कोरोना के प्रकोप के काऱण 1 अप्रैल से शुरू होने वाली एनपीआर की प्रक्रिया अगले आदेश तक स्थगित
LiveLaw News Network
25 March 2020 4:24 PM IST
COVID19 के प्रकोप के मद्देनजर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की कि 1 अप्रैल से शुरू होने वाले राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के अपडेशन की तैयारी अगले आदेश तक टाल दी गई है।
साथ ही अगले आदेश तक जनगणना 2021 का पहला चरण भी स्थगित कर दिया गया है।
बुधवार दोपहर भारत सरकार के गृह मंत्रालय के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त कार्यालय से एक प्रेस विज्ञप्ति के द्वारा यह जानकारी दी गई।
31 जुलाई, 2019 को, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 के बीच पूरे देश में (असम को छोड़कर) एनपीआर के लिए सूचना संग्रह शुरू करने के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी की थी।
एनपीआरएनपीआर का अर्थ
एनपीआर का अर्थ 'राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर' है, जिसका आधार नागरिकता कानून 1955 के तहत केंद्र सरकार द्वारा 2003 में तैयार 'नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण एवं राष्ट्रीय पहचान पत्र वितरण) नियम है।
ये वही नियम हैं जो भारतीय नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करते हैं। (इस बारे में नीचे और अधिक) संबंधित नियमावली की नियम संख्या दो(एल) में 'जनसंख्या रजिस्टर' को इस प्रकार परिभाषित किया गया है:-
'जनसंख्या रजिस्टर' का मतलब है कि ऐसा रजिस्टर जिसमें गांव या ग्रामीण इलाके या शहर अथवा वार्ड या एक शहर या शहरी इलाके के वार्ड के तहत (नागरिक पंजीयन महापंजीयक द्वारा) सीमांकित क्षेत्र के निवासियों का ब्योरा उपलब्ध हो।" महापंजीयक एवं जगनणना आयुक्त कार्यालय एनपीआर को 'देश के आम निवासियों की एक पंजी' के रूप में वर्णित करता है। एनपीआर के उद्देश्य से सामान्य निवासी वैसा व्यक्ति है जो एक स्थान पर पिछले छह माह या उससे अधिक समय तक रह चुका हो और वहां अगले छह महीने या उससे अधिक समय तक रहने का इरादा रखता हो।