मध्यप्रदेश हाइकोर्ट ने POCSO सर्वाइवर की शिक्षा का समर्थन करने में सरकार की विफलता पर स्वत: संज्ञान लिया
Amir Ahmad
3 Feb 2024 5:56 PM IST
मध्य प्रदेश हाइकोर्ट की इंदौर बेंच ने मीडिया रिपोर्ट पर ध्यान देते हुए राज्य के आश्वासन के बावजूद अपनी शैक्षिक यात्रा में उत्पीड़न का सामना करने वाली POCSO सर्वाइवर की दुर्दशा पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार के वकील को निर्देश दिया। कोर्ट ने सरकारी वकील से इसे मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश सरकार, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और कलेक्टर के ध्यान में लाने की वकालत की।
मीडिया के रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता और उसकी बड़ी बहन को सरकार ने 2018 में इंदौर के निजी स्कूल में दाखिला दिलाया था। स्कूल ने हाल ही में इंदौर कलेक्टर और जिला शिक्षा विभाग को 14 लाख रुपये का बकाया नोटिस भेजा, जिसकी कॉपी जानकारी के लिए परिवार भी भेजी गई। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बावजूद कि राज्य उसके शैक्षिक खर्चों को वहन करेगा, स्कूल का दावा है कि उसे 2019 से कोई भुगतान नहीं मिला।
चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की खंडपीठ ने चौंकाने इस वाली स्थिति के जवाब में अपने आदेश में कहा,
“द टाइम्स ऑफ इंडिया इंदौर एडिशन दिनांक 01.02.2024 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की। उक्त रिपोर्ट में बाल बलात्कार पीड़िता के बारे बताया कि राज्य सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद वह कैसे उत्पीड़न से गुजर रही है। यह काफी चौंकाने वाली स्थिति है।”
कोर्ट ने कहा,
"इसलिए सरकारी वकील को मुख्य सचिव मध्य प्रदेश सरकार प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग के साथ-साथ कलेक्टर को नोटिस देने का निर्देश दिया जाता है।"
कोर्ट ने रजिस्ट्री को विद्यासागर स्कूल, बिचौली मर्दाना, इंदौर नाम के स्कूल को नोटिस जारी करने का भी निर्देश दिया।
मामले की अगली सुनवाई 05- 02-2024 को होगी।