाकर्ता का कहना था कि उन्हें वकील की हैसियत से ही...
सिविल केस में मिली राशि को चेक बाउंस मुआवजे में समायोजित किया जा सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने चेक बाउंस मामले में दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति को बड़ी राहत देते हुए यह स्पष्ट किया है कि सिविल मुकदमे में वसूली गई रकम को आपराधिक कार्यवाही में देय मुआवजे के खिलाफ समायोजित किया जा सकता है, बशर्ते दोनों कार्यवाही एक ही चेक dishonour से संबंधित हों।जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की एकल-न्यायाधीश खंडपीठ ने कहा कि जैसे दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 357(5) आपराधिक मुकदमे में दी गई राशि को बाद की सिविल कार्यवाही में समायोजित करने की अनुमति देती है, वैसे ही इसका उल्टा भी किया जा सकता...
ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट | तीन साल तक की सज़ा वाले अपराध विशेष रूप से अधिकृत मजिस्ट्रेट ही सुनेंगे : जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत ऐसे अपराध जिनकी अधिकतम सज़ा तीन वर्ष तक है, उनका ट्रायल सरकार द्वारा विशेष रूप से अधिकृत प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि भले ही ऐसा अपराध अध्याय IV के अंतर्गत आता हो, फिर भी यदि सज़ा तीन वर्ष से अधिक नहीं है तो मामला अधिकृत मजिस्ट्रेट के समक्ष ही सुनवाई योग्य होगा।मामला उस याचिका से जुड़ा था, जिसमें आरोपी दवा निर्माता कंपनी ने यह आपत्ति उठाई कि धारा 18(a)(i) और 27(d) के तहत दायर...
कोर्ट में पहचान पर बहुत शक है: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 2006 के शराब ज़ब्ती मामले में दो आरोपियों को बरी किया
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपियों की पहचान साबित करने में कमी से क्रिमिनल मामलों में गंभीर गड़बड़ी होती है खासकर जब ऐसी पहचान की पुष्टि करने के लिए कोई आज़ाद गवाह न हो।जस्टिस राकेश कैंथला ने कहा,“रुक्का में साफ तौर पर कहा गया था कि वैन के ड्राइवर अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भाग गए। गाड़ी की रोशनी में उनकी पहचान बिल्ला और जीतू के तौर पर हुई थी। रिकॉर्ड में ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे यह साबित हो कि सुनील कुमार को जीतू के नाम से भी जाना जाता है और अशोक कुमार को बिल्ला के नाम से भी जाना...
S. 319 CrPC | कॉग्निजेंस स्टेज पर जिस संदिग्ध को समन नहीं किया गया, उसे उसी मटेरियल के आधार पर बाद में समन नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह साफ किया कि एक बार जब किसी अपराध का कॉग्निजेंस ले लिया जाता है और चार्जशीट के कॉलम नंबर 12 (संदिग्ध) में रखे गए आरोपी को समन नहीं किया जाता है तो उसे रिकॉर्ड पर कोई अतिरिक्त सबूत न होने पर बाद में समन नहीं किया जा सकता।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा,“CrPC की धारा 319 कोर्ट को कॉलम नंबर 12 में रखे गए आरोपी को बाद में समन करने का अधिकार देता है लेकिन सवाल यह है कि यह पावर किस स्टेज पर और किन परिस्थितियों में इस्तेमाल की जा सकती है। कोर्ट CrPC की धारा 319 के तहत अपनी पावर का...
व्यापार के लिए उपयोग की गई संपत्ति पर विवाद, आवासीय क्षेत्र में होने के बावजूद व्यावसायिक विवाद माना जाएगा: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि अगर कोई संपत्ति वास्तव में व्यापार या दुकान चलाने के लिए इस्तेमाल हो रही है, तो उस संपत्ति से जुड़ा विवाद कॉमर्शियल कोर्ट्स एक्ट, 2015 के तहत व्यावसायिक विवाद माना जाएगा—भले ही वह जगह नगरपालिका रिकॉर्ड में आवासीय क्षेत्र में आती हो।मामले में TCNS क्लोदिंग कंपनी ने महिपालपुर में एक जगह रिटेल गारमेंट शो-रूम चलाने के लिए लीज पर ली थी। जगह को 2018 में नगर निगम ने अनधिकृत व्यावसायिक उपयोग बताकर सील कर दिया, जिसके बाद कंपनी ने लीज खत्म कर ₹7.6 लाख की सुरक्षा राशि वापस...
BREAKING: चार्टर्ड अकाउंटेंट्स अब बिना 25 वर्ष अनुभव के भी ट्राइब्यूनल के तकनीकी सदस्य बन सकेंगे: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने आज स्पष्ट किया कि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (CAs) को इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल (ITAT) जैसे ट्राइब्यूनलों में टेक्निकल सदस्य नियुक्त होने के लिए न्यूनतम 25 वर्ष का अनुभव होना आवश्यक नहीं है।चीफ़ जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने यह स्पष्टीकरण इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के वकील द्वारा किए गए उल्लेख (mentioning) के बाद जारी किया। वकील ने खंडपीठ को बताया कि मद्रास बार एसोसिएशन केस में दिए गए फैसले के अनुसार, ट्राइब्यूनल सुधार...
गवर्नर बिल को विधानसभा में वापस किए बिना अनिश्चित काल तक उसकी मंज़ूरी नहीं रोक सकते: प्रेसिडेंशियल रेफ़रेंस में सुप्रीम कोर्ट
प्रेसिडेंशियल रेफ़रेंस में अपनी राय में सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि गवर्नर किसी बिल को राज्य लेजिस्लेचर में वापस किए बिना अनिश्चित काल तक उसकी मंज़ूरी नहीं रोक सकते। कोर्ट ने फ़ैसला सुनाया कि मंज़ूरी रोकने की ऐसी “सरल” शक्ति आर्टिकल 200 के तहत मौजूद नहीं है और कोई भी ऐसी व्याख्या जो गवर्नर को निष्क्रियता के ज़रिए कानून को रोकने में मदद करती है, संवैधानिक सिद्धांतों के ख़िलाफ़ होगी।कोर्ट ने आर्टिकल 200 के स्ट्रक्चर की जांच की और यह नतीजा निकाला कि जब कोई बिल पेश किया जाता है तो गवर्नर को...
Delhi Riots UAPA Case | इंटेलेक्चुअल के मुखौटे में एंटी-नेशनल: पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में चलाई शरजील इमाम के भाषणों की क्लिप
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, शिफा उर रहमान, एमडी सलीम खान और शादाब अहमद की दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में दायर याचिकाओं का विरोध करते हुए अपनी दलीलें जारी रखीं, जिसमें उन पर अनलॉफुल एक्टिविटीज़ (प्रिवेंशन) एक्ट, 1967 (UAPA) के तहत आरोप लगाए गए।जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने मामले की सुनवाई की।एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने गुरुवार को कोर्ट में शरजील इमाम के भड़काऊ भाषणों के कुछ वीडियो क्लिप चलाए। क्लिप में इमाम...
HNLU ने कर्मचारियों हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 'स्टाफ करुणा निधि नीति' की शुरुआत की
हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (HNLU), रायपुर ने पात्र कर्मचारियों और आउटसोर्स कर्मियों को आकस्मिक परिस्थितियों में वित्तीय सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से एचएनएलयू स्टाफ करुणा निधि (एचएससीएफ) को औपचारिक रूप से स्वीकृत कर लागू कर दिया है। यह नीति वित्त समिति की मंजूरी के उपरांत तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।एचएससीएफ का उद्देश्य चिकित्सा आपातकाल, दुर्घटना, शोक, प्राकृतिक आपदा तथा इसी प्रकार की गंभीर स्थितियों में समयबद्ध वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है। यह नीति विश्वविद्यालय के ग्रुप–D...
दिल्ली हाईकोर्ट ने राज शमानी के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा के लिए जॉन डो ऑर्डर पास किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने पॉडकास्टर राज शमानी के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा के लिए एक जॉन डो ऑर्डर पास किया। कोर्ट ने कहा कि वह भारत में, खासकर कंटेंट क्रिएशन के क्षेत्र में जाना-माना चेहरा हैं।जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि शमानी ने अपने सफल करियर में अच्छी पहचान और इज्जत कमाई है और पहली नज़र में उन्हें अपनी पर्सनैलिटी से जुड़े पब्लिसिटी राइट्स मिले हुए हैं, जो उनका एक कीमती अधिकार है।कोर्ट ने कहा,"पहली नज़र में वादी नंबर 1 की पर्सनैलिटी की खासियतें और/या उसके हिस्से, जिसमें वादी का नाम,...
सीजेआई बीआर गवई ने ई-फाइलिंग पोर्टल का नया वर्जन लॉन्च किया
सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों और केस लड़ने वालों के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल का नया वर्जन लॉन्च किया, जिससे वकील ऑनलाइन भी पेश हो सकेंगे।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई ने गुरुवार की सुबह के सेशन में पायलट बेसिस पर शुरू किए जा रहे नए वर्जन के लॉन्च की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह प्लेटफॉर्म एक ही लॉग-इन के ज़रिए हाइब्रिड ऑप्शन के साथ ई-फाइलिंग, सर्टिफाइड कॉपी, फिजिकल हियरिंग की सुविधा देता है।उन्होंने आगे कहा,"हम प्लेटफॉर्म में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं, जहां यह निश्चित...
संविधान साफ़ तौर पर सेक्युलर और सोशलिस्ट, इसीलिए शांति भूषण ने प्रस्तावना से 'सेक्युलर' और 'सोशलिस्ट' शब्द नहीं हटाया: जस्टिस नरीमन
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रोहिंटन नरीमन ने बुधवार को कहा कि जब इमरजेंसी के बाद शांति भूषण कानून मंत्री थे, तो उन्होंने 42वें संशोधन द्वारा प्रस्तावना में जोड़े गए “सेक्युलर” और “सोशलिस्ट” शब्दों को ना हटाने का फ़ैसला किया।जस्टिस नरीमन ने शांति भूषण शताब्दी मेमोरियल लेक्चर दिया, जिसमें उन्होंने वरिष्ठ वकील और राजनेता शांति भूषण के कानूनी और राजनीतिक करियर के बारे में बताया, जिन्होंने जनता पार्टी सरकार में भारत के कानून मंत्री के तौर पर काम किया।“सेक्युलर” और “सोशलिस्ट” शब्द 1976 में इंदिरा गांधी...




















