ब्रेकिंग : J & K प्रशासन ने सात महीने बाद उमर अब्दुल्ला की हिरासत के आदेश वापस लिए
LiveLaw News Network
24 March 2020 11:22 AM IST
सात महीने से अधिक समय तक हिरासत में रहने के बाद, जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की निरोधात्मक हिरासत को रद्द कर दिया, पीटीआई ने सूचना दी है।
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत उनकी नजरबंदी को रद्द करने का आदेश जारी किया गया। J & K की विशेष स्थिति को हटाने के बाद, वह 5 अगस्त से हिरासत में थे।
दरअसल उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर की एक अन्य पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के खिलाफ पांच फरवरी को PSA के तहत ताजा निरोध जारी किए गए थे, जो 5 अगस्त, 2019 दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 107 के तहत छह महीने की हिरासत की अवधि समाप्त होने से ठीक पहले दिए गए।
नज़रबंदी के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
याचिका में कहा गया है कि ये हिरासत विशुद्ध रूप से राजनीतिक कारणों पर आधारित है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार की नीति के विरोध को राष्ट्रहित के नाम पर बताया जा रहा है। इसलिए, PSA के तहत हिरासत का आदेश
न्यायोचित नहीं है। याचिका के अनुसार,
ये हिरासत गैर-संवैधानिक और असंवैधानिक है।
फरवरी के दूसरे सप्ताह से ही दायर याचिका पर न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा विचार किया जा रहा है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन से पूछा था कि वो उमर अब्दुल्ला को रहा कर रहा है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट में J & K प्रशासन ने यह कहते हुए नज़रबंदी आदेश का समर्थन किया था कि वह भीड़ को प्रभावित करने वाले व्यक्ति हैं जो राज्य की विशेष स्थिति को निरस्त करने के लिए केंद्र के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन खड़ा कर सकते हैं जिसमें क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करने की क्षमता है।
जिला मजिस्ट्रेट, श्रीनगर द्वारा दायर जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि वह धारा 370 और 35A को निरस्त करने के प्रयासों के मुखर आलोचक रहे हैं और उनका भारत संघ के खिलाफ सोशल मीडिया में भड़काऊ बयान देने का इतिहास रहा है।
वैसे 13 मार्च को उमर अब्दुल्ला के पिता पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी रद्द कर दी गई थी।