संपादकीय
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में जातिगत जनगणना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार किया; याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने को कहा
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बिहार राज्य में जातिगत जनगणना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।बिहार सरकार ने इस साल 7 जनवरी को जाति सर्वे शुरू किया था। पंचायत से लेकर जिला स्तर तक के सर्वे में मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से प्रत्येक परिवार का डाटा डिजिटल रूप से संकलित करने की योजना है।याचिका में सुप्रीम कोर्ट से जातिगत जनगणना करने की राज्य सरकार की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई थी।जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस विक्रम नाथ याचिकाकर्ताओं की ओर से वकीलों द्वारा किए...
कौन हैं एडवोकेट सौरभ कृपाल, जिनको कॉलेजिम ने जज बनाने की सिफारिश की
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र की आपत्ति को खारिज करते हुए सीनियर एडवोकेट सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने की फिर से सिफारिश की।कोर्ट ने कहा, "कॉलेजियम ने सौरभ कृपाल की नियुक्ति के लिए 11 नवंबर 2021 की सिफारिश दोहराई है। उनकी नियुक्ति पांच साल से लंबित है। इस पर तेजी से निर्णय लेने की आवश्यकता है।“ कौन हैं सीनियर एडवोकेट सौरभ कृपाल? सीनियर एडवोकेट सौरभ कृपाल पूर्व चीफ जस्टिस बीएन कृपाल के बेटे हैं। आपको बात दें, सौरभ गे हैं और उनके पार्टनर स्विस नागरिक हैं। सरकार के ऐतराज की क्या...
“जमानत पर सुसंगत कानून होना चाहिए, दिल्ली दंगों के आरोपी अभी भी जेल में हैं, यूपी में हत्या के 13000 विचाराधीन कैदी “ : आशीष मिश्रा केस में दुष्यंत दवे
सुप्रीम कोर्ट को सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने लखीमपुर खीरी कांड के सिलसिले में आशीष मिश्रा की जमानत की सुनवाई में पीड़ितों के लिए पेश होते हुए बताया कि अगर मिश्रा को हत्या के आरोप में रिहा किया जाना है तो सुसंगत कानून हो और दिल्ली दंगों के आरोपी, साथ ही यूपी की जेलों में हत्या के आरोप में बंद 13,000 विचाराधीन कैदियों के साथ भी यही व्यवहार किया जाना चाहिए।उन्होंने आगे कहा, "केरल का पत्रकार (सिद्दीकी कप्पन) जो यूपी में एक दलित लड़की के बलात्कार मामले को कवर करने गया था, कई सालों से जेल में...
जमानत के संबंध में महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब : भाग एक
प्रश्न. ज़मानत का अर्थ और उद्देश।इंग्लिश और अमेरिकी कानून में जमानत की संकल्पना का एक लंबा इतिहास रहा है। इंग्लैंड में, मध्यकाल के दौरान जमानत/Bail प्रथा का उद्भव हुआ, जिसके चलते जेल में बंद कैदियों के लिए किसी तीसरे पक्षकार द्वारा उसकी रिहाई और अदालत में उसकी पेशी की जिम्मेदारी ली जाती थी। इसकारण मध्ययुग में कई सारे कैदियों को इसी तर्ज पर जेलों से छोड़ा (bailout) जाने लगा। यद्यपि, अभियुक्त पश्चतवर्ती अवसर पर अदालत में पेश नहीं होता तो विचारण में जमानत दिलवाने वाले को उसके स्थान पर उपस्थित रहना...
सेक्स ओरिएंटेशन के बारे में सौरभ कृपाल का खुलापन उन्हें जज के पद पर नियुक्ति के लिए अनुपयुक्त नहीं करता : सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अपना प्रस्ताव दोहराया
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र से असहमति व्यक्त की है, जिसमें केंद्र ने समलैंगिक वकील सौरभ कृपाल को उनके सेक्स ओरिएंटेशन के बारे में खुलेपन के आधार पर दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव वापस कर दिया था। केंद्र को आशंका है कि समलैंगिक अधिकारों के लिए उनके "लगाव" को देखते हुए यह सौरभ कृपाल के पूर्वाग्रह होने की संभावना से इनकार नहीं कर सकता, इसलिए कॉलेजियम ने प्रस्ताव को पुनर्विचार के लिए वापस भेज दिया।सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ...
फीस न भर पाने की वजह से छात्र को बोर्ड परीक्षा देने से रोकना अनुच्छेद 21 का उल्लंघन: दिल्ली हाईकोर्ट (वीडियो)
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि फीस न भर पाने की वजह से छात्र को बोर्ड परीक्षा देने से रोकना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।दरअसल, आर्थिक तंगी से जूझ रहा परिवार अपने बच्चे का स्कूल फीस नहीं भर पाया। जिसकी वजह से स्कूल ने छात्र को क्लास में बैठने और बोर्ड परीक्षा देने से रोकने का फैसला किया। याचिकाकर्ता ने स्कूल के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रूख किया।कोर्ट ने कहा कि 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं महत्वपूर्ण होती हैं। एक बच्चे को परीक्षा देने से रोकना उसके भविष्य को खराब करना है। हम ऐसा नहीं...
लखीमपुर खीरी मामले में पीड़ित पक्ष ने कहा- जघंन्य अपराध के मामले में आरोपियों को जमानत नहीं देनी चाहिए, सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लखीमपुर खीरी में पांच लोगों की हत्या के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।लगभग दो घंटे तक चली सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने मिश्रा को एक साल से अधिक की हिरासत अवधि को देखते हुए जमानत देने की इच्छा व्यक्त की।पीठ ने यह भी संकेत दिया कि वह मामले की सुनवाई में प्रगति की निगरानी कर सकती है।पीड़ितों ने यह कहते हुए ज़मानत देने का पुरजोर विरोध किया कि मिश्रा के लिए...
फीस न भर पाने की वजह से छात्र को बोर्ड परीक्षा देने से रोकना अनुच्छेद 21 का उल्लंघन: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि फीस न भर पाने की वजह से एक छात्र को बोर्ड परीक्षा देने से रोकना भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत बच्चे के अधिकारों का उल्लंघन होगा।जस्टिस मिनी पुष्करणा ने कहा कि एक बच्चे के भविष्य को परीक्षा देने से रोक कर खराब नहीं होने दिया जा सकता है, खासकर दसवीं और बारहवीं की महत्वपूर्ण परीक्षाओं में।कोर्ट ने कहा,"इस प्रकार, एक बच्चे को फीस का भुगतान न करने के आधार पर शैक्षणिक सत्र के बीच में कक्षाओं में बैठने से और परीक्षा देने से नहीं रोका जा...
'उम्मीद है कि हमें विरोध-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा': SCBA अध्यक्ष ने सदस्यों के 'जीवन और आजीविका' से संबंधित मामलों की तत्काल लिस्टिंग के लिए सीजेआई को पत्र लिखा
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने SCBA सदस्यों के "जीवन और आजीविका" से संबंधित दो जरूरी मामलों को सूचीबद्ध करने और सुनवाई के संबंध में भारत के चीफ जस्टिस डॉ डी वाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा है।पत्र में सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि एससीबीए को एक सामान्य वादी के रूप में व्यवहार नहीं करने और उचित महत्व न देकर अनुचित व्यवहार करने के कारण विरोध का सहारा लेने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।आगे कहते हैं,"इस अनुचित व्यवहार को देखते हुए, हम...
दिल्ली सरकार बनाम एलजी- जब सुनवाई पूरी होने वाली है तब केंद्र ने बड़ी बेंच को रेफर करने की मांग की, सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त किया
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण के मुद्दे पर जीएनसीटीडी बनाम भारत सरकार मामले में 2018 के फैसले को बड़ी बेंच को रेफर करने की केंद्र की मांग वाली याचिका पर आश्चर्य व्यक्त किया।भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 5-न्यायाधीशों की पीठ 10 जनवरी, 2023 से इस मामले की सुनवाई कर रही थी।सीनियर एडवोकेट डॉ अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली सरकार के लिए अपनी दलीलें पूरी कीं और केंद्र सरकार के लिए भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें दीं। आज मामला डॉ. सिंघवी...
सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद गोद ली गई संतान पारिवारिक पेंशन की हकदार नहीं: सुप्रीम कोर्ट (वीडियो)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद गोद ली गई संतान पारिवारिक पेंशन की हकदार नहीं होगी।आगे कहा कि हिंदू दत्तक ग्रहण और भरणपोषण अधिनियम एक हिंदू महिला को एक बेटे या बेटी को गोद लेने की अनुमति देती है जो नाबालिग या मानसिक रूप से अस्वस्थ न हो।कोर्ट ने यह भी कहा कि कानून के प्रावधान के अनुसार एक हिंदू महिला पति की सहमति के बगैर बच्चा गोद नहीं ले सकती।हालांकि, इस तरह की कोई पूर्व शर्त हिंदू विधवा पर लागू नहीं होती।वीडियो देखें:
सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद विधवा द्वारा गोद लिए गए बच्चे पारिवारिक पेंशन के हकदार नहीं : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मृत सरकारी कर्मचारी की विधवा द्वारा सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद गोद लिए गए बेटे या बेटी को परिवार पेंशन का दावा करने के लिए केंद्रीय सिविल सेवा अधिनियम (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 54(14)(बी) के तहत 'परिवार' की परिभाषा में शामिल नहीं किया जा सकता है।जस्टिस के एम जोसेफ जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा, 'परिवार' शब्द की परिभाषा को उन व्यक्तियों को शामिल करने के लिए विस्तारित नहीं किया जा सकता है, जो सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के समय उसके आश्रित भी नहीं थे।इस मामले में...
जानिए 'जीरो एफआईआर' किसे कहते हैं (वीडियो)
असल में, अपराध दो तरह के होते हैं, पहला संज्ञेय और दूसरा असंज्ञेय। असंज्ञेय में सीधे तौर पर एफआईआर दर्ज नहीं करके शिकायत को मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया जाता है। जबकि संज्ञेय अपराध में एफआईआर दर्ज करना जरूरी है।दरअसल, जब कोई व्यक्ति उसके विरुद्ध हुए संज्ञेय अपराध के बारे में घटनास्थल से बाहर के पुलिस थाने में एफआई दर्ज करवाए तो उसे जीरो एफआईआर उसे कहते हैं।इसमें घटना की अपराध संख्या दर्ज नहीं की जाती।कानून के तहत संज्ञेय अपराध होने की दशा में घटना की एफआईआर किसी भी जिले में दर्ज कराई जा सकती...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कथित तौर पर 'खुदा में विश्वास रखने वाले अगर बीजेपी को वोट देते हैं तो 'खुदा' उन्हें माफ नहीं करेगा’ टिप्पणी के मामले में अरविंद केजरीवाल को राहत देने से इनकार किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सोमवार को सुल्तानपुर कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 2014 में दर्ज एक मामले में डिस्चार्ज करने की याचिका को खारिज कर दिया गया था।केजरीवाल ने कथित तौर पर कहा गया था कि जो लोग 'खुदा' में विश्वास रखते हैं, अगर वे बीजेपी को वोट देते हैं तो 'खुदा' उन्हें माफ नहीं करेगा।जस्टिस राजेश सिंह चौहान की पीठ ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि केजरीवाल ‘खुदा’ के नाम पर मतदाताओं को यह अच्छी तरह जानते हुए भी धमका रहे...
'सरकार का नामित व्यक्ति कॉलेजियम का हिस्सा कैसे हो सकता है? लोग बिना तथ्य जाने टिप्पणी कर रहे हैं’: कानून मंत्री किरेन रिजिजू
जजों के चयन को लेकर केंद्र द्वारा सीजेआई को पत्र लिखकर कोलेजियम में अपने प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग को लेकर बनी खबरों से पैदा हुए भ्रम के बीच केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्टीकरण दिया है।मंत्री ने इस बात से इनकार किया कि केंद्र ने अपने प्रतिनिधियों को उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम में शामिल करने की मांग की है।उन्होंने कहा,"सरकार का नामित व्यक्ति कॉलेजियम का हिस्सा कैसे हो सकता है? कुछ लोग तथ्यों को जाने बिना टिप्पणी करते हैं! सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने...
ये विचार कि डिफ़ॉल्ट जमानत को मैरिट पर रद्द नहीं किया जा सकता, सुस्त जांच को रिवॉर्ड देना होगा : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि जब चार्जशीट से विशेष कारण बनते हैं और चार्जशीट गैर-जमानती अपराध का खुलासा करती है तो सीआरपीसी की धारा 167 (2) के प्रावधान के तहत आरोपी को दी गई डिफ़ॉल्ट जमानत रद्द की जा सकती है।इस मामले में सवाल उठा कि क्या चार्जशीट पेश करने के बाद डिफॉल्ट जमानत को रद्द किया जा सकता है, जब सीआरपीसी के अनुसार 90 दिनों के भीतर इसे दाखिल न करने करने पर जमानत को अनुमति दी गई थी।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने तेलंगाना हाईकोर्ट को वाईएस विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड अवधि (2020-21) के दौरान भुगतान की गई स्कूल फीस की 15% राशि एडजस्ट करने/छात्रों को वापस करने का आदेश दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को निजी स्कूलों को कोविड महामारी अवधि (2020-21 सत्र) के दौरान छात्रों से वसूली गई फीस (कुल फीस का 15% भाग) को समायोजित / वापस करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनीर की पीठ ने उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में फीस के नियमन की मांग को लेकर राज्य भर से पीड़ित अभिभावकों द्वारा दायर याचिकाओं की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया।याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाई गई शिकायत यह थी कि COVID-19 महामारी के दौरान कुछ सुविधाएं प्रदान नहीं की गई...
"मामले की जांच होने दीजिए" : सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन की बलात्कार की एफआईआर के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन द्वारा 2018 के एक कथित बलात्कार मामले में दायर एसएलपी खारिज कर दी। हुसैन ने अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस मामले में उनके खिलाफ सभी कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। हालांकि, सोमवार की सुनवाई के दौरान जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने हुसैन की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा और मुकुल रोहतगी को विस्तार से सुनने के...
'आप लाइब्रेरी में मिली किताब के लिए कॉलेज प्रिंसिपल को गिरफ्तार करना चाहते हैं? क्या आप गंभीर हैं?': सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस से पूछा
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लाइब्रेरी में मिली एक कथित किताब ‘हिंदूफोबिक’ पर दर्ज एफआईआर के संबंध में एक लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल को दी गई अग्रिम जमानत को चुनौती देने की मध्य प्रदेश सरकार पर मंशा पर आश्चर्य व्यक्त किया।कोर्ट इंदौर के गवर्नमेंट न्यू लॉ कॉलेज के अब इस्तीफा दे चुके प्रिंसिपल डॉ इनामुर रहमान की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग की गई थी।16 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें मामले में अंतरिम अग्रिम जमानत देने...
'आखिरी सांस तक लडूंगी, मेरे बेटे के हत्यारों को सजा मिले' : 20 साल पुराने कस्टोडियल डेथ केस में 74 साल की मां की न्याय की गुहार
20 साल पहले अपने बेटे की मौत के मामले में न्याय की गुहार लगाते हुए 74 साल की मां ने एक बार फिर बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) के सामने याचिका में चार पुलिस अधिकारियों के नाम आरोपी के रूप में जोड़ने की मांग की है।बीमार आसिया बेगम ने संवाददाता से बात करते हुए कहा,“एक मां को सिर्फ अपना बच्चा चाहिए, उन्हें उसे मुझे देना चाहिए। उन्होंने मेरे मासूम बेटे को मार डाला, क्या उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए? वह (बच्चा) न्याय का हकदार है। मेरे बेटे बेटे के हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए।”74 वर्षीय आसिया...




















