संपादकीय
बैंकिंग और गैर बैंकिंग संस्थानों को लोन की किश्तों के भुगतान पर अगले 3 महीने की मोहलत देने की अनुमति: आरबीआई
अर्थव्यवस्था पर COVID-19 के प्रभाव को कम करने के लिए गए निर्णयों के रूप में, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने शुक्रवार को घोषणा की कि सभी वाणिज्यिक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को 1 मार्च, 2020 तक की अवधि से बकाया लोन की किश्तों के भुगतान पर अगले 3 महीने की मोहलत देने की अनुमति है।इसके अलावा, सभी लोन देने वाली संस्थाओं को वर्किंग कैपिटल लोन पर ब्याज के भुगतान पर 3 महीने के मोहलत देने की अनुमति है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने स्पष्ट किया कि टर्म लोन पर स्थगन और...
केरल हाईकोर्ट का आदेश, बहुत जरूरी न हो तो लॉक डाउन की अवधि में पुलिस न करे गिरफ्तारी
केरल हाईकोर्ट ने वकीलों और सरकारी कानून अधिकारियों के दफ्तरों और सहायक कर्मचारियों के कामकाज पर पड़ रहे नेशनल लॉकडाउन के प्रभावों के मद्देनजर निर्देश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि यदि अपरिहार्य न हो तो गिरफ्तारी न की जाए। जघन्य और गंभीर अपराधों में कार्रवाई करने के लिए पुलिस स्वतंत्र है। मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार, जस्टिस सीके अब्दुल रहीम और सीटी रविकुमार की पूर्ण ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कई निर्देश जारी किए हैं। "उक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए, हमारा दृढ़ मत है कि किसी...
COVID-19 : मुख्य न्यायाधीश से असम में हिरासत केंद्रों में रखे गए सभी बंदियों की रिहाई का अनुरोध
COVID-19 महामारी के मद्देनजर, भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे के समक्ष एक प्रतिनिधित्व प्रस्तुत कर असम में विदेशियों के हिरासत केंद्रों में रखे गए सभी व्यक्तियों की रिहाई की मांग की गई है।ये प्रतिनिधित्व " जस्टिस एंड लिबर्टी इनीशिएटिव " नामक एक स्वैच्छिक संगठन द्वारा "मानवीय आधार" पर दाखिल किया गया है।इसमें 11 मार्च को राज्य सभा में गृह राज्य मंत्री द्वारा दिए गए हालिया बयान का हवाला देते हुए, यह बताया गया है कि असम में छह हिरासत केंद्रों में 802 व्यक्ति हैं। इन लोगों में कई वृद्ध और...
कोरोना के प्रकोप के काऱण 1 अप्रैल से शुरू होने वाली एनपीआर की प्रक्रिया अगले आदेश तक स्थगित
COVID19 के प्रकोप के मद्देनजर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की कि 1 अप्रैल से शुरू होने वाले राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के अपडेशन की तैयारी अगले आदेश तक टाल दी गई है।साथ ही अगले आदेश तक जनगणना 2021 का पहला चरण भी स्थगित कर दिया गया है। बुधवार दोपहर भारत सरकार के गृह मंत्रालय के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त कार्यालय से एक प्रेस विज्ञप्ति के द्वारा यह जानकारी दी गई। 31 जुलाई, 2019 को, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 के बीच पूरे देश में (असम को...
कोविड लॉकडाउन: जानिए मिथ्या दावे (FalseClaim) एवं चेतावनी (Warning) के मामलों में कौन सी परिस्थितियों में हो सकती है जेल?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (24 मार्च) रात 12 बजे से अगले 21 दिनों के लिए तीन सप्ताह के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की। पीएम ने कहा कि COVID-19 वायरस को फैलने से रोकने के लिए यह उपाय नितांत आवश्यक था।दरअसल COVID-19 महामारी के फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत शक्तियों का उपयोग करते हुए 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की है। हालाँकि, 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान कुछ आवश्यक सामग्री और सेवाएं बंद से मुक्त रहेंगी, आप उनकी जानकारी इस लेख से...
पीएम मोदी ने अगले 21 दिनों तक देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की, COVID 19 को फैलने से रोकने के लिए उठाया कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात 12 बजे से अगले 21 दिनों के लिए तीन सप्ताह के देशव्यापी लॉक डाउन की घोषणा की। पीएम ने कहा कि COVID-19 वायरस को फैलने से रोकने के लिए यह उपाय नितांत आवश्यक था। पीएम ने 'लोगों से भीड़भाड़ से दूरी' को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और नागरिकों से घर पर रहने और ट्रांसमिशन को तोड़ने के लिए स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा, "आने वाले 21 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण साइकिल को...
राजस्थान हाईकोर्ट ने ICMR से अस्पतालों को निर्देश देने को कहा, कोरोना वायरस संक्रमित रोगी को तब तक डिस्चार्ज न करें, जब तक कि वह पूरी तरह ठीक न हो जाए
महामारी COVID-19 से निपटने के उपाय के तहत स्वत: संज्ञान लेते हुए राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने जनहित याचिका पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के निदेशक से सभी मेडिकल और चिकित्सा एजेंसियों को आवश्यक निर्देश देने को कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमित रोगी को तब तक डिस्चार्ज नहीं किया जाए जब तक कि ब्लड टेस्ट से उनके पूरी तरह से वायरस मुक्त होने की पुष्टि न हो जाए। COVID-19 (कोरोनावायरस) महामारी के रूप में बताते हुए अधिवक्ता सेहबान नकवी द्वारा भेजे गए पत्र के आधार पर यह जनहित याचिका दर्ज...
BCI ने प्रधानमंत्री, राज्य के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर युवा वकीलों को 20 हज़ार रुपए प्रति माह भत्ता देने का अनुरोध किया
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए देशभर में हुए लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख कर युवा वकीलों को प्रति माह न्यूनतम राशि देने का आग्रह किया है। बीसीआई ने युवा वकीलों को प्रति माह 20,000 रुपए केंद्र सरकार और / या राज्य सरकार के कोष से निर्वाह भत्ता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया कि "पूरी दुनिया और पूरा देश सबसे कठिन...
इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख 30 जून तक बढ़ाई, जीएसटी भरने की तारीख भी आगे बढ़ी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को घोषणा की कि COVID 19 के प्रकोप के मद्देनजर वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख को 31 मार्च से बढ़ाकर 30 कर दिया गया है। विलंबित रिटर्न के लिए ब्याज 12% से घटाकर 9% कर दिया गया है। टीडीएस के विलंबित जमा के लिए, ब्याज को 18% से घटाकर 9% कर दिया गया है। आधार-बैंक लिंकिंग की तारीख को 30 जून 2020 तक बढ़ा दिया गया है। मार्च-अप्रैल-मई GST रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 जून, 2020 तक बढ़ा दी गई है। अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के लिए "सब का...
COVID19 महामारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, शाहीन बाग से प्रदर्शन खत्म होने के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों ने बयान जारी किया
COVID19 महामारी के कारण दिल्ली में लगाए गए लॉकडाउन के मद्देनजर मंगलवार सुबह पुलिस द्वारा शाहीन बाग धरना स्थल से प्रदर्शनकारियों को हटाने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और अधिवक्ता साधना रामचंद्रन, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे में वार्ताकार के रूप में नियुक्त किया था, उन्होंने एक बयान जारी किया। अपने बयान में हेगड़े और रामचंद्रन ने इस मुद्दे को "जीत या हार का सवाल नहीं" के रूप में देखने के लिए सभी से आग्रह किया और कहा कि देश को गंभीर खतरा पैदा करने वाली महामारी को "प्राथमिकता" देनी...
COVID-2019: जानिए क्या है सीआरपीसी की धारा 144 और आईपीसी की धारा 188 के मध्य सम्बन्ध?
पिछले कई लेखों में हम कोरोना-वायरस से जुड़े तमाम कानूनी पहलुओं पर चर्चा कर चुके हैं। हम देख रहे हैं कि केंद्र और तमाम राज्य सरकारें, किस प्रकार इस महामारी को लेकर गंभीर कदम उठाने पर मजबूर हो रही हैं।लॉकडाउन से लेकर दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू करने तक, सरकारों द्वारा इस वायरस के प्रकोप पर काबू पाने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में हम ने देखा कि 23 मार्च से ही देश के तमाम जगहों पर सीआरपीसी धारा 144 को लागू कर दिया गया।मौजूदा लेख में हम यह...
ब्रेकिंग : J & K प्रशासन ने सात महीने बाद उमर अब्दुल्ला की हिरासत के आदेश वापस लिए
सात महीने से अधिक समय तक हिरासत में रहने के बाद, जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की निरोधात्मक हिरासत को रद्द कर दिया, पीटीआई ने सूचना दी है। मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत उनकी नजरबंदी को रद्द करने का आदेश जारी किया गया। J & K की विशेष स्थिति को हटाने के बाद, वह 5 अगस्त से हिरासत में थे। दरअसल उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर की एक अन्य पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के खिलाफ पांच फरवरी को PSA के तहत ताजा...
दिल्ली हाईकोर्ट ने मुस्तफाबाद दंगा पीड़ित शिविर में दिल्ली सरकार को डॉक्टर सहित पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
COVID-19 महामारी के मद्देनज़र दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि दिल्ली दंगों के दौरान विस्थापित व्यक्तियों के लिए निर्धारित ईदगाह ओल्ड मुस्तफाबाद शिविर में पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। न्यायमूर्ति हेमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की खंडपीठ ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि उक्त क्षेत्र में दो दिनों की अवधि के भीतर डॉक्टर, सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों, पर्याप्त दवाएं और आवश्यक उपकरण के साथ...
कोरोना : जेलों में बंद कैदियों की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पैनल के गठन का निर्देश दिया
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते सुप्रीम कोर्ट ने देशभर की जेलों में कैदियों की संख्या को कम करने के लिए राज्यों से उन कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने के लिए विचार करने पर कहा है जो अधिकतम 7 साल की सजा काट रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की बेंच ने राज्य सरकारों को उच्च शक्ति समिति का गठन करने को कहा है जो यह निर्धारित करेगी कि कौन सी श्रेणी के अपराधियों को या मुकदमों के तहत पैरोल या अंतरिम जमानत दी जा सकती है। सोमवार को सुनवाई के दौरान राज्यों...
कोरोना का प्रकोप : सुप्रीम कोर्ट ने प्रवेश पर रोक लगाई, जरूरी मामलों की वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सुनवाई, वकीलों के चेंबर सील होंगे
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा कदम उठाते हुए दिल्ली में लॉकडाउन के मद्देनज़र कोर्ट परिसर में सभी के प्रवेश को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है।सुप्रीम कोर्ट ने सब प्रॉक्सीमिटी कार्ड को निलंबित करने और कोर्ट परिसर में प्रवेश को प्रतिबंधित करने के लिए वकीलों के चेंबरों को सील करने का निर्णय लिया है।वकीलों को अपनी आवश्यक फाइलों और दस्तावेज निकालने के लिए मंगलवार शाम 5 बजे तक का समय दिया गया है।भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने सोमवार को यह भी घोषणा की कि जरूरी...
महामारी रोग अधिनियम, 1897: COVID 19 का मुकाबला करने के लिए लाया गया 123 वर्ष पुराना कानून [व्याख्या]
COVID-19 के आसन्न खतरे का मुकाबला करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लागू एपेडेमिक डिसीसेज एक्ट यानी महामारी रोग अधिनियम, 1897 एक विशेष कानून है, जिससे सरकार को विशेष उपायों को अपनाने और कठोर नीतियों को लागू करने के लिए सशक्त बनाया जा सके, ताकि किसी भी खतरनाक महामारी के प्रकोप को रोका जा सके। यह कानून, जो सरकार को निर्धारित उपायों के उल्लंघन में पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को कैद करने का अधिकार देता है, को पहली बार 1896 में तत्कालीन बॉम्बे में फैले बुबोनिक प्लेग को नियंत्रित...