हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के सभी शैक्षणिक संस्थानों में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कहते हुए सख्त रुख अपनाया कि शैक्षणिक संस्थान केवल शिक्षा देने के लिए हैं, न कि व्यावसायिक गतिविधियों के लिए, उत्तर प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में प्रदर्शनी, मेले या अन्य किसी भी व्यावसायिक गतिविधि के आयोजन पर रोक लगा दी है।यह आदेश उस जनहित याचिका (PIL) में दिया गया, जिसमें एक डिग्री कॉलेज के परिसर में इस वर्ष की शुरुआत में एक वाणिज्यिक मेला आयोजित किए जाने को चुनौती दी गई थी। चीफ़ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने कहा — “शैक्षणिक संस्थान...
शक करने वाला पति वैवाहिक जीवन को नर्क बना सकता है: केरल हाईकोर्ट ने बेवफाई के संदेह में फंसी महिला को तलाक दिया
केरल हाईकोर्ट ने तलाक देते हुए कहा कि पति का बिना कारण पत्नी पर शक करना मानसिक क्रूरता का गंभीर रूप है।जस्टिस देवन रामचंद्रन और जस्टिस एम.बी. स्नेहलता की खंडपीठ ने यह टिप्पणी उस समय की जब पत्नी ने कोट्टायम फैमिली कोर्ट द्वारा तलाक से इनकार करने के आदेश को चुनौती दी थी। अदालत ने कहा,“विवाह आपसी विश्वास, प्रेम और समझ पर टिका होता है। एक शक करने वाला पति पत्नी का मानसिक शांति और आत्मसम्मान छीन लेता है। जब भरोसे की जगह शक ले लेता है, तो रिश्ते का अर्थ खत्म हो जाता है।” पत्नी ने आरोप लगाया कि पति...
विघटित कंपनी की ओर से प्रस्तुत चेकों के अनादर के लिए NI Act की धारा 138 के तहत कार्यवाही मान्य नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि कोई पक्षकार विघटित कंपनी द्वारा प्रस्तुत चेक प्रस्तुत करता है तो उसके द्वारा जारी किए गए चेकों के अनादर के लिए उस पर परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 (NI Act) की धारा 138 के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।जस्टिस अरुण मोंगा ने कहा,“एक बार जब कोई कंपनी समाप्त हो जाती है और विघटित हो जाती है तो वह अपना न्यायिक अस्तित्व खो देती है। उसकी ओर से किया गया कोई भी कार्य तब तक शून्य हो जाता है, जब तक कि कंपनी को कंपनी अधिनियम की धारा 252 के तहत बहाल नहीं कर दिया जाता।...
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुजारा भत्ता निर्धारित करने के लिए प्रमुख सिद्धांत निर्धारित किए, फैमिली कोर्ट से तर्कसंगत आदेश देने का आह्वान किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को पत्नी और बच्चे के लिए गुजारा भत्ता निर्धारित करते समय अपनाए जाने वाले प्रमुख सिद्धांतों को निर्धारित किया। साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में पारिवारिक और महिला न्यायालयों से तर्कसंगत आदेश देने का भी आह्वान किया।जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वैवाहिक मामलों में अंतरिम गुजारा भत्ता देने के आदेश आय और परिस्थितियों के स्पष्ट और तर्कसंगत आकलन पर आधारित होने चाहिए, न कि अनुमान या अनुमान पर।जज ने कहा कि अंतरिम स्तर पर भी गुजारा भत्ता आदेश में तर्क प्रक्रिया...
नीलामी क्रेता को "जैसी है जहां है" बिक्री में बकाया राशि का सत्यापन करना होगा, अघोषित देनदारियों के लिए बैंक उत्तरदायी नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में व्यवस्था दी कि नीलामी क्रेता का यह कर्तव्य है कि वह नीलाम की जा रही संपत्ति पर बकाया राशि और देनदारियों की "जैसी है जहां है", "जैसी है जो है" और "जो कुछ भी है" के आधार पर जांच करे।जस्टिस अजीत कुमार और जस्टिस स्वरूपमा चतुर्वेदी की खंडपीठ ने कहा:"जब कोई व्यक्ति किसी नीलामी में भाग लेता है और उसे पता होता है कि संपत्ति "जैसी है जहां है", "जैसी है जो है और "जो कुछ भी है" की शर्तों के साथ ई-नीलामी की जा रही है तो संभावित बोलीदाता, जो मामले के तथ्यों के अनुसार क्रेता...
अनुकंपा नियुक्ति से इनकार होने पर आवेदन की तिथि से ही आर्थिक मुआवज़ा दिया जाना चाहिए: झारखंड हाईकोर्ट
झारखंड हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने कहा कि यदि अनुकंपा नियुक्ति से इनकार किया जाता है तो नियोक्ता को अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन की तिथि से ही आर्थिक मुआवज़ा देना होगा।पृष्ठभूमि तथ्यकर्मचारी सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) ढोरी (के) कोलियरी में पीस रेटेड कर्मचारी था। सेवाकाल के दौरान दिसंबर 1996 में उसकी मृत्यु हो गई। उसकी विधवा ने 1998 में अनुकंपा नियुक्ति का अनुरोध किया। 2002 में इस आधार पर अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया कि CCL के नियमों के अनुसार...
अविवाहित बेटी की ओर से नानी-नानी द्वारा किया गया दत्तक-पत्र उसकी सहमति से ही मान्य होगा: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि अविवाहित महिला के बच्चे को गोद लेने के मामले में नाना-नानी द्वारा किया गया दत्तक-पत्र तभी मान्य होगा, जब यह दर्शाया गया हो कि माँ ने इस दत्तक-पत्र के लिए सहमति दी थी।अदालत ने कहा,"सिर्फ़ यह तथ्य कि बच्चे के नाना-नानी ने दत्तक-पत्र पर हस्ताक्षर किए, दत्तक-पत्र को अमान्य नहीं कर सकता, बशर्ते कि दत्तक-पत्र बच्चे की माँ, जो कोई और नहीं बल्कि बच्चे के नाना-नानी की बेटी है, की सहमति से किया गया हो।"जस्टिस ढांडापानी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि दत्तक-पत्र की अवधारणा...
मोटर दुर्घटना दावों में आय की हानि की गणना करते समय फैमिली पेंशन नहीं काटी जा सकती: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा कि मोटर दुर्घटना मुआवज़ा मामले में आय की हानि की गणना करते समय मृतक के आश्रितों को मिलने वाली पेंशन राशि में कटौती करना स्वीकार्य नहीं होगा।जस्टिस संजय धर ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा दायर अपील खारिज करते हुए कहा,"आय की हानि की गणना के लिए पेंशन राशि में कटौती किए बिना मासिक वेतन को स्वीकार किया जाना चाहिए।"मामले की पृष्ठभूमियह मामला सड़क दुर्घटना से उत्पन्न हुआ, जिसमें जम्मू के 54 वर्षीय पूर्व सैनिक विजय कुमार की मृत्यु हो गई। उनकी विधवा संतोष...
पासपोर्ट अपडेट: तलाकशुदा मां को मिली बड़ी राहत, पिता की NOC के बिना बच्चों का पासपोर्ट नवीनीकरण होगा: गुजरात हाईकोर्ट
गुजरात हाईकोर्ट ने तलाकशुदा महिला की याचिका को स्वीकार करते हुए उसे बड़ी राहत दी। कोर्ट ने पिता का अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) न होने के कारण पासपोर्ट प्राधिकरण द्वारा नाबालिग बच्चों के पासपोर्ट नवीनीकरण के इनकार को खारिज कर दिया।जस्टिस एलएस पीरजादा ने अपने फैसले में यह महत्वपूर्ण तथ्य नोट किया कि माता-पिता के बीच पहले ही तलाक की डिक्री प्राप्त हो चुकी है और एक समझौता ज्ञापन (MoU) निष्पादित हुआ है, जिसके तहत बच्चों की कस्टडी मां के पास है।कोर्ट ने पासपोर्ट नियम 1980 के प्रावधानों का हवाला देते हुए...
बार काउंसिल चुनाव: 1.25 लाख रजिस्ट्रेशन फीस के खिलाफ याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का नोटिस
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के उस हालिया फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें राज्य बार काउंसिल चुनाव लड़ने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस को बढ़ाकर 1,25,000 कर दिया गया।चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडला की खंडपीठ ने इस संबंध में केंद्र सरकार बार काउंसिल ऑफ इंडिया और बार काउंसिल ऑफ दिल्ली से जवाब मांगा।मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को सूचीबद्ध की गई।यह याचिका वकील प्रमोद कुमार सिंह ने दायर की। याचिका में दावा किया गया कि 25 सितंबर को...
दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म 'द ताज स्टोरी' को CBFC प्रमाणपत्र देने के खिलाफ दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को फिल्म “द ताज स्टोरी” को दिए गए सर्टिफिकेट के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। यह फिल्म 31 अक्टूबर को रिलीज़ होने वाली है।वकील शकील अब्बास द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और यह साम्प्रदायिक प्रचार फैलाती है। उन्होंने बताया कि फिल्म का ट्रेलर 16 अक्टूबर को जारी हुआ था और उन्हें इसकी जानकारी 22 अक्टूबर को मिली। चीफ़ जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला...
फ्लाईओवर पर जातिसूचक गाली देना 'सार्वजनिक दृष्टि' के दायरे में आता, भले गवाह न हों: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की है कि किसी महिला पर हमला करना और फ्लाईओवर पर उसके खिलाफ जातिगत टिप्पणी करना “सार्वजनिक दृष्टि” (public view) के अंतर्गत आता है, जिससे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत अपराध बनता है।जस्टिस रविंदर दुडेजा ने यह टिप्पणी एक व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए की और कहा कि इस मामले में prima facie (प्रथम दृष्टया) अपराध के सभी आवश्यक तत्व पूरे होते हैं। अदालत ने कहा,“कथित घटना सड़क पर, एक फ्लाईओवर पर हुई थी, जिसे कोई भी...
दिल्ली हाईकोर्ट ने अमेरिका स्थित गवाह की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दर्ज करने की अनुमति दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने कारोबारी अभिषेक वर्मा से जुड़े ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट (Official Secrets Act) मामले में अमेरिका स्थित एक गवाह की गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज करने की अनुमति दे दी है।जस्टिस संजयव नरूला ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की यह आशंका कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गुप्त जानकारी लीक हो सकती है, इसे रोकथाम और सुरक्षा उपायों से नियंत्रित किया जा सकता है — पूरी तरह प्रतिबंध लगाकर नहीं। यह मामला CBI द्वारा 2012 में दर्ज किया गया था, जिसमें Official Secrets Act, 1923 की धारा 3 और IPC...
“साली” शब्द अभद्र गाली है, लेकिन जानबूझकर अपमान नहीं: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने धारा 504 IPC की सजा रद्द की
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि सिर्फ “साली” शब्द का इस्तेमाल, भले ही वह अभद्र गाली हो, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 504 के तहत “जानबूझकर अपमान” नहीं माना जा सकता — जब तक कि वह व्यक्ति को शांति भंग करने के लिए उकसाए या ऐसी संभावना उत्पन्न करे।जस्टिस राकेश कंठला ने टिप्पणी की — “वर्तमान मामले में 'साली' शब्द का प्रयोग अभद्र गाली के रूप में किया गया है। लेकिन पीड़िता या सूचनाकर्ता ने यह नहीं कहा कि इस शब्द या इन गालियों ने उसे शांति भंग करने के लिए उकसाया।” कोर्ट ने कहा, “धारा 504 का...
ऊर्जा मंत्री को सस्पेंड करने का अधिकार नहीं: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में टिप्पणी की है कि हरियाणा के ऊर्जा मंत्री को जिले की शिकायत निवारण समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए भी उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (UHBVN) के किसी अधिकारी को निलंबित करने का निर्देश देने का कोई अधिकार नहीं है।जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ की एकल पीठ ने कहा कि राज्य के मनमाने कदम से जनता का विश्वास कम होता है।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि UHBVN के कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई केवल निगम के प्रबंध निदेशक द्वारा ही की जा...
JJ Act अन्य सभी कानूनों से ऊपर: इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए यह स्थापित किया कि कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चे से जुड़े मामलों में किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 (JJ Act) देश के अन्य सभी कानूनों पर अधिभावी प्रभाव रखता है।जस्टिस सलील कुमार राय और जस्टिस संदीप जैन की बेंच ने किशोर न्याय अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों का विश्लेषण करने के बाद कहा,"अधिनियम, 2015 कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चे से संबंधित सभी मामलों में विशेष रूप से गिरफ्तारी, कस्टडी, अभियोजन या कारावास के मामलों में उस...
बैंकों को मानहानि के लिए आरोपी के रूप में समन नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह व्यवस्था दी कि बैंकों को मानहानि के लिए आरोपी के रूप में समन नहीं किया जा सकता, क्योंकि उनमें अपराध के गठन के लिए आवश्यक आपराधिक मनःस्थिति या दुर्भावना की कमी होती है।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बैंकों द्वारा किसी कंपनी को धोखाधड़ी घोषित करने का कार्य जो उन्होंने अपने बैंकिंग गतिविधियों के निर्वहन और सद्भाव में किया, वह मानहानि नहीं माना जा सकता है।कोर्ट चार बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दायर याचिकाओं के बैच पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ट्रायल...
2013 संशोधन से पहले के मामलों में बलात्कार दोषसिद्धि के लिए पीड़िता की उम्र 16 वर्ष से कम साबित करना जरूरी: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि 2013 के आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम लागू होने से पहले दर्ज हुए बलात्कार के मामलों में, अभियोजन पक्ष को यह साबित करना आवश्यक है कि पीड़िता की उम्र 16 वर्ष से कम थी, तभी आरोपी को दोषी ठहराया जा सकता है।जस्टिस स्वर्णा कांत शर्मा की एकल पीठ ने यह टिप्पणी करते हुए एक व्यक्ति को बरी किया, जिसे वर्ष 2005 में 11 वर्षीय बच्ची के बलात्कार के आरोप में दोषी ठहराया गया था। अदालत ने कहा कि अपराध 2005 में हुआ था, जब भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के तहत सहमति की आयु 16...
उम्र निर्धारण की जांच के दौरान भी नाबालिग को जेल में नहीं रखा जा सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि किशोर न्याय अधिनियम (JJ Act), 2015 के तहत कोई भी आरोपी जो यह दावा करता है कि अपराध के समय वह नाबालिग था, उसे उम्र निर्धारण की जांच के दौरान भी जेल या पुलिस लॉकअप में नहीं रखा जा सकता।जस्टिस सलील कुमार राय और जस्टिस संदीप जैन की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि — “कानून के साथ संघर्ष में बालक (child in conflict with law) को 21 वर्ष की आयु तक जेल में नहीं रखा जा सकता, जब तक कि वह गंभीर अपराध में दोषी न हो और बोर्ड व बाल न्यायालय यह न तय करें कि उसका ट्रायल वयस्क के रूप में...
सिविल सर्विस ट्रिब्यूनल में वकीलों-पक्षकारों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा मिलेगी: राजस्थान सरकार
राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट को आश्वासन दिया है कि राजस्थान सिविल सर्विसेज अपीलेट ट्रिब्यूनल में वकीलों और वादकारियों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और हर कार्य दिवस पर कम से कम एक पीठ कार्यरत रहेगी।याचिकाकर्ताओं ने शिकायत की थी कि ट्रिब्यूनल में पीठें उपलब्ध नहीं रहतीं, सुनवाई रद्द हो जाती है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद वीसी सुविधा नहीं है। कर्मचारी विभाग की सचिव ने जस्टिस अशोक कुमार जैन को बताया कि— • 27 अक्टूबर 2025 से हर पीठ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग शुरू होगी, ...



















