संपादकीय

चेक बाउंस - एनआई एक्ट धारा 142 के तहत निर्धारित परिसीमा अवधि समाप्त होने के बाद अतिरिक्त अभियुक्तों को पक्षकार बनाने की अनुमति नहीं है : सुप्रीम कोर्ट
चेक बाउंस - एनआई एक्ट धारा 142 के तहत निर्धारित परिसीमा अवधि समाप्त होने के बाद अतिरिक्त अभियुक्तों को पक्षकार बनाने की अनुमति नहीं है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चेक बाउंस की शिकायत दर्ज करने के बाद अतिरिक्त अभियुक्तों को पक्षकार बनाने की अनुमति नहीं है, जब एक बार निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 142 के तहत अपराध का संज्ञान लेने के लिए निर्धारित परिसीमा समाप्त हो जाती है।इस मामले में, हाईकोर्ट ने चेक बाउंस की शिकायत में एक मजिस्ट्रेट द्वारा पारित समन आदेश को इस आधार पर रद्द कर दिया कि किसी कंपनी का निदेशक निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत अभियोजन के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, जब तक कि कंपनी को एक दोषी के तौर...

क्या फैसला सुरक्षित रखने के बाद सीआरपीसी की धारा 319 लागू की जा सकती है ? : सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा
क्या फैसला सुरक्षित रखने के बाद सीआरपीसी की धारा 319 लागू की जा सकती है ? : सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया कि 'क्या फैसला सुरक्षित रखने के बाद सीआरपीसी की धारा 319 लागू की जा सकती है।'जस्टिस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस ए एस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और जस्टिस बी वी नागरत्ना की 5-न्यायाधीशों की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। इससे पहले, याचिकाकर्ता के लिए पेश सीनियर पीएस पटवालिया ने प्रस्तुत किया था कि उनकी राय में उनका मामला हरदीप सिंह बनाम पंजाब राज्य में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कवर होता है, जो परिस्थितियां...

एमपी फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट - अंतर-धार्मिक जोड़ों को कलेक्टर के सामने धर्मांतरण की घोषणा आवश्यक करने का प्रावधान प्रथम दृष्टया असंवैधानिक : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट
एमपी फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट - अंतर-धार्मिक जोड़ों को कलेक्टर के सामने धर्मांतरण की घोषणा आवश्यक करने का प्रावधान 'प्रथम दृष्टया असंवैधानिक : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में राज्य सरकार को ऐसे किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने से रोक दिया है, जो मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 (Madhya Pradesh Freedom of Religion Act, 2021) की धारा 10 का उल्लंघन करता है। अधिनियम की इस धारा के तहत धर्म परिवर्तन करने के इच्छुक व्यक्ति को जिलाधिकारी को इस संबंध में घोषणा पत्र देने की आवश्यकता होती है। जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस प्रकाश चंद्र गुप्ता की पीठ ने इस प्रावधान को प्रथम दृष्टया असंवैधानिक पाते हुए आगे राज्य को...

जिला जज के लिए अच्छे उम्मीदवार नहीं मिल रहे, ये सभी चीफ जस्टिस कह रहे हैं : सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़
जिला जज के लिए अच्छे उम्मीदवार नहीं मिल रहे, ये सभी चीफ जस्टिस कह रहे हैं : सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

राजस्थान राज्य में एडीजे की भर्ती के लिए आयोजित मेन्स परीक्षा में शामिल होने वाले वकीलों द्वारा दायर याचिका में दिनांक 01.10.2022 के परिणाम को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को याचिकाकर्ताओं से संबंधित हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा,"हमारा विचार है कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर नहीं की जा सकती ... क्या याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट के समक्ष कार्यवाही करनी चाहिए, हम मुख्य न्यायाधीश से यह...

ज्ञानवापी मस्जिद केस
ब्रेकिंग- वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के कब्जे की मांग वाले मुकदमे की स्थिरता को चुनौती देने मस्जिद कमेटी के आवेदन को खारिज किया

वाराणसी की एक अदालत ने आज अंजुमन मस्जिद समिति (जो वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करती है) के आदेश 7 नियम 11 सीपीसी के तहत दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें भगवान विश्वेश्वर विराजमान (स्वयंभू) और अन्य को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का कब्जा सौंपने की मांग वाले मुकदमे की स्थिरता को चुनौती दी गई थी।आदेश 7 नियम 11 सीपीसी याचिका को खारिज करते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) महेंद्र कुमार पांडे की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मामले को 2 दिसंबर, 2022 को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट किया।कोर्ट ने 27...

सत्येंद्र जैन
ब्रेकिंग: दिल्ली कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज

दिल्ली की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को जमानत देने से इनकार कर दिया।राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विकास ढुल ने यह आदेश सुनाया।सीनियर एडवोकेट एन हरिहरन और एवोकेट राहुल मेहरा जैन के लिए पेश हुए, जबकि एएसजी एसवी राजू के साथ जोहेब हुसैन ने ईडी का प्रतिनिधित्व किया।कोर्ट ने 11 नवंबर को आदेश सुरक्षित रख लिया था।स्पेशल गीतांजलि गोयल के समक्ष लंबित कार्यवाही को ट्रांसफर करने की जांच एजेंसी की ओर से याचिका दायर करने के बाद मामले को विशेष न्यायाधीश विकास...

क्या स्ट्रीट डॉग के निजी घर हैं?: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर रोक लगाने वाले हाईकोर्ट के प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा
"क्या स्ट्रीट डॉग के निजी घर हैं?": सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर रोक लगाने वाले हाईकोर्ट के प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को निर्देश दिया कि नागपुर में सार्वजनिक स्थानों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर रोक लगाने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट (नागपुर बेंच) के एक आदेश के अनुपालन में कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी। यह देखते हुए कि आवारा कुत्तों का खतरा कथित रूप से सहनीय स्तर से अधिक बढ़ गया है, हाईकोर्ट ने अक्टूबर में आदेश दिया था कि जो कोई भी आवारा कुत्तों को खिलाने में रुचि रखता है, उसे औपचारिक रूप से कुत्तों को गोद लेना होगा और उन्हें पहले नगरपालिका अधिकारियों के पास रजिस्ट्रेशन करना...

मोरबी ब्रिज हादसा
मोरबी ब्रिज हादसा- 'इस मामले को हल्के में न लें; आज शाम 4:30 बजे तक जवाबी हलफनामा दाखिल करें या 1 लाख रुपए का भुगतान करें': गुजरात हाईकोर्ट ने सिविक बॉडी को निर्देश दिया

गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने 30 अक्टूबर को मोरबी पुल हादसे (Morbi Incident) से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए आज मोरबी सिविक बॉडी को आज शाम 4:30 बजे तक मामले में अपना जवाब दाखिल करने या 1 लाख रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया।मोरबी सिविल बॉडी के वकील ने आज बताया कि डिप्टी कलेक्टर के रूप में कोर्ट के 7 नवंबर के आदेश के अनुसार जवाब दाखिल नहीं किया जा सकता है, जो सिविक की देखभाल कर रहे हैं। निकाय मामले भी चुनाव ड्यूटी पर हैं और वह यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि कौन-सा वकील कोर्ट के...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
कठुआ रेप-मर्डर केस : सुप्रीम कोर्ट ने एक आरोपी को किशोर घोषित करने वाले आदेश को रद्द किया, वयस्क के रूप में उस पर मुकदमा चलाने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कठुआ और जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि कठुआ बलात्कार-हत्या मामले में एक आरोपी किशोर है। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि उक्त आरोपी शुभम सांगरा पर एक वयस्क के रूप में मुकदमा चलाया जाना चाहिए।जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने सीजेएम और हाईकोर्ट के आदेशों के खिलाफ केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया।जस्टिस पर्दीवाला ने आदेश के ऑपरेटिव...

हेट स्पीच
2014 के बाद से राजनेताओं और सार्वजनिक पदाधिकारियों के खिलाफ हेट स्पीच मामलों में 500% की वृद्धि: याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि साल 2014 के बाद से राजनेताओं और सार्वजनिक पदाधिकारियों के खिलाफ कथित हेट स्पीच (Hate Speech) के मामलों में लगभग 500% की वृद्धि हुई है।मंत्रियों जैसे सार्वजनिक पदाधिकारियों के बोलने की स्वतंत्रता के अधिकार की सीमा से संबंधित एक मामले में याचिकाकर्ता की ओर से यह निवेदन किया गया था।यह मामला बुलंदशहर बलात्कार की घटना से उपजा है जिसमें राज्य के एक मंत्री आजम खान ने इस घटना को "राजनीतिक साजिश और कुछ नहीं" के रूप में खारिज कर दिया था।याचिकाकर्ता...

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़
'जजों के खिलाफ निंदनीय आरोप लगाना अब एक फैशन बन गया है': दिल्ली हाईकोर्ट ने सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज की

नवनियुक्त सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि संवैधानिक पदाधिकारियों द्वारा आयोजित कार्यालय "जनहित के स्वयं घोषित योद्धाओं" के आधार पर बदनामी के लिए खुले नहीं हैं। यह आरोप, जिसका कानून या तथ्य में कोई आधार नहीं है।जस्टिस चंद्रचूड़ की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को 'इच्छाधारी सोच' का एक उत्कृष्ट मामला बताते हुए चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा,"इच्छाधारी सोच, विशेष रूप...

पंचायत शिक्षिका को अपना वेतन लौटाने का निर्देश देने वाली अग्रिम जमानत की शर्त कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के निर्देश को किया खारिज
पंचायत शिक्षिका को अपना वेतन लौटाने का निर्देश देने वाली अग्रिम जमानत की शर्त कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के निर्देश को किया खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट की उस ज़मानत शर्त को रद्द कर दिया, जिसमें एक पंचायत शिक्षक को अग्रिम ज़मानत देते हुए ज़मानत शर्त के तौर पर उसे अपना वेतन वापस करने का निर्देश दिया गया था। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि अग्रिम जमानत देते समय ऐसी शर्तें न तो उचित है और न ही ऐसी शर्त लगाए जाने की आवश्यकता है।एक पंचायत शिक्षक दिव्या भारती ने आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और धारा 120 बी के तहत अपराध के लिए एफआईआर दर्ज होने के बाद पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद में प्रदूषण और ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए बनी कमेटी को भंग किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को गाजियाबाद नगरपालिका क्षेत्र के भीतर कौशांबी और आसपास के क्षेत्रों के पर्यावरण में सुधार के मामले का निस्तारण कर दिया।शीर्ष अदालत के समक्ष याचिका में अव्यवस्थित यातायात प्रबंधन से लेकर पर्यावरण प्रदूषण और नगर निगम के ठोस कचरे के अप्रतिबंधित डंपिंग जैसे कई मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है।जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने मामले का निस्तारण करते हुए याचिकाकर्ताओं और प्रतिवादियों के वकीलों की दलीलों पर ध्यान दिया और हल्के-फुल्के अंदाज...

मोरबी ब्रिज हादसा
मोरबी ब्रिज हादसा- 'बिना टेंडर आमंत्रित किए रेनोवेशन का ठेका कैसे दे दिया?' गुजरात हाईकोर्ट ने ब्रिज मेंटेनेंस के लिए हुए एमओयू पर सवाल उठाए

गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने 30 अक्टूबर को मोरबी ब्रिज हादसे से संबंधित स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए गुजरात स्थित अजंता मैन्युफैक्चरिंग को रेनोवेशन का ठेका देने के तरीके पर सवाल उठाया। अजंता मैन्युफैक्चरिंग ओरेवा समूह का एक हिस्सा है।चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष जे शास्त्री की खंडपीठ ने कहा,"राज्य ने ऐसे कदम उठाए जो उससे अपेक्षित थे लेकिन मोरबी सिविक बॉडी और एक निजी ठेकेदार (पुल नवीकरण के लिए) के बीच हस्ताक्षरित समझौता सिर्फ 1.5 पृष्ठों का है। कोई टेंडर आमंत्रित...

मैं मामलों की लिस्टिंग पर कड़ी नजर रख रहा हूं, यह मेरी पहली प्राथमिकता: सीजेआई चंद्रचूड़
मैं मामलों की लिस्टिंग पर कड़ी नजर रख रहा हूं, यह मेरी पहली प्राथमिकता: सीजेआई चंद्रचूड़

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को कहा कि वह "मामलों की लिस्टिंग पर कड़ी नजर रख रहे हैं और नए मामलों को समय पर पोस्ट करने के लिए रजिस्ट्री को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा,"हर दिन सुबह मैं अपने रजिस्ट्रार को (लिस्टिंग) बताता हूं। मैं लिस्टिंग पर कड़ी नजर रख रहा हूं, यह मेरी पहली प्राथमिकता है। शनिवार, सोमवार और मंगलवार तक जो कुछ भी रजिस्टर्ड है, सुनिश्चित करें कि यह अगले सोमवार को लिस्ट हों और जो मामले बुधवार को रजिस्टर्ड किए गए हैं वे अगले गुरुवार और शुक्रवार तक लिस्ट...

किसी हस्तक्षेप आदेश की अपील में कानूनी प्रतिनिधियों को केवल वाद में कार्यवाही के लिए सुनिश्चित किया जाएगा : सुप्रीम कोर्ट
किसी हस्तक्षेप आदेश की अपील में कानूनी प्रतिनिधियों को केवल वाद में कार्यवाही के लिए सुनिश्चित किया जाएगा : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक अपीलीय अदालत द्वारा किसी हस्तक्षेप आदेश की अपील में कानूनी प्रतिनिधियों को केवल वाद में कार्यवाही के लिए सुनिश्चित किया जाएगा।इस मामले में वादी ने निषेधाज्ञा वाद दायर किया था। अंतरिम निषेधाज्ञा की उसकी अर्जी को निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। अपील के लंबित रहने के दौरान, वादी की मृत्यु हो गई और अपीलीय न्यायालय ने आवेदन को कानूनी प्रतिनिधि को रिकॉर्ड पर लाने की अनुमति दी। बाद में, हाईकोर्ट ने आक्षेपित आदेश में कहा कि एकमात्र वादी की मृत्यु के परिणामस्वरूप वाद को...

मेरे दिमाग में वकीलों की लिस्ट  है: हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के नाम पर विचार करने की एससीबीए की मांग पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा
'मेरे दिमाग में वकीलों की लिस्ट है': हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के नाम पर विचार करने की एससीबीए की मांग पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा आयोजित मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के अभिनंदन समारोह में एससीबीए प्रेसिडेंट सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने एक बार फिर यह मांग उठाई कि हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति करने के लिए प्रस्ताव भेजते समय सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों के नाम पर भी विचार किया जाना चाहिए। इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने एक दिलचस्प टिप्पणी करते हुए कहा,"मैं एक रहस्य खोल सकता हूं, जब एक युवा वकील हमारे सामने पेश होता है तो हाईकोर्ट से आए न्यायाधीशों के रूप में हमारे...

सुप्रीम कोर्ट ने हड़ताल करने वाले ओडिशा के वकीलों से कहा, वापस काम पर लौटिए, वरना अवमानना या लाइसेंस रद्द करने का सामना करने को तैयार रहिए
सुप्रीम कोर्ट ने हड़ताल करने वाले ओडिशा के वकीलों से कहा, वापस काम पर लौटिए, वरना अवमानना या लाइसेंस रद्द करने का सामना करने को तैयार रहिए

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्य के पश्चिमी भाग के संबलपुर में उड़ीसा हाईकोर्ट की स्थायी पीठ की मांग को लेकर ओडिशा में हड़ताल कर रहे वकीलों को जमकर फटकार लगाई। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओक की पीठ ने वकीलों को स्पष्ट रूप से बुधवार से काम फिर से शुरू करने का निर्देश दिया व चेतावनी दी कि आदेश का पालन करने में विफल रहने और "लाइन में आने" के परिणामस्वरूप सुप्रीम कोर्ट अड़ियल वकीलों को अदालत की अवमानना ​​ का दोषी ठहराएगा और यहां तक ​​कि उनके लाइसेंस के निलंबन या रद्द भी किए...

साक्ष्य अधिनियम की  धारा 27 के तहत बयान देने के उद्देश्य के लिए अभियुक्त का औपचारिक गिरफ्तारी के अधीन होना जरूरी नहींः मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
साक्ष्य अधिनियम की धारा 27 के तहत बयान देने के उद्देश्य के लिए अभियुक्त का 'औपचारिक गिरफ्तारी' के अधीन होना जरूरी नहींः मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि साक्ष्य अधिनियम की धारा 27 के तहत दिए गए बयान के उद्देश्य के लिए एक आरोपी को औपचारिक गिरफ्तारी के अधीन होने की आवश्यकता नहीं है। एक आपराधिक अपील का फैसला करते हुए, जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस पी.के. गुप्ता ने कहा कि धारा 27 के तहत एक बयान को मान्य करने के लिए दो सामग्री हैं- 1-किसी व्यक्ति पर किसी भी अपराध का आरोप लगाया जाना चाहिए 2-व्यक्ति को एक पुलिस अधिकारी की हिरासत में होना चाहिए; उन्हें औपचारिक गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है मामले के तथ्य यह हैं...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
धारा 439 (2) सीआरपीसी - जमानत देने से पहले आरोपी की ओर से सिर्फ कथित अनुशासनहीनता के लिए जमानत रद्द करने का आदेश नहीं दिया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जमानत देने से पहले आरोपी की ओर से किसी कथित अनुशासनहीनता के लिए जमानत रद्द करने का आदेश नहीं दिया जा सकता है। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा, "जमानत रद्द करने की शक्तियों का आरोपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के रूप इस्तेमाल करने के लिए नहीं किया जा सकता है।" इसमें कहा गया है कि धारा 439 (2) सीआरपीसी की परिकल्पना केवल ऐसे मामलों में की गई है जहां अभियुक्त की स्वतंत्रता आपराधिक मामले के उचित ट्रायल की आवश्यकताओं को निष्प्रभावी करने...