अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने और उसमें केंद्र और राज्‍य सरकार के सुन्नी सदस्यों को नामित करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर

LiveLaw News Network

27 Aug 2020 3:29 AM GMT

  • National Uniform Public Holiday Policy

    Supreme Court of India

    सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) में केंद्र सरकार को अयोध्या में म‌स्जिद निर्माण के लिए एक ट्रस्ट, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के सुन्नी मुस्लिम समुदाय से संबंधित सदस्य शामिल हों, बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है।

    एडवोकेट शिशिर चतुर्वेदी और करुणेश कुमार शुक्ला द्वारा दायर याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया है कि केंद्र सरकार को अयोध्या भूमि विवाद मामले में आए फैसले, जिसमें सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को एक मस्जिद के निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी, के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए ट्रस्ट स्थापित करने का निर्देश दिया जाए।

    याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि शांति सुनिश्चित करने के लिए, मस्जिद निर्माण के लिए आवंटित संपत्ति और धन का उचित प्रबंधन और उपयोग होना चाहिए।

    याचिका में कहा गया है कि 9.11.2019 के फैसले के अनुसार, केंद्र ने राम मंदिर निर्माण के लिए "श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र" ट्रस्ट बनाया है। एक ट्रस्ट डीड को निष्पादित किया गया और भूमि ट्रस्ट को सौंप दी गई।

    याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि आवंटित की है, जिसने बदले में 'इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन' टाइटल के तहत एक ट्रस्ट की स्थापना की घोषणा की है। यह ट्रस्ट आवंटित भूमि पर अन्य सुविधाओं के साथ मस्जिद के निर्माण की देखरेख करने के उद्देश्य से बनाया गया है।

    हालांकि, उन्होंने कहा‌ कि इस ट्रस्ट में केंद्र सरकार के अधिकारियों को नामित करने के बारे में कोई प्रावधान नहीं है, इसके विपरीत कि केंद्र ने राम मंदिर निर्माण की देखरेख के लिए बने ट्रस्ट के संदर्भ में बना रखा है।

    याचिकाकर्ताओं ने कहा कि सरकार को अपने कार्यों को करने के तरीके की सभी प्रासंगिक जानकारी साथ-सा‌थ रखना आवश्यक है।

    जैसे ही मस्जिद का निर्माण किया जाता है, और संबंधित सुविधाओं को जनता के लिए सुलभ बनाया जाता है, दुनिया भर से दान और धन का प्रवाह होगा। इस प्रकार, याचिकाकर्ताओं का तर्क है, सद्भाव और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए, यह आवश्यक है कि ट्रस्ट के भीतर कोई दुर्भावना और कुप्रबंधन न हो।

    "यह उम्मीद है कि सैकड़ों लोग 'इस्लामिक ट्रस्ट' की साइट पर जाएंगे और इसे भारत के भीतर और विदेशों से भी योगदान मिलेगा।

    यह प्रत्येक भारतीय की इच्छा है कि अयोध्या में शांति हो और इस्लामी ट्रस्ट में निहित धन और संपत्ति का उचित प्रबंधन हो।

    यह सार्वजनिक हित में है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के पास सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए ट्रस्ट के कामकाज के बारे में सभी प्रासंगिक जानकारी हो और यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी गड़बड़ी न हो और फंड का किसी भी ट्रस्ट द्वारा गलत उपयोग न किया जाए। "

    याचिकाकर्ताओं ने प्रार्थना की कि जिस प्रकार केंद्र सरकार ने अयोध्या तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट का‌ निर्माण किया है, उसी प्रकार मस्जिद निर्माण के लिए भी ट्रस्ट बनाया जाए।

    याचिका डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें


    Next Story