जम्मू और कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट: मेडिकल कोर्स में पूर्ण डोमिसाइल आरक्षण असंवैधानिक, खाली सीटें बाहरी उम्मीदवारों के लिए खोलें
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि भले ही केंद्र शासित प्रदेश स्थानीय उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने के लिए मेडिकल और संबद्ध व्यावसायिक कॉलेजों में सीटों का एक हिस्सा आरक्षित कर सकता है लेकिन ऐसा आरक्षण पूर्ण नहीं हो सकता।न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि स्थानीय आवेदकों की काउंसलिंग के बाद भी सीटें खाली रह जाती हैं तो डोमिसाइल (अधिवास) प्रतिबंध में ढील दी जानी चाहिए, जिससे बाहर के उम्मीदवार भी उन सीटों पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।जस्टिस संजय धर की पीठ जम्मू कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी और...
'पांच साल पुरानी FIR के आधार पर नज़रबंदी, निकट संबंध के अभाव का संकेत देती है': जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने PSA के तहत निवारक नज़रबंदी आदेश रद्द किया
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा कि किसी पुरानी और पुरानी घटना पर आधारित निवारक नज़रबंदी आदेश बरकरार नहीं रखा जा सकता। कोर्ट ने कहा कि कथित अपराध और नज़रबंदी के बीच पांच साल का अंतराल दोनों के बीच किसी भी प्रत्यक्ष और निकट संबंध के अभाव को दर्शाता है।जस्टिस मोक्ष खजूरिया काज़मी, जम्मू-कश्मीर जन सुरक्षा अधिनियम, 1978 (PSA) के तहत ज़िला मजिस्ट्रेट द्वारा पारित 30 अप्रैल 2025 के नज़रबंदी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थीं। यह नज़रबंदी 2020 में शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी...
अनुकंपा नियुक्ति वित्तीय संकट के तहत निचले पद की स्वीकृति उच्च पद के दावे पर रोक नहीं लगाती: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की जस्टिस संजीव कुमार और जस्टिस संजय परिहार की खंडपीठ ने कहा कि जब निचले पद पर अनुकंपा नियुक्ति वित्तीय दबाव में स्वीकार की जाती है और अपेक्षित योग्यता रखने वाले आवेदक द्वारा तुरंत चुनौती दी जाती है तो विबंधन का सिद्धांत लागू नहीं होता।पृष्ठभूमि तथ्यआवेदक के पिता लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (PHE) विभाग में अधिशासी इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। 17.09.2020 को सेवाकाल के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। इसलिए आवेदक ने 1994 के एसआरओ 43 के तहत कनिष्ठ अभियंता (यांत्रिक) के रूप में अनुकंपा...
मोटर दुर्घटना दावों में आय की हानि की गणना करते समय फैमिली पेंशन नहीं काटी जा सकती: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा कि मोटर दुर्घटना मुआवज़ा मामले में आय की हानि की गणना करते समय मृतक के आश्रितों को मिलने वाली पेंशन राशि में कटौती करना स्वीकार्य नहीं होगा।जस्टिस संजय धर ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा दायर अपील खारिज करते हुए कहा,"आय की हानि की गणना के लिए पेंशन राशि में कटौती किए बिना मासिक वेतन को स्वीकार किया जाना चाहिए।"मामले की पृष्ठभूमियह मामला सड़क दुर्घटना से उत्पन्न हुआ, जिसमें जम्मू के 54 वर्षीय पूर्व सैनिक विजय कुमार की मृत्यु हो गई। उनकी विधवा संतोष...
NHAI Act | NHAI राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, प्रबंधन और रखरखाव तथा सुविधाओं के निर्माण के लिए बाध्य: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1988 (NHAI Act) के तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के वैधानिक कर्तव्यों को दोहराते हुए जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा कि NHAI कानूनी रूप से अपने अधीन राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, प्रबंधन और रखरखाव तथा ऐसे राजमार्गों के निकट सड़क किनारे सुविधाओं के निर्माण के लिए बाध्य है।जस्टिस संजय धर ने राजिंदर सिंह नामक व्यक्ति द्वारा दायर रिट याचिका खारिज करते हुए ये महत्वपूर्ण टिप्पणियां कीं, जिसमें जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर...
फाइनल रिपोर्ट दाखिल करने से अग्रिम ज़मानत देने में कोई बाधा नहीं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 के तहत अग्रिम ज़मानत के दायरे को स्पष्ट करते हुए महत्वपूर्ण आदेश में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कहा कि सक्षम न्यायालय के समक्ष अंतिम रिपोर्ट (चालान) दाखिल करने से पूर्ण अग्रिम ज़मानत देने में कोई बाधा नहीं आती।जस्टिस मोहम्मद यूसुफ वानी की पीठ ने कहा कि आरोप पत्र दाखिल करने के बाद किसी अभियुक्त को नियमित ज़मानत लेने के लिए बाध्य करना, BNSS की धारा 482 के तहत प्रदत्त अग्रिम सुरक्षा के मूल उद्देश्य को ही विफल कर देगा, जो CrPC की धारा 438 (अब निरस्त) के अनुरूप...
रक्षा कर्मियों के बच्चों के लिए आरक्षण समग्र क्षैतिज, न कि खंडित: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने रक्षा कर्मियों के बच्चों (CDP) को दिए गए 3% आरक्षण की प्रकृति को स्पष्ट करते हुए फैसला सुनाया है कि यह समग्र क्षैतिज आरक्षण है, न कि खंडित।जस्टिस संजय धर ने याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।उन्होंने कहा,"रक्षा कर्मियों के बच्चों के लिए प्रदान किया गया तीन प्रतिशत (3%) आरक्षण एक समग्र क्षैतिज आरक्षण है, खंडित क्षैतिज आरक्षण नहीं। यह ऊर्ध्वाधर आरक्षण को काटता है और CDP कोटे के तहत चुने गए व्यक्ति को उचित श्रेणी में रखा जाना चाहिए।"याचिकाकर्ता रवनित कौर ने...
मजदूरी भुगतान अधिनियम एक स्वतंत्र कानून, इस पर परिसीमन अधिनियम लागू नहीं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए यह स्थापित किया कि मजदूरी भुगतान अधिनियम, 1936 (Payment of Wages Act) एक स्व-निहित कानून है, जिस पर परिसीमन अधिनियम (Limitation Act) लागू नहीं होता।न्यायालय ने स्पष्ट किया कि जब कोई विशेष कानून अपील दायर करने की अवधि और शर्तें निर्धारित करता है तो सामान्य परिसीमन कानून के प्रावधानों का सहारा नहीं लिया जा सकता।जस्टिस वसीम सादिक नरगल की पीठ ने भदरवाह के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज द्वारा पारित फैसला रद्द कर दिया, जिन्होंने परिसीमन...
बिना आधिकारिक प्रतिनियुक्ति के उच्च अध्ययन के दौरान अनधिकृत अनुपस्थिति की अवधि के लिए कोई वेतन देय नहीं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव कुमार और जस्टिस संजय परिहार की खंडपीठ ने कहा कि बिना आधिकारिक प्रतिनियुक्ति या अनुमति के पोस्ट-ग्रेजुएट अध्ययन करने पर सरकारी कर्मचारी जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा विनियम, 1956 के अनुच्छेद 44-ए के तहत वेतन पाने के हकदार नहीं होते।पृष्ठभूमि तथ्यप्रतिवादियों को 28.10.2011 के सरकारी आदेश संख्या 592-एचएमई, 2011 के तहत जम्मू-कश्मीर के स्वास्थ्य विभाग में सहायक शल्य चिकित्सक और चिकित्सा अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। अपनी नियुक्ति के समय दोनों प्रतिवादी पहले...
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने 25 पुस्तकों की ज़ब्ती पर अंतरिम राहत देने से किया इनकार
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने सोमवार (13 अक्टूबर) को उन याचिकाओं में अंतरिम राहत देने से इनकार किया, जिनमें कथित तौर पर अलगाववाद को बढ़ावा देने के आरोप में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 98 के तहत 25 पुस्तकों की ज़ब्ती को चुनौती दी गई थी।चीफ जस्टिस अरुण पल्ली, जस्टिस रजनेश ओसवाल और जस्टिस शहज़ाद अज़ीम की तीन जजों की विशेष पीठ ने अंतरिम राहत देने से इनकार किया। हालांकि पीठ ने याचिकाओं पर नोटिस जारी किया।पीठ ने इस मुद्दे पर दायर एक जनहित याचिका (PIL) पर नोटिस जारी करने से इनकार करते हुए...
रिटायरमेंट के बाद अनुशासनात्मक कार्यवाही अमान्य: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव कुमार और जस्टिस संजय परिहार की खंडपीठ ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद किसी सरकारी कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती और पेंशन से वसूली तभी संभव है, जब लापरवाही या धोखाधड़ी के कारण सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाने का कोई विशिष्ट आरोप विधिवत रूप से स्थापित और सिद्ध हो जाए।पृष्ठभूमि तथ्ययाचिकाकर्ता को 11 नवंबर, 1990 को जम्मू-कश्मीर पुलिस में उप-निरीक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। 31 मार्च, 2000 को उन्हें निरीक्षक के पद पर पदोन्नत...
लिव-इन पार्टनर से भरण-पोषण का हक़ नहीं, जब उसी पर लगाया हो रेप का आरोप: जम्मू-कश्मीर-लद्दाख हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने अहम फैसले में स्पष्ट किया कि कोई महिला अपने लिव-इन पार्टनर से भरण-पोषण की मांग नहीं कर सकती यदि उसने उसी पर रेप का आरोप लगाया हो और उसे दोषी ठहराया गया हो।जस्टिस विनोद चटर्जी कौल की पीठ ने प्रिंसिपल सेशन जज कठुआ का आदेश बरकरार रखा, जिसमें मजिस्ट्रेट द्वारा महिला को दी गई अंतरिम भरण-पोषण राशि को रद्द कर दिया गया था।महिला का कहना था कि वह 10 वर्षों तक प्रतिवादी के साथ रही एक बच्चा भी हुआ और विवाह का आश्वासन दिया गया लेकिन शादी नहीं हुई। उसने दलील दी कि लंबे समय...
मुकदमा लंबित होने पर भी अपराधी को अपनी जमीन बेचने का अधिकार: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला लंबित होना, उसकी अचल संपत्ति बेचने के अधिकार से उसे वंचित करने का आधार नहीं हो सकता। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि “अपराधी को भी अपनी जमीन बेचने का अधिकार है।”जस्टिस संजय धर की पीठ ने यह टिप्पणी उस याचिका पर सुनवाई करते हुए की जिसे अरुण देव सिंह ने दायर किया था। उन्होंने यह याचिका इसलिए दाखिल की थी क्योंकि राजस्व अधिकारियों ने उनकी ज़मीन (गांव कहनाल, तहसील बिश्नाह, जिला जम्मू) के लिए फर्द इंतिखाब (राजस्व अभिलेख)...
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में बनेगी तीन जजों की विशेष पीठ, 25 किताबों की जब्ती के खिलाफ होगी सुनवाई
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट 25 पुस्तकों की जब्ती के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के लिए तीन जजों की विशेष पीठ गठित करेगी।ये किताबें कश्मीर के राजनीतिक और सामाजिक इतिहास पर आधारित हैं, जिन्हें सरकार ने अलगाववाद फैलाने के आरोप में धारा 98 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 के तहत जब्त घोषित किया है।चीफ जस्टिस अरुण पाली ने मंगलवार को कहा कि क़ानून के तहत ऐसी याचिकाओं की सुनवाई विशेष पीठ द्वारा ही की जानी चाहिए और इस संबंध में आदेश जल्द पारित किए जाएंगे।सीनियर एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने चीफ...
राज्य अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों से नहीं बच सकता: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने ठेकेदार को बकाया भुगतान के साथ ब्याज देने का आदेश दिया
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने अहम फैसले में कहा कि राज्य अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों से नहीं बच सकता और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ठेकेदार को वर्ष 2017 से लंबित 97.87 लाख की राशि 6% ब्याज सहित अदा करें।जस्टिस वसीम सादिक नरगल ने यह आदेश मेसर्स सेंट सोल्जर इंजीनियर एंड कॉन्ट्रैक्टर प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया। अदालत ने टिप्पणी की कि प्रशासनिक देरी या धन की कमी का बहाना बनाकर स्वीकृत भुगतान को रोकना मनमाना और असंवैधानिक है।मामला उस समय शुरू हुआ, जब...
लोक अभियोजक द्वारा ब्रीफ तैयार करने के लिए समय मांगना 'अपमानजनक' टिप्पणी नहीं, न्यायालय को सहिष्णु होना चाहिए: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने ज़ोर देकर कहा कि अदालतों से अपेक्षा की जाती है कि वे लोक सेवकों की छोटी-मोटी चूकों से निपटने में सहिष्णु और उदार हृदय वाले हों। अदालत ने कहा कि केवल इसलिए कि कोई लोक अभियोजक किसी मामले पर बहस करने में असमर्थ है या ब्रीफ तैयार करने के लिए समय मांगता है, यह आलोचना की मांग नहीं है।जस्टिस संजय धर ने यह टिप्पणी किशोर न्याय बोर्ड (JJB), सांबा द्वारा एक सहायक लोक अभियोजक (APP) के विरुद्ध दर्ज की गई अपमानजनक टिप्पणियों को खारिज करते हुए की।उन्होंने कहा,"अगर मामले की...
न्यायपालिका पर आपत्तिजनक टिप्पणी: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने श्रीनगर SSP को लगाई फटकार
जम्मू-कश्मीर-लद्दाख हाईकोर्ट ने निरोधात्मक हिरासत आदेश रद्द करते हुए श्रीनगर के तत्कालीन SSP इम्तियाज़ हुसैन की कड़ी निंदा की। अदालत ने कहा कि SSP द्वारा तैयार किए गए डोज़ियर में न्यायपालिका के खिलाफ़ की गई टिप्पणियां अवमाननापूर्ण और लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने वाली हैं।जस्टिस मोक्ष खजूरिया काज़मी की सिंगल बेंच ने पाया कि SSP ने अपने डोज़ियर में लिखा था,"जब भी विषय (हिरासत में लिए गए व्यक्ति) को गिरफ़्तार किया गया, उसने अदालत से जमानत ले ली या हिरासत आदेश को चुनौती दी, क्योंकि वह प्रभाव...
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने AAP MLA मेहराज दीन मलिक की PSA के तहत गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक मेहराज दीन मलिक की हिरासत को चुनौती देने वाली हेबियस कॉर्पस याचिका को स्वीकार कर सरकार को नोटिस जारी किया। यह गिरफ्तारी जम्मू-कश्मीर पब्लिक सेफ़्टी एक्ट (PSA), 1978 के तहत की गई है।जस्टिस विनोद चटर्जी कौल की पीठ ने सरकार को दो सप्ताह में जवाब दाख़िल करने का निर्देश दिया है।सीनियर एडीशनल एडवोकेट जनरल मोनिका कोहली ने प्रतिवादी नंबर 1, 2, 4 और 5 की ओर से नोटिस स्वीकार किया, जबकि प्रतिवादी नंबर 3 को दस्ती नोटिस देने की...
UAPA मामलों में सीधे हाईकोर्ट नहीं जा सकते, NIA Act का इस्तेमाल कर वैधानिक प्रक्रिया को दरकिनार नहीं किया जा सकता: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि यदि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत कोई वैधानिक मंच उपलब्ध है तो कोई भी अपीलकर्ता राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम (NIA Act) की धारा 21 का हवाला देकर सीधे हाई कोर्ट में अपील नहीं कर सकता। न्यायालय ने जोर देकर कहा कि UAPA में संपत्ति की जब्ती से लेकर संबंधित प्राधिकरण द्वारा निर्णय तक की पूरी प्रक्रिया प्रदान की गई है।जस्टिस सिंधु शर्मा और जस्टिस शहजाद अजीम की खंडपीठ ने आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में इस्तेमाल...
अवमानना कार्यवाही में अदालत आदेश की सीमाओं से आगे नहीं जा सकती: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि अवमानना कार्यवाही में अदालत उस आदेश की सीमाओं से बाहर नहीं जा सकती, जिसकी अवहेलना का आरोप है। कोर्ट ने कहा कि केवल वही निर्देश जिनका उल्लेख आदेश या निर्णय में स्पष्ट रूप से किया गया हो, या जो स्वयं स्पष्ट हों, उन्हीं को ध्यान में रखा जा सकता है।जस्टिस शहजाद अज़ीम और जस्टिस सिंदु शर्मा की खंडपीठ ने कहा,“अवमानना कानून के क्षेत्राधिकार में काम करते समय अदालत को पहले से व्यक्त की गई बातों से आगे बढ़कर कोई पूरक आदेश या निर्देश जारी नहीं करना चाहिए।...













