संपादकीय

सुप्रीम कोर्ट के नए जजों की सूची में जस्टिस कुरैशी का न होना परेशान करने वाले सवाल उठाता है
सुप्रीम कोर्ट के नए जजों की सूची में जस्टिस कुरैशी का न होना परेशान करने वाले सवाल उठाता है

सुप्रीम कोर्ट में जजों की नौ नई नियुक्तियों की मौजूदा सूची में जस्टिस अकील कुरैशी की अनुपस्थिति चर्चा का ज्वलंत विषय बन गई है। जस्टिस कुरैशी से जुड़ा विवाद पहली बार 2018 में सामने आया था। तब वे तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश सुभाष रेड्डी की पदोन्नति के बाद इसके वरिष्ठतम न्यायाधीश के रूप में गुजरात हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनने वाले थे। हालांकि उन्हें बॉम्बे हाईकोर्टमें स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उन्हें पांचवें नंबर का निम्न वरिष्ठता का पद लेना था। गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने...

युवा वकील मध्यस्थता में ईमानदारी दिखाते हैं, न्यूनतम लागत में कम समय में कार्यवाही पूरी करते हैं : सुप्रीम कोर्ट
'युवा वकील मध्यस्थता में ईमानदारी दिखाते हैं, न्यूनतम लागत में कम समय में कार्यवाही पूरी करते हैं' : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को टिप्पणी की कि यह वैकल्पिक विवाद समाधान के हित में हो सकता है, जहां संभव हो, युवा वकीलों को मध्यस्थ के रूप में नियुक्त किया जाए, जो न केवल परिश्रम से काम करते हैं बल्कि न्यूनतम लागत पर काम करने के इच्छुक हैं।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ एक ऐसे मामले की सुनवाई कर रही थी, जहां पक्षकारों ने मध्यस्थ, पूर्व उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश पर अपनी शिकायत की कि वो कार्यवाही को स्थगित और घसीटते रहे, लेकिन हर सुनवाई में शुल्क बढ़ाते हुए, दोनों पक्षों पर...

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग 43: विनिमय क्या होता है? विनिमय की परिभाषा (धारा 118)
संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 भाग 43: विनिमय क्या होता है? विनिमय की परिभाषा (धारा 118)

संपत्ति अंतरण अधिनियम एक विशाल अधिनियम है। जैसा कि कहा जाता है जिस प्रकार आपराधिक विधानों में भारतीय दंड संहिता का महत्व है उसी प्रकार सिविल विधि में संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 का महत्व है जो अनेकों प्रकार के अधिकारों का उल्लेख कर रहा है। जैसा कि इससे पूर्व के आलेखों में संपत्ति अंतरण के माध्यमों में अनेक माध्यमों पर चर्चा की जा चुकी है जिसमें विक्रय पर चर्चा की गई पट्टे पर चर्चा की गई। इसी प्रकार संपत्ति अंतरण का एक माध्यम विनिमय भी होता है। विनिमय के माध्यम से भी संपत्ति का अंतरण किया जा सकता...

वकीलों को गर्मी में काला कोट और गाउन पहनने से छूट दी जाए: सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
वकीलों को गर्मी में काला कोट और गाउन पहनने से छूट दी जाए: सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में गर्मियों के महीनों में वकीलों को काला कोट और गाउन पहनने से छूट की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।अधिवक्ता शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने रिट याचिका दायर कर बार काउंसिल ऑफ इंडिया को अपने नियमों में संशोधन करने का निर्देश देने की मांग की है ताकि अधिवक्ताओं को गर्मियों के महीनों में काला कोट और गाउन पहनने से छूट मिल सके।अधिवक्ता त्रिपाठी ने आगे प्रत्येक राज्य की बार काउंसिल को अपने नियमों में संशोधन करने और उस विशेष राज्य के लिए प्रचलित गर्मी के महीनों...

सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर से फिज़िकल हियरिंग (हाइब्रिड विकल्प के साथ) की बहाली के लिए एसओपी अधिसूचित की
सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर से फिज़िकल हियरिंग (हाइब्रिड विकल्प के साथ) की बहाली के लिए एसओपी अधिसूचित की

सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर, 2021 से फिज़िकल हियरिंग (भौतिक रूप से सुनवाई) (हाइब्रिड विकल्प के साथ) की चरणबद्ध बहाली के दौरान पालन की जाने वाली मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) अधिसूचित की है।फिज़िकल सुनवाई में सुने जाने वाले मामले गैर-विविध दिनों में सूचीबद्ध अंतिम सुनवाई/नियमित मामलों (फाइनल हियरिंग/रेगुलर सुनवाई) को फिज़िकल मोड (हाइब्रिड विकल्प के साथ) में सुना जा सकता है।अंतिम सुनवाई/नियमित मामले (फाइनल हियरिंग/रेगुलर सुनवाई) जहां पक्षकारों के अधिवक्ताओं की संख्या न्यायालय कक्षों की औसत कार्य...

पूर्व मुख्य न्यायाधीश गोगोई को किस आधार पर राज्यसभा सदस्यता दी? : पूर्व सीजेआई की राज्यसभा सदस्यता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
"पूर्व मुख्य न्यायाधीश गोगोई को किस आधार पर राज्यसभा सदस्यता दी?" : पूर्व सीजेआई की राज्यसभा सदस्यता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

संसद के उच्च सदन ( राज्यसभा) में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को संसद सदस्य (Council of States) के रूप में नामित करने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है।याचिका में प्रतिवादी (गोगोई) के खिलाफ यथास्थिति वारंट जारी करने की मांग की गई है, जिसमें उन्हें यह दिखाने के लिए कहा गया है कि किस अधिकार, योग्यता और टाइटल के आधार पर वह संविधान के अनुच्छेद 80 (1) (ए) सहपठित अनुच्छेद (3) के तहत नामांकन द्वारा राज्यसभा की सदस्यता प्राप्त कर सकते हैं। संविधान के अनुसार...

मार्च 2020 के बाद माता-पिता दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों की फीस राज्यों को वहन करनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
मार्च 2020 के बाद माता-पिता दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों की फीस राज्यों को वहन करनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2020 में COVID-19 की शुरुआत के बाद अपने माता-पिता में से किसी एक को या दोनों को खो देने वाले बच्चों की निर्बाध शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों से कहा है कि अगर प्राइवेट स्कूल इनकी फीस को माफ करने के इच्छुक नहीं हैं, तो उनकी फीस का बोझ वे खुद वहन करें।कोर्ट ने आदेश दिया,"मार्च 2020 के बाद माता-पिता दोनों या दोनों में से किसी एक को खो चुके बच्चों की फीस को माफ करने के लिए राज्य सरकारें प्राइवेट स्कूलों को चालू शैक्षणिक वर्ष के लिए कहेगी। यदि प्राइवेट स्कूल इस तरह...

सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

सुप्रीम कोर्ट में 23 अगस्त 2021 से 27 अगस्त 2021 के बीच कुछ चुनिंदा ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।"विभिन्न अदालतों में सीनियर डेसिग्नेशन के बारे में कुछ समस्याएं हैं " : सीनियर डेसिग्नेशन की प्रक्रिया से जुड़े मुद्दों पर जल्द विचार करेगा सुप्रीम कोर्टभारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना ने सोमवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट सीनियर डेसिग्नेशन (वरिष्ठ पदनाम) की प्रक्रिया से जुड़े मुद्दों पर जल्द विचार करेगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि एक या दो सप्ताह के भीतर इस संबंध में "कुछ घटनाक्रम" होंगे।सीजेआई ने यह...

एक जज को यह देखना चाहिए कि किसी भी कीमत पर न्याय सुनिश्चित हो : जस्टिस अभय ओका ने अपने विदाई भाषण में कहा
एक जज को यह देखना चाहिए कि किसी भी कीमत पर न्याय सुनिश्चित हो : जस्टिस अभय ओका ने अपने विदाई भाषण में कहा

कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अभय ओका ने शुक्रवार को अपने विदाई भाषण में कहा, "एक न्यायाधीश को कठोर हुए बिना सख्त और अडिग हुए बिना बहुत दृढ़ होना चाहिए। न्यायाधीश को किसी को खुश करने के लिए कुछ नहीं करना चाहिए, बल्कि उसे देखना चाहिए कि किसी भी कीमत पर न्याय हो।"न्यायमूर्ति ओका को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया है। वे हाईकोर्ट और कर्नाटक राज्य बार काउंसिल द्वारा आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि,"एक न्यायाधीश के रूप में 18 साल से अधिक काम करने के बाद मैंने महसूस किया...

उच्च न्यायालय के कर्मचारियों के लिए एक समान वेतन की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
उच्च न्यायालय के कर्मचारियों के लिए एक समान वेतन की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूरे भारत में उच्च न्यायालय के कर्मचारियों के लिए एक उपयुक्त वेतन संरचना (pay structure) और कुल कुल मेहनताना की स्थिति की जांच करने और इसे विकसित करने के निर्देश देने की मांग करने वाली एक याचिका पर नोटिस जारी किया।न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश जारी किया, जिसमें पूरे भारत में उच्च न्यायालय के कर्मचारियों के वेतन और सेवा की स्थिति और वर्तमान काम करने की स्थिति की समीक्षा के लिए एक स्थायी तंत्र की मांग...

वकीलों द्वारा हड़तालों और अदालत के बहिष्कार को रोकने के लिए नियम बनाने का प्रस्ताव, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
वकीलों द्वारा हड़तालों और अदालत के बहिष्कार को रोकने के लिए नियम बनाने का प्रस्ताव, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह वकीलों द्वारा हड़तालों और अदालत के बहिष्कार को रोकने के लिए नियम बनाने और उल्लंघन करने वाली बार एसोसिएशनों और सोशल मीडिया के माध्यम से इस तरह की हड़ताल को बढ़ावा देने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव कर रहा है।न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ को बीसीआई के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि उसने इस संबंध में सभी बार काउंसिल के साथ बैठक बुलाई है।मिश्रा ने पीठ से...

महात्मा गांधी का सपना था कि महिलाएं आधी रात को चलने में सुरक्षित महसूस करें: उड़ीसा हाईकोर्ट ने पॉक्सो के तहत आरोपी की सजा को बरकरार रखा
महात्मा गांधी का सपना था कि महिलाएं आधी रात को चलने में सुरक्षित महसूस करें: उड़ीसा हाईकोर्ट ने पॉक्सो के तहत आरोपी की सजा को बरकरार रखा

उड़ीसा हाईकोर्ट ने हाल ही में 13 साल की नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के लिए POCSO के तहत एक व्यक्ति की सजा को बरकरार रखते हुए कहा कि मोहनदास करमचंद गांधी का सपना था कि महिलाएं आधी रात को भारत की सड़कों पर चलने में सुरक्षित महसूस करती करें। मगर "यह बात वास्तविकता में कहीं दिखाई नहीं पड़ रही" है।न्यायमूर्ति एस के साहू की खंडपीठ ने विशेष रूप से कहा:"जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस और कई अन्य जैसे महान सपूतों के साथ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व...

एनडीपीएस अधिनियम - एक पार्टी में दूसरे के लिए ड्रग्स खरीदना किसी को ड्रग पेडलर नहीं बनाता है: बॉम्बे हाईकोर्ट
एनडीपीएस अधिनियम - एक पार्टी में दूसरे के लिए ड्रग्स खरीदना किसी को ड्रग पेडलर नहीं बनाता है: बॉम्बे हाईकोर्ट

कोर्ट ने पहली बार अपराध करने वाले दो अपराधियों के लिए एक सुधारात्मक दृष्टिकोण अपनाया और टिप्पणी की कि आज के युवा "अभी या कभी नहीं" के रवैये से अपने कार्यों के परिणामों का अंदाजा नहीं लगा सकते हैं।बॉम्बे हाईकोर्ट ने ड्रग्स रखने और सेवन करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दो युवकों को यह कहते हुए जमानत दे दी कि किसी पार्टी में किसी अन्य व्यक्ति के लिए ड्रग्स खरीदने के कारण उसे ड्रग पेडलर नहीं बनाया जाएगा और उसकी जमानत के खिलाफ प्रथम दृष्टया एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 की कठोरता लागू नहीं...

जस्टिस बीवी नागरत्ना बन सकती हैं भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश, उन्होंने समाज कल्याण के कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए
जस्टिस बीवी नागरत्ना बन सकती हैं भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश, उन्होंने समाज कल्याण के कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए

भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश के लंबे इंतजार का अंत जस्टिस बीवी नागरत्ना के साथ हो सकता है। वह वरिष्ठता सूची के अनुसार सितंबर, 2027 में CJI बन सकती हैं। हालांकि CJI के रूप में उनका कार्यकाल केवल 36 दिनों का ही होगा, यदि नियुक्तियां वरिष्ठता के अनुसार होती रहीं।भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ईएस वेंकटरमैया की बेटी जस्टिस नागरत्ना को 1987 में बैंगलोर बार में शाामिल किया गया था। उन्हें 18-2-2008 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त जज के रूप में और 17-02-2010 को स्थायी जज के रूप में नियुक्त...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉक्टर कफील खान के खिलाफ एंटी सीएए भाषण पर दर्ज आपराधिक कार्यवाही रद्द की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉक्टर कफील खान के खिलाफ एंटी सीएए भाषण पर दर्ज आपराधिक कार्यवाही रद्द की

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को डॉक्टर कफील खान को एक बड़ी राहत देते हुए दिसंबर 2019 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक विरोध प्रदर्शन में सीएए और एनआरसी के बारे में दिए गए उनके भाषण पर उनके खिलाफ लंबित आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी।न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने उनके कथित भड़काऊ भाषण के बाद शुरू की गई पूरी आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अलीगढ़ के संज्ञान आदेश को रद्द कर दिया।इसी मामले में यूपी सरकार द्वारा डॉ. खान के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून...