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[पश्चिम बंगाल में ED पर हमला] राज्य पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता पर ED की आपत्ति पर कलकत्ता हाइकोर्ट की घटना की जांच के लिए SIT के गठन के आदेश पर रोक
[पश्चिम बंगाल में ED पर हमला] राज्य पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता पर ED की आपत्ति पर कलकत्ता हाइकोर्ट की घटना की जांच के लिए SIT के गठन के आदेश पर रोक

कलकत्ता हाइकोर्ट ने एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की अपील में विशेष जांच दल (SIT) के गठन के आदेश पर रोक लगा दी। जांच के लिए राज्य पुलिस और सीबीआई (CBI) अधिकारियों की एसआईटी का गठन किया गया था। यह हमले संदेशखाली में ED अधिकारियों पर तब हुए जब वे करोड़ों रुपये के राशन घोटाले के आरोपी राजनीतिक नेता शाहजहां शेख के आवास पर छापा मारने जा रहे थे।चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पहले इस घटना की NIA/CBI से जांच की मांग वाली याचिका खारिज की।सुनवाई चीफ जस्टिस टीएस...

निर्धारित कॉन्ट्रैक्ट विशेष रूप से लागू करने योग्य नहीं, उल्लंघन को रोकने के लिए निषेधाज्ञा नहीं दी जा सकती: जम्मू-कश्मीर हाइकोर्ट
निर्धारित कॉन्ट्रैक्ट विशेष रूप से लागू करने योग्य नहीं, उल्लंघन को रोकने के लिए निषेधाज्ञा नहीं दी जा सकती: जम्मू-कश्मीर हाइकोर्ट

निर्धारित कॉन्ट्रैक्ट्स की प्रकृति विशिष्ट राहत अधिनियम (Specific Relief Act) के तहत उनके प्रवर्तन और उन पर निषेधाज्ञा की प्रयोज्यता पर प्रकाश डालते हुए जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाइकोर्ट ने फैसला सुनाया कि जब कोई कॉन्ट्रैक्ट निर्धारित होता है और विशेष रूप से लागू नहीं किया जा सकता है तो उसके खिलाफ कोई निषेधाज्ञा नहीं है। कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति और प्रवर्तन जारी किया जा सकता है।जस्टिस वसीम सादिक नरगल ने जम्मू-कश्मीर की राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (SHA) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त...

भर्ती घोटाला में ED जांच की प्रगति पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल, कहा- जिस गति से जांच आगे बढ़ रही है, उस गति से कुछ भी हाथ नहीं लगेगा
भर्ती घोटाला में ED जांच की प्रगति पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल, कहा- जिस गति से जांच आगे बढ़ रही है, उस गति से कुछ भी हाथ नहीं लगेगा

कलकत्ता हाईकोर्ट ने उस गति पर सवाल उठाया जिस गति से बहुस्तरीय भर्ती कैश-फॉर-जॉब्स घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच आगे बढ़ रही है।जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने बताया कि अनियमितताओं की जांच की मांग करने वाली पहली रिट याचिका 2019 में दायर की गई और लगभग पांच साल बाद भी मामले में कोई निश्चित परिणाम नहीं आया।पिछली सुनवाई में अदालत ने बंद दरवाजे की सुनवाई में CBI और ED दोनों से प्रगति रिपोर्ट ली थी।इस मौके पर कोर्ट ने ईडी जांच की प्रगति पर सवाल उठाया।कोर्ट ने टिप्पणी की,"संपत्तियों की...

उत्तराखंड UCC विधेयक रिश्ते में लिव-इन रिलेशनशिप रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाने का प्रावधान
उत्तराखंड UCC विधेयक रिश्ते में लिव-इन रिलेशनशिप रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाने का प्रावधान

उत्तराखंड का समान नागरिक संहिता विधेयक (Uttarakhand's Uniform Civil Code Bill) राज्य विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान पेश किया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रस्तुत इस विधेयक का उद्देश्य विवाह, तलाक, विरासत आदि जैसे व्यक्तिगत मुद्दों के लिए सुसंगत कानून स्थापित करने के लिए कई बदलावों को शामिल करना है।वर्तमान विधेयक द्वारा प्रस्तावित महत्वपूर्ण परिवर्तनों में से एक लिव-इन रिलेशनशिप का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन है। रजिस्ट्रेशन "संबंध में प्रवेश की तारीख" से एक महीने के भीतर...

केरल हाईकोर्ट ने एंटनी के खिलाफ याचिका बंद की, निर्माताओं ने बाइबिल में बंदूक के साथ कथित दृश्य को धुंधला करने की पेशकश की, कलात्मक अभिव्यक्तियों के प्रति असहिष्णुता को अस्वीकार कर दिया
केरल हाईकोर्ट ने 'एंटनी' के खिलाफ याचिका बंद की, निर्माताओं ने बाइबिल में बंदूक के साथ कथित दृश्य को धुंधला करने की पेशकश की, 'कलात्मक अभिव्यक्तियों के प्रति असहिष्णुता' को अस्वीकार कर दिया

केरल हाईकोर्ट ने मलयालम फिल्म 'एंटनी' में एक 'क्षणभंगुर दृश्य' का विरोध करने वाली एक रिट याचिका को बंद कर दिया है, जिसमें एक किताब में छिपी बंदूक को चित्रित किया गया था, जिसे याचिकाकर्ता ने 'बाइबल' माना था। जस्टिस देवन रामचंद्रन ने हालांकि हमारे जैसे सभ्य देश में 'सांस्कृतिक और कलात्मक अभिव्यक्तियों के प्रति असहिष्णुता' की आलोचना की और कहा कि अगर फिल्म में कोई दृश्य वास्तव में अनैतिक है, तो यह वैधानिक अधिकारियों को तय करना है। "सांस्कृतिक और कलात्मक अभिव्यक्तियों के प्रति असहिष्णुता कुछ ऐसा...

लिव-इन पार्टनर ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मृतक साथी के शव को अस्पताल से निकालने की मांग की
लिव-इन पार्टनर ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मृतक साथी के शव को अस्पताल से निकालने की मांग की

केरल हाईकोर्ट में एक व्यक्ति ने एस्टर मेडिसिटी अस्पताल से अपने लिव-इन पार्टनर के शव को वापस लेने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। यह आरोप लगाया गया है कि अस्पताल तब तक शव को सौंपने के लिए तैयार नहीं था जब तक कि याचिकाकर्ता मेडिकल बिलों का निपटारा नहीं कर देता। जस्टिस देवन रामचंद्रन ने पूछा कि क्या मृतक के परिवार के सदस्य इस मामले में शामिल थे। याचिकाकर्ता के अनुसार, वह पिछले छह वर्षों से मृतक व्यक्ति के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में था। तीन फरवरी को फ्लैट से गिरने से व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो...

11वीं और 12वीं कक्षा में स्टूडेंट्स को एक ही मुख्य विषय चुनने की बाध्यता वाले एमपी बोर्ड के नियम का कोई पूर्वव्यापी प्रभाव नहीं: हाइकोर्ट
11वीं और 12वीं कक्षा में स्टूडेंट्स को एक ही मुख्य विषय चुनने की बाध्यता वाले एमपी बोर्ड के नियम का कोई पूर्वव्यापी प्रभाव नहीं: हाइकोर्ट

स्टूडेंट को गणित के बजाय 12वीं कक्षा की जीव विज्ञान स्ट्रीम में परीक्षा में बैठने की अनुमति देते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने माना कि एमपी बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के सर्कुलर में 12वीं कक्षा में 11वीं कक्षा के समान स्ट्रीम को चुनने का कोई पूर्वव्यापी अनुप्रयोग नहीं है।अदालत ने स्पष्ट किया कि परीक्षा के लिए नए दिशानिर्देश 28-06-2023 को जारी किए गए, जबकि याचिकाकर्ता स्टूडेंट तब तक 11वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुकी थी।जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा,“यदि मामले के तथ्यों का...

लोक अभियोजक अभियोजन वापस लेने या नहीं लेने का स्वतंत्र निर्णय लेने का हकदार: आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट
लोक अभियोजक अभियोजन वापस लेने या नहीं लेने का स्वतंत्र निर्णय लेने का हकदार: आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट

आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट ने यह दोहराते हुए आदेश पारित किया कि यद्यपि सरकारी वकील अभियोजन वापस लेने के लिए सीआरपीसी की धारा 321 के तहत आवेदन दायर करने का हकदार है, लेकिन स्वतंत्र निर्णय लिया जाना चाहिए कि किसी आरोपी का अभियोजन वापस लिया जाना है या नहीं। चीफ जस्टिस धीरज सिंह ठाकुर और जस्टिस आर. रघुनंदन राव की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश में आंध्र प्रदेश राज्य द्वारा जारी एक जी.ओ. को चुनौती देने वाली याचिका में पारित किया, जिससे विरोध प्रदर्शन में शामिल सैकड़ों आरोपियों के खिलाफ मामलों का मुकदमा वापस ले...

गुवाहाटी हाइकोर्ट ने पेटा के प्रतिनिधित्व पर अनधिकृत भैंस लड़ाई को रोकने के लिए नगांव जिला प्रशासन को प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया
गुवाहाटी हाइकोर्ट ने पेटा के प्रतिनिधित्व पर अनधिकृत भैंस लड़ाई को रोकने के लिए नगांव जिला प्रशासन को प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया

गुवाहाटी हाइकोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकार को भैंसों की लड़ाई (मोह-जुज) की घटना को रोकने की मांग करने वाले प्रतिनिधित्व पर गौर करने का निर्देश दिया, जो 04 फरवरी को असम के हाथीगढ़ में आयोजित होने वाली थी।पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया द्वारा दायर रिट याचिका में असम सरकार द्वारा जारी 27 दिसंबर 2023 की अधिसूचना को चुनौती दी गई। इसके द्वारा उसने एक वर्ष के विशिष्ट समय में भैंस की लड़ाई को पूरा करने की, जो कि माघ बिहू के अगले दस दिन (अर्थात् 15 से 25 जनवरी तक) अनुमति दी...

गवाहों को आरोपी के पक्ष में गवाही देने की धमकी दी जा रही है, वकील केस लेने को तैयार नहीं: जम्मू-कश्मीर हाइकोर्ट ने वकील बाबर कादरी हत्याकांड की सुनवाई श्रीनगर से जम्मू ट्रांसफर की
गवाहों को आरोपी के पक्ष में गवाही देने की धमकी दी जा रही है, वकील केस लेने को तैयार नहीं: जम्मू-कश्मीर हाइकोर्ट ने वकील बाबर कादरी हत्याकांड की सुनवाई श्रीनगर से जम्मू ट्रांसफर की

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाइकोर्ट ने वकील बाबर कादरी की हत्या के मामले की सुनवाई श्रीनगर से जम्मू में एनआईए अधिनियम (NIA Act) के तहत नामित स्पेशल जज की अदालत में ट्रांसफर करने का आदेश दिया। यह निर्णय गवाहों की सुरक्षा पर चिंताओं और निष्पक्ष सुनवाई की आवश्यकता के जवाब में आया।गौरतलब है कि वकील कादरी पर 24 सितंबर, 2020 को श्रीनगर में उनके आवास पर जानलेवा हमला किया गया। अज्ञात आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में कादरी पर गोलीबारी की गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और अंततः उनकी मृत्यु हो...

सार्वजनिक निकायों के खिलाफ निजी कानून के उपाय रिट क्षेत्राधिकार के माध्यम से लागू नहीं किए जा सकते: जम्मू-कश्मीर हाइकोर्ट
सार्वजनिक निकायों के खिलाफ निजी कानून के उपाय रिट क्षेत्राधिकार के माध्यम से लागू नहीं किए जा सकते: जम्मू-कश्मीर हाइकोर्ट

सार्वजनिक और निजी कानून मामलों और उनके निवारण सिस्टम के बीच अंतर करते हुए जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाइकोर्ट ने फैसला सुनाया कि निजी उपचारों को असाधारण रिट क्षेत्राधिकार के माध्यम से लागू नहीं किया जा सकता। यहां तक ​​कि सार्वजनिक अधिकारियों के खिलाफ भी नहीं।जस्टिस जावेद इकबाल वानी की पीठ ने स्पष्ट किया कि भले ही कर्तव्य निभाने वाला कोई निकाय इसे रिट क्षेत्राधिकार के लिए उत्तरदायी बनाता है, लेकिन सार्वजनिक तत्व वाले कार्यों को छोड़कर उसके सभी कार्य न्यायिक पुनर्विचार के अधीन नहीं हैं।मामले की...

मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य की जिला न्यायपालिका के लिए हाइब्रिड सुनवाई अनिवार्य की
मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य की जिला न्यायपालिका के लिए हाइब्रिड सुनवाई अनिवार्य की

मद्रास हाईकोर्ट ने 5 फरवरी 2024 से राज्य की जिला न्यायपालिका में वीसी मोड के माध्यम से हाइब्रिड सुनवाई अनिवार्य की।मद्रास हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी अधिसूचना में आरजी ने कहा कि चीफ जस्टिस की मंजूरी पर अनिवार्य सुविधा को अधिसूचित किया गया। अधिसूचना में बार के सदस्यों से सभी न्यायालयों में सुविधा का उपयोग करने और सुविधा के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सहयोग करने का भी आग्रह किया गया।अधिसूचना में कहा गया,“हाईकोर्ट, मद्रास, माननीय चीफ जस्टिस के अनुमोदन पर अधिसूचित करता है कि हाइब्रिड वीसी...

गुजरात हाइकोर्ट ने 9 मार्च को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए नोटिस जारी किया
गुजरात हाइकोर्ट ने 9 मार्च को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए नोटिस जारी किया

गुजरात हाइकोर्ट ने 9 मार्च, 2024 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के कार्यक्रम और विवरण की घोषणा करते हुए नोटिस जारी किया।नोटिस में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) और गुजरात राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा निर्दिष्ट लोक अदालत के दौरान संबोधित किए जाने वाले विषयों की रूपरेखा दी गई।मार्च, 2024 के दूसरे शनिवार को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत निम्नलिखित मामलों पर केंद्रित होगी।आपराधिक समझौता योग्य अपराध, धारा 138 के तहत NI Act के मामले, धन वसूली के मामले, MACT मामले, श्रम...

गुजरात हाइकोर्ट की चीफ जस्टिस ने तीन केंद्रीय जेलों में मनो-सामाजिक देखभाल केंद्रों का उद्घाटन किया
गुजरात हाइकोर्ट की चीफ जस्टिस ने तीन केंद्रीय जेलों में मनो-सामाजिक देखभाल केंद्रों का उद्घाटन किया

गुजरात हाइकोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने शनिवार को राजकोट, सूरत और वडोदरा की केंद्रीय जेलों में जेल के कैदियों के पुनर्वास, सुधार और पुन: एकीकरण के लिए मनो-सामाजिक देखभाल केंद्रों का उद्घाटन किया।गुजरात राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण और राज्य सरकार के नेतृत्व में यह पहल 2022 में अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल में शुरू किए गए पायलट कार्यक्रम का विस्तार करती है।उद्घाटन समारोह के दौरान जस्टिस बीरेन वैष्णव ने 19 अगस्त, 2022 को राष्ट्रीय राष्ट्र विश्वविद्यालय (RRU) के साथ साझेदारी में साबरमती...

निर्धारित योग्यता नहीं रखने वाले व्यक्ति को नियुक्ति नहीं दी जा सकती, भले ही वे भर्ती के लिए निर्धारित सभी परीक्षाओं में उत्तीर्ण हों: जम्मू-कश्मीर हाइकोर्ट
निर्धारित योग्यता नहीं रखने वाले व्यक्ति को नियुक्ति नहीं दी जा सकती, भले ही वे भर्ती के लिए निर्धारित सभी परीक्षाओं में उत्तीर्ण हों: जम्मू-कश्मीर हाइकोर्ट

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाइकोर्ट ने फैसला सुनाया कि भले ही कोई उम्मीदवार भर्ती परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करता हो, लेकिन बुनियादी पात्रता मानदंडों की कमी होने पर उन्हें नियुक्त नहीं किया जा सकता।जस्टिस संजीव कुमार ने मैट्रिक योग्यता न होने के बावजूद भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में कांस्टेबल (GD) के लिए चयन प्रक्रिया में भाग लेने वाले व्यक्ति द्वारा दायर याचिका खारिज करते हुए कहा,"भर्ती के लिए पात्रता चयन के मूल है और जिस व्यक्ति के पास निर्धारित योग्यता नहीं है, उसे पद के विरुद्ध नियुक्त नहीं...

मध्यप्रदेश हाइकोर्ट  ने POCSO सर्वाइवर की शिक्षा का समर्थन करने में सरकार की विफलता पर स्वत: संज्ञान लिया
मध्यप्रदेश हाइकोर्ट ने POCSO सर्वाइवर की शिक्षा का समर्थन करने में सरकार की विफलता पर स्वत: संज्ञान लिया

मध्य प्रदेश हाइकोर्ट की इंदौर बेंच ने मीडिया रिपोर्ट पर ध्यान देते हुए राज्य के आश्वासन के बावजूद अपनी शैक्षिक यात्रा में उत्पीड़न का सामना करने वाली POCSO सर्वाइवर की दुर्दशा पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार के वकील को निर्देश दिया। कोर्ट ने सरकारी वकील से इसे मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश सरकार, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और कलेक्टर के ध्यान में लाने की वकालत की।मीडिया के रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता और उसकी बड़ी बहन को सरकार ने 2018 में इंदौर के निजी स्कूल में दाखिला दिलाया था। स्कूल ने हाल ही...

[शादी का झूठा वादा] बॉम्बे हाईकोर्ट ने रेप केस में आरोपी को बरी किया, कहा- शादी करने को तैयार था, लेकिन माता-पिता की नामंज़ूरी की वजह से नहीं कर सका
[शादी का झूठा वादा] बॉम्बे हाईकोर्ट ने रेप केस में आरोपी को बरी किया, कहा- शादी करने को तैयार था, लेकिन माता-पिता की नामंज़ूरी की वजह से नहीं कर सका

बॉम्बे हाईकोर्ट ने रेप केस के आरोपी को बरी किया और कहा कि अपराध नहीं बनता क्योंकि वह शिकायतकर्ता से शादी करने के लिए तैयार था, लेकिन अपने माता-पिता की अस्वीकृति के कारण ऐसा नहीं कर सका, जो उसके नियंत्रण से बाहर की स्थिति थी। नागपुर पीठ के जस्टिस एमडब्ल्यू चांदवानी को यह संकेत देने के लिए कोई सामग्री नहीं मिली कि आरोपी शुरू से ही शिकायतकर्ता से शादी करने का इरादा नहीं रखता था। कोर्ट ने कहा की "एफआईआर में आरोपों से यह स्पष्ट है कि यह आवेदक था, जो शादी करने के लिए तैयार था। केवल इसलिए...

फांसी याचिका में गुजारा भत्ता के बकाये की वसूली के बाद व्यक्ति को तीन महीने से अधिक समय तक जेल नहीं भेजा जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
फांसी याचिका में गुजारा भत्ता के बकाये की वसूली के बाद व्यक्ति को तीन महीने से अधिक समय तक जेल नहीं भेजा जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि गुजारा भत्ता की वसूली के लिए दायर याचिकाओं में पति या पत्नी को गुजारा भत्ते के बकाये का भुगतान नहीं होने पर किसी व्यक्ति को तीन महीने से अधिक समय के लिए जेल नहीं भेजा जा सकता। जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 58 (1) का विश्लेषण किया और फैसला सुनाया कि एक ही मुकदमे में डिक्री के निष्पादन में सिविल जेल में कुल अवधि तीन महीने से अधिक नहीं हो सकती है। कोर्ट ने कहा, 'हालांकि भरण-पोषण के आदेश की तरह डिक्री...

ओबीसी-एनसीएल प्रमाणपत्र मांगने वाले प्राधिकरण को जारी करने की कट-ऑफ तारीख को वित्तीय वर्ष के अनुरूप रखना चाहिए, विचलन भ्रम पैदा करता है: दिल्ली हाईकोर्ट
ओबीसी-एनसीएल प्रमाणपत्र मांगने वाले प्राधिकरण को जारी करने की कट-ऑफ तारीख को वित्तीय वर्ष के अनुरूप रखना चाहिए, विचलन भ्रम पैदा करता है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ओबीसी-नॉन क्रीमी लेयर (एनसीएल) प्रमाणपत्र मांगने वाले प्राधिकरण को इसके जारी करने की कट-ऑफ तारीख को किसी विशेष वित्तीय वर्ष के अनुरूप रखना चाहिए, क्योंकि किसी भी तरह का विचलन न केवल भ्रम और अनिश्चितता पैदा करता है, बल्कि योग्य उम्मीदवारों को आरक्षण के लाभ से भी वंचित करता है। जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने कहा कि ओबीसी-एनसीएल प्रमाणपत्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा आवेदक की पूर्ववर्ती तीन वित्तीय वर्षों में आय के आधार पर जारी किया जाता है और यह किसी विशेष वित्तीय वर्ष के...