हाईकोर्ट

पेपर सेट करने वाला व्यक्ति ही वेरिफाई करने के लिए सबसे सही व्यक्ति, कोर्ट एग्जाम के मामलों में एक्सपर्ट की राय को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता: हिमाचल हाईकोर्ट
पेपर सेट करने वाला व्यक्ति ही वेरिफाई करने के लिए सबसे सही व्यक्ति, कोर्ट एग्जाम के मामलों में एक्सपर्ट की राय को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता: हिमाचल हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि किसी सब्जेक्ट एक्सपर्ट की राय को कोर्ट तब तक नहीं बदल सकता, जब तक कि वह रिकॉर्ड के हिसाब से साफ तौर पर गलत न हो।जस्टिस संदीप शर्मा ने टिप्पणी की, "एक्सपर्ट द्वारा दी गई राय को कोर्ट तब तक नहीं बदल सकता, जब तक कि वह साफ तौर पर गलत न हो सही होने की जांच करने के लिए सबसे सही व्यक्ति वह है, जिसने पेपर सेट किया।"याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में यह आरोप लगाते हुए संपर्क किया कि जून, 2025 में हुए कांस्टेबल के स्क्रीनिंग टेस्ट में एक सवाल के लिए उसे एक नंबर नहीं दिया...

तीस हजारी मेट्रो परियोजना विवाद: हाईकोर्ट ने DMRC के पक्ष में 70 लाख रुपये का मध्यस्थता अवॉर्ड बरकरार रखा
तीस हजारी मेट्रो परियोजना विवाद: हाईकोर्ट ने DMRC के पक्ष में 70 लाख रुपये का मध्यस्थता अवॉर्ड बरकरार रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के पक्ष में पारित उस मध्यस्थता अवॉर्ड को बरकरार रखा, जिसमें पारसवनाथ डेवलपर्स लिमिटेड (PDL) पर लगभग 70 लाख रुपये से अधिक की देनदारी तय की गई थी।जस्टिस जस्मीत सिंह की पीठ ने स्पष्ट किया कि कंसेशन एग्रीमेंट के तहत A की ओर से किसी तरह का उल्लंघन नहीं किया गया और परियोजना के पूरा न हो पाने का कारण पारसवनाथ और उसके सब-लाइसेंसी की लापरवाही थी, जिन्होंने आवश्यक स्थानीय निकाय की मंजूरी के लिए उचित आवेदन ही प्रस्तुत नहीं किया।यह विवाद तिस हजारी...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधिकारी से टीचर की मौत के एक साल बाद उसे नौकरी से निकालने का आदेश देने पर स्पष्टीकरण मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधिकारी से टीचर की मौत के एक साल बाद उसे नौकरी से निकालने का आदेश देने पर स्पष्टीकरण मांगा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य शिक्षा अधिकारियों के रवैये पर हैरानी जताई, जिन्होंने COVID-19 महामारी के कारण एक असिस्टेंट टीचर की मौत के एक साल से ज़्यादा समय बाद उसके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू की।इस बात पर ज़ोर देते हुए कि मरे हुए व्यक्ति के खिलाफ जांच शुरू नहीं की जा सकती, जस्टिस प्रकाश पाडिया की बेंच ने यूपी के डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन (बेसिक) को एक पर्सनल एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें यह बताया जाए कि उन्होंने कानून के किन प्रावधानों के तहत एक मृत कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू...

दिल्ली हाईकोर्ट ने फील्ड टेस्ट के दौरान ड्रग की पहचान में अंतर होने पर NDPS आरोपी को ज़मानत दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने फील्ड टेस्ट के दौरान ड्रग की पहचान में अंतर होने पर NDPS आरोपी को ज़मानत दी

दिल्ली हाईकोर्ट ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (NDPS Act) के तहत पकड़े गए एक आदमी को ज़मानत दी, क्योंकि ज़ब्त की गई ड्रग की फील्ड टेस्टिंग और फोरेंसिक टेस्टिंग में पहचान में अंतर था।जस्टिस अमित महाजन ने इस बात को भी ध्यान में रखा कि याचिकाकर्ता दो साल से ज़्यादा समय से जेल में था, लेकिन ट्रायल शुरू नहीं हुआ और सिर्फ़ आरोप तय किए गए।प्रॉसिक्यूशन ने आवेदक की जेब से मिली एक पॉलीथीन से 67g MDMA मिलने का आरोप लगाया। बाद में FSL में ड्रग को मेथामफेटामाइन बताया गया।प्रॉसिक्यूशन...

मजिस्ट्रेट इकोनॉमिक ऑफेंस विंग को कस्टोडियल टॉर्चर के आरोपों की जांच करने का निर्देश नहीं दे सकते: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
मजिस्ट्रेट इकोनॉमिक ऑफेंस विंग को कस्टोडियल टॉर्चर के आरोपों की जांच करने का निर्देश नहीं दे सकते: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने माना कि इकोनॉमिक ऑफेंस विंग, श्रीनगर के पास लागू नोटिफिकेशन के तहत कस्टोडियल टॉर्चर और हत्या से जुड़े आरोपों की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है।कोर्ट ने कहा कि एक मजिस्ट्रेट को सिर्फ़ उस एजेंसी को जांच करने का निर्देश देने का अधिकार है, जिसके पास कथित अपराध का अधिकार क्षेत्र हो।कोर्ट, इकोनॉमिक ऑफेंस विंग, कश्मीर के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कस्टोडियल टॉर्चर और मौत के आरोपों के संबंध में FIR दर्ज करने और उक्त विंग...

सिर्फ़ जालसाज़ी के दावे विवादित कंपनी रिकॉर्ड की जांच करने के NCLT के अधिकार क्षेत्र को खत्म नहीं करते: दिल्ली हाईकोर्ट
सिर्फ़ जालसाज़ी के दावे विवादित कंपनी रिकॉर्ड की जांच करने के NCLT के अधिकार क्षेत्र को खत्म नहीं करते: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि सिर्फ़ धोखाधड़ी या जालसाज़ी के आरोपों का इस्तेमाल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के अधिकार क्षेत्र को खत्म करने के लिए नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि सिविल कोर्ट एक जैसे मुकदमों पर सुनवाई नहीं कर सकते, जब वही मुद्दे पहले से ही किसी ज़ुल्म और मिसमैनेजमेंट के मामले में NCLT के सामने हों।इसके बाद जस्टिस अमित महाजन की सिंगल बेंच ने ट्रायल कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें एक डिफेंस-टेक स्टार्टअप के फाउंडर्स द्वारा दायर सिविल केस खारिज करने से...

सुप्रीम कोर्ट के 2016 के फैसले में सेंसिटिव FIR को ज़रूरी ऑनलाइन अपलोडिंग से छूट, पीड़ित व्यक्ति SP/CP से कॉपी मांग सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के 2016 के फैसले में 'सेंसिटिव' FIR को ज़रूरी ऑनलाइन अपलोडिंग से छूट, 'पीड़ित व्यक्ति' SP/CP से कॉपी मांग सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

'सेंसिटिव' मामलों में, जहां FIR ऑनलाइन अपलोड नहीं की जाती है, उनकी कॉपी पाने के तरीके को साफ़ करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि ऐसे मामलों में कोई "पीड़ित व्यक्ति" सीधे सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस (SP) या कमिश्नर ऑफ़ पुलिस को अप्लाई कर सकता है, जैसा भी मामला हो, और FIR की कॉपी मांग सकता है।हाईकोर्ट ने यूथ बार एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया और अन्य में सुप्रीम कोर्ट के 2016 के फैसले में दिए गए अपवादों का ज़िक्र किया, जो पुलिस को यौन अपराधों, बगावत और आतंकवाद से जुड़ी FIR को...

भजन, अज़ान और क्लब इवेंट्स के दौरान पूरी तरह से उल्लंघन: नागपुर में बार-बार होने वाले नॉइज़ पॉल्यूशन पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर PIL दर्ज की
भजन, अज़ान और क्लब इवेंट्स के दौरान पूरी तरह से उल्लंघन: नागपुर में बार-बार होने वाले नॉइज़ पॉल्यूशन पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर PIL दर्ज की

बॉम्बे हाईकोर्ट (नागपुर बेंच) ने हाल ही में नागपुर शहर में नॉइज़ पॉल्यूशन के 'बार-बार होने' वाले मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लिया और खास क्लबों, मंदिरों और दरगाहों का नाम लिया। साथ ही कहा कि 'भजन', 'अज़ान' और अलग-अलग सेलिब्रेशन और इवेंट्स जैसी एक्टिविटीज़ कानून का उल्लंघन करके की जाती हैं।जस्टिस अनिल एल पानसरे और जस्टिस राज डी वाकोडे की बेंच ने कहा कि जब तक कोई असरदार तरीका नहीं बनाया जाता, नॉइज़ कंट्रोल पर राज्य के आदेश "आँखों में धूल झोंकने" जैसे ही रहेंगे।इन बातों के साथ बेंच ने एक मस्जिद में...

पहलगाम हमले पर X पोस्ट PM के खिलाफ, उनके नाम का गलत इस्तेमाल: हाईकोर्ट ने नेहा राठौर को अग्रिम जमानत देने से किया इनकार
पहलगाम हमले पर 'X' पोस्ट 'PM के खिलाफ', उनके नाम का गलत इस्तेमाल: हाईकोर्ट ने नेहा राठौर को अग्रिम जमानत देने से किया इनकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) ने लोक सिंगर नेहा सिंह राठौर की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की। यह अर्जी उनके खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पहलगाम आतंकी हमले के बारे में सोशल मीडिया पर कथित तौर पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के लिए दर्ज FIR के संबंध में दायर की गई थी।जस्टिस बृज राज सिंह की बेंच ने देखा कि राठौर द्वारा पोस्ट किए गए 'X' पोस्ट/ट्वीट भारत के प्रधानमंत्री के खिलाफ हैं और कथित पोस्ट में PM के नाम का 'गलत तरीके से' इस्तेमाल किया गया।कोर्ट ने आगे कहा कि हालांकि संविधान का आर्टिकल 19 बोलने की...

बिना NBW के तभी सही है, जब दोषी मर चुका हो या देश छोड़कर भाग गया हो; 1984 की अपील में पूरे भारत में उस आदमी का पता लगाएं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा
'बिना NBW के तभी सही है, जब दोषी मर चुका हो या देश छोड़कर भाग गया हो; 1984 की अपील में पूरे भारत में उस आदमी का पता लगाएं': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी का नॉन-बेलेबल वारंट (NBW) बिना तामील किए सिर्फ़ दो खास हालात में वापस किया जा सकता है: अगर भगोड़ा मर चुका हो या अगर वह इसे साबित करने के लिए ठोस सबूत के साथ देश छोड़कर भाग गया हो।जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की डिवीजन बेंच ने यह देखते हुए मंगलवार को प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर की उस रिपोर्ट को मानने से इनकार किया, जिसमें असल में कहा गया कि 41 साल पुरानी क्रिमिनल अपील में एक दोषी बिना किसी निशान के गायब हो गया था।कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि पुलिस...

दिल्ली सरकार को MCD की फाइनेंशियल हालत देखने की ज़रूरत है: हाईकोर्ट ने MCD कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी के बीच मीटिंग का निर्देश दिया
दिल्ली सरकार को MCD की फाइनेंशियल हालत देखने की ज़रूरत है: हाईकोर्ट ने MCD कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी के बीच मीटिंग का निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार (5 दिसंबर) को दिल्ली सरकार से कहा कि वह दिल्ली नगर निगम (MCD) की फाइनेंशियल तंगी को देखे और निर्देश दिया कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए MCD कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी के बीच एक मीटिंग की जाए।कोर्ट महारानी बाग इलाके में ड्रेनेज और बाढ़ की समस्याओं से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।कुछ देर मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस प्रतिभा सिंह और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की डिवीजन बेंच ने अपने ऑर्डर में कहा:"जहां तक ​​नाले के तीसरे चैंबर को ढकने और नाले की बैरिकेडिंग की...

सीधा कैरेक्टर पर हमला: तेजिंदर बग्गा ने हाईकोर्ट में मानहानि केस में सुब्रमण्यम स्वामी के समन को चुनौती देने का विरोध किया
'सीधा कैरेक्टर पर हमला': तेजिंदर बग्गा ने हाईकोर्ट में मानहानि केस में सुब्रमण्यम स्वामी के समन को चुनौती देने का विरोध किया

BJP नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि सुब्रमण्यम स्वामी के उनके खिलाफ किए गए ट्वीट, जिसमें उन्होंने दावा किया कि वह कई बार जेल जा चुके हैं, उन्होंने सीधे तौर पर उनके कैरेक्टर और ईमानदारी पर हमला किया। साथ ही समाज में उनकी इज़्ज़त भी गिराई।ऐसा इसलिए है, क्योंकि क्रिमिनल बैकग्राउंड का आरोप किसी पॉलिटिकल पार्टी में पद पर बैठे व्यक्ति के लिए नुकसानदायक होता है, बग्गा ने स्वामी की उस याचिका के जवाब में कहा, जिसमें बग्गा द्वारा स्वामी के खिलाफ दायर मानहानि केस में ट्रायल कोर्ट...

एमपी हाईकोर्ट ने पुलिस वाले के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर लगाया ₹1 लाख का जुर्माना
एमपी हाईकोर्ट ने पुलिस वाले के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर लगाया ₹1 लाख का जुर्माना

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक पुलिस ऑफिसर के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग वाली जनहित याचिका को यह कहते हुए खारिज की कि याचिका एक खास पुलिस ऑफिसर को टारगेट करती दिख रही है।जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की डिवीजन बेंच ने कहा;"याचिकाकर्ता के व्यवहार और Facebook स्क्रीनशॉट के रूप में हमारे सामने रखे गए मटीरियल को देखते हुए हमारा मानना ​​है कि यह जनहित याचिका गलत इरादे से फाइल की गई। यह असली PIL नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है।"यह जनहित याचिका सचिन सिसोदिया ने फाइल की थी,...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मॉडिफाइड टाउनशिप प्लान में नोटिस प्रोसेस की लीगैलिटी पर सवाल उठाए, CEO नोएडा से एफिडेविट मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मॉडिफाइड टाउनशिप प्लान में नोटिस प्रोसेस की लीगैलिटी पर सवाल उठाए, CEO नोएडा से एफिडेविट मांगा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में न्यू ओखला डेवलपमेंट अथॉरिटी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) से पर्सनल एफिडेविट मांगा। यह एफिडेविट उन अखबारों 'बिजनेस स्टैंडर्ड' और 'महामेधा' के सर्कुलेशन एरिया को तय करने के लिए है, जिनके ज़रिए मॉडिफाइड टाउनशिप प्लान मैप पर ऑब्जेक्शन मंगाए गए।याचिकाकर्ता एसोसिएशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स ऑफ पवेलियन कोर्ट एंड पवेलियन हाइट अपार्टमेंट्स ने 23.03.2011 के मंज़ूर लेआउट प्लान में किए गए कथित गैर-कानूनी बदलाव के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जो उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट...

झारखंड हाईकोर्ट ने शेयर्ड पेरेंटिंग ऑर्डर को खारिज किया, कहा- बच्चे की भलाई पिता के नेचुरल गार्जियन होने के स्टेटस से ज़्यादा ज़रूरी
झारखंड हाईकोर्ट ने शेयर्ड पेरेंटिंग ऑर्डर को खारिज किया, कहा- बच्चे की भलाई पिता के नेचुरल गार्जियन होने के स्टेटस से ज़्यादा ज़रूरी

झारखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि हिंदू माइनॉरिटी एंड गार्जियनशिप एक्ट की धारा 6 को धारा 13 के साथ पढ़ा जाना चाहिए। साथ ही बच्चे की भलाई सबसे ज़रूरी है, भले ही पिता को नेचुरल गार्जियन बनाया गया हो। कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस ऑर्डर को खारिज कर दिया, जिसमें “शेयर्ड पेरेंटिंग अरेंजमेंट” का निर्देश दिया गया था और पत्नी को कस्टडी दी गई थी।झारखंड हाईकोर्ट की जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की डिवीजन बेंच फैमिली कोर्ट्स एक्ट की धारा 19(1) के तहत फैमिली कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ...

भविष्य की फीस वसूलने के लिए स्टूडेंट्स के मूल दस्तावेज रोकना अवैध: राजस्थान हाईकोर्ट
भविष्य की फीस वसूलने के लिए स्टूडेंट्स के मूल दस्तावेज रोकना अवैध: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने अहम फैसले में स्पष्ट किया कि यूनिवर्सिटी या शैक्षणिक संस्थान किसी स्टूडेंट के मूल दस्तावेजों को भविष्य की फीस वसूली के साधन के रूप में अपने पास नहीं रख सकते। अदालत ने कहा कि एडमिशन के समय जमा कराए गए दस्तावेज केवल सत्यापन और पात्रता जांच के उद्देश्य से होते हैं, न कि स्टूडेंट को फीस भुगतान के लिए बाध्य करने के उपकरण के रूप में।जस्टिस अनुरूप सिंघी की सिंगल बेंच एक पूर्व MBBS स्टूडेंट की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। स्टूडेंट ने अदालत से अपने मूल दस्तावेज वापस दिलाने का निर्देश...