मुख्य सुर्खियां

जब कोई पुरुष एक ऐसी महिला से शादी करता है जिसके बारे में जानता है कि उसका पहले पति से कानूनी रूप से तलाक नहीं हुआ है, तो 125 की कार्यवाही में शादी के अवैध होने की दलील नहीं दे सकताः छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
जब कोई पुरुष एक ऐसी महिला से शादी करता है जिसके बारे में जानता है कि उसका पहले पति से कानूनी रूप से तलाक नहीं हुआ है, तो 125 की कार्यवाही में शादी के अवैध होने की दलील नहीं दे सकताः छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने माना है कि एक पुरुष, जो एक महिला से बारे में पूरी तरह से जानता था कि उसकी पूर्व की शादी वैध तलाक के जरिए समाप्त नहीं हुई है, उसे सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण पोषण की कार्यवाही में विवाह के अवैध होने की दलील देने से रोक दिया जाता है। न्यायमूर्ति राजेंद्र चंद्र सिंह सामंत की एकल पीठ ने एक फैमिली कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के खिलाफ दायर एक रिविजन पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। फैमिली कोर्ट ने आवेदक-पत्नी को इस आधार पर भरण पोषण भत्ता देने से इनकार कर दिया था कि उसने पहले...

तेलंगाना हाईकोर्ट ने दिनदहाड़े वकील दंपत्ति की हत्या के मामले में स्वतः संज्ञान लिया
तेलंगाना हाईकोर्ट ने दिनदहाड़े वकील दंपत्ति की हत्या के मामले में स्वतः संज्ञान लिया

तेलंगाना हाईकोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली और न्यायमूर्ति बी. विजयसेन रेड्डी की खंडपीठ ने बुधवार को हैदराबाद के पास एक वकील दंपति की हत्या पर स्वत: संज्ञान लिया है। तेलंगाना के एक वकील दंपति, जिन्होंने पहले उनके द्वारा दायर जनहित याचिकाओं के संबंध में उत्पीड़न की शिकायत की थी, की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई थी।तेलंगाना के एक वकील दंपति की बुधवार को हैदराबाद के पास दिन दहाड़े हत्या कर दी गई। वकील दंपति ने उनके द्वारा दायर जनहित याचिकाओं के संबंध में धमकी और प्रताड़ना की शिकायत की थी।जैसा कि द हिंदू...

यदि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जाता है तो वर्चुअल सुनवाई में वापस जाएंगे: जस्टिस गौतम पटेल
'यदि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जाता है तो वर्चुअल सुनवाई में वापस जाएंगे': जस्टिस गौतम पटेल

बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम पटेल ने (बुधवार) कोर्टरूम में भीड़भाड़ को लेकर चिंता जताई। जस्टिस पटेल ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोविड-19 के सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं किया जाएगा, तो फिजिकल (भौतिक सामाजिक दूरी) सुनवाई को निलंबित कर देंगे और वर्चुअल सुनवाई में वापस चले जाएंगे।हाईकोर्ट के वेबसाइट पर प्रकाशित नोटिस में लिखा है कि,"कोर्ट रूम नबंर 37 में बहुत अधिक भीड़भाड़ है। अधिवक्ता और पक्षकार सुरक्षा मानदंडों और सावधानियों का पालन नहीं कर रहे हैं। इस कारण से, अब केवल उन लोगों को ही...

एक्टिविस्ट दिशा रवि टूलकिट मामले में इंडिया टुडे, टाइम नाउ, न्यूज 18 के द्वारा हिंसात्मक रिपोर्टिंग करने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुँची
एक्टिविस्ट दिशा रवि टूलकिट मामले में इंडिया टुडे, टाइम नाउ, न्यूज 18 के द्वारा हिंसात्मक रिपोर्टिंग करने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुँची

टूलकिट मामले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार और 5 दिन के लिए रिमांड पर भेजी गई 22 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर दिल्ली पुलिस को उसके खिलाफ गई जांच को सेल, मीडिया सहित किसी भी तीसरे पक्ष को उसके द्वारा निजी चैट / संचार की कथित सामग्री सहित किसी भी जांच सामग्री को लीक करने से रोकने की मांग की।रवि द्वारा दायर याचिका में सूचना और प्रसारण मंत्रालय को टाइम्स नाउ, इंडिया टुडे और न्यूज 18 के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के निर्देश देने की भी मांग...

वकील दंपत्ति की हत्या केस: वकील ने तेलंगाना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के समक्ष सीबीआई जांच की मांग को लेकर पत्र याचिका दायर की
वकील दंपत्ति की हत्या केस: वकील ने तेलंगाना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के समक्ष सीबीआई जांच की मांग को लेकर पत्र याचिका दायर की

तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष एक पत्र याचिका दायर की गई है, जिसमें राज्य में एक वकील दंपति की कथित हत्या की सीबीआई जांच की मांग की गई है।अधिवक्ता ख्वाजा एजाजुद्दीन द्वारा किए गए प्रतिनिधित्व में कहा गया है कि मृतक दंपति को मौत के घाट उतार दिया गया, क्योंकि वह जनहित याचिका दायर करके नियम कानून के पालन में लगे हुए थे और शोषितों के लिए न्याय हासिल करने में शामिल थे।पत्र याचिका में आगे कहा गया है कि हाईकोर्ट द्वारा पुलिस सुरक्षा प्रदान करने के निर्देशों के बावजूद दंपति की हत्या की...

मैनुअल स्कैवेंजिंग को रोकने के लिए सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया जाए: कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा
'मैनुअल स्कैवेंजिंग को रोकने के लिए सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया जाए': कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा

कर्नाटक हाईकोर्ट ने (बुधवार) राज्य सरकार को सुझाव दिया कि वे राज्य के सभी प्राधिकरणों और एजेंसियों को द प्रोहिबिशन ऑफ एंप्लॉयमेंट ऑफ मैनुअल स्कैवेंजर्स एंड द रिहैबिलिटेशन रूल्स, 2013 के नियम 3 के कार्यान्वयन के लिए एक सामान्य दिशा निर्देश जारी करने पर विचार करें। नियम के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को कुछ अपवादों को छोड़कर, सुरक्षा उपकरणों के साथ मैनुअल रूप से सीवर को साफ करने की अनुमति नहीं है।मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की खंडपीठ ने कहा कि,"राज्य सरकार सभी शहरी और...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने टूलकिट मामले में एडवोकेट निकिता जैकब को तीन सप्ताह के लिए ट्रांजिट एंटीसिपेटरी बेल दी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने टूलकिट मामले में एडवोकेट निकिता जैकब को तीन सप्ताह के लिए ट्रांजिट एंटीसिपेटरी बेल दी

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट का सामना करने वाली मुंबई की एडवोकेट निकिता जैकब को किसानों के विरोध-प्रदर्शन के समर्थन में "टूलकिट" मामला में तीन सप्ताह के लिए ट्रांजिट एंटीसिपेटरी बेल दे दी।न्यायमूर्ति पीडी नाइक की एकल पीठ ने उनके आवेदन पर सुनवाई के बाद जैकब को यह राहत दी। पीठ ने कहा कि चूंकि पुलिस अधिकारियों ने उनके घर की तलाशी ली है। उनके लैपटॉप और फोन को जब्त कर लिया है और उसका बयान दर्ज किया है। इसका मतलब है कि जैकब ने खुद को जांच के लिए...

God Does Not Recognize Any Community, Temple Shall Not Be A Place For Perpetuating Communal Separation Leading To Discrimination
'स्पीडी ट्रायल के अधिकार का उल्लंघन': मद्रास हाईकोर्ट ने प्रॉसिक्यूशन को एक लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया

मद्रास हाईकोर्ट ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (अभियोजन) को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता (अभियुक्त) को 1 लाख रुपये का मुआवजा दे। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि, "याचिकाकर्ता के स्पीडी ट्रायल के अधिकार का उल्लंघन हुआ है और मैं इस चीज (सच्चाई) से अपना हाथ पीछे नहीं खींच सकता हूं।"कोर्ट, एम. अनंथन की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे एनडीपीएस अधिनियम के तहत निषिद्ध पदार्थ रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन की एकल पीठ ने अभियोजन पक्ष की सुनवाई के लिए अभियोजन पक्ष...

दिल्ली दंगा षड्यंत्र केस: दिल्ली कोर्ट ने उमर खालिद, शारजील इमाम और अन्य की न्यायिक हिरासत 1 मार्च 2021 तक बढ़ाई
दिल्ली दंगा षड्यंत्र केस: दिल्ली कोर्ट ने उमर खालिद, शारजील इमाम और अन्य की न्यायिक हिरासत 1 मार्च 2021 तक बढ़ाई

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने मंगलवार को उमर खालिद, शारजील इमाम और अन्य की दिल्ली दंगों की साजिश मामले (एफआईआर 59/2020) में न्यायिक हिरासत 1 मार्च 2021 तक बढ़ा दी है। दिल्ली पुलिस दंगों की इस "बड़ी साजिश" की जांच कर रही है। दिल्ली में ये दंगे पिछले साल फरवरी में हुए थे।पिछले साल सितंबर में पिंजरा तोड़ की सदस्य और जेएनयू की छात्रा देवांगना कलिता और नताशा नरवाल, जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा और छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा के खिलाफ मुख्य आरोप पत्र दायर किया गया...

राजद्रोह कानून का उपयोग उपद्रवियों को शांत करने के बहाने के तहत आशंकाओं को दूर करने के लिए नहीं किया जा सकता : दिल्ली कोर्ट
राजद्रोह कानून का उपयोग उपद्रवियों को शांत करने के बहाने के तहत आशंकाओं को दूर करने के लिए नहीं किया जा सकता : दिल्ली कोर्ट

दिल्ली कोर्ट ने (सोमवार) एक 21 वर्षीय मजदूर को जमानत दी, जिसे किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी से संबंधित अपने फेसबुक पेज पर एक फर्जी वीडियो पोस्ट करने पर राजद्रोह (Sedition) और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने आरोपी को यह देखते हुए जमानत दी कि आरोपी ने वह पोस्ट नहीं लिखा था, उसने बस उस पोस्ट को फॉरवर्ड किया था।अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी ने अपने फेसबुक पेज पर एक फर्जी वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें टैगलाइन थी...

बार को न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ निराधार आरोप लगाने वाले मुवक्किलों को हतोत्साहित करना चाहिए : मद्रास हाईकोर्ट
बार को न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ निराधार आरोप लगाने वाले मुवक्किलों को हतोत्साहित करना चाहिए : मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने हाल ही में कहा है कि वकीलों को चाहिए कि वे न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ निराधार आरोप लगाने से अपने मुवक्किलों को हतोत्साहित करें और इन आरोपों को अपनी दलीलों में शामिल करने से परहेज करें।न्यायमूर्ति के. मुरली शंकर ने यह टिप्पणी उस पुनर्विचार याचिका पर की जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि याचिकाकर्ता को अपने मामले में व्यक्तिगत तौर पर पेश होकर विस्तार से जिरह करने का पर्याप्त मौका नहीं दिया गया था।बेंच ने आगे टिप्पणी की,"यह न्यायपालिका के हितधारकों के लिए उपयुक्त समय...

बहुत गंभीर मामला : दिल्ली महिला आयोग ने टूलकिट केस में दिशा रवि की गिरफ्तारी पर स्वत: संज्ञान लिया
'बहुत गंभीर मामला' : दिल्ली महिला आयोग ने टूलकिट केस में दिशा रवि की गिरफ्तारी पर स्वत: संज्ञान लिया

दिल्ली महिला आयोग ने मीडिया रिपोर्टों के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया जिनमें कहा गया कि 21 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को अनुच्छेद 22 के तहत उसके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए गिरफ्तार किया गया।यह देखते हुए कि यह एक "गंभीर मामला" है, दिल्ली महिला आयोग प्रमुख स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस से निम्नलिखित बिंदुओं पर जवाब मांगा है:1. मामले में दर्ज एफआईआर की कॉपी।2. कथित रूप से गिरफ्तार लड़की को ट्रांजिट रिमांड के लिए स्थानीय अदालत में पेश नहीं करने के कारण।3. दिल्ली में अदालत में पेश...

सीएम एडवोकेट वेलफेयर पॉलिसी : दिल्ली हाईकोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को 29077 वकीलों को ई-कार्ड जारी करने का निर्देश दिया
सीएम एडवोकेट वेलफेयर पॉलिसी : दिल्ली हाईकोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को 29077 वकीलों को ई-कार्ड जारी करने का निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (NIACL) को उन सभी 29077 वकीलों को ई-कार्ड जारी करने का निर्देश दिया, जो सीएम एडवोकेट वेलफेयर मेडिक्लेम पॉलिसी के लाभार्थी हैं, जिससे वे पॉलिसी लेने की तारीख से लाभ प्राप्त कर सकें।न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की एकल न्यायाधीश पीठ ने निर्देश दिया कि सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार किए बिना ऐसे ई-कार्ड जारी किए जाएं।न्यायालय ने NIACL को उक्त पॉलिसी के तहत कोई क्लेम करने वाले अधिवक्ताओं के डेटा के सत्यापन की सुविधा के लिए बार...

निजी संचार की निगरानी, निजता के अधिकार को सीमित करती है: दक्षिण अफ्रीका के संवैधानिक कोर्ट ने  निगरानी कानून को असंवैधानिक ठहराया
'निजी संचार की निगरानी, निजता के अधिकार को सीमित करती है': दक्षिण अफ्रीका के संवैधानिक कोर्ट ने निगरानी कानून को असंवैधानिक ठहराया

दक्षिण अफ्रीका के संवैधानिक न्यायालय ने निजी संचार की निगरानी निजता के अधिकार को सीमित करती है, इसके आधार पर संचार के अवरोधन के प्रावधान और संचार से संबंधित सूचना अधिनियम, 2002 (RICA ACT 2002) प्रावधान को असंवैधानिक घोषित किया।न्यायालय ने उच्च न्यायालय द्वारा असंवैधानिक घोषित करने को, इस हद तक सही ठहराया कि आरआईसीए विफल रहा है - (a) सुरक्षा उपायों के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि धारा 1 के संदर्भ में निर्दिष्ट न्यायाधीश पर्याप्त रूप से स्वतंत्र है; (b) उसके या उसकी निगरानी के तथ्य की निगरानी...

राजस्थान सरकार ने राजस्थान कारागार नियम 1951 में संशोधन के तहत जेल में धर्म/जाति के आधार पर श्रम आबंटन के प्रावधान को हटाने वाले प्रावधान की अधिसूचना जारी की
राजस्थान सरकार ने 'राजस्थान कारागार नियम 1951 में संशोधन' के तहत जेल में धर्म/जाति के आधार पर श्रम आबंटन के प्रावधान को हटाने वाले प्रावधान की अधिसूचना जारी की

राजस्थान सरकार ने 02 फरवरी को जेलों में जाति/धर्म आधारित श्रम आवंटन की अनुमति के प्रावधानों को हटाने/संशोधन करने के लिए एक अधिसूचना जारी की।यह संशोधन राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा हाल ही में राज्य सरकार से यह तय करने के बाद पेश किए गए हैं कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि कैदियों को केवल उनकी जाति के आधार पर शौचालय की सफाई आदि जैसे कामों में लिप्त होने के लिए मजबूर नहीं किया जाए।न्यायमूर्ति देवेंद्र कछवाहा और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की खंडपीठ ने आगे निर्देश दिया,"हमारे देश की प्रगतिशील लोकतांत्रिक...

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार के पंचायत भूमि को निजी डेवलपर को हस्तांतरित करने के आदेश को रद्द किया
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार के पंचायत भूमि को निजी डेवलपर को हस्तांतरित करने के आदेश को रद्द किया

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार द्वारा मोहाली एयरपोर्ट रोड से सटे ग्राम पंचायत भूमि के 42 से अधिक कनाल के आदान-प्रदान की अनुमति वाले एक आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें एक हिस्से पर निजी डेवलपर का स्वामित्व है।जस्टिस राजन गुप्ता और जस्टिस करमजीत सिंह की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, जमीन की आदान-प्रदान की यह पूरी प्रक्रिया बदनियत से की गई है। इसका प्रमुख उद्देश्य है कि डेवलपर को लाभ पहुंचाना है। बाद में इस जमीन को घर/फ्लेट के रूप में विकसित करके अधिक दामों में बेच दिया जाएगा।बेंच ने...

याचिकाकर्ता के पास विकल्प है कि वह टीवी बंद कर दे: मद्रास हाईकोर्ट ने दूरदर्शन पर संस्कृत समाचार के खिलाफ याचिका का निपटारा किया
याचिकाकर्ता के पास विकल्प है कि वह टीवी बंद कर दे: मद्रास हाईकोर्ट ने दूरदर्शन पर संस्कृत समाचार के खिलाफ याचिका का निपटारा किया

मद्रास हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि यह सरकार के निर्णय लेने की बात है, पिछले महीने दूरदर्शन के तमिल पोधिगई टेलीविजन चैनल पर संस्कृत समाचार टेलीकास्ट करने के खिलाफ दायर एक याचिका का निपटारा किया।मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की खंडपीठ ने टिप्पणी की,"यह याचिकाकर्ता के लिए खुला है कि वह टेलीविज़न को बंद कर दे और संस्कृत समाचार पढ़े जाने की अवधि के दौरान किसी अन्य स्रोत से मनोरंजन प्राप्त कर ले।"खंडपीठ ने यह भी कहा कि दूरदर्शन चैनल के पास दर्शकों की संख्या सीमित है और...