जानिए हमारा कानून
जानिए कब बेटियों को पिता की संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलता? क्या हैं प्रावधान
बेटियों का संपत्ति में हिस्से को लेकर हमेशा से विवाद रहा है। यह भ्रामक मुद्दा भी रहा है कि किसी बेटी को संपत्ति में कितना अधिकार मिलता है। कहीं लोग कहते हैं बेटी को बेटे से कम अधिकार है, कहीं कहा जाता है बेटी को कुछ अधिकार नहीं है और कहीं कहा जाता है बेटी को समानता के अधिकार है। समाज में अलग-अलग तरह की भ्रांतियां है जो बेटियों के पिता की संपत्ति में हिस्से को लेकर चलती रहती है। इसकी प्रमुख वजह कानून की जानकारी नहीं होना है।वर्तमान भारत में बेटियों को संपत्ति में कितना अधिकार है और कब बेटियों को...
पुलिस के खिलाफ शिकायत कैसे की जा सकती है? जानिए क्या है प्रावधान
पुलिस का गठन जनता की रक्षा के लिए किया गया है। जैसे एक सैनिक सीमा पर देश की सुरक्षा करता है, वैसे ही एक पुलिस सीमा के भीतर नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा करती है। दंड प्रक्रिया संहिता पुलिस को असीमित शक्तियां देती है, जिससे राज्य द्वारा दिए गए अधिकारों की रक्षा की जा सके। राज्य का यह कर्तव्य होता है कि वह अपने नागरिकों की रक्षा करे। राज्य ऐसी रक्षा के लिए पुलिस का गठन करता है।पुलिस समाज में शांति व्यवस्था और कानून का राज बनाए रखने के प्रयास करती है, लेकिन पुलिस में भी व्यक्तियों की भर्ती होती...
जानिए स्टाम्प पेपर क्या होता है और क्या है उससे संबंधित कानून
हर व्यक्ति को कभी न कभी किसी न किसी काम को लेकर स्टाम्प पेपर की जरूरत लगती रहती है। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसे कभी स्टाम्प पेपर से कोई वास्ता न रहा हो। शपथ पत्र से लेकर सेल डीड तक स्टाम्प पेपर की आवश्यकता होती है।क्यों लगते हैं स्टाम्पस्टाम्प पेपर राजस्व विभाग द्वारा जारी किए जाते हैं। यह स्टाम्प पेपर एक नोट की तरह कार्य करते हैं।हालांकि इन्हें नोट की तरह किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित नहीं किया जाता है। इसका केवल एक वेंडर होता है जो लोगों को स्टाम्प जारी करता है और जिस...
कोई नाम बदला जा सकता है? क्या है नाम बदलने से संबंधित प्रक्रिया जानिए कानून
नाम बदलने की बहुत सारी वजह हो सकती है। कभी-कभी लोग अपने नाम के सरनेम हटाना चाहते हैं या फिर सरनेम बदलना चाहते हैं या फिर किसी अन्य कारण से पूरे नाम को ही बदला जाता है। कभी-कभी दस्तावेजों में गलत नाम अंकित हो जाने पर भी नाम को बदलना पड़ता है। एक प्रक्रिया ऐसी होती है जिसमें पूरे नाम को बदलने के लिए ही कानून बताया गया है। किसी भी आदमी के अनेक दस्तावेज होते हैं जैसे उसकी पहचान से संबंधित दस्तावेज, उसकी जमीन से संबंधित दस्तावेज, उसकी शिक्षा से संबंधित दस्तावेज, उसके व्यवहार से संबंधित दस्तावेज और भी...
मजिस्ट्रेट द्वारा लिए जाने वाले बॉण्ड क्या होते हैं और क्या है उनसे संबंधित मुकदमें जानिए प्रावधान
दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के चैप्टर 8 में ऐसे बॉण्ड लेने के लिए मजिस्ट्रेट को सशक्त किया गया है जहां किसी अपराध के होने की संभावना है। कभी-कभी यह होता है कि किन्ही लोगों से हमारा विवाद हो जाता है विवाद में कोई अपराध नहीं होता है पर सामने वाले द्वारा इसकी शिकायत की जाती है। अनेक मामलों में पुलिस समझाइश देकर छोड़ देती है पर बहुत से मामले ऐसे भी होते हैं जहां पुलिस इस बात के बारे में एसडीएम को संज्ञान दे देती है या फिर पक्षकार स्वयं इसकी जानकारी एसडीएम को देता है। कार्यपालक मजिस्ट्रेट एसडीएम होता...
गाड़ी चोरी होने पर जब इंश्योरेंस कंपनी क्लेम नहीं दे तब क्या है कानून?
इंश्योरेंस अपनी आर्थिक सुरक्षा के उद्देश्य से किया जाता है। वाहन व्यक्ति की एक संपत्ति होती है जहां उसे अपनी संपत्ति से जुड़े हुए सभी अधिकार प्राप्त होते हैं। मोटर व्हीकल एक्ट किसी भी वाहन का आवश्यक इंश्योरेंस किए जाने का निर्देश देता है।हालांकि वहां पर ऐसा इंश्योरेंस थर्ड पार्टी होता है अर्थात कोई भी ऐसे वाहन का इंश्योरेंस होना चाहिए जिससे किसी दूसरे को नुकसान होने की संभावना है।मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत जिस व्यक्ति को वाहन से नुकसान होता है वह तो दावा कर सकता है इसी के साथ एक व्यवस्था और है...
नोटरी क्या होती है और नोटरी किए जाने का सही तरीका क्या है? जानिए कानून
नोटरी एक बड़ी चर्चित कानूनी व्यवस्था है। नोटरी किसी दस्तावेज को तस्दीक करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। राज्य और केंद्र सरकार अपने कार्य भार को कम करने के लिए कुछ वकीलों को नोटरी के रूप में नियुक्त कर देती है। यह नोटरी वकील लोगों के बीच होने वाले कुछ एग्रीमेंट और शपथ पत्र को तस्दीक करते हैं। यहां पर यह ध्यान देना चाहिए कि कोई भी ऐसा दस्तावेज नोटरी वकील तस्दीक नहीं करते हैं जो उन्हें नहीं करने के लिए नोटरी रूल्स में कहा गया है।इसके साथ ही नोटरी वकील कोई भी ऐसा दस्तावेज तस्दीक नहीं करते हैं जिसे...
क्या करें जब बीमा कंपनी हेल्थ इंश्योरेंस का क्लेम देने इनकार कर दे? जानिए क्या है कानूनी अधिकार
हेल्थ इंश्योरेंस आज के समय की एक मूल आवश्यकता बन गई है क्योंकि अस्पताल में खर्च होने वाली राशि इतनी अधिक होती है कि किसी भी व्यक्ति के समस्त जीवन की जमा पूंजी हो सकती है। महामारी का समय चलता रहता है और लोगों का बीमार खोना एक सामान्य से बात हो गई है। इस स्थिति में अधिकांश लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर हेल्थ इंश्योरेंस करवाते हैं। आज वर्तमान में बाजार में अनेक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां है जो इससे संबंधित काम करती है।क्या है हेल्थ इंश्योरेंसहेल्थ इंश्योरेंस एक प्रकार से एक संविदा (Contract) है यह...
क्या सीआरपीसी की धारा 151 में जमानत करवाना अनिवार्य है? जानिए क्या है प्रावधान
कानून द्वारा पुलिस को दी गई शक्तियों में एक बड़ी ही प्रसिद्ध शक्ति है जिसे सीआरपीसी की धारा 151 कहा जाता है। यह धारा 151 दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 151 है। दंड प्रक्रिया संहिता के चैप्टर 11 में पुलिस को कुछ निवारक शक्तियां दी गई है उन शक्तियों में एक शक्ति धारा 151 भी है।हम आए दिन यह देखते हैं कि कहीं न कहीं किसी न किसी मामले में पुलिस किसी व्यक्ति को धारा 151 के अंतर्गत गिरफ्तार करती है और फिर उस व्यक्ति की जमानत करवानी होती है। ऐसी जमानत एसडीएम कोर्ट से होती है। क्या इस धारा के अंतर्गत...
जानिए खेती की जमीन का बंटवारा कैसे होता है
भारत में अधिकांश लोगों के पास खेती की जमीन होती है। खेती भारत के प्रमुख धंधों में से एक है। ऐसी खेती की जमीन या तो स्वयं द्वारा अर्जित होती है या फिर अपने परिवारजन से उत्तराधिकार में मिलती है।कभी-कभी परिवारों में ऐसी स्थिति का जन्म हो जाता है कि परिवारजनों की आपस में बनती नहीं है और विवाद होते हैं तब खेती की जमीन की बंटवारे की स्थिति आ जाती है और पक्षकार आपस में बंटवारा चाहते हैं। इस स्थिति में भी कुछ पक्षकार बंटवारा चाहते हैं और कुछ पक्षकार बंटवारा नहीं चाहते हैं पर अगर किसी व्यक्ति का कोई हित...
जानिए रिलीज डीड क्या होती है
रिलीज डीड जिसे हिंदी में अधिकार त्याग कहा जाता है का प्रचलन आज के समय में अधिक हो गया है। संपत्ति के मामले में कानून ने रिलीज डीड जैसी व्यवस्था भी दी है। रिलीज डीड ऐसी संपत्ति के संबंध बनाई जाती है जो किसी व्यक्ति को वारिस नाते प्राप्त होती है। वारिस नाते प्राप्त होना उस संपत्ति को कहा जाता है जो किसी दूसरे व्यक्ति की होती है और किसी तीसरे व्यक्ति को ऐसी संपत्ति उत्तराधिकार में मिलती है।जैसे कि एक व्यक्ति की कोई संपत्ति है उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और वह व्यक्ति अपने जीवन काल में उस...
जानिए अपनी संपत्ति का नामांतरण कैसे करवाएं
संपत्ति का नामांतरण संपत्ति से जुड़ी एक विशेष व्यवस्था है। कोई भी संपत्ति जो किसी व्यक्ति के अधिपत्य में होती है और उसका टाइटल जिस व्यक्ति के पास होता है वह अपनी संपत्ति को कहीं भी बेच सकता है उसे दान दे सकता है या वसीयत कर सकता है। किसी भी व्यक्ति को संपत्ति कुछ विशेष तरीकों से प्राप्त होती है।जैसे सेल डीड, दान पत्र या वसीयतनामा। यह मुख्य तीन प्रारूप है जिससे किसी व्यक्ति को संपत्ति प्राप्त होती है। वर्तमान में सर्वाधिक प्रचलित प्रारूप सेल डीड ही है अधिकांश मामले इससे ही संबंधित होते हैं अर्थात...
क्या पति और पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी हो सकती है
दूसरा विवाह हमेशा चर्चा में रहने वाला विषय है।जीवन में ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती है जहां लोग अपने पति या पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरे विवाह की ओर कदम उठा लेते हैं। ऐसा अनेक उन मामलों में देखने को मिलता है जिन मामलों में पति या पत्नी अलग अलग रह रहे होते हैं तब लोग अपने जीवन को नई राह देने के लक्ष्य से दूसरा विवाह कर लेते हैं पर भारत में दूसरे विवाह को अपराध बनाया गया है। कुछ रीति-रिवाजों को छोड़कर सभी लोगों को यह हिदायत दी गई है कि भारत में पति और पत्नी के जीवित रहते हुए बगैर वैध तलाक हुए...
क्या मजिस्ट्रेट द्वारा संदर्भित मामले में लोक अदालत के अवॉर्ड को सिविल डिक्री के रूप में निष्पादित किया जा सकता है?
लोक अदालत द्वारा अवॉर्ड के निष्पादन के संदर्भ में अक्सर एक प्रश्न उठता है कि क्या किसी मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा निर्दिष्ट मामले में पारित किए गए निर्णय को इस तरह निष्पादित किया जा सकता है जैसे कि यह किसी दीवानी अदालत की डिक्री हो।यह सवाल नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 और घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत लोक अदालतों में भेजे गए मामलों में उठता है।डिक्री और आदेशों के निष्पादन संबंधित सिद्धांतों को सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 36 से 74 और आदेश 21 में दिया गया है। इस प्रश्न के लिए विधिक...
जानिए कोर्ट की डिक्री क्या होती है
सिविल कोर्ट द्वारा दी गई डिक्री को लेकर काफी संशय की स्थिति होती है। बहुत से लोगों को यह नहीं पता होता कि डिक्री क्या होती है डिक्री और जजमेंट में डिफरेंस को समझने में थोड़ी चूक हो जाती है।जजमेंट, डिक्री और आर्डर तीनों ही शब्द सिविल मामले से संबंधित हैं। इन तीनों शब्दों का उपयोग सिविल कोर्ट द्वारा किया जाता है। सिविल मामला पक्षकारों को स्वयं चलाना होता है। कोई भी सिविल मामला आपराधिक मामले की तरह स्टेट के द्वारा नहीं चलाया जाता है बल्कि इसे पक्षकार स्वयं चलाते हैं। अदालत इस मामले को सुनती है ऐसे...
कौन से बिल्डर की शिकायत रेरा में हो सकती है और क्या है प्रक्रिया
बिल्डर्स को विनियमित करने और ग्राहकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 बनाया गया है। जमीन पर मकान बनाकर बेचना वर्तमान समय का एक बड़ा धंधा बन गया है। बिल्डर जमीन पर ऐसे मकान बनाते हैं और उन्हें बेचते हैं तथा इस पर मुनाफा कमाते हैं। एक समय तक इस धंधे में बिल्डर द्वारा ग्राहकों के साथ बहुत ज्यादा ज्यादती की जाती रही है। अनेक घटनाएं ऐसी मिली है जहां बिल्डर ने मकान का नक्शा और क्वालिटी दिखाई कुछ और तथा बेची कुछ और। ग्राहकों के अधिकार छीने जा रहे थे उनके...
जानिए आर्य समाज शादी क्या है
आर्य समाज शादी काफी चर्चित है। समाज की शोशेबाजी से दूर रहने वाले लोग या फिर जाति प्रथा में विश्वास नहीं रखने वाले लोग अधिकांश आर्य समाज शादी की ओर रुख करते हैं। ऐसी आर्य समाज शादी क्या होती है और इस शादी को क्या कानूनी मान्यता प्राप्त है।क्या है आर्य समाज शादी:-दयानंद सरस्वती द्वारा आर्य समाज की स्थापना की गई। इस समाज के मंदिर होते हैं जहां शादी संपन्न कराई जाती है। भारत में आर्य समाज की शादी के लिए एक अधिनियम भी बनाया गया है जिसे आर्य समाज मैरिज वैलिडेशन एक्ट, 1937 कहा जाता है।यह अधिनियम आर्य...
पुलिस जब एफआईआर दर्ज नहीं करें तब क्या किया जा सकता है
पुलिस राज्य के नागरिकों की सुरक्षा के लिए बनाई गई है। पुलिस का यह कर्तव्य है कि वह अपने राज्य के नागरिकों की सुरक्षा करें। भारतीय दंड संहिता और उसी की तरह के अन्य दाण्डिक कानून अलग-अलग अपराधों का उल्लेख करते हैं। बहुत से कार्य और लोप ऐसे हैं जिन्हें पार्लियामेंट या फिर राज्य विधान मंडल ने अपराध बनाया है। किसी भी व्यक्ति के साथ जब ऐसा कोई अपराध घटता है तब उस व्यक्ति को पीड़ित कहा जाता है। जिस पीड़ित की परिभाषा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा (WA) में प्रस्तुत की गई है।ऐसा पीड़ित व्यक्ति सबसे पहले...
क्या पॉवर ऑफ अटॉर्नी या फिर फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर प्रॉपर्टी खरीदना चाहिए
प्रॉपर्टी के सौदे किसी भी व्यक्ति के सारे जीवन की जमा की गई पूंजी से होते हैं। यह सौदे बहुत बड़ी धन राशि में होते हैं। इन सौदों को किए जाते समय बहुत सावधानी रखे जाने की जरूरत होती है।किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने पर स्टांप ड्यूटी अदा करनी होती है तब उस प्रॉपर्टी को सरकार द्वारा रजिस्ट्रीकरण एक्ट के अंतर्गत रजिस्टर्ड किया जाता है। स्टांप ड्यूटी बचाने के लिए कुछ लोगों द्वारा पॉवर ऑफ अटॉर्नी के जरिए प्रॉपर्टी खरीदना या फिर फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर प्रॉपर्टी खरीदना जैसे चलन देखने को मिलते हैं।अगर भारत...
होम लोन के लिए जाने के क्या फायदे हो सकते हैं?
पुराने समय से बड़े लोग कहते आए हैं कि कर्ज़ नहीं लिया जाना चाहिए। कर्ज़ के लिए जाने का बहुत नुकसान है। आधुनिक समय में कर्ज की अवधारणा ही बदल गई। आज बहुत सारी जगह ऐसी है जहां कर्ज़ लिए जाने के कुछ फायदे भी हो सकते हैं। ऐसा ही एक कर्ज़ होम लोन है जहां कर्ज़ पर घर लिए जाने के कुछ फायदे भी हैं।होम लोन के बारे में कहा जाता है कि एक आदमी को अपनी सारी उम्र होम लोन का कर्ज चुकाना पड़ता है क्योंकि ऐसा होम लोन एक लंबे समय के लिए चलता है। ऐसा नहीं है कि लोग रुपए नहीं होने की वजह से होम लोन लेते हैं और दूसरे भी...
















