सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर से फिज़िकल हियरिंग (हाइब्रिड विकल्प के साथ) की बहाली के लिए एसओपी अधिसूचित की

LiveLaw News Network

29 Aug 2021 1:43 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर से फिज़िकल हियरिंग (हाइब्रिड विकल्प के साथ) की बहाली के लिए एसओपी अधिसूचित की

    सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर, 2021 से फिज़िकल हियरिंग (भौतिक रूप से सुनवाई) (हाइब्रिड विकल्प के साथ) की चरणबद्ध बहाली के दौरान पालन की जाने वाली मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) अधिसूचित की है।

    फिज़िकल सुनवाई में सुने जाने वाले मामले

    गैर-विविध दिनों में सूचीबद्ध अंतिम सुनवाई/नियमित मामलों (फाइनल हियरिंग/रेगुलर सुनवाई) को फिज़िकल मोड (हाइब्रिड विकल्प के साथ) में सुना जा सकता है।

    अंतिम सुनवाई/नियमित मामले (फाइनल हियरिंग/रेगुलर सुनवाई) जहां पक्षकारों के अधिवक्ताओं की संख्या न्यायालय कक्षों की औसत कार्य क्षमता (लगभग 20 रूम) से अधिक है, उनकी सुनवाई वीडियो/टेली-कॉन्फ्रेंसिंग मोड के माध्यम से की जाएगी।

    यदि न्यायालय ऐसे मामलों की सुनवाई फिज़िकल हियरिंग के माध्यम से करने का निर्देश देता है तो पक्षकारों की उपस्थिति, चाहे फिज़िकल उपस्थिति से हो या वीडियो/टेली-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हो, उसे सुगम किया जाएगा।

    इसके अतिरिक्त, किसी भी अन्य मामले की सुनवाई ऐसे दिनों में फिजिकल मोड में की जा सकती है, यदि संबंधित बेंच इसी तरह निर्देश देती है।

    विविध दिनों में सूचीबद्ध मामलों सहित अन्य सभी मामलों की सुनवाई वीडियो/टेलीकांफ्रेंसिंग के माध्यम से जारी रहेगी।

    हियरिंग मोड कैसे चुनें?

    फिज़िकल सुनवाई (हाइब्रिड विकल्प के साथ) के लिए सूचीबद्ध मामले में किसी पक्षकार के लिए उपस्थित होने वाले सभी वकील या तो फिज़िकल मोड के माध्यम से या वीडियो/टेली-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हो सकते हैं।

    एडवोकेट्स ऑन-रिकॉर्ड (एओआर) के लिए आवश्यक है कि वे अंतिम सुनवाई/नियमित मामलों (फाइनल हियरिंग/रेगुलर सुनवाई) की साप्ताहिक सूची का प्रकाशन के बाद एससीआई पोर्टल पर खुद को रजिस्टर्ड करें और 24 घंटे पहले/ अगले दिन / 1:00 बजे तक फिज़िकल मोड के माध्यम से या वीडियो / टेलीकांफ्रेंसिंग मोड के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश होने के लिए अपनी प्राथमिकताएं प्रस्तुत करें।

    एओआर/पिटिशनर-इन-पर्सन (याचिकाकर्ता) द्वारा फिज़िकल मोड के माध्यम से सुनवाई का विकल्प चुनने के बाद संबंधित पक्ष को वीडियो/टेली-कॉन्फ्रेंसिंग मोड के माध्यम से सुनवाई की सुविधा नहीं होगी।

    कोर्ट में कौन प्रवेश कर सकता है?

    फिज़िकल सुनवाई (हाइब्रिड विकल्प के साथ) के लिए सूचीबद्ध मामले में कोई एओआर [या उसके द्वारा नामित कोई अधिवक्ता], एक बहस करने वाले वकील और प्रति पक्ष एक जूनियर वकील को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। प्रति पक्षकार एक रजिस्टर्ड क्लर्क, जैसा कि एओआर द्वारा चुना जा सकता है, उसे वकीलों की पेपरबुक/जर्नल आदि को कोर्ट-रूम तक ले जाने की अनुमति दी जाएगी।

    फिज़िकल सुनवाई के लिए पेश होने के लिए एचएसजेड में वकीलों/पक्षकारों का प्रवेश दैनिक "विशेष सुनवाई पास" के माध्यम से होगा, जो पोर्टल पर संबंधित एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड द्वारा प्राधिकरण के आधार पर रजिस्ट्री द्वारा जारी किया जाएगा।

    किसी भी न्यायालय कक्ष की क्षमता के अनुसार किसी मामले में पक्षकारों के प्रवेश की अनुमति, उस मामले की सुनवाई शुरू होने से दस मिनट पहले नहीं दी जाएगी।

    फिज़िकल सुनवाई के लिए एक से अधिक मामलों के मामले में

    फिज़िकल रूप से सुनवाई के लिए एक से अधिक मामलों वाले अधिवक्ताओं को प्रत्येक मामले के लिए अलग-अलग विशेष सुनवाई पास जारी किए जाएंगे और एक मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद वे अगले मामले में पेश होने के लिए निर्दिष्ट स्टेजिंग/प्रतीक्षा क्षेत्र (क्षेत्रों) में प्रतीक्षा कर सकते हैं।

    इसके अलावा बेंच के विवेक पर कोर्ट रूम में सुनवाई के दौरान फिज़िकल मोड में लगभग 15 मिनट की अवधि के लिए ब्रेक हो सकता है, ताकि कोर्ट रूम को साफ किया जा सके, जिसके दौरान यह आवश्यक है कि पूरे कोर्ट रूम को खाली कर दिया जाए।

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