कोरोना का प्रकोप : सुप्रीम कोर्ट ने प्रवेश पर रोक लगाई, जरूरी मामलों की वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सुनवाई, वकीलों के चेंबर सील होंगे 

LiveLaw News Network

23 March 2020 7:45 AM GMT

  • कोरोना का प्रकोप : सुप्रीम कोर्ट ने प्रवेश पर रोक लगाई, जरूरी मामलों की वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सुनवाई, वकीलों के चेंबर सील होंगे 

    कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा कदम उठाते हुए दिल्ली में लॉकडाउन के मद्देनज़र कोर्ट परिसर में सभी के प्रवेश को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है।

    सुप्रीम कोर्ट ने सब प्रॉक्सीमिटी कार्ड को निलंबित करने और कोर्ट परिसर में प्रवेश को प्रतिबंधित करने के लिए वकीलों के चेंबरों को सील करने का निर्णय लिया है।

    वकीलों को अपनी आवश्यक फाइलों और दस्तावेज निकालने के लिए मंगलवार शाम 5 बजे तक का समय दिया गया है।

    भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने सोमवार को यह भी घोषणा की कि जरूरी मामलों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की जाएगी जिसमें मामलों में उपस्थित वकील को अपने स्वयं के कार्यालयों/ घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट परिसर में ही वीडियो कांफ्रेसिंग रूम बनाए गए हैं जिनके जरिए कोर्ट में वकील बहस कर पाएंगे।

    हालांकि मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने SCBA के अध्यक्ष दुष्यंत दवे के उस अनुरोध को ठुकरा दिया जिसमें अदालत से चार सप्ताह के लिए छुट्टी घोषित करने पर विचार करने को कहा गया था। दवे ने इस ओर ध्यान दिलाया कि लोग कोर्ट में आने से डरते हैं, भले ही यह मामला दर्ज करने के लिए हो।

    अदालत ने कहा कि सीमा अवधि के कारण कुछ मामलों के लिए अवकाश की घोषणा करने में कठिनाई हो सकती है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां सर्वोच्च न्यायालय में सीधे अपीलें आती हैं और कानून में एक सीमा अवधि निर्धारित की गई है, उन पर इसका असर होगा।

    इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि अदालत इन परिस्थितियों में सीमा अवधि के विस्तार के लिए एक आदेश पारित कर सकती है। लेकिन अदालत ने कहा कि इस तरह की अपील दाखिल करने की अनुमति दी जा सकती है, भले ही कोर्ट बंद हो।

    वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अनुरोध किया कि अदालतों में भीड़ नियंत्रण के पहलू पर ऐसे समय में वकीलों को अपने स्वयं के कार्यालयों से अदालत को संबोधित करने की अनुमति दी जाए, यदि उन्हें न्यायालय से संबोधित करना आवश्यक है तो कोर्ट परिसर के भीतर अलग कमरा होगा तो भी मामले में सभी वकीलों को एक स्थान पर एकत्र होने की आवश्यकता होगी।

    एसजी मेहता ने सुझाव के साथ सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि स्काइप जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के लिए किया जा सकता है।

    मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ जो कि ई-समिति के प्रमुख हैं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के पहलू पर विचार कर रहे हैं और उस के तौर-तरीकों पर निर्णय लिया जाएगा।

    कोर्ट ने कहा कि SCBA को विशिष्ट वकीलों को ही अधिकृत करना चाहिए जो कोर्ट परिसर में प्रवेश कर सकते हैं। अदालत ने साफ किया कि वकीलों के चेंबर 24 मार्च की शाम पांच बजे सील कर दिए जाएंगे।

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