हाईकोर्ट
आरोपित के निष्पक्ष मुक़दमे के अधिकार को पुलिस की निजता पर प्राथमिकता: राजस्थान हाईकोर्ट ने अधिकारी के मोबाइल लोकेशन रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का आदेश दिया
राजस्थान हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ नियंत्रण कानून के एक मामले में आरोपी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को देखते हुए महत्वपूर्ण आदेश पारित किया। आरोपी का कहना था कि जिस पुलिस अधिकारी ने उसके ख़िलाफ़ बरामदगी दिखाई वह घटना से पहले ही स्थल पर मौजूद था और उसी ने उसके पास से बरामद दिखाए गए पदार्थ को वहां रखा। इसी पृष्ठभूमि में न्यायालय ने उक्त अधिकारी के मोबाइल टावर लोकेशन का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया।जस्टिस अनुप कुमार ढांड ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि यद्यपि इस प्रकार का निर्देश पुलिस...
बच्चे की कस्टडी तय करते समय माता-पिता के अप्रमाणित अनैतिक कृत्य प्रासंगिक नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि बच्चों की कस्टडी के मामलों में निर्णय एक माता-पिता द्वारा दूसरे पर "नैतिक आचरण के अप्रमाणित आरोप" के आधार पर नहीं हो सकता।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा कि कस्टडी विवादों में नाबालिग बच्चे का कल्याण माता-पिता के कानूनी अधिकारों से ऊपर, नियंत्रित और सर्वोपरि सुनवाई योग्य होता है।कोर्ट ने कहा,"हालांकि माता-पिता की वित्तीय स्थिरता या संपन्नता एक प्रासंगिक कारक हो सकती है, लेकिन यह अकेले भावनात्मक सुरक्षा, अपनेपन की भावना और...
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट: बिना किसी आपराधिक इरादे के जोर से खींचने पर महिलाओं का सिर ढकने वाला कपड़ा गिरना 'शरम-भंग' नहीं
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया कि किसी महिला का सिर ढकने वाला कपड़ा (हिजाब/दुपट्टा/ओढ़नी) महज़ जोर लगने के कारण गिर जाना तब तक 'शरम-भंग' (Section 354 IPC) के अपराध की श्रेणी में नहीं आता, जब तक आरोपी का स्पष्ट इरादा महिला की मर्यादा भंग करने का न हो। अदालत ने कहा कि महिला के साथ किसी भी प्रकार का बल प्रयोग या हमला तभी दंडनीय है, जब उसके पीछे महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाने का उद्देश्य या ऐसी संभावना का ज्ञान मौजूद हो।जस्टिस संजय धर एक याचिका पर सुनवाई कर...
अंतरिम निषेधाज्ञा पर केवल नोटिस जारी करने का आदेश अपील योग्य नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट का स्पष्ट निर्देश
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में यह साफ कर दिया कि अंतरिम निषेधाज्ञा (इंजंक्शन) के लिए दायर आवेदन पर केवल नोटिस जारी करने का आदेश न तो निषेधाज्ञा देने के समान है और न ही उसे अस्वीकार करने के रूप में देखा जा सकता है। अदालत ने कहा कि ऐसा आदेश न तो अंतिम निर्णय है और न ही अपील योग्य, इसलिए इसे वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015 की धारा 13 के तहत चुनौती नहीं दी जा सकती।जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने यह फैसला परपेचुअल विज़न एलएलपी एवं अन्य द्वारा दायर अपील खारिज करते हुए...
हेड कॉन्स्टेबल पर रिश्वत लेते दिखाने वाले एडिटिड वीडियो मामले में पत्रकार को मिली अग्रिम ज़मानत
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार 17 नवंबर को तेज़ इंडिया यूट्यूब चैनल पर वायरल हुए वीडियो के मामले में पत्रकार रफ़ीक़ ख़ान की अग्रिम ज़मानत मंज़ूर की। ख़ान पर आरोप है कि उन्होंने वीडियो को एडिट कर ऐसा दिखाया कि रतलाम के एक हेड कॉन्स्टेबल ने ऑटोरिक्शा चालक से रिश्वत ली।मामले की डायरी के अनुसार हेड कॉन्स्टेबल ने थाना प्रभारी को लिखित शिकायत दी कि रेलवे स्टेशन क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान उन्हें ऑटोरिक्शा चालक वाहनों की आवाजाही में बाधा डालता मिला। चालक के भागने पर कुछ दूरी पर उसे रोककर 'नो पार्किंग...
संरक्षित वन्यजीवों के शिकार से पारिस्थितिक संतुलन पर गंभीर असर, सख्ती से निपटना ज़रूरी: एमपी हाईकोर्ट ने आरोपी की ज़मानत याचिका खारिज की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार, 14 नवंबर को सोन चिड़िया अभयारण्य, घटियागांव में अवैध शिकार के आरोप में गिरफ्तार एक व्यक्ति की ज़मानत याचिका खारिज की। अदालत ने कहा कि संरक्षित वन्यजीवों का शिकार न केवल कानून का गंभीर उल्लंघन है बल्कि जैव विविधता और पर्यावरणीय संतुलन पर भी गहरा प्रभाव डालता है। इसलिए ऐसे अपराधों से कठोरता से निपटना आवश्यक है।जस्टिस मिलिंद रमेश फडके की सिंगल बेंच ने टिप्पणी की कि आरोपित कृत्य संरक्षण कानूनों के तहत संरक्षित प्रजाति के अवैध शिकार से संबंधित हैं। इस तरह के अपराध...
'पूर्व सूचना या सहमति के बिना पेंशन से वसूली नहीं': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने RBI को बैंकों को निर्देश जारी करने का निर्देश दिया
रिटायर सरकारी कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करने वाले महत्वपूर्ण फैसले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को सभी एजेंसी बैंकों को निर्देश जारी करने का निर्देश दिया कि पेंशनभोगी की जानकारी, सहमति या पूर्व सूचना के बिना अतिरिक्त पेंशन की वसूली नहीं की जा सकती। ऐसी कोई भी वसूली सेवा नियमों के अनुसार होनी चाहिए।यह निर्देश कैथल नगर परिषद के रिटायर कार्यकारी अधिकारी द्वारा दायर रिट याचिका स्वीकार करते हुए दिया गया। उनके पेंशन खाते से पंजाब नेशनल बैंक ने बिना किसी नोटिस या...
Punjab Police Rules | हाईकोर्ट ने DGP को सड़क दुर्घटना मामले में आरोपी कांस्टेबल पद के उम्मीदवार की उम्मीदवारी पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) को एक कांस्टेबल पद के उम्मीदवार की उम्मीदवारी पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया, जिसकी नियुक्ति इस आधार पर खारिज कर दी गई कि पूर्ववृत्त सत्यापन के समय वह एक सड़क दुर्घटना मामले में मुकदमे का सामना कर रहा था।जस्टिस जगमोहन बंसल ने पंजाब पुलिस नियम (हरियाणा में लागू) के अनुसार,"जहां किसी उम्मीदवार के विरुद्ध नैतिक अधमता से जुड़े अपराध या तीन वर्ष या उससे अधिक के कारावास से दंडनीय अपराध के लिए आरोप तय किए गए हों, उसकी नियुक्ति पर विचार...
'फार्मासिस्ट के कर्तव्यों में खड़े रहना और चलना शामिल है': हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 50% गति-बाधित आवेदक की याचिका खारिज की
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने फार्मासिस्ट के पद पर अन्य उम्मीदवार के चयन को चुनौती देने वाली 50% गति-बाधित उम्मीदवार की याचिका खारिज की।राज्य का फैसला बरकरार रखते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की कि उम्मीदवार आवश्यक दिव्यांगता प्रमाण पत्र होने के बावजूद, खड़े होने और चलने में असमर्थ होने के कारण फार्मासिस्ट के कर्तव्यों के लिए मेडिकल रूप से अयोग्य था।जस्टिस संदीप शर्मा ने टिप्पणी की:"याचिकाकर्ता, जो 50% गति-बाधित है, को ठीक से खड़े न होने और न चलने के कारण फार्मासिस्ट के पद के लिए अयोग्य पाया गया।...
Cash For Query Row: महुआ मोइत्रा ने CBI चार्जशीट के लिए लोकपाल की मंज़ूरी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया
तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा ने पूछताछ के लिए पैसे के विवाद में CBI को उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने की मंज़ूरी देने वाले भारत के लोकपाल के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी।इस मामले की सुनवाई मंगलवार को जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ करेगी।महुआ ने 12 नवंबर को पारित आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि यह आदेश त्रुटिपूर्ण है, लोकपाल अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करता है और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है।उनका कहना है कि उनसे दलीलें और...
पूर्व में की गई निंदा कर्मचारी की पदोन्नति पर विचार करने से नहीं रोक सकती: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि किसी कर्मचारी पर लगाए गए दंड के बावजूद, विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) पदोन्नति के लिए कर्मचारी की उपयुक्तता पर निर्णय ले सकती है और केवल लगाए गए दंड के आधार पर पदोन्नति पर विचार करने से इनकार नहीं किया जा सकता।जस्टिस फरजंद अली की पीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें याचिकाकर्ता (लेक्चरर) को वर्ष 2022-23 के लिए डीपीसी द्वारा केवल वर्ष 2019 में उसकी पूर्व में की गई निंदा के आधार पर पदोन्नति से वंचित करने को चुनौती दी गई, जिसमें उसे इस आधार पर पदोन्नति के लिए अयोग्य...
बिना ठोस सबूत के निर्वासन व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने डीएम का आदेश रद्द किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि मध्य प्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम, 1990 के तहत निर्वासन आदेश यंत्रवत् पारित नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह किसी भी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर गंभीर प्रतिबंध लगाता है।ऐसा करते हुए चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने निर्वासन आदेश यह देखते हुए रद्द कर दिया कि अपराध में अपराधी की तत्काल संलिप्तता दर्शाने वाले कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं।खंडपीठ ने कहा;"अभिलेख में पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं थे, जो यह दर्शाते हों कि अपराध...
राज शमानी के पर्सनालिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए अंतरिम आदेश जारी करेगा हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह पॉडकास्टर राज शमानी के नाम, छवि, आवाज़ और व्यक्तित्व के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश पारित करेगी। इसके साथ ही अदालत ने गूगल, मेटा और टेलीग्राम के खिलाफ दायर पर्सनालिटी राइट्स संरक्षण संबंधी मुकदमे में समन भी जारी किया।सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट दिक्षा कपूर ने अदालत को बताया कि शमानी के नाम पर AI-जनित डीपफेक, फर्जी एंडोर्समेंट, अनधिकृत चैटबॉट और टेलीग्राम चैनल चलाए जा रहे हैं जो उनकी पहचान का इस्तेमाल करके सलाह दे रहे हैं, धन जुटा रहे...
DV Act मामलों में समन के बाद गैर-हाजिरी पर वारंट जारी नहीं कर सकते मजिस्ट्रेट: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 (DV Act) की धारा 12 के तहत चलने वाली कार्यवाही में मजिस्ट्रेट गिरफ्तारी वारंट जैसे दंडात्मक आदेश जारी नहीं कर सकते, जब तक कि अधिनियम के तहत कोई विशिष्ट दंडनीय अपराध आरोपित न हो।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि प्रतिवादी को विधिवत समन भेजा जा चुका है और वह फिर भी उपस्थित नहीं होता तो मजिस्ट्रेट केवल एक्स-पार्टी कार्यवाही आगे बढ़ा सकते हैं।जस्टिस संजय धर ने गैर-जमानती वारंट रद्द करते हुए कहा,“जब प्रतिवादी समन...
केंद्रीय यूनिवर्सिटी जैसी सुविधाओं का दावा नहीं कर सकते घटक संस्थान के कर्मचारी: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी स्वायत्त संस्थान को केवल केंद्रीय यूनिवर्सिटी का घटक बना देने भर से उसके कर्मचारियों को केंद्रीय विश्वविद्यालय के कर्मचारियों जैसी सुविधाएं स्वतः नहीं मिल सकतीं।अदालत ने कहा कि जब तक कोई विशिष्ट नीति या प्रावधान लागू न हो ऐसे लाभ देने का कोई आधार नहीं बनता।जस्टिस सौरभ श्याम शम्शेरी की एकल पीठ ने यह फैसला जी.बी. पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान इलाहाबाद के कर्मचारियों द्वारा दाखिल याचिका को खारिज करते हुए सुनाया। यह संस्थान भारतीय सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत...
पटना हाईकोर्ट का सख्त रुख : छह दिन की अवैध हिरासत पर 2 लाख रुपये का मुआवज़ा, IG जेल को दिशानिर्देश जारी करने का आदेश
पटना हाईकोर्ट ने अहम फैसले में राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह एक आरोपी को छह दिन तक अवैध रूप से हिरासत में रखने के लिए 2 लाख रुपये का मुआवज़ा दे।अदालत ने माना कि यह घटना न केवल न्यायिक आदेशों की अवहेलना है, बल्कि सीधे-सीधे व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद और जस्टिस सौरेंद्र पांडेय की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। आरोपी बिहार निषेध एवं उत्पाद अधिनियम, 2016 के तहत गिरफ्तार था। 29 सितंबर 2025 को स्पेशल एक्साइज जज ने उसकी जमानत...
अगस्ता वेस्टलैंड मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने क्रिश्चियन मिशेल की याचिका सुनने से किया इनकार, भारत–यूएई प्रत्यर्पण संधि को चुनौती देने की अनुमति नहीं
दिल्ली हाईकोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की उस याचिका को सुनने से इनकार किया, जिसमें उसने भारत–यूएई प्रत्यर्पण संधि के अनुच्छेद 17 को चुनौती दी थी। यह संधि वर्ष 1999 में लागू हुई थी और इसी के तहत मिशेल को दिसंबर 2018 में दुबई से भारत प्रत्यर्पित किया गया था।मिशेल का तर्क था कि सामान्यतः किसी व्यक्ति को उसी अपराध के लिए अभियोजित किया जा सकता है, जिसके लिए उसका प्रत्यर्पण हुआ हो लेकिन अनुच्छेद 17 भारत सरकार को उससे संबद्ध अपराधों के लिए भी अभियोजन...
इलाहाबाद हाईकोर्ट में फर्जी वकील और जाली दस्तख़त का मामला, FSL जांच के आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक लंबित जनहित याचिका में गंभीर अनियमितताओं के संकेत मिलने पर कई दस्तावेज़ों के हस्ताक्षरों की फोरेंसिक जांच (FSL) कराने का आदेश दिया। कोर्ट के समक्ष आए तथ्यों से प्रथमदृष्टया यह प्रतीत हुआ कि मामले में प्रतिरूपण, जालसाज़ी, दस्तावेज़ों की फर्जी तैयारी और न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग जैसी आशंकाएं मौजूद हैं।चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने यह आदेश उस समय पारित किया, जब प्रतिवादी नंबर 5 ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 379 के तहत...
पाकिस्तान की न्यायिक असहमति: एक सबक
पाकिस्तान, जो अक्सर संरचनात्मक कमज़ोरी, अस्थिर अर्थव्यवस्था और दमनकारी क़ानूनों से ग्रस्त रहा है, ने एक बार फिर एक विवादास्पद संवैधानिक परिवर्तन लागू किया है: 27वां संविधान संशोधन। यह संशोधन राज्य संस्थाओं के बीच शक्ति संतुलन को मौलिक रूप से बदल देता है, विशेष रूप से सेना की भूमिका को मज़बूत करता है। देश की न्यायपालिका से उत्पन्न असहमति भारतीय न्यायपालिका को बाहरी ताकतों के आगे कभी न झुकने के महत्व की एक सशक्त याद दिलाती है।27वां संविधान संशोधन सैन्य प्रतिष्ठान को व्यापक शक्तियां प्रदान करता है।...
कुर्सी, परवाह और सेवा की विनम्रता
हर न्यायाधीश के सफ़र में एक ऐसा मोड़ आता है जब वह रुककर सोचता है कि "कुर्सी" पर बैठने का क्या मतलब है। यह कोई साधारण फ़र्नीचर नहीं है, कोई साधारण पद नहीं है। जो लोग रोज़ाना अदालतों में जाते हैं, उन्हें अक्सर ऐसा महसूस हो सकता है जैसे कुर्सी ही उनके अस्तित्व के आयामों को बदल देती है। व्यक्तिगत रूप से, हम सामान्य कमज़ोरियों, आत्म-संदेह और हर इंसान के मन में आने वाली झिझक से घिरे हो सकते हैं। फिर भी, जब हम न्याय के उस आसन पर बैठते हैं, तो हमारे भीतर कुछ अप्रत्याशित शक्ति के साथ उभर आता है। विचार...




















