[ऑक्सीजन ऑपूर्ति] तैयार रहें, अपना घर संभालें, अगर आप नहीं कर सकते तो केंद्र से स्थिति संभालने को कहेंगेः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा
LiveLaw News Network
27 April 2021 6:47 PM IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को महाराजा अग्रसेन अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति में विफलता पर सेठ एयर नामक एक सप्लायर की प्रस्तुतियों के बाद चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के वितरण पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई।
आपूर्तिकर्ता के रुख को अनुचित और पूरी तरह से गलत बताते हुए जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की खंडपीठ ने टिप्पणी की, "अपने घर को संभालिए। यदि आप ऐसा नहीं कर सकते, तो हमें बताएं, हम केंद्र सरकार को इसे संभालने के लिए कहेंगे। लोग मर रहे हैं!"
सेठ एयर की प्रस्तुतियों पर यह अवलोकन आया कि दिल्ली सरकार के पास ऑक्सीजन की आपूर्ति के वितरण पर कोई जवाब नहीं है। बेंच ने GNCTD को फटकार लगाते हुए कहा, "फिर से हम देख रहे हैं कि आप केवल लॉलीपॉप बांट रहे हैं। यह आदमी कह रहा है कि उसके पास 20 टन है, लेकिन बांटना नहीं जानता! और आप कहते हैं कि आपके पास ऑक्सीजन नहीं है।"
इस बिंदु पर, दिल्ली सरकार की ओर से पेश उदित राय ने अदालत को अवगत कराया कि आपूर्तिकर्ता की प्रस्तुतियां बिल्कुल झूठी हैं, और सरकार ने सभी प्रतिबद्धताओं को सम्मानित किया है।
इसलिए बेंच ने आदेश दिया, "यह स्पष्ट है कि मिस्टर सेठ उस ऑक्सीजन को डायवर्ट कर रहे हैं और संभवतः ब्लैक मार्केट में सिलेंडर बेच रहे हैं। हम GNCTD को ध्यान देने और उनकी यूनिट को टेक ओवर करने का निर्देश देते हैं। हम मिस्टर सेठ को निर्देश देते हैं कि वे GNCTD के अधिकारियों के प्रबंधन के तहत संयंत्र को चलाने में कोई बाधा उत्पन्न न करें।"
इस बिंदु पर, बेंच ने यह भी कहा कि "हम चाहते हैं कि यह इकाई कल तक संभाल ली जाए। इसे दूसरों के लिए एक उदाहरण मानें।"
कोर्ट ने GNCTD को न केवल बड़े अस्पतालों बल्कि छोटे अस्पतालों में तरल ऑक्सीजन के वितरण की तैयारी करने को कहा, साथ ही ऑक्सीजन रिफिलर्स को सरकार के पोर्टल पर डेटा प्रदान करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा, "हम यह स्पष्ट करते हैं कि यदि कोई भी ऑक्सीजन रिफिलर पोर्टल पर डेटा प्रदान नहीं करता है, तो न केवल दिल्ली सरकार, बल्कि अदालत भी सख्त कार्रवाई करेगी।"
उपर्युक्त अवलोकन के बाद स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए खंडपीठ भी टिप्पणी की कि, "हम वास्तव में उस स्थिति से चिंतित हैं जिसका आज हमे पता लगा है! अगर हम पीछे देखते हैं, जब एसजी मेहता ने कहा कि उपलब्धता है, तो हम उस पर विश्वास नहीं कर रहे थे! मेहरा ने कहा कि उपलब्धता नहीं है। एक व्यक्ति जो आपके ऑर्डर में भी है, उसके पास 20 टन है।"
सुनवाई के दरमियान, पीठ ने दिल्ली सरकार दवाओं और ऑक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी और कालाबाजारी और मुद्दे पर भी खिंचाई की। न्यायालय ने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी की घटनाएं हुई है, जो "सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।"
"दवा और ऑक्सीजन दोनों की जमाखोरी हो रही है। आप कुछ नहीं कर रहे हैं।"