हाईकोर्ट
S. 156 (3) CrPC | आवेदक के पास तथ्य होने मात्र से मजिस्ट्रेट केवल इसलिए एफआईआर दर्ज करने के निर्देश से इनकार नहीं कर सकते: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाीकोर्ट ने कहा कि केवल इसलिए कि कथित अपराध के तथ्य आवेदक के पास हैं, जो धारा 156 (3) CrPC के तहत आवेदन करता है, मजिस्ट्रेट पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश से इनकार नहीं कर सकता।जस्टिस मंजू रानी चौहान की पीठ ने कहा कि अपराध की गंभीरता, सफल अभियोजन शुरू करने के लिए साक्ष्य की आवश्यकता और न्याय का हित, प्रत्येक मामले के तथ्यों के आधार पर ऐसे कारक हैं, जिन्हें धारा 156 (3) CrPC के तहत आदेश पारित करने में विचार किया जाना चाहिए।धारा 156 (3) CrPC मजिस्ट्रेट की शक्ति से संबंधित है, जो...
अगर 30 दिनों में RERA कोई निर्णय नहीं लेता है तो रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के पंजीकरण के लिए आवेदन स्वीकृत माना जाएगा: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एलएंडटी को राहत दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 5(2) के तहत रियल एस्टेट परियोजनाओं के पंजीकरण के लिए आवेदनों पर निर्णय लेने के लिए निर्धारित 30 दिन की अवधि अनिवार्य प्रकृति की है, क्योंकि 30 दिनों के भीतर आवेदन को स्वीकार या अस्वीकार करने में विफल रहने पर, परियोजना को पंजीकृत माना जाएगा। रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 4 सभी रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए आवेदन का प्रावधान करती है। अधिनियम की धारा 5 प्राधिकरण को पंजीकरण के लिए आवेदन को...
Media को भी बोलने की आज़ादी: केरल हाईकोर्ट ने वायनाड पुनर्वास पर रिपोर्टिंग पर रोक लगाने से किया इनकार
भूस्खलन प्रभावित वायनाड में पुनर्वास प्रक्रिया के लिए दिए गए फंड की मात्रा को लेकर केरल सरकार और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) की कथित तौर पर आलोचना करने वाली रिपोर्टों के बाद केरल हाईकोर्ट ने मीडिया कर्मियों से ज़िम्मेदार पत्रकारिता आचरण का आह्वान किया।जस्टिस ए.के.जयशंकरन नांबियार और जस्टिस श्याम कुमार वी.एम. की खंडपीठ ने कोई भी रोक आदेश पारित करने से इनकार किया लेकिन उम्मीद जताई कि मीडिया पुनर्वास प्रयासों में बाधा न आए यह सुनिश्चित करने के लिए उचित सावधानी और सतर्कता बरतेगा।कोर्ट ने...
साप्ताहिक, राष्ट्रीय अवकाश कार्य अनुभव की अवधि से बाहर नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट ने बोनस अंक मांगने वाले लैब तकनीशियन के मामले में दोहराया
राज्य सरकार द्वारा रविवार/राष्ट्रीय अवकाश को छोड़े बिना महिला लैब तकनीशियन को उसके वास्तविक कार्य अनुभव के अनुसार "बोनस अंक" देने पर विचार करने के लिए कहने वाले आदेश के खिलाफ याचिका खारिज करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने दोहराया कि जब तक लैब तकनीशियन/असिस्टेंट लैब में काम करते हैं, तब तक उनके द्वारा प्राप्त "अनुभव" को गिना जाना चाहिए।ऐसा करते हुए खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश की पीठ के निर्णय को बरकरार रखा, जिसने संविदा लैब तकनीशियन की याचिका स्वीकार करते हुए कहा था कि लैब तकनीशियन या लैब...
सेंट स्टीफंस PG सीट आवंटन: दिल्ली हाईकोर्ट ने DU अधिकारियों को अवज्ञा का दोषी ठहराया
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के अधिकारियों को अपने आदेश की जानबूझकर अवज्ञा करने का दोषी पाया। उक्त आदेश में DU को सेंट स्टीफन कॉलेज को आनुपातिक संख्या में PG सीटें आवंटित करने का निर्देश दिया गया था।यह मामला सेंट स्टीफन कॉलेज द्वारा दायर याचिका से संबंधित है, जिसमें DU द्वारा आनुपातिक संख्या में PG सीटों के आवंटन या वैकल्पिक रूप से PG पाठ्यक्रमों में सीटों के आवंटन के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने की मांग की गई थी।22 अप्रैल को एकल न्यायाधीश की पीठ ने DU को यह सुनिश्चित करने का...
झारखंड ने सीबीआई को धनबाद कोयला माफिया मामले में पुलिस-अपराध गठजोड़ के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया
झारखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को धनबाद शहर में कोयला माफिया और पुलिस अधिकारियों के बीच सांठगांठ से संबंधित आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है। स्थानीय पुलिस द्वारा ऐसा करने के अवसरों के बावजूद एफआईआर दर्ज करने में अनिच्छा के कारण, न्यायालय ने पर्याप्त आधार पाते हुए मामले को सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया।न्यायालय ने आदेश में कहा, "न्यायालय को लगता है कि प्रथम दृष्टया इस मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने का मामला बनता है, क्योंकि इसमें उच्च अधिकारी शामिल हैं और...
शिरडी साईं बाबा संस्थान धार्मिक और धर्मार्थ ट्रस्ट, इसके गुमनाम दान पर कर नहीं लगाया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट, शिरडी निश्चित रूप से एक धार्मिक और धर्मार्थ ट्रस्ट है और इस प्रकार 2015 से 2019 के दौरान हुंडी (नकद संग्रह बॉक्स) में प्राप्त 159.12 करोड़ रुपये के 'गुमनाम' दान को आयकर से छूट दी जा सकती है। जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और जस्टिस सोमशेखर सुंदरसन की खंडपीठ ने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के 25 अक्टूबर, 2023 के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया था कि ट्रस्ट धर्मार्थ और धार्मिक दोनों है और इस प्रकार अपने गुमनाम दान पर आयकर से छूट...
कर्मचारी को न बताई गई वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट पदोन्नति तय करने के लिए विचारणीय नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सीनियारिटी बहाल करने का निर्देश दिया
इस बात पर जोर देते हुए कि किसी कर्मचारी की असंप्रेषित वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) को उनकी पदोन्नति तय करते समय विचारणीय नहीं माना जा सकता, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने राज्य सरकार को एक महिला कर्मचारी की वरिष्ठता बहाल करने का निर्देश दिया।हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ता राज्य सरकार की कर्मचारी को उसकी पदोन्नति प्रदान करने का निर्देश दिया> साथ ही कहा कि सुपर टाइम पे स्केल (निदेशक) के पद पर उसकी पदोन्नति तय करते समय 2020 के लिए उसकी असंप्रेषित ग्रेड-सी ACR पर विचार नहीं किया...
गुजरात हाईकोर्ट ने कदाचार के कारण GNLU द्वारा लॉ स्टूडेंट को हॉस्टल से निलंबित करने के आदेश पर रोक लगाई
गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार (9 अक्टूबर) को गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (GNLU) द्वारा सितंबर में जारी किए गए नोटिस पर अगले आदेश तक रोक लगा दी, जिसमें कथित कदाचार की घटना के संबंध में एक स्टूडेंट को तत्काल प्रभाव से हॉस्टल से निलंबित किया गया था।अंतरिम आदेश याचिकाकर्ता स्टूडेंट की याचिका पर पारित किया गया, जिसमें यूनिवर्सिटी के 20 सितंबर के निलंबन नोटिस और 24 घंटे के भीतर हॉस्टल खाली करने के निर्देश को चुनौती दी गई थी।मीना द्वारा कथित असहयोग के कारण यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट अनुशासन समिति की...
प्रोबेट को समझना: एक कानूनी ढांचा
मृत व्यक्ति की संपत्ति से संबंधित कानूनी मामलों में, प्रोबेट और विभाजन की प्रक्रिया मृतक की संपत्ति के भाग्य का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रोबेट वसीयत की कानूनी मान्यता को संदर्भित करता है, जबकि विभाजन के वाद अक्सर कानूनी उत्तराधिकारियों के बीच संपत्ति को विभाजित करने के लिए शुरू किए जाते हैं, खासकर जब कोई वसीयत नहीं होती है।कई मामलों में, ये दो कानूनी प्रक्रियाएं अक्सर ओवरलैप होती हैं, जिससे विभिन्न प्रश्न उठते हैं और सिविल कोर्ट और प्रोबेट कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को...
पति ने झूठे व्यभिचार के आरोप लगाने में पत्नी की "क्रूरता" के कारण तलाक मांगा: एमपी हाईकोर्ट ने कथित प्रेमी को 'आवश्यक पक्ष' नहीं माना
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने महिला की याचिका खारिज करने के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया, जिसमें उसने अपने पति द्वारा शुरू की गई तलाक की कार्यवाही में अपने कथित प्रेमी को पक्षकार बनाने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि कथित प्रेमी आवश्यक पक्ष नहीं है।पति ने हिंदू विवाह अधिनियम (Hindu Marriage Act) के तहत क्रूरता के आधार पर अपनी पत्नी से तलाक मांगा; इसके बाद पत्नी ने मामले में अपने कथित प्रेमी को पक्षकार बनाने की मांग करते हुए याचिका दायर की, जिसे फैमिली कोर्ट ने 17 मार्च, 2021 के...
नियोक्ता द्वारा कर्मचारी के अंशदान को PF में जमा करने की अंतिम तिथि Income Tax Act की धारा 43बी के अंतर्गत नहीं आती: राजस्थान हाईकोर्ट ने दोहराया
राजस्थान हाईकोर्ट ने दोहराया कि नियोक्ता द्वारा भविष्य निधि में कर्मचारी के हिस्से की कटौती, EPF Act और ESI Act द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि के अनुसार जमा की जानी चाहिए, न कि आयकर अधिनियम, 1961 (Income Tax Act) की धारा 43बी के अनुसार।कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 (EPF Act) के तहत बनाई गई योजना में प्रावधान है कि कर्मचारी का अंशदान “प्रत्येक माह की समाप्ति के पंद्रह दिनों के भीतर” केंद्र सरकार के पास जमा किया जाएगा।इसी प्रकार, कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 (ESI Act) के...
Samsung के कर्मचारियों की हड़ताल: हाईकोर्ट ने राज्य के सूचित करने के बाद कर्मचारियों की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका बंद की
मद्रास हाईकोर्ट ने चेन्नई में सैमसंग इंडिया (Samsung India) इकाई में आंदोलन कर रहे कर्मचारियों की अवैध गिरफ्तारी और हिरासत के खिलाफ दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को बंद कर दिया।जस्टिस पीबी बालाजी और जस्टिस जी अरुल मुरुगन की खंडपीठ ने अतिरिक्त लोक अभियोजक की दलीलों पर गौर करने के बाद याचिका को बंद कर दिया, जिन्होंने अदालत को सूचित किया कि गिरफ्तार किए गए लोगों को 8 अक्टूबर को ही छोड़ दिया गया, क्योंकि श्रीपेरंबदूर न्यायिक मजिस्ट्रेट ने रिमांड स्वीकार करने से इनकार कर दिया।सैमसंग इंडिया के...
दूसरों के सामने किसी महिला को वेश्या कहना आईपीसी की धारा 509 के तहत 'शील का अपमान' करने का अपराध नहीं: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने माना कि दूसरों के सामने किसी महिला को वेश्या कहना भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 509 के तहत परिभाषित महिला की शील का अपमान नहीं है।याचिकाकर्ता जो शिकायतकर्ता के फ्लैट की इमारत में रहते हैं, उन पर आरोप है कि उन्होंने फ्लैट की इमारत में रहने वाले अन्य लोगों और आस-पास के दुकान मालिकों से कहा कि शिकायतकर्ता वेश्या है। पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट दायर की, जिसमें आरोप लगाया गया कि आरोपी ने आईपीसी की धारा 509 के तहत दंडनीय अपराध किया। याचिकाकर्ता ने मामले में आगे की कार्यवाही रद्द करने...
'वे पति-पत्नी के रूप में साथ रहते थे': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'लिव-इन' पार्टनर की दहेज हत्या के आरोपी को राहत देने से इनकार किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में इस दृष्टिकोण का समर्थन किया कि आईपीसी की धारा 304-बी और 498-ए के प्रावधानों को आकर्षित करने के लिए यह दिखाना पर्याप्त है कि पीड़ित महिला और आरोपी पति प्रासंगिक समय पर पति-पत्नी के रूप में रह रहे थे।जस्टिस राजबीर सिंह की पीठ ने प्रयागराज सेशन कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाले व्यक्ति द्वारा दायर याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की, जिसने उसके कथित लिव-इन पार्टनर की दहेज हत्या के मामले में आरोप मुक्त करने की उसकी याचिका खारिज कर दी।न्यायालय के समक्ष आवेदक ने तर्क...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से आश्रम स्कूलों स्टूडेंट को सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान करने के लिए उठाए गए कदमों पर हलफनामा दाखिल करने को कहा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह आश्रम के विभिन्न स्कूलों में स्टूडेंट को उचित सुविधाएं प्रदान करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करे।महाराष्ट्र में आश्रम स्कूलों की स्थिति से संबंधित एक जनहित याचिका (PIL) पर कोर्ट ने निर्देश जारी किए। रवींद्र तलपे द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया कि आश्रम स्कूलों में पीने के पानी, स्वच्छ भोजन और शौचालयों की कमी सहित बुनियादी सुविधाओं और सुरक्षा का अभाव है। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया कि...
उपासक बिना किसी व्यक्तिगत हित के सरकारी भूमि पर मंदिर के विध्वंस को रोकने के लिए निषेधाज्ञा का दावा नहीं कर सकते: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मंदिर के उपासक, जिसका मंदिर की संपत्ति पर कोई व्यक्तिगत हित नहीं है, उसको दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की भूमि पर अवैध रूप से निर्मित मंदिर के विध्वंस को रोकने के लिए राहत नहीं दी जा सकती।जस्टिस तारा वितस्ता गंजू की एकल पीठ ट्रायल कोर्ट के आदेश को अपीलकर्ता की चुनौती पर विचार कर रही थी, जिसने DDA के खिलाफ स्थायी और अनिवार्य निषेधाज्ञा के साथ-साथ हर्जाने के लिए उनका मुकदमा खारिज कर दिया। अपीलकर्ता ने दावा किया कि वह स्थानीय निवासी है और पार्क में स्थित शिव मंदिर का उपासक...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'बदला लेने' के लिए बड़े भाई के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने वाले व्यक्ति को फटकार लगाई, 'कलयुगी भरत' कहा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में उस व्यक्ति की आलोचना की, जिसने अपने बड़े भाई के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया (एक विवाद, जो दीवानी प्रकृति का था)। उसने यह मामला केवल अपने बड़े भाई को परेशान करने और उससे बदला लेने के लिए दर्ज कराया था।छोटे भाई/शिकायतकर्ता को 'कलयुगी भरत' कहते हुए जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने पूरे मामले की कार्यवाही रद्द की। साथ ही बड़े भाई/आवेदक के खिलाफ धारा 406 आईपीसी के तहत दर्ज एफआईआर के संबंध में समन आदेश भी रद्द कर दिया।न्यायालय ने यह भी नोट किया कि याचिकाकर्ता के...
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा, बलात्कार के मामले में डीएनए प्रोफाइलिंग के आदेश के बाद भी आरोपी ब्लड सैंपल देने से मना कर सकता है
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि बलात्कार के मामले में अभियुक्त की डीएनए प्रोफाइलिंग की अनुमति देने वाला न्यायिक आदेश अनुच्छेद 20(3) के तहत आत्म-दोष के खिलाफ संवैधानिक संरक्षण का उल्लंघन नहीं करता, क्योंकि न्यायालय की ओर से ऐसा आदेश पारित करने के बाद भी, रक्त का नमूना देने से इनकार करने का विकल्प अभियुक्त के पास होगा। जस्टिस अरुण मोंगा की एकल पीठ ने कहा,"...विकल्प/च्वाइस याचिकाकर्ता के पास है कि वह विचाराधीन डीएनए परीक्षण के लिए अपना रक्त नमूना दे या नहीं। यदि वह विचाराधीन डीएनए परीक्षण...
याचिकाकर्ता का दावा-ट्रायल जज बार सदस्य से प्रभावित थे, पी एंड एच हाईकोर्ट ने कहा- न्याय की धारा को प्रभावित करने की कोशिश; क्रूरता के मामले को स्थानांतरित करने से इनकार
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक जिला न्यायालय से क्रूरता के मामले को स्थानांतरित करने की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें इस आधार पर न्यायाधीश पर आरोप लगाया गया था कि वह याचिकाकर्ता की पत्नी से संबंधित बार सदस्य के प्रभाव में काम कर रहे थे। न्यायालय ने कहा कि "याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों में न्याय की धारा को प्रदूषित करने की प्रवृत्ति है।" जस्टिस सुमित गोयल ने कहा, "याचिकाकर्ता की ओर से लगाए गए आरोप, बिना किसी तथ्य या शिकायत के, स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण हैं, जो किसी उद्देश्य को आरोपित...