संपादकीय
" आप सूरज के नीचे सब कुछ नहीं मांग सकते" : सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 के कार्यान्वयन को लेकर दाखिल याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारत संघ द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 के कार्यान्वयन के लिए प्रार्थना करने वाली एक रिट याचिका का निपटारा कर दिया।हालांकि पीठ ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की स्वतंत्रता देने की इच्छा जताई ताकि एक नई याचिका तैयार की जा सके जिसमें संतोषजनक दलीलों का बोझ विधिवत रूप से निर्वहन किया गया हो।रिट याचिका में एक साथ पश्चिम बंगा खेत मजदूर समिति बनाम पश्चिम बंगाल राज्य [( 1996) 4 SCC 37], में अदालत द्वारा पारित निर्देशों को लागू करने की भी मांग की गई थी।...
सुप्रीम कोर्ट ने शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव की प्रक्रिया की अधिसूचना के लिए तमिलनाडु राज्य चुनाव आयोग को 4 महीने का अंतिम विस्तार दिया
यह कहते हुए कि विस्तार की मांग के कारण 'मूर्खतापूर्ण' थे, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्य में शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव की प्रक्रिया की अधिसूचना के लिए तमिलनाडु राज्य चुनाव आयोग को 4 महीने का विस्तार देने पर सहमति व्यक्त की।भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने आयोग द्वारा दायर एक विविध आवेदन में निर्देश जारी किया जिसमें राज्य के 9 नवनिर्मित जिलों में ग्रामीण निकायों के चुनाव कराने और तमिलनाडु राज्य में शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव की...
केवल कॉर्पोरेट मामले प्राथमिकता सूची में नहीं होने चाहिए; हमें कमजोर वर्ग को भी प्राथमिकता देनी होगी: सीजेआई रमाना
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना ने सोमवार को कहा कि उल्लेख प्रणाली को सुव्यवस्थित किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अकेले कॉर्पोरेट मामले प्राथमिकता सूची में न हों।सीजेआई ने कहा,"हम (उल्लेख) प्रणाली को सुव्यवस्थित कर रहे हैं। ये सभी कॉर्पोरेट लोग अपने मामलों का उल्लेख करना शुरू कर देते हैं और अन्य मामले बैकस्टेज में चले जाते हैं। आपराधिक अपील और अन्य मामले भी लंबित हैं। हमें अन्य लोगों यानी कमजोर वर्ग भी को प्राथमिकता देनी होगी।"सीजेआई ने इससे पहले कहा था कि वरिष्ठ और कनिष्ठ...
सेवानिवृत्ति से विभाग अधिकारी के 'सोल आर्बिटेटर' के रूप में नियुक्ति का आदेश समाप्त नहीं होगा: सुप्रीम कोर्ट ने 1998 के अवार्ड को बहाल किया
मध्यस्थता अधिनियम, 1940 से उत्पन्न एक अपील का निर्णय करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि एक विभाग अधिकारी, जिसे मध्यस्थ के रूप में नियुक्त किया गया था, अपनी सेवानिवृत्ति के बाद भी मध्यस्थता कार्यवाही की अध्यक्षता करना जारी रख सकता है।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ इस सवाल पर विचार कर रही थी कि "यदि विभाग के एक अधिकारी को मध्यस्थता उपबंध पर विचार करने के लिए मध्यस्थ के रूप में नियुक्त किया जाता है, तो क्या मध्यस्थता की कार्यवाही जारी रखने का आदेश उसकी सेवानिवृत्ति के बाद...
आईडी अधिनियम – यह साबित करने का भार कर्मचारी पर होता है कि बर्खास्तगी के बाद उसने लाभप्रद रूप से नियोजित नहीं किया गया था: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 24 सितंबर को कहा कि क्या कोई कर्मचारी अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश के बाद लाभप्रद रूप से नियोजित नहीं होने के भार का निर्वहन करने में सक्षम रहा है या नहीं, यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे प्रत्येक मामले में रिकॉर्ड पर रखे गये तथ्यों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है। (राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय बनाम सुधीर शर्मा एवं अन्य)कोर्ट एक कर्मचारी की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के संबंध में औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत मुकदमे से उत्पन्न एक मामले की सुनवाई कर रहा था।न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और...
निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 भाग 26: परक्राम्य लिखत में तात्विक परिवर्तन (धारा 87)
परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 (Negotiable Instruments Act, 1881) के अंतर्गत धारा 86 तात्विक परिवर्तन से संबंधित प्रावधानों पर प्रकाश डालती है तथा अपने नियमों को प्रस्तुत करती है। परक्राम्य लिखत में किसी प्रकार की कूटरचना न हो तथा कोई हेरफेर नहीं की जा सके इस उद्देश्य से परिवर्तन से संबंधित भी नियम प्रस्तुत किए गए है। कौन से परिवर्तन तात्विक परिवर्तन हो सकते हैं इसका उल्लेख इस धारा के अंतर्गत किया गया है। इस धारा का महत्व यही है कि यह धारा ऐसे परिवर्तनों का उल्लेख करती है जो किसी परक्राम्य लिखत को...
महिलाओं को न्यायपालिका में 50% आरक्षण की मांग करनी चाहिए, परोपकार के रूप में नहीं बल्कि अधिकार के रूप में: सीजेआई रमाना
मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमाना ने कार्ल मार्क्स के विचारों से प्रेरित होकर टिप्पणी की कि दुनिया की महिलाओं को एकजुट होना चाहिए क्योंकि उनके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है, लेकिन जंजीरें तोड़ना जरूरी है।उन्होंने कहा कि महिलाओं को 50% आरक्षण की मांग करनी चाहिए, परोपकार के रूप में नहीं बल्कि अधिकार के रूप में। उन्होंने हजारों वर्षों से महिलाओं के दमन को स्वीकार करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हमें सर्वोच्च न्यायालयों और अन्य अधीनस्थ न्यायालयों में इस लक्ष्य को महसूस करना चाहिए और उस तक पहुंचना...
न्यायाधीशों को फिज़िकल रूप से सुनवाई करने में कोई समस्या नहीं है और दशहरा के बाद हम इसे फिर शुरू कर सकते हैं : सीजेआई रमाना
सुप्रीम कोर्ट की महिला अधिवक्ताओं द्वारा रविवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों के सम्मान में आयोजित सम्मान समारोह में बोलते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश एनसी रमाना ने कहा कि न्यायाधीशों को अदालतों के भौतिक रूप से खुलने से कोई समस्या नहीं है और उम्मीद जताई कि दशहरे के बाद अदालतों की फिज़िकल सुनवाई फिर से शुरू होगी।सीजेआई ने कहा,"मुझे इससे कोई समस्या नहीं है, यहां तक कि महामारी के समय भी मैं तैयार था ... अधिकांश वकील किसी भी कारण से इसे (फिज़िकल सुनवाई) पसंद नहीं कर रहे...
एन आई एक्ट की धारा 138 : यदि चेक पर हस्ताक्षर स्वीकार किया जाता है, धारा 139 के तहत अनुमान लगाया जाएगा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि चेक पर हस्ताक्षर स्वीकार किया जाता है, तो नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 139 के तहत यह अनुमान लगाया जाएगा कि कानूनी रूप से लागू करने योग्य ऋण के निर्वहन में चेक जारी किया गया था। इस तरह के अनुमान लगाए जाने पर, आरोपी के लिए इसका खंडन करना अनिवार्य है।भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ एएस बोपन्ना ने कहा,"..यह स्पष्ट है कि चेक पर हस्ताक्षर स्वीकार किए जाने पर, धारा 139 के तहत एक अनुमान लगाया जाएगा कि चेक ऋण...
"यह वादियों की कमर तोड़ता है, अपमानित करता है और न्याय की हत्या करता है": सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों से 'तारीख पर तारीख देने की संस्कृति' से बाहर निकलने का आग्रह किया
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पारित एक आदेश में, अदालतों से नियमित तरीके से बार-बार स्थगन न देने का आग्रह किया है।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना ने कहा कि अब समय आ गया है कि कार्य संस्कृति को बदलें और स्थगन संस्कृति से बाहर निकलें ताकि न्याय वितरण प्रणाली में वादियों का विश्वास और आस्था समाप्त न हो जाए और कानून का शासन बना रहे।कोर्ट ने कहा कि बार-बार स्थगन से वादियों की कमर टूट जाती है और परिणामस्वरूप वे न्याय वितरण प्रणाली में विश्वास खो देते हैं। बेंच ने टिप्पणी की कि एक न्यायिक अधिकारी...
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (20 सितंबर 2021 से 24 सितंबर 2021) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं, सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप।पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।NEET-AIQ में कोटा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने का मामला : सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी खारिज कीसुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश की टिप्पणियों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि NEET-अखिल भारतीय कोटा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों...
हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह के खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
देशभर के विभिन्न हाईकोर्ट में पिछले सप्ताह (20 सितंबर 2021 से 24 सितंबर 2021 तक) क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं हाईकोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।"आपने वर्दी पहनी है सिर्फ इसलिए बहाना नहीं बना सकते": दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारी से पूछा कि किसने गलत स्टेटस रिपोर्ट दर्ज कीदिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी को फटकार लगाई। इस अधिकारी ने अदालत के समक्ष दायर की जाने वाली गलत स्टेटस रिपोर्ट पर हस्ताक्षर किए थे।दिल्ली...
निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 भाग 25: लिखत के पक्षकारों का दायित्व से उन्मोचन कब होता है (धारा 82)
परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 (Negotiable Instruments Act, 1881) के अंतर्गत धारा 82 पक्षकारों के दायित्व से उन्मोचन के संबंध में उल्लेख करती है जैसे कि पूर्व के आलेखों में पक्षकारों के दायित्व से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख किया गया था। इस आलेख के अंतर्गत धारा 82 में उल्लेखित की गई उन परिस्थितियों का वर्णन किया जा रहा है जिनके अनुसार पक्षकारों के दायित्व का उन्मोचन हो जाता है।परक्राम्य लिखतों के सम्बन्ध में उन्मुक्ति निम्नलिखित दो तरह से प्रयुक्त की जाती है-1:- लिखत की स्वयं में उन्मुक्ति।2:-...
अदालती प्रथाएं और भाषाएं पारंपरिक समाजों के लिए एलियन; न्याय प्रणाली को लोगों के अनुकूल बनाने की जरूरत : सीजेआई एनवी रमाना
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना ने शनिवार को "न्यायपालिका के भारतीयकरण" के बारे में अपने विचार दोहराए और न्याय वितरण प्रणाली को "लोगों के लिए अनुकूल" बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। कटक में उड़ीसा राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के नए भवन के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारे न्यायालयों की प्रथाएं और भाषाएं पारंपरिक समाजों के लिए अलग हैं।उन्होंने कहा, "स्वतंत्रता के 74 वर्षों के बाद भी पारंपरिक और कृषि प्रधान समाज, जो प्रथागत जीवन शैली का पालन कर रहे हैं, अभी भी अदालतों का दरवाजा...
निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 भाग 24: संदाय(पेमेंट) किसे किया जाना चाहिए (धारा 78)
परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 (Negotiable Instruments Act, 1881) के अंतर्गत धारा 78 में संदाय किसे किया जाए इससे संबंधित प्रावधानों को उल्लेखित किया गया है। जैसा कि पूर्व के आलेख में यह उल्लेख किया गया है कि परक्राम्य में लिखत अधिनियम मूल रूप से तीन प्रकार के लिखत से संबंधित है तथा उन लिखतों में संदाय किए जाने का वचन होता है न कि संदाय होता है। संदाय किसे किया जाएगा इससे संबंधित प्रावधानों का विस्तारपूर्वक उल्लेख अधिनियम की धारा 78 के अंतर्गत प्राप्त होता है। यह आलेख के अंतर्गत इसी धारा पर...
ट्रिब्यूनल की आधिकारिक वेबसाइटों पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरें और केंद्र सरकार के बैनर
सुप्रीम कोर्ट से भेजे गए आधिकारिक ईमेल के फ़ुटर में केंद्र सरकार की टैगलाइन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।ऐसा लगता है कि तस्वीरों और बैनरों को डिफ़ॉल्ट रूप से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान सेंटर द्वारा रखा गया है, जो न्यायालय के आधिकारिक डोमेन को संभालता है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) को आधिकारिक अदालत के मेल से पीएम मोदी की तस्वीरें और केंद्र सरकार के बैनर को हटाने निर्देश जारी किया।कोर्ट के निर्देश के...
सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामलों में ' बाइज्जत बरी' की अनुपस्थिति के आधार पर न्यायिक अधिकारी की उम्मीदवारी को रद्द करने को बरकरार रखा
न्यायिक अधिकारी की साख और पृष्ठभूमि के बारे में आम आदमी की धारणा महत्वपूर्ण है, सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामलों में ' बाइज्जत बरी' की अनुपस्थिति के आधार पर न्यायिक अधिकारी के पद पर एक उम्मीदवार की गैर नियुक्ति को बरकरार रखते हुए कहा।जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा कि सबसे उपयुक्त व्यक्तियों को न्यायिक अधिकारी के पद पर काबिज होना चाहिए, क्योंकि वे राज्य के सबसे महत्वपूर्ण कार्य करते हैं।इस मामले में, सिविल जज के पद पर आवेदन करने वाले उम्मीदवार ने स्वेच्छा से खुलासा किया...
यदि क्षेत्राधिकार के अभाव में आदेश को चुनौती दी जाती है तो वैकल्पिक उपाय का अस्तित्व रिट क्षेत्राधिकार के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाता है: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि कोई वैकल्पिक उपाय मौजूद है, तो भी एक हाईकोर्ट अपने रिट अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर सकता है यदि अथॉरिटी के आदेश को अधिकार क्षेत्र के अभाव में चुनौती दी जाती है, जो कि कानून का एक विशुद्ध प्रश्न है।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जटिस विक्रम नाथ और जस्टिस बीवी नागरत्न की बेंच ने कहा, "यद्यपि एक हाईकोर्ट आम तौर पर संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अपने रिट अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करेगा, यदि एक प्रभावी और प्रभावशाली वैकल्पिक उपाय उपलब्ध है, लेकिन वैकल्पिक उपाय होना कुछ...
निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 भाग 23: उपस्थापन कब अनावश्यक होता है (धारा 76)
परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 (Negotiable Instruments Act, 1881) इससे पूर्व के आलेख में उपस्थापन से संबंधित प्रावधानों पर चर्चा की गई थी। उपस्थापन कब आवश्यक नहीं होता है यह भी एक महत्वपूर्ण विषय है। पराक्रम लिखत अधिनियम की धारा 76 के अंतर्गत इस बात का उल्लेख किया गया है कि उपस्थापन कब आवश्यक नहीं होता है। इस आलेख के अंतर्गत उन सभी परिस्थितियों का उल्लेख किया जा रहा है जिन परिस्थितियों के अंतर्गत उपस्थापन आवश्यक नहीं होता है।परक्राम्य लिखत अधिनियम धारा 76 में उन परिस्थितियों को उपबन्धित किया गया है...
अवध बार एसोसिएशन चुनाव: सुप्रीम कोर्ट ने नए सिरे से चुनाव कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने अवध बार एसोसिएशन के चुनाव प्रक्रिया को रद्द करने और कुछ प्रतिबंध लगाने और नए सिरे से चुनाव करानेके इलाहाबाद हाईकोर्ट के 24 अगस्त और 27 अगस्त के आदेश का विरोध करने वाली विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज किया।इस मामले की सुनवाई जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने की। एचसी के निर्देशों के खिलाफ एसएलपी को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि खारिज करने के कारणों को बाद में बताया जाएगा।पीठ ने कहा, "विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज की जाती हैं। आदेश का पालन किया जाए।" याचिकाकर्ताओं...