संपादकीय

पवित्र कुरान के खिलाफ याचिका : 50 हजार जुर्माने के खिलाफ याचिका वापस, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की
पवित्र कुरान के खिलाफ याचिका : 50 हजार जुर्माने के खिलाफ याचिका वापस, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सैयद वसीम रिज़वी द्वारा दायर एक आवेदन को वापस लेने के चलते खारिज कर दिया, जिसमें कथित रूप से गैर- आस्था वाले लोगों के खिलाफ हिंसा का प्रचार करने वाली पवित्र कुरान की कुछ आयतों को हटाने की मांग वाली याचिका दायर करने के लिए लगाए गए 50,000 रुपये के जुर्माने को माफ करने की मांग की गई थी।पीठ को वकील ने बताया कि रिज़वी ने मामले से मुक्त कर दिया है। वकील ने पीठ को यह भी बताया कि रिज़वी ने फैसले के खिलाफ एक अलग पुनर्विचार याचिका भी दायर की...

एकतरफा तलाक़ देने वाली पत्नी यदि खुद का रखरखाव करने में असमर्थ है तो वह भरण-पोषण की हकदार है: कलकत्ता हाईकोर्ट
एकतरफा तलाक़ देने वाली पत्नी यदि खुद का रखरखाव करने में असमर्थ है तो वह भरण-पोषण की हकदार है: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत एकतरफा तलाक़ देने वाली पत्नी यदि खुद का रखरखाव करने में असमर्थ है तो वह भरण-पोषण की हकदार है।याचिकाकर्ता ने संबंधित मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, 5वीं अदालत, मुर्शिदाबाद द्वारा पारित 18 नवंबर, 2017 के एक आदेश को चुनौती दी, जिसमें याचिकाकर्ता को सीआरपीसी की धारा 125 के तहत गुजारा भत्ता देने से इनकार कर दिया गया था।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने भरण-पोषण के लिए इस तरह की प्रार्थना को इस आधार पर खारिज...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
क्या सीसीएस नियमों के तहत मातृत्व अवकाश को इस आधार पर अस्वीकार किया जा सकता है कि महिला के दो सौतेले बच्चे हैं?: सुप्रीम कोर्ट इस सवाल पर विचार करेगा

सुप्रीम कोर्ट इस प्रश्‍न पर विचार करने के लिए तैयार हो गया है कि क्या केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 1972 की व्याख्या इस प्रकार की जा सकती है कि एक महिला के सौतेले बच्चों को मातृत्व अवकाश के लाभ से वंचित करने कारण के रूप में शामिल किया जा सकता है, या मातृत्व अवकाश प्रदान करने के उद्देश्य से केवल जैविक बच्चे पर विचार किया जा सकता है।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक फैसले से पैदा हुई एक एसएलपी पर विचार कर रही थी, जिसने केंद्रीय प्रशासनिक...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
'पूर्ण बेंच द्वारा विवेक का उपयोग नहीं किया गया': सुप्रीम कोर्ट में पंजाब एंड हाईकोर्ट द्वारा 19 वरिष्ठ अधिवक्ताओं को नामित करने के निर्णय को चुनौती दी गई

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 19 वकीलों (जिसमें 2 महिला वकील शामिल हैं) को वरिष्ठ अधिवक्ताओं के रूप में नामित करने की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की अधिसूचना को चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दायर की गई है।अधिवक्ता मलक मनीष भट्ट ने याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि अधिसूचना को अवैध रूप से नियम 9 से 11 के विपरीत और इंदिरा जयसिंह मामले में जारी निर्देशों के विपरीत तैयार किया गया है।याचिका में कहा गया है कि अंकों के मानदंड, अंतिम सूचियां या सिफारिशें अवैध रूप से तैयार की गई हैं न कि अंकों/रैंकिंग और मैरिट...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
'क्या शिक्षा में जाति-आधारित आरक्षण अनंत काल के लिए है?': सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष शिक्षा में जाति आधारित आरक्षण की समाप्ति के लिए समय सीमा तय करने के निर्देश देने के लिए एक वकील द्वारा याचिका दायर की गई है।याचिकाकर्ता डॉ सुभाष विजयरन, जो एक एमबीबीएस डॉक्टर भी हैं, ने याचिका में उच्च शिक्षा विभाग के शिक्षा मंत्रालय के माध्यम से भारत सरकार को प्रतिवादी बनाया है।न्यायमूर्ति नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने 28 जून को याचिकाकर्ता द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थगन की मांग वाला एक पत्र प्रसारित किए जाने के बाद याचिका को एक सप्ताह के लिए स्थगित...

अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो ये प्रधानमंत्री पर हैं कि वो कार्य करें  : सुप्रीम कोर्ट ने वीके सिंह को केंद्रीय मंत्री पद से हटाने की याचिका खारिज की
"अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो ये प्रधानमंत्री पर हैं कि वो कार्य करें " : सुप्रीम कोर्ट ने वीके सिंह को केंद्रीय मंत्री पद से हटाने की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री, जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह द्वारा भारत-चीन एलएसी मुद्दे पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी करके शपथ भंग करने की घोषणा के लिए दाखिल जनहित याचिका को खारिज कर दिया।मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ एलएसी मुद्दे पर भारत के उल्लंघन पर तमिलनाडु के मदुरै में 7 फरवरी 2021 को वीके सिंह द्वारा दिए गए भाषण के संबंध में कार्यकर्ता चंद्रशेखरन रामासामी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सिंह ने कथित तौर पर कहा था "... कोई नहीं आप में से किसी...

दस साल का अनुभव प्राप्त अधिवक्ताओं को ट्रिब्यूनल के न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया जा सकता है: केंद्र ने ट्रिब्यूनल नियमों में संशोधन किया
दस साल का अनुभव प्राप्त अधिवक्ताओं को ट्रिब्यूनल के न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया जा सकता है: केंद्र ने ट्रिब्यूनल नियमों में संशोधन किया

केंद्र सरकार ने ट्रिब्यूनल, अपीलीय ट्रिब्यूनल और अन्य प्राधिकरण (सदस्यों की योग्यता, अनुभव और सेवा की अन्य शर्तें) नियम, 2020 में संशोधन किया, जिससे विभिन्न ट्रिब्यूनल के न्यायिक सदस्यों के रूप में दस साल का अनुभव प्राप्त अधिवक्ताओं की नियुक्ति हो सके।सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि 19 ट्रिब्यूनल में से 10 में अधिवक्ताओं को न्यायिक सदस्यों के रूप में नियुक्ति करने पर विचार न करना यूनियन ऑफ इंडिया बनाम मद्रास बार एसोसिएशन (2010) और मद्रास बार एसोसिएशन बनाम भारत संघ के निर्णयों के...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
यौन अपराध पीड़ितों के नाम का जिक्र किसी भी कार्यवाही में नहीं किया जाना चाहिए, अधीनस्थ अदालतें सावधानी बरतें : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस एमआर शाह की तीन-न्यायाधीशों की खंडपीठ ने सत्र न्यायालय के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें बलात्कार पीड़िता के नाम का उल्लेख किया गया है।बेंच ने कहा कि सभी अधीनस्थ अदालतों को सावधान रहना चाहिए कि किसी भी कार्यवाही में बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर न करें।बेंच ने कहा कि, "यह अच्छी तरह से स्थापित है कि इस तरह के मामलों में किसी भी कार्यवाही में पीड़ित के नाम का उल्लेख नहीं किया जाना है। हमारा विचार है कि सभी अधीनस्थ अदालतें ऐसे...

हम यहां राज्यपाल को सलाह देने के लिए नहीं हैं  : सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्यपाल को एमएलसी नियुक्त करने के लिए दिशा-निर्देश की याचिका खारिज की
"हम यहां राज्यपाल को सलाह देने के लिए नहीं हैं " : सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्यपाल को एमएलसी नियुक्त करने के लिए दिशा-निर्देश की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 171 के तहत महाराष्ट्र के राज्यपाल को राज्य की विधान परिषद में नामांकन के लिए मानदंड तय करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील प्राची देशपांडे से कहा कि सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल के लिए दिशानिर्देश निर्धारित नहीं कर सकता है, और संविधान में मौजूद प्रावधान में संशोधन नहीं कर सकता।"आप जो चाहते हैं उसके लिए एक अलग प्रावधान है। हम यहां राज्यपाल को सलाह देने...

किसी और की विफलता के लिए चिकित्सा पेशेवर क्यों जिम्मेदार ठहराए जा रहे हैं? : सीजेआई एनवी रमाना
"किसी और की विफलता के लिए चिकित्सा पेशेवर क्यों जिम्मेदार ठहराए जा रहे हैं?" : सीजेआई एनवी रमाना

सीजेआई एनवी रमाना ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर अपने भाषण में ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों पर हो रहे क्रूर हमलों पर चिंता व्यक्त की।सीजेआई ने कहा कि, "यह दुखद है कि ड्यूटी के दौरान हमारे डॉक्टरों पर बेरहमी से हमला किया जा रहा है। किसी और की विफलता के लिए चिकित्सा पेशेवर क्यों जिम्मेदार ठहराए जा रहे हैं?"न्यायमूर्ति रमाना ने देश में डॉक्टरों और चिकित्सा बुनियादी ढांचे के संबंध में अन्य मुद्दों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार में चिकित्सा निकायों और संबंधित एजेंसियों को इन चिंताओं को...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
अधिकारियों को बेवजह तलब करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट को आगाह करते हुए झारखंड हाईकोर्ट का आदेश खारिज किया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक अग्रिम जमानत के मामले में झारखंड हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें ''आपराधिक न्याय प्रणाली की बेहतरी'' के लिए राज्य के अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थिति होने के लिए कहा गया था। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने उपरोक्त फैसले पर आपत्ति जताई और सभी हाईकोर्ट को ऐसे मामले में ''अनावश्यक रूप से अधिकारियों को समन'' करने के लिए आगाह किया है,जो समाप्त हो गया है। खंडपीठ 9 और 13 अप्रैल 2021 के झारखंड हाईकोर्ट के आदेशों...

National Uniform Public Holiday Policy
बंटवारे के बावजूद हिंदू संयुक्त परिवार वापस लौट सकता है और संयुक्त परिवार की स्थिति को जारी रखने के लिए फिर से जुड़ सकता है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिए एक फैसले में कहा कि हिंदू संयुक्त परिवार, जिसका भले ही बंटवारा हो गया हो, वापस लौट सकता है और संयुक्त परिवार की स्थिति को जारी रखने के लिए फिर से जुड़ सकता है। जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने कहा कि पक्षकारों के कृत्यों से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि पिछले विभाजन के बाद पक्षकार फिर से जुड़ गईं।इस मामले में तीन भाइयों के बीच दिनांक 07.11.1960 का बंटवारा दर्ज किया गया। इस अपील में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष मुद्दा यह था कि क्या 1979 में खरीदी...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका के लिए अलग और पर्याप्त फंड के आवंटन की मांग वाली याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक जनहित याचिका खारिज की, जिसमें न्यायपालिका के लिए अलग और पर्याप्त फंड के आवंटन के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।सीजेआई रमाना, जस्टिस बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेश रॉय की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की बेंच जनहित याचिका की बहाली के लिए किए गए आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसे मार्च में पूर्व सीजेआई एसए बोबडे के नेतृत्व वाली शीर्ष अदालत की बेंच ने गैर अभियोजन के लिए खारिज कर दिया था।पीठ ने कहा कि, "क्षमा करें, हम नहीं चाहते कि सरकार को फंड आवंटित करने के लिए आपके...

गुलशन कुमार मर्डर: बॉम्बे हाईकोर्ट ने अब्दुल रऊफ मर्चेंट और अब्दुल राशिद को उम्रकैद की सजा सुनाई, रमेश तौरानी को बरी करने के फैसले को बरकरार रखा
गुलशन कुमार मर्डर: बॉम्बे हाईकोर्ट ने अब्दुल रऊफ मर्चेंट और अब्दुल राशिद को उम्रकैद की सजा सुनाई, रमेश तौरानी को बरी करने के फैसले को बरकरार रखा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को 2002 के ट्रायल कोर्ट के फैसले की पुष्टि करते हुए TIPS के सह-संस्थापक रमेश तौरानी को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और 1997 में टी-सीरीज़ के मालिक गुलशन कुमार की हत्या में अब्दुल रऊफ मर्चेंट को दोषी ठहराया गया।न्यायमूर्ति साधना जाधव और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने हालांकि मर्चेंट के भाई अब्दुल राशिद दाऊद मर्चेंट को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।दोनों भाइयों को आईपीसी की धारा (302), (34) और...

केवल शासक बदलने का अधिकार अत्याचार के खिलाफ गारंटी नहीं: सीजेआई एनवी रमाना
'केवल शासक बदलने का अधिकार अत्याचार के खिलाफ गारंटी नहीं': सीजेआई एनवी रमाना

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना ने बुधवार को कहा कि कुछ वर्षों में केवल एक बार शासक बदलने का अधिकार अत्याचार के खिलाफ गारंटी नहीं है।भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि,"असली में शासन चलाने की शक्ति जनता के पास ही है, यह विचार मानवीय गरिमा और स्वायत्तता की धारणाओं में भी पाए जाते हैं। एक सार्वजनिक विचाए जो तर्कसंगत और उचित दोनों है, को मानवीय गरिमा के एक अंतर्निहित पहलू के रूप में देखा जाना चाहिए और इसलिए कामकाजी लोकतंत्र उचित रूप से आवश्यक है। "सीजेआई ने इस तथ्य का उल्लेख किया कि भारत में अब...

सुप्रीम कोर्ट का हिस्सा होना गर्व की बात : जस्टिस अशोक भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में विदाई के दौरान कहा
"सुप्रीम कोर्ट का हिस्सा होना गर्व की बात" : जस्टिस अशोक भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में विदाई के दौरान कहा

सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर न्यायमूर्ति अशोक भूषण का आज आखिरी कार्यदिवस था। वह 4 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।परंपरा के मुताबिक, भारत के मुख्य न्यायाधीश की अदालत में न्यायमूर्ति अशोक भूषण के लिए एक विदाई समारोह आयोजित किया गया था।भारत के अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल, विदाई के लिए सबसे पहले बोले। उन्होंने कहा कि यह सर्वोच्च न्यायालय के लिए एक "दुखद दिन" है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने महामारी के दौरान COVID के दौरान प्रवासी श्रमिकों की की पीड़ा को कम करने के निर्देश...

सीए परीक्षा : ऑप्ट-आउट के लिए आर-पीसीआर की जरूरत नहीं, छात्र अपने या परिजन को COVID संबंधी परेशानी होने पर ऑप्ट-आउट विकल्प ले सकते हैं : सुप्रीम कोर्ट
सीए परीक्षा : ऑप्ट-आउट के लिए आर-पीसीआर की जरूरत नहीं, छात्र अपने या परिजन को COVID संबंधी परेशानी होने पर ऑप्ट-आउट विकल्प ले सकते हैं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) को निर्देश दिया कि वह 5 जुलाई से शुरू होने वाली सीए परीक्षा में उम्मीदवार को "ऑप्ट-आउट" विकल्प दे,जो उसके लिए COVID से संबंधित कठिनाइयों के लिए अपने या परिवार के सदस्य के लिए एक पंजीकृत चिकित्सक द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे।न्यायालय ने "ऑप्ट-आउट" विकल्प की मांग के लिए आरटी-पीसीआर प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की आईसीएआई की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा, "हम यह स्पष्ट...

COVID-19 पीड़ितों के परिजन मुआवजे के हकदार; सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमए को 6 सप्ताह के भीतर दिशानिर्देश तैयार करने के निर्देश दिए
COVID-19 पीड़ितों के परिजन मुआवजे के हकदार; सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमए को 6 सप्ताह के भीतर दिशानिर्देश तैयार करने के निर्देश दिए

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का संवैधानिक दायित्व है कि वह COVID-19 महामारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए मुआवजा की सिफारिश करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करें।कोर्ट ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 12 राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से राष्ट्रीय आपदा के पीड़ितों के लिए न्यूनतम राहत की सिफारिश करने के लिए एक वैधानिक दायित्व डालती है। इस तरह की न्यूनतम राहत में धारा 12 (iii) के अनुसार अनुग्रह राशि भी शामिल है।कोर्ट ने केंद्र...