हथियार रखने और प्राप्त करने का लाइसेंस: आर्म्स एक्ट, 1959 की धारा 3
Himanshu Mishra
27 Nov 2024 8:36 PM IST
आर्म्स एक्ट, 1959 (Arms Act, 1959) भारत में हथियारों और गोला-बारूद (Ammunition) के अधिग्रहण, स्वामित्व और उपयोग को नियंत्रित करता है। इसकी धारा 3 (Section 3) एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो यह स्पष्ट करती है कि कोई व्यक्ति हथियारों या गोला-बारूद को प्राप्त करने और रखने के लिए किन कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करेगा। यह कानून जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया है।
सामान्य नियम: लाइसेंस होना अनिवार्य (General Rule: License is Mandatory)
धारा 3(1) यह बताती है कि कोई भी व्यक्ति बिना वैध लाइसेंस (License) के हथियार या गोला-बारूद प्राप्त नहीं कर सकता, न ही अपने पास रख सकता है। यह लाइसेंस आर्म्स एक्ट और इसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार जारी किया जाता है। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि हथियारों का गलत या अनधिकृत उपयोग न हो।
उदाहरण (Example): यदि कोई व्यक्ति अपनी सुरक्षा के लिए पिस्टल (Pistol) रखना चाहता है, तो उसे लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा, पुलिस जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा और लाइसेंसिंग अथॉरिटी (Licensing Authority) द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करना होगा। बिना लाइसेंस के पिस्टल तो दूर, एक गोली रखना भी कानून के तहत अपराध माना जाएगा।
अपवाद: विशेष परिस्थितियों में बिना लाइसेंस अनुमति (Exception: Permission Without License in Special Circumstances)
धारा 3(1) के अंतर्गत एक प्रावधान यह कहता है कि कुछ विशेष परिस्थितियों में व्यक्ति बिना लाइसेंस के हथियार या गोला-बारूद ले जा सकता है, बशर्ते कि यह कार्य लाइसेंस धारक (License Holder) की उपस्थिति में या उसकी लिखित अनुमति (Written Authority) के साथ किया जाए।
यह प्रावधान तब लागू होता है, जब हथियार मरम्मत (Repair), लाइसेंस का नवीनीकरण (Renewal), या वैध उपयोग (Lawful Use) के लिए ले जाया जा रहा हो।
उदाहरण (Example): यदि किसी व्यक्ति को लाइसेंस धारक के हथियार को मरम्मत के लिए बंदूक निर्माता (Gunsmith) के पास ले जाना है, तो वह लाइसेंस धारक की लिखित अनुमति के साथ ऐसा कर सकता है। उस व्यक्ति को अलग से लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी।
हथियारों की संख्या पर प्रतिबंध (Restriction on Number of Firearms)
धारा 3(2) के तहत, यह प्रावधान किया गया है कि कोई भी व्यक्ति दो से अधिक हथियार (Firearms) अपने पास नहीं रख सकता। यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि लोग अत्यधिक मात्रा में हथियार इकट्ठा न करें, क्योंकि यह सार्वजनिक सुरक्षा (Public Safety) के लिए खतरा हो सकता है।
उदाहरण (Example): यदि किसी व्यक्ति के पास पहले से तीन हथियार हैं, तो उसे एक हथियार जमा (Deposit) करना होगा। जमा करने की प्रक्रिया में व्यक्ति को नजदीकी पुलिस स्टेशन (Police Station), लाइसेंस प्राप्त विक्रेता (Licensed Dealer), या सशस्त्र बलों (Armed Forces) के मामले में, यूनिट आर्मरी (Unit Armory) में अतिरिक्त हथियार जमा करना होगा।
पुराने लाइसेंस धारकों के लिए संक्रमणकालीन प्रावधान (Transitional Provisions for Existing License Holders)
कानून ने उन लोगों के लिए विशेष प्रावधान बनाए हैं, जिनके पास कानून संशोधन (Amendment) के समय तय सीमा से अधिक हथियार थे।
1983 में जब आर्म्स (संशोधन) अधिनियम (Arms Amendment Act, 1983) लागू हुआ, तो जिन व्यक्तियों के पास तीन से अधिक हथियार थे, उन्हें इनमें से किसी भी तीन हथियारों को रखने की अनुमति दी गई और बाकी को 90 दिनों के भीतर जमा करना अनिवार्य था।
इसी प्रकार, 2019 में संशोधन के दौरान हथियारों की सीमा घटाकर दो कर दी गई। ऐसे व्यक्तियों को एक वर्ष के भीतर अतिरिक्त हथियार जमा करने का निर्देश दिया गया। जमा करने के बाद, अतिरिक्त हथियार को 90 दिनों में डिलीसेंस (Delicense) करना होता है।
उदाहरण (Example): 2019 में, यदि किसी व्यक्ति के पास चार हथियार थे, तो उसे इनमें से किसी दो को रखने का अधिकार दिया गया और बाकी दो को एक वर्ष के भीतर पुलिस स्टेशन या लाइसेंस प्राप्त विक्रेता के पास जमा करना पड़ा। समय सीमा के उल्लंघन पर व्यक्ति को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
विरासत या पारिवारिक धरोहर हथियारों का प्रावधान (Provision for Inherited or Heirloom Firearms)
धारा 3(2) के दूसरे प्रावधान के तहत, विरासत में मिले या पारिवारिक धरोहर (Heirloom) के रूप में प्राप्त हथियारों के लिए विशेष छूट दी गई है। हालांकि, दो हथियारों की सीमा बरकरार रहती है, लेकिन संबंधित व्यक्ति विरासत में मिले हथियार रखने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है।
उदाहरण (Example): यदि किसी व्यक्ति को उसके माता-पिता से तीन हथियार विरासत में मिलते हैं, तो वह सभी तीन हथियारों के लिए लाइसेंस का आवेदन कर सकता है। लेकिन, आम तौर पर लाइसेंसिंग अथॉरिटी उसे केवल दो हथियार रखने की अनुमति देगी।
आर्म्स एक्ट, 1959 की धारा 3 हथियारों के अधिग्रहण, स्वामित्व, और उपयोग को नियंत्रित करने के लिए एक सशक्त कानूनी ढांचा प्रदान करती है। लाइसेंस को अनिवार्य बनाकर, हथियारों की संख्या को सीमित कर, और अपवादों व विशेष मामलों के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश देकर यह प्रावधान सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
चाहे यह अतिरिक्त हथियारों को जमा करने की प्रक्रिया हो या विरासत में मिले हथियारों के लिए अनुमति, यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि हथियारों का उपयोग केवल कानूनी और सुरक्षित रूप से हो।